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जीवन की गाड़ी तेज होने के कारण आज हर किसी का जीवन बहुत ही व्यस्त है। व्यस्तता होने के कारण अक्सर लोग अपने खान पान, सेहत और खासकर लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वे बस सुबह से शाम तक एक से दूसरी जगह भागते ही रहते हैं। इस भागदौड़ की जिंदगी में वे ना तो समय पर खाते पीते हैं, ना सोते जागते हैं और नाही व्यायाम करते हैं। पूरे दिन एक जी जगह बैठे रहते हैं, जिसके कारण वे ढेरों बीमारियों से घिरे हुए हैं। इन्ही बीमारियों में से एक बीमारी पाइल्स यानी बवासीर है। 

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बवासीर से पीड़ित होने की स्थिति में आपके एनस में मस्से बन जाते हैं तथा आस पास की नसों में सूजन हो जाती है। जिसके कारण आपको उठने, बैठने, चलने, फिरने, अपने दैनिक जीवन के कामों को करने तथा खासकर स्टूल पास करते समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी कभी स्टूल के साथ खून भी आता है। बवासीर एक सामान्य बीमारी है लेकिन समय पर इसका उचित इलाज आवश्यक हैं। क्योंकि लंबे समय तक इसका सटीक इलाज नहीं कराने या इसे नजरअंदाज करने पर यह गंभीर रूप ले सकता है तथा दूसरी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है।        

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अगर पाइल्स अपनी शुरूआती स्टेज में है तो उसका इलाज घर बैठे भी किया जा सकता है। पाइल्स को शुरूआती स्टेज में ठीक करने के लिए आप पाइल्स के घरेलू नुस्खों, पाइल्स की एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन आज इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ख़ास और अलग बताने वाले हैं। आपके शरीर में बहुत से ऐसे एक्यूप्रेशर पॉइंट हैं जिनकी मदद से आप घर बैठे कुछ दिनों के अंदर बवासीर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप उन सभी एक्यूप्रेशर पॉइंट के बारे में जान जाएंगे जो आपकी बीमारी को ठीक करने में कारगर साबित हो सकते हैं।     

एक्यूप्रेशर क्या है — What Is Acupressure In Hindi — Acupressure In Hindi —  Acupressure Kya Hai 

एक्यूप्रेशर स्वस्थ जीवन जीने और स्वास्थ्य के मुद्दों से छुटकारा पाने का एक शानदार तरीका है। एक्यूप्रेशर प्राचीन चीन में उत्पन्न हुए बवासीर के इलाज का एक प्राकृतिक तरीका है। इसके अलावा, एक्यूप्रेशर सिर्फ मांसपेशियों पर दबाव डालना ही नहीं है, दर्द से राहत प्रदान करने के लिए इसे एक विशिष्ट तरीके से मैनिपुलेट किया जाता है। शरीर पर नॉनस्पेसिफिक प्रेशर डालने के लिए ढेरों तरीके मौजूद हैं जिसमें रगड़ना (Rubbing), मालिश करना (Rolling) या एप्लाई (Apply) करना शामिल है।

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शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट पर दबाव डालने के लिए एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ अपनी उंगलियों, हथेलियों, कोहनियों या पैरों का इस्तेमाल करते हैं। कभी-कभी, एक्यूप्रेशर में स्ट्रेचिंग या एक्यूप्रेशर मालिश भी शामिल होती है। आमतौर पर बवासीर और फिशर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट एक जैसे होते हैं, इसलिए विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।

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पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट — Acupressure Points For Piles In Hindi — Piles Ke Liye Acupressure Points 

एक्यूप्रेशर पॉइंट UB 57 — Acupressure Point UB 57 For Piles In Hindi — Piles Ke Liye Acupressure Point UB 57

लोकेशन: निचले पैर की पिछली मध्य रेखा पर, सीधा पेट के गैस्ट्रोकनेमियस मांसपेशी के नीचे।

कैसे करें: एक्यूप्रेशर UB57 पॉइंट पर हल्का प्रेशर दें और फिर इसे कुछ सेकेंड के लिए रोक कर रखें। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए दिन में दो बार UB57 पॉइंट को उत्तेजित करें। नियमित रूप से कुछ सप्ताह तक एक्यूप्रेशर UB57 पॉइंट पर हल्का प्रेशर देने से पाइल्स के कारण उत्पन्न दर्द कम होता है। इसके साथ ही साथ कब्ज, पीठ दर्द, वैरिकोज वेन्स, पैरों में दर्द, पैरों में ऐंठन की समस्या भी दूर होती हैं और पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता हैl 

