जब दो अंग असमान्य रूप से आपस में जुड़ जाते हैं तो उस अवस्था को फिस्टुला कहते हैं। लेकिन, जब आंत का आखिरी भाग गुदा से जुड़ जाता है तो उसे भगंदर या एनल फिस्टुला कहते हैं। जोड़ वाली जगह एक छेद हो जाता है और उसमें पस या रक्त भरने लगता है। एनल फिस्टुला का उपचार न करवाने से संक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक होता है। पस होने के कारण घाव सूखने के बजाय बढ़ता ही जाता है। एनल फिस्टुला को खत्म करने के लिए सर्जरी ही एकमात्र और आखिरी विकल्प होता है।