प्रेग्नेंट कैसे हों, जाने इसके आसान उपाय

मां बनना हर महिला की ख्वाहिश होती है। लेकिन इसमें कभी कभी अड़चनें भी पैदा हो जाती है। कई कारणों की वजह से महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। उनमें से कुछ फिजिकल (Physical) कारण भी हो सकते हैं जो लाइफस्टाइल से जुड़े होते हैं जो गर्भावस्था की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। आइये, लाइफस्टाइल से जुडी उन चीजों को जानते हैं जिनकी मदद से आप आसानी से गर्भवती हो सकती हैं।

एक नजर

  • गर्भधारण के लिए सही ओवुलेशन टाइम का पता होना जरूरी है।
  • प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाना आवश्यक है।

वजन नियंत्रित रखें

ज्यादातर महिलाएं इसलिए गर्भवती नहीं हो पाती हैं क्योंकि उनका वजन उनकी लंबाई और उम्र के मुकाबले कई गुना ज्यादा या कम होती है। महिलाओं के शरीर में कई ऐसे हॉर्मोन होते हैं जिससे ओवरी में अंडे का जन्म होता है। लेकिन वजन ज्यादा या कम हो जाने की वजह से इन हार्मोन के बनने की क्रिया प्रभावित होती है। जब हार्मोन ज्यादा या कम होते हैं तो इससे अंडे का ओवुलेशन (Ovulation) सही से नहीं होता है जिसकी वजह से महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। इसलिए जो जो महिलाएं गर्भवती होना चाहती हैं उन्हें अपने वजन को पूरी तरह से नियंत्रित रखना चाहिए। वजन का ज्यादा या कम होना दोनों ही फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। (इसे भी पढ़ें: प्रेगनेंट नहीं होने के कारण और इलाज)

व्यायाम करें

व्यायाम से शरीर को कई फायदे होते हैं। इससे मोटापा दूर रहता है। व्यायाम करने से हार्मोन संतुलित रहते हैं जिसके कारण गर्भवती होने में समस्याएं नहीं आती हैं। लेकिन ध्यान रहे ज्यादा व्यायाम करने से भी हार्मोन प्रभावित होते हैं जिससे गर्भावस्था में समस्या हो सकती है। इसलिए संतुलित व्यायाम करें। दिन में दस से बीस मिनट का व्यायाम करना पर्याप्त है। 

डाइट दुरुस्त करें

शरीर को पोषण की जरूरत होती है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से महिलाओं के पीरियड्स पर बुरा असर पड़ सकता है। हो सकता है कि उनका माहवारी चक्र अनियमित हो जाए, ऐसे में प्रेग्नेंट होना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। अगर पुरुष के आहार में पोषक तत्वों की कमी होने पर उनके स्पर्म की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए महिला हो या पुरुष दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने आहार में उन सभी पोषक तत्वों को शामिल करें जिससे फर्टिलिटी (Fertility) बेहतर होती है। फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन्स और आयरन की पर्याप्त मात्रा शामिल करें। अगर अंडे का सेवन करते हैं तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है। (इसे भी पढ़ें: पुरुष और महिला में फर्टिलिटी बढ़ने के सबसे बेस्ट उपाय)

कुछ आदतों से परहेज करें

कुछ बुरी आदतें जैसे कि धूम्रपान करना, शराब पीना आदि फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन करने से फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। यह सिर्फ फर्टिलिटी को ही प्रभावित नहीं करते हैं बल्कि प्रजनन अंगों को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। अगर आप प्राकृतिक तरिके से गर्भधारण करना चाहती हैं तो नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहना चाहिए। 

कैफीन का सेवन कम करें

दिन भर में जरूरत से ज्यादा कैफीन का सेवन शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है। इससे इनफर्टिलिटी कि समस्या पैदा हो सकती है। कैफीन का ज्यादा सेवन करने से शारीरिक क्रिया प्रभावित होती है। इसके अलावा भी इसके सेवन से सेवन से सिर दर्द और अनिद्रा जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

प्राइवेट पार्ट्स को साफ रखें

वजाइनल इंफेक्शन (Vaginal Infection) की वजह से भी कंसीव करने में समस्या हो सकती है। इसलिए वजाइना को साफ रखना जरूरी है। सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष को भी अपना प्राइवेट पार्ट्स साफ रखना चाहिए। पेशाब करने के बाद प्राइवेट पार्ट्स को पानी से जरूर धोना और नहाते समय प्राइवेट पार्ट्स की अच्छे से सफाई करनी चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि नहाने वाले साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

