ग्रीन टी को फायदेमंद चाय का दर्जा दिया गया है। ग्रीन टी को पूरी दुनिया इस्तेमाल कर रही है ताकि वह इससे मिलने वाले फायदों का लुफ़्त उठा सके। लेकिन, बात यहीं खत्म नहीं होती है। ग्रीन टी की वजह से शरीर को कई तरह के नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, इसका सेवन एक निश्चित सीमा तक ही करना चाहिए। परेशान न हो! हम आपको इसके बारे में सभी जानकारियाँ देंगे। आपको बताएँगे कि इसे दिन में कितनी बार लेना उचित रहेगा और इसका सेवन किस तरह करना चाहिए।
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ग्रीन टी क्या है?- What’s green tea in Hindi?
ग्रीन टी ‘कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia sinensis)’ नामक एक पौधे की पत्तियों को सुखाकर कई प्रक्रिया की मदद से तैयार की जाती है। इस पौधे का इस्तेमाल न केवल ग्रीन टी के लिए किया जाता है बल्कि, इसका इस्तेमाल और भी कई तरह की चाय को तैयार के लिए किया जाता है।
ग्रीन टी के फायदे: – Benefits of green tea in Hindi
जैसा की हमने बताया कि ग्रीन टी बहुत फ़ायदेमंद होता है। इसके फायदे शरीर के कई अंगों में देखने को मिल सकते हैं। आइये इससे जुड़े कुछ ख़ास फायदे के बारे में जानेंगे।
वजन कम करने के लिए – to lose weight
मोटापे या बढ़ते वजन से परेशान लोग ग्रीन टी का सेवन कर अपने वजन को काफी कम कर सकते हैं। दरअसल, इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) शरीर में मेटाबोलिज्म रेट (Metabolism Rate) बहुत तेज कर देता है जिससे आपकी कैलोरी ज्यादा मात्रा में ख़त्म होती है और आपका वजन या मोटापा कम हो जाता है। अगर व्यायाम करने के तुरंत बाद ग्रीन टी का सेवन किया जाए तो इससे फैट बर्निंग (Fat burning) और भी तेज हो जाता है। सिर्फ एंटी-ऑक्सीडेंट ही नहीं, ग्रीन टी में पाया जाने वाला ईजीसीजी (EGCG) भी काफी किफायती होता है जो वजन को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।
मुंह के लिए फायदेमंद है ग्रीन टी – Green tea is beneficial for the mouth
कई रिसर्च कहते हैं कि ग्रीन टी का सेवन करने वाले व्यक्ति का मुंह कई तरह के संक्रमण से बचा रहता है। यह हमारे मुंह एवं दाँतों को कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने में मददगार साबित होती है। दरअसल, ग्रीन टी में ‘पॉलीफेनोल्स (Polyphenols)’ नामक एक तत्व पाया जाता है। यह तत्व मुंह में पैदा होने वाले ‘ग्लोक्सीलट्रांसफरेस (Glyoxyltransferase)’ नामक बैक्टीरिया को ख़त्म करता है जिससे प्लाक (Plaque) का खतरा नहीं रहता है। इसके अलावा ग्रीन टी पीने से ‘पेरियोडोंटल (Periodontal)’ की बीमारी में आराम मिलता है।
डायबिटीज में आराम दिलाता है – Relieves diabetes
ग्रीन टी में मौजूद ‘पॉलीफेनोल्स (Polyphenols)’ नामक तत्व शरीर में ग्लूकोज (Glucose) के स्तर को सामान्य बनाए रखते हैं और डायबिटीज के खतरे को काफी कम करते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी में कुछ ऐसे ख़ास तत्व होते हैं जो शरीर की कई कोशिकाओं को सेंसिटिव (sensitive) बना देते हैं जिससे हमारे द्वारा खाई गई शक्कर कोशिकाओं में अवशोषित हो जाती है और ब्लड में शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है।
ग्रीन टी में पाया जाने वाला एंटी-डायबिटिक (Anti-diabetic) गुण टाइप-2 डायबिटीज के लिए रामबाण है।
हृदय रोग के खतरे को कम करता है – Reduces risk of heart disease
कई शोध के मुताबिक ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर में पाए जाने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) की मात्रा कम हो जाती है। बैड कोलेस्ट्रॉल दिल के लिए बहुत खतरनाक होता है और इससे कई तरह के हृदय रोग हो सकते हैं।
इम्मुमिटी बढ़ाता है – Increases Immunity
