हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट की मांसपेशियाँ जरूरत से ज्यादा कमजोर पड़ जाती हैं और पेट के अंदरूनी अंग पेट के बाहर आ जाते हैं। हर्निया होने के कई कारण हो सकते हैं। पेट की मांसपेशियों के कमजोर होने की वजह या तो जन्म से ही हो सकती है या सर्जरी के बाद हो सकती है या फिर व्यायाम न करने से हो सकती है।
योग और व्यायाम की मदद से पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है और हर्निया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि क्या हर्निया होने पर योग करना चाहिए या नहीं?
क्या हर्निया होने पर योग करना चाहिए? – Should we do Yoga during Hernia in Hindi
अगर आप हर्निया से गुजर रहे हैं तो आपको योग नहीं करना चाहिए। इससे स्थिति में सुधार होने के बजाय स्थिति और भी बिगड़ सकती है। लेकिन, अगर आप हर्निया से बचाव चाहते हैं और हर्निया की सर्जरी करवा चुके हैं तो अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए कई तरह के योग कर सकते हैं।
हर्निया से बचने के लिए योगासन – Yogasana to Prevent Hernia in Hindi – Hernia ke liye yoga
आमतौर पर योग में स्ट्रेचिंग व्यायाम भी शामिल है। इन व्यायामों की मदद से पेट की दीवार और मांसपेशियाँ मजबूत बनती है और हर्निया नहीं होता है। यदि आप हर्निया से पहले कभी पीड़ित रह चुके हैं तब भी ये योग आपके लिए फायदेमंद हैं ये सभी योगासन पेट की सभी मांसपेशियों को मजबूत बनाएँगे और हर्निया होने से बचाएंगे।
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उत्तानपादासन
सिर्फ हर्निया ही नहीं पेट से जुड़ी हर तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए उत्तानपादासन काफी कारगर होता है। उत्तानपादासन को नियमित रूप से करने से पेट के निचले हिस्से की चर्बी गायब होने लगती है जिससे पेट के निचले हिस्से में कम दबाव बनता है और हर्निया से बचा जा सकता है। अगर आपकी हर्निया की सर्जरी हो चुकी है तब ये आसान आपको दोबारा हर्निया होने से बचाएगा।
अगर आपकी हर्निया की सर्जरी अभी-अभी हुई है तो यह आसन करने से पहले अपने डॉक्टर की परामर्श जरूर लें।
कैसे करें:
- पीठ के बल चटाई पर दोनों हाथों को फैला कर लेट जाएं।
- लंबी सांस लेते हुए अपने दाएं पैर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटना बिलकुल भी न मोड़े।
- अब सांस छोड़ते हुए पैर नीचे ले जाएं।
- अब यही प्रक्रिया बाएं पैर के साथ करें।
- जब पैरों को ऊपर उठाएं तब आपका पूरा शरीर जमीन से जुड़ा होना चाहिए।
- हर्निया से सुरक्षा के लिए उत्तानपादासन की प्रक्रिया 5 मिनट तक लगातार करें। अगर आप नए हैं और करने में परेशानी हो रही है तो धीरे-धीरे 1 मिनट से 5 मिनट तक जाएं।
नवासन
पेट से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं (पेट की चर्बी, अपच, आदि) से राहत दिलाने वाले नवासन की मदद से हर्निया में भी लगाम लगाया जा सकता है। नवासन करने से पेट तक खून और ऑक्सीजन का सप्लाई भी बेहतर होता है। यह पेट की दीवार को मजबूती प्रदान करता है और हर्निया को दोबारा होने से रोकता है।
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कैसे करें:
- पीट के बल सीधा लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को पैर की तरफ रखें।
- अब अपने हाथों को हल्का ऊपर उठाकर आगे की तरफ उठने की कोशिश करें।
- अब दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं। साथ ही अपने सिर, कंधे और कमर को भी अपने हाथों के साथ आगे की ओर उठाएं।
- इसी स्थिति पर कुछ देर के लिए बने रहें और दोबारा से शुरुआती अवस्था में आ जाएं।
- यह ध्यान दें कि जब भी आप यह आसन करें आपका पूरा शरीर आपके पिछवाड़े पर टिका होना चाहिए।
- हर्निया से बचने के लिए और पेट की मांसपेशियों को दोबारा से मजबूत बनाने के लिए यह आसन नियमित रूप से 5 मिनट के लिए जरूर करें।
पवनमुक्तासन
पेट की कई समस्याओं को दूर करके हर्निया से राहत दिलाने में पवनमुक्तासन बहुत फायदेमंद है।
कैसे करें:
- दोनों पैरों को जोड़कर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब दोनों पैरों को मोड़ लें और अपने दोनों हाथों से जकड़ लें।
- अपनी ठुड्डी पैरों के गैप के बीच में लाएं।
- अब पैरों को धीरे-धीरे अगल-बगल घुमाएं।
- ऐसा 5 से 10 मिनट तक करें।