पीरियड्स के दौरान सेनेटरी नेपकिन बदलते रहना चाहिए। महिला और पुरुष दोनों को अंडरवियर की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। पसीने से निपटने के लिए समय समय पर अंडरवियर बदलते रहना चाहिए। प्राइवेट पार्ट्स को साफ करने के लिए गुनगुने पानी और केमिकल रहित साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन प्राइवेट पार्ट्स को ज्यादा देर तक न रगड़ें। ऐसा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अनियमित मासिक धर्म पर ध्यान दें

अगर मासिक धर्म अनियमित रूप से आते हैं तो कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है। मासिक धर्म चक्र 21 दिनों से कम होना या 35 दिनों से ज्यादा होना या फिर पीरियड्स 7  दिन से ज्यादा होना मासिक धर्म में अनियमितता के संकेत हैं। ऐसा होने पर तुरंत किसी स्त्री-रोग विशेषज्ञ (Gynecologist) से इसकी जांच और इलाज करवानी चाहिए। कई बार मासिक धर्म अनियमित होने का कारण कोई दूसरी बीमारी भी हो सकती है।

तनाव से दूर रहें

तनाव होने के कारण शरीर को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। तनाव से महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता पर गहरा असर पड़ता है। दरअसल, तनाव से शरीर का हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे प्रजनन समस्या होती है। हार्मोनल संतुलन बिगड़ने की वजह से महिला के पीरियड्स असामान्य हो जाते हैं। इसके अलावा, पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। जितना हो सके तनाव से दूरी बनाए रखें, इसके लिए आप योग या व्यायाम का सहारा ले सकते हैं।

गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन न करें

अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो 6 माह पहले ही से गर्भनिरोधक दवाइयों (Birth Control Pills) का सेवन करना बंद कर दें। बर्थ कंट्रोल पिल्स हॉर्मोन को काबू करके अपना कार्य करती हैं। इसका असर प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर प्रेग्नेंसी से बचना है तो आप दूसरे बर्थ कंट्रोल जैसे कंडोम, कॉपर टी आदि का सहारा ले सकते हैं।

लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से बचें

बहुत से लोग सेक्स को आनंदमय बनाने के लिए लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करते हैं। लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना भी चाहिए। इससे प्राइवेट पार्ट्स में पहुंचने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। लेकिन अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो इसका इस्तेमाल बिलकुल भी न करें। इससे पुरुष के स्पर्म की गुणवत्ता कम होती है जिसके कारण प्रेगनेंसी में रुकावट पैदा हो सकती है।

भरपूर नींद लें

अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद बहुत जरूरी है। अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो आपको आठ घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए। आप चाहें तो दिन में भी एक या दो घंटे की झपकी ले सकती हैं। नींद पूरी न होने से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जरूरत से अधिक भी एंड नहीं सोना चाहिए क्योंकि ज्यादा सोने से भी हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिससे फर्टिलिटी में परेशानी होती है। इसलिए लगभग आठ से नौ घंटे नींद सोने कि कोशिश करें।

ज्यादा दवाओं का सेवन न करें

दवाइयों का ज्यादा सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। दर्द कम करने वाली दवाइयां  जैसे कि एस्पिरिन (Aspirin), आई ब्रुफेन (IBrufen) आदि प्रेग्नेंसी की संभावना को कई गुना कम कर देती हैं। इसलिए किसी भी दवाई का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। उनसे खुलकर बात करें कि आप गर्भवती होना चाहती हैं तो क्या यह दवाई कंसीव करने में कोई अड़चन तो पैदा नहीं करेगी?

सही उम्र में गर्भधारण करें

20 से 30 वर्ष तक की महिलाएं गर्भधारण आसानी से कर पाती हैं। जबकि तीस की उम्र पार करने के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। इसलिए अगर आप बिना किसी परेशानी के गर्भवती होना चाहती हैं तो 30 की उम्र के पहले ही गर्भधारण करने कि कोशिश करें।

विटामिन डी भरपूर मात्रा लें

विटामिन डी कि कमी के कारण कई बार गर्भ ठहर नहीं पाता है या फिर अगर ठहरता भी है तो कुछ समय के अंदर गर्भपात हो जाता है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सूरज एक अच्छा स्रोत है। इसलिए समय निकालकर नियमित रूप से लगभग 20 मिनट सूरज की किरण में शरीर को जरूर सेकें।

ज्यादा मीठा नहीं खाएं

ज्यादा मीठा खाने से शरीर का इंसुलिन लेवल बिगड़ जाता है। इंसुलिन का लेवल बिगड़ने का असर महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ता है जिससे प्रेग्नेंसी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जो महिलाएं गर्भ धारण करना चाहती हैं, उनको शुगर का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।