ग्रीन टी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी इज़ाफा होता है। दरअसल, ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैटेकिन नामक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का काम करता है। इसमें पाया जाने वाला ईजीसीजी रेगुलेटरी टी सेल्स को बढ़ाने का काम करता है और इम्यून फंक्शन को कंट्रोल करता है जिससे शरीर को ऑटोइम्यून डिजीज से लड़ने के शक्ति मिलती है।
कैंसर से बचाता है ग्रीन टी का सेवन – Consumption of green tea prevents cancer
ग्रीन टी के सेवन से कैंसर होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। दरअसल, इसमें पॉलीफेनोल (Polyphenols) और ईसीजी (ECG) पाया जाता है जो एक दूसरे से मिलकर फ्री रेडिकल्स (Free radicals) से लड़ते हैं और सेल्स को डीएनए क्षतिग्रस्त से बचाते हैं।
कई शोध बताते हैं कि ग्रीन टी के नियमित सेवन से स्किन कैंसर (Skin Cancer),ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer), लीवर कैंसर (Liver Cancer), पेट कैंसर, लंग कैंसर (Lung cancer), आदि कई तरह के कैंसर के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। इसलिए अगर आप खुद के शरीर को मेडिकल फ्री रखना चाहते हैं और कैंसर होने से बचाना चाहते है तो ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
ब्लड प्रेशर दुरुस्त करता है – Corrects blood pressure
अगर आप उच्च रक्तचाप के रोगी हैं तो ग्रीन टी पीना आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होगा। इसमें पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट उच्च रक्तचाप की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ग्रीन टी पीने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) की मात्रा कम होती है और हमारा हृदय कई तरह के रोगों से बचा रहता है।
अगर, रोज सिर्फ तीन कप ग्रीन टी का सेवन करें तो उच्च रक्तचाप की समस्या आपसे बहुत दूर रहेगी।
गठिया के लिए फायदेमंद है ग्रीन टी – Green tea is beneficial for arthritis
ग्रीन टी के सेवन से गठिया का दर्द और सूजन काफी हद तक कम किया जा सकता है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला ईसीजी (ECG) नामक एक तत्व उन मॉलिक्यूल (Molecule) को पनपने से रोकते हैं जो गठिया का कारण बनते हैं। इससे गठिया का सूजन और दर्द दोनों ही कम हो जाता है।
इसके सेवन से रूमेटोइड गठिया (rheumatoid arthritis) में भी लाभ मिलता है।
तनाव दूर करता है – Green tea relieves stress
सिर में भारीपन हो या फिर तनाव की समस्या हो, ग्रीन टी की मदद से इसे आसानी से कम किया जा सकता है।
ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) नामक तत्व एंटी-डिप्रेशेन्ट (Anti Depressant) का कार्य करता है और तनाव दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
इसके लिए आपको सुबह और शाम दोनों टाइम ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य को बनाता है बेहतर – Makes mental health better
ग्रीन टी के सेवन से मानसिक स्वास्थ्य दुरुस्त होता है। दरअसल, ग्रीन टी में कैफ़ीन पाया जाता है जो दिमाग को कई तरह के फायदे देता है। ग्रीन टी का एक फायदा यह है कि इसमें कैफ़ीन तो पाया जाता है लेकिन, इसकी मात्रा बहुत कम होती है जिससे शरीर में इसका दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिलता है।
ग्रीन टी के सेवन से न्यूरॉन्स (Neurons) की संख्या में वृद्धि होती है और आपका दिमाग एक्टिव (Active) रहता है जिससे याददाश्त तेज होती है और पढ़ाई में मन लगता है। दिमागी थकान को दूर करने के लिए ग्रीन टी का सेवन करना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसके अलावा इसके सेवन से अल्जाइमर (Alzheimers) जैसी खतरनाक मानसिक बीमारी होने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।
अपने दिमाग को बूस्ट (Boost) करने के लिए आप दिन में तीन बार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
मॉइस्चराइज करने के लिए – To moisturize
सर्दियों में त्वचा को मॉइस्चराइज करना हर किसी के लिए चुनौती होती है। लेकिन, ग्रीन टी के इस्तेमाल से आप अपने त्वचा को लम्बे समय तक मॉइस्चराइज रख सकते हैं। त्वचा को मॉइस्चराइज करने के लिए हमें एक चम्मच ग्रीन टी और दो चम्मच शहद की आवश्यकता होगी।