- पवनमुक्तासन नियमित रूप से करने पर पेट की चर्बी कम होगी और हर्निया से बचाव होगा।
वज्रासन
यह सबसे सरल आसन है जो फेफड़ों और नितम्ब सहित पेट की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। वज्रासन करने से पेट में गैस और कब्ज से भी छुटकारा मिलता है। हर्निया से बचने के लिए वज्रासन का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। हर्निया की सर्जरी होने के बाद दोबारा से हर्निया से बचने के लिए वज्रासन काफी लोकप्रिय है।
कैसे करें:
- वज्रासन करने के लिए घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए।
- अब अपने नितम्बों को अपनी एड़ियों पर टिकाएं।
- गहरी सांस लें।
- धीरे-धीरे सांसों को छोड़े।
- इस स्थिति में 10 मिनट तक बैठे रहें।
- अगर आप वज्रासन के साथ मैडिटेशन का आनंद उठाना चाहते हैं तो वज्रासन की प्रक्रिया के दौरान अपनी आँखों को बंद कर लें।
- आधा महीना तक वज्रासन नियमित रूप से करने पर हर्निया के लक्षण से छुटकारा मिल जाता है और पाचन सम्बन्धी कई तरह की समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
विपरीत करनी योग
यह योगासन किडनी को मजबूत बनाता है और हर्निया से सुरक्षा प्रदान करता है।
कैसे करें:
- विपरीत करनी योग करने के लिए फर्श में मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर की और उठाएं।
- इस दौरान सिर्फ आपके पैर उठने चाहिए। आपका सिर और पीठ पूरी तरह से फर्श पर सीधा होना चाहिए।
- पैरों को 90 डिग्री तक ले जाएं।
- अगर आपको कमर दर्द हो रहा है तो पीठ के नीचे कंबल रख लें।
- आँखें बंद कर लें और खुद को इस स्थिति में 5 मिनट तक टिके रहने दें।
- नियमित रूप से इस योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से हर्निया से बचाव होता है।
हर्निया से बचने के अन्य तरीके:
पढ़ें- हर्निया की होम्योपैथिक दवा
हर्निया होने के कारणों में व्यक्ति की लापरवाही भी शामिल है। जाने अनजाने में व्यक्ति अपने शरीर के साथ कई तरह के दुर्व्यवहार कर चुका होता है। परिणामस्वरूप उसे हर्निया से गुजरना पड़ सकता है। आइये कुछ ख़ास टिप्स जानते हैं जो हर्निया से बचाव में आपकी मदद करेंगे।
- धूम्रपान से परहेज करें।
- ज्यादा दिनों तक खांसी रहती है तो इससे हर्निया हो सकता है। इसलिए, खांसी ठीक न होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
- अधिक वजन न उठाएं।
- कोई भी ऐसा काम न करें जिससे पेट पर दबाव बने।
- खान-पान में सुधार करें, तली-भुनी चीजों का सेवन कम करें। इससे अपच और कब्ज होता है जिससे हर्निया का खतरा बना रहता है।
- कब्ज न हो इसलिए पर्याप्त आहार लें और आहार में भरपूर मात्रा में फाइबर शामिल करें।
- वजन को नियंत्रण में रखें। इसके लिए आप व्यायाम का सहारा ले सकते हैं।
- हर्निया न हो इसलिए, योग जरूर करें। ऊपर बताए गए योग करने से मांसपेशियों में खिचाव होता है और उन्हें मजबूती मिलती है।
- भरपूर मात्रा में पानी पिएं।
- एक बार में अधिक आहार न लें। थोड़ा-थोड़ा करके भोजन को कई बार में खाएं।
- प्रोबायोटिक लें। इसके लिए दही का सेवन कर सकते हैं। दही में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक पाया जाता है।
- अगर आप हर्निया से पीड़ित हैं तो खीरा और ककड़ी खाने से परहेज करें।
- फास्ट फूड या जंक फूड का सेवन बिलकुल भी न करें।
- अधिक नमक वाला खाना अधिक मात्रा में न खाएं इससे हाई बीपी और हर्निया का जोखिम बना रहता है।
अगर आप हर्निया से पीड़ित हैं और यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो ध्यान दें कि ऊपर बताए गए सभी योग हर्निया के जोखिम को कम करने और हर्निया को दोबारा होने से रोकने के लिए लिए हैं। हर्निया से पीड़ित होने पर कोई भी योग नहीं करना चाहिए। इससे मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है।
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हर्निया का इलाज के लिए Pristyn Care ही क्यों?
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निष्कर्ष – Conclusion
योगासन की मदद से हम हर्निया से बच सकते हैं। हर्निया होने पर योग नहीं करना चाहिए और अगर आप हर्निया रोगी रह चुके हैं तो योग करते समय यह जरूर ध्यान दें कि उन योगासनों को बिलकुल भी न करें जिससे पेट के निचले और ऊपरी हिस्से पर किसी भी प्रकार का दबाव पैदा हो।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|