सेक्स करने का सही समय निश्चित करें

कई लोगों की यह धारणा होती है कि सिर्फ सेक्स करने से ही महिला गर्भवती हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है। अगर महिला का ओवुलेशन पीरियड नहीं आया है और पुरुष सेक्स करता है तो इससे महिला गर्भवती नहीं हो सकती है। ओवुलेशन पीरियड एक ऐसा समय है जब महिला के अंडाशय से रिलीज अंडा फैलोपियन ट्यूब में स्पर्म का इंतजार करता है। आमतौर पर महिलाओं का ओवुलेशन टाइम पीरियड के 14 दिन पहले होता है। अगर उस दौरान महिला सेक्स करती है उसके गर्भवती होने कि संभावना ज्यादा होती है। (आगे पढ़ें: सेक्‍स एजुकेशन से जुड़ी बातें)

ओव्यूलेशन टाइम पता करें

अपना ओव्यूलेशन टाइम पता करने के लिए पीरियड साइकिल का पता होना जरूरी है। पीरियड साइकिल की जानकारी के बिना महिला अपना ओवुलेशन टाइम पता नहीं कर सकती हैं।

  • अगर महिला का पीरियड 1 अगस्त को बंद और 2 सितंबर को शुरू होता है तो उसका पीरियड साइकिल 31 दिनों का है। 
  • अब उसका आने वाला पीरियड 2 अक्टूबर को आएगा तो 2 अक्टूबर के चौदह दिन पहले का समय ही उसका ओव्यूलेशन टाइम है यानी 17 सितम्बर से महिला का ओवुलेशन टाइम शुरू हो जाएगा।

ऊपर बताए गए उदाहरण के अनुसार 15 सितम्बर से 19 सितम्बर तक लगातार शारीरिक संबंध बनाने से गर्भवती होने की संभावना कई गुना ज्यादा हो जाएगी। (आगे पढ़ें: पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है)

रोजाना संभोग करें

जब खुद का ओवुलेशन टाइम पता चल जाए तब ओवुलेशन टाइम के दो दिन पहले से लेकर दो दिन बाद तक पुरुष साथी के साथ नियमित रूप से सेक्स करें। इससे गर्भधारण के चांस कई गुना ज्यादा हो जाते हैं। (आगे पढ़ें: प्रेगनेंसी को रोकने के उपाय)

स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें

अगर कोशिश करने के बाद भी प्रेगनेंसी नहीं हो तब आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए। क्योंकि कई बार अनियमित पीरियड्स आने, नशे की लत होने, पर्याप्त मात्रा में नींद न सोने, सेक्स के बाद योनि साफ करने, टाइट अंडरवियर पहनने, विटामिन डी की कमी होने, अधिक उम्र होने, मोटापा होने, पुरुष के स्पर्म में कमी होने, पुरुष में इनफर्टिलिटी की समस्या होने, हमेशा तनाव में रहने, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित होने, थाइराइड की समस्या होने, प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी होने तथा और भी दूसरे कई कारणों की वजह से आपको गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यह आवश्यक है की आप एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर अवश्य अपनी जांच कराएं।

जांच करने के बाद आपके प्रेगनेंट नहीं होने के सटीक कारणों का पता चल जाता है। गर्भधारण न करने के कारण का पता चलने के बाद डॉक्टर इलाज की मदद से आपकी बीमारी को दूर कर देंगे। जिसके बाद आपको प्रेगनेंट होने में किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी नहीं होगी। काई बार कोशिश करने करने बाद भी आप गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। लेकिन इस स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करने के बजाय तथा गर्भधारण न होने के स्पष्ट कारण को जाने बगैर आप घरेलू नुस्खों और दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करती रहती हैं जो की कई बार आपके लिए बहुत ही नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं।

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया, प्रेगनेंट नहीं होने के कुछ खास कारण हो सकते हैं। यह कारण या तो आपके शरीर में हो सकते हैं या फिर आपके पार्टनर में। प्रॉब्लम चाहे जिस किसी में भी हो, इस स्थिति में आपकी लाख कोशिश के बाद भी गर्भधारण करने में असफल होती हैं। ऐसे में सबसे बेहतर होगा की आप किसी अनुभवी डॉक्टर से मिलकर गर्भधारण न करने के कारणों का पता लगाकर इसका समय पर सही इलाज कराएं। ताकि आप समय पर गर्भधारण कर बिना किसी परेशानी का सामना किए अपने शिशु को जन्म दे सकें और ये सब डॉक्टर की मदद के साथ ही संभव है। प्रिस्टीन केयर के पास देश की सबसे बेहतरीन स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जो आपकी परेशानियों को दूर कर आपको गर्भधारण करने में मदद कर सकती हैं।

निष्कर्ष 

गर्भधारण की प्रक्रिया कठिन है। इसलिए जीवनशैली में बदलाव लाना भी काफी जरूरी है। इसके अलावा, खुद के ओवुलेशन टाइम के बारे में मालूम भी होना चाहिए। अगर सभी कोशिशों के बाद भी गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है तो फिर आपको डॉक्टर से मिलकर इस बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|