दोनों सामाग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें और उसे अपने त्वचा में करीब बीस मिनट के लिए लगे रहने दें। बीस मिनट बाद आप ठन्डे पानी त्वचा को साफ़ कर लें और सूती कपड़े से पोंछे। इसके बाद आप अपनी क्रीम लगा लें। इससे आपकी त्वचा मॉइस्चराइज्ड रहेगी और झुर्रियां ख़त्म होंगी। आप चाहे तो ग्रीन टी से बने इस पेस्ट का हफ्ते में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
मुंहासे के लिए – For acne
ग्रीन टी का इस्तेमाल मुंहासे की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। ग्रीन टी को पिम्पल्स में इस्तेमाल करने के लिए आपको मॉइस्चराइजर, फेस क्लींजर (face cleanser), ग्रीन टी, तौलिया, और एक स्प्रे बोतल की जरूरत होगी।
इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आप अपने चेहरे को फेस क्लींजर (face cleanser) की मदद से साफ़ कर लें और तौलिया की मदद से अपने चेहरे को सुखा लें। अब आप ग्रीन टी बनाएँ और उसे ठंडा कर के स्प्रे बोतल में भर लें और चेहरे में स्प्रे करें। लगभग आधा घंटे बाद आप अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो दें।
ग्रीन टी में कैटेकिन (catechin) पाया जाता है। यह एक एंटी-माइक्रोबियल (Anti-Microbial) तत्व है जो उन बैक्टीरिया (Bacteria) को मार देता है जो पिम्पल्स का कारण बनते हैं। इस तरह से ग्रीन टी की मदद से पिम्पल्स को आसानी से ख़त्म किया जा सकता है।
70% लोगों को इसके जरिये आराम मिल जाता है। लेकिन, कुछ इसे भी लोग होते हैं जिन्हें इसके इस्तेमाल के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है।
सनबर्न या टैन को ठीक करने के लिए – To cure sunburn and tanning
सूर्य की किरणों के संपर्क में आने की वजह से अक्सर स्किन टैन हो जाती है। ऐसे में ग्रीन टी आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए आपको ग्रीन टी और थोड़ी सी रुई की आवश्यकता पड़ेगी। ग्रीन टी ठंडी होने के बाद आप उसे रुई की मदद से अपने चेहरे पर लगा लें और दस मिनट बाद उसे ठंडे पानी से धो दें। ग्रीन टी में पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट चेहरे के दाग-धब्बे और टैन को आसानी से दूर कर सकता है।
सन बर्न से राहत पाने के लिए आपको इसे नियमित रूप से कुछ हफ़्तों तक इस्तेमाल करना पड़ेगा।
डार्क सर्किल हटाने के लिए प्रयोग करें ग्रीन टी बैग – Use green tea bags to remove dark circles
ग्रीन टी बैग को ठंडे पानी में भिगो दें और उसे फ्रिज में रख दें। अब उसे बैग को अपने आँखों के नीचे 20 मिनट के लिए लगाए रखें और पानी से धो दें। इससे डार्क सर्किल आसानी से दूर हो जाएंगे।
ग्रीन टी के नुकसान – Side effects of Green tea in Hindi
जिस तरह ग्रीन टी के बहुत से फायदे होते हैं ठीक उसी तरह इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। हालांकि, ये साइड इफेक्ट्स तभी होते हैं जब आप ग्रीन टी का सेवन एक निश्चित मात्रा से ज्यादा करते हैं। आइये ग्रीन टी से होने वाले कुछ साइड-इफेक्ट्स के बारे में जानते हैं।
एनीमिया की समस्या – Anemia problem
ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है जिससे रेड ब्लड सेल्स (Red blood cells) की मात्रा कम हो जाती है और एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ग्रीन टी का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो आप ग्रीन टी का सेवन बिलकुल भी न करें।
तनाव की समस्या – Stress problem
जिस तरह कैफ़ीन तनाव कम करने में मददगार है उसी तरह अगर कैफ़ीन का ज्यादा सेवन कर लिया जाए तो इससे तनाव और सिर दर्द की समस्या हो सकती है। अगर आप दिन में तीन या चार कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो आपको तनाव, पेट दर्द, दस्त जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भपात – Miscarriage
गर्भवती महिला को ग्रीन टी पीने की बिलकुल भी इजाज़त नहीं हैं। इसमें पाया जाने वाला कैफ़ीन गर्भवती महिला के गर्भ को गिराने के लिए काफी होता है। गर्भवती महिला को दिन में 300 मिली ग्राम से ज्यादा कैफ़ीन का सेवन करने की बिलकुल भी इजाज़त नहीं है। अगर इन दिनों महिला ग्रीन टी का सेवन करती है तो उसके गर्भपात और बर्थ डिफेक्ट (Birth defect) के चांसेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं।
मसल्स का कमजोर पड़ जाना – Weakness of Muscles
मसल्स को ताकतवर बनाने में पोटैशियम (Potassium) का बहुत बड़ा योगदान होता है। लेकिन, ग्रीन टी के अधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम की मात्रा कम हो जाती है जिससे आपके मसल्स (Muscles) कमजोर पड़ने लगते हैं और आपकी ताकत भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
लीवर की समस्या – Liver Problem
जल्दी वजन कम करने के चक्कर में अगर आप दिन में 3-4 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो इससे आपके लीवर को भारी मात्रा में नुकसान पहुँच सकता है। यहाँ तक कि आपको लीवर फेलियर की भी समस्या हो सकती है।
हड्डियों के घनत्व पर प्रभाव – Effect on bone density
ग्रीन टी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बोन डेंसिटी (Bone density) कम हो जाती है जिससे आपकी हड्डियाँ कमजोर पड़ जाती है और हड्डियों में अक्सर दर्द की शिकायत रहती है।
पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या – Infertility problems in men
ग्रीन टी के कुछ तत्व स्पर्म के डीएनए स्ट्रक्चर (DNA Structure) को प्रभावित करते हैं जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।
पेट से जुड़ी कई समस्याएं – Stomach problems
ग्रीन टी के अधिक सेवन से हमारा पेट अधिक मात्रा में एसिड उत्पन्न करता है जिससे पेट दर्द, दस्त, उलटी, जी मचलना जैसी पेट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
यूरिनरी डिसऑर्डर – Urinary Disorders
कैफ़ीन का सेवन अधिक मात्रा में करने से यूरिनरी ब्लैडर (Urinary Bladder) का फंक्शन प्रभावित होता है जिससे आपको कई तरह के यूरिनरी डिसऑर्डर (Urinary disorders) का सामना करना पड़ सकता है।
ग्रीन टी कैसे बनाएं – How to make green tea
इसको बनाने के लिए आपको दो चीज की जरूरत पड़ेगी।
- ग्रीन टी का पाउडर या पत्तियाँ या बैग
- गरम पानी
पाउडर वाली ग्रीन टी कैसे बनाएं:
एक कप गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं।
टी बैग वाली ग्रीन टी कैसे बनाएं:
एक कप गर्म पानी में एक टी बैग भिगोएं और कुछ देर के लिए कप को ढक दें। अब बैग बाहर निकालकर ग्रीन टी का सेवन करें। अगर टी बैग में शहद या कोई अन्य फ्लेवर (Flavour) नहीं है तो आप चाहें तो एक चम्मच शहद अलग से मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
पत्ते वाली ग्रीन टी कैसे बनाएं:
एक कप लें और उसके ऊपर चाय वाली छलनी रखें। छलनी में ग्रीन टी की पत्तियां डालें और ऊपर से गरम पानी डालें। बाद में आप पत्तियों को हाथों से थोड़ा दबा भी सकते हैं ताकि उसका जूस पानी में अच्छी तरह से मिल जाए। ज्यादा तेज से न दबाएँ वरना चाय कड़वी हो जाएगी। स्वाद के लिए आप एक चम्मच शहद मिला सकते हैं।
ग्रीन टी कब और कितनी मात्रा में पीयें
- दिन में 3-4 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन न करें
- खाना खाने के तुरंत बाद ग्रीन टी न पीयें
- खाली पेट ग्रीन टी न पीयें
- नाश्ता या खाना खाने के आधा घंटा बाद ही ग्रीन टी पीयें
- रात में ग्रीन टी न पीयें, इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है
- ग्रीन टी में दूध और शक्कर नहीं मिलाना चाहिए
*Disclaimer: The content is written and reviewed as per the expertise and knowledge of the author and reviewer. For a final call related to ailment, we highly recommend people to Consult with a Specialized Doctor and take necessary decisions as per the Doctor’s suggestions.