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एक्यूप्रेशर पॉइंट UB 60 — Acupressure Point UB 60 For Piles In Hindi — Piles Ke Liye Acupressure Point UB 60 

लोकेशन: बाहरी मैलेलेलस के पीछे पैर पर, टेंडो कैल्केनस और बाहरी मैलेलेलस के बीच में। 

एक्यूप्रेशर पॉइंट UB 60 की मदद से पाइल्स की समस्या को ठीक किया जा सकता है। बवासीर के अलावा, यह दूसरी भी ढेरों परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। जिसमें पीठ दर्द की शिकायत होना, साइटिका से पीड़ित होना, सिर में दर्द से परेशान होना, गर्दन में जकड़न होना, धुंधलापन की समस्या होना यानी की चीजें साफ दिखाई नहीं देना, एड़ी में दर्द होना और मिर्गी आदि शामिल हैं। अगर आप पाइल्स को ठीक करने की नियत से इस एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद लेना चाहते हैं तो इससे पहले एक बार एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ से अवश्य मिलें। 

एक्यूप्रेशर पॉइंट SP6 — Acupressure Point SP6 For Piles In Hindi — Piles Ke Liye Acupressure Point SP6       

लोकेशन: पैर की अंदरूनी सतह पर, टखने की हड्डी से चार उंगली ऊपर  

कैसे करें: दूसरे एक्यूप्रेशर की तुलना में SP6 पॉइंट पर हल्का भारी दबाव डालें और इसे लगभग एक मिनट तक रोक कर रखें। फिर दूसरे पैर के साथ भी यही प्रक्रिया दोहराएं। नियमित रूप से SP6 पॉइंट पर प्रेशर डालने तथा इस प्रक्रिया को करते रहने से आपको बवासीर के साथ साथ इम्युनिटी से संबंधित परेशानियां, वैरिकोज वेन्स, इन्सोमिया, पेट की गड़बड़ी, डायरिया, अनियमित मासिक धर्म, गर्भाशय रक्तस्राव, नैदानिक ​​अवसाद, थकान, नपुंसकता, शुक्राणु की कमी होना, पुरुषों और महिलाओं में बाँझपन की समस्या होना, पुरुषों और महिलाओं में यौन इच्छा की कमी होना, बाहरी जननांग में दर्द की शिकायत होना, पीएमएस, हॉट फ्लैशेस, कोल्ड लिंब्स, कैंसर रोगियों में विकिरण और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव और दूसरी अन्य ढेरों बीमारियां और परेशानियां ठीक और दूर हो जाती हैं।

एक्यूप्रेशर पॉइंट SP8 — Acupressure Point SP8 For Piles In Hindi — Piles Ke Liye Acupressure Point SP8

लोकेशन: SP9 से तीन इंच नीचे, SP9 और मैलेलेलस की नोक को जोड़ने वाली बीच की रेखा पर।  कैसे करें: अपने अंगूठे का उपयोग करें और SP8 पॉइंट को धीरे से पकड़ें और एक मिनट के बाद इसे छोड़ दें। दूसरे पैर के साथ भी यही प्रक्रिया दोहराएं। नियमित रूप से एक्यूप्रेशर पॉइंट SP8 पर प्रेशर डालने से उदर रोग, पेट दर्द, गर्भाशय रक्तस्राव, पेशाब में कठिनाई, गर्भाशय में ऐंठन, डायरिया, एनोरेक्सिया, न्यूरोटिक उल्टी, पेचिश, प्रसवोत्तर रक्तस्राव, नपुंसकता, एडिमा, विकिरण और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव जैसे और भी ढेरों लक्षण, बीमारियां और परेशानियां दूर हो जाती हैं।

ऊपर बताए गए सभी एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद से आप पाइल्स, इसके लक्षण तथा दूसरी भी ढेरों बीमारियों, लक्षणों और परेशानियों को दूर कर सकते हैं। अगर इससे आपकी बीमारी में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आए तो फिर आपको डॉक्टर से मिलकर इलाज के दूसरे माध्यम के बारे में बात करनी चाहिए। बवासीर को ठीक करने के लिए आज लेजर सर्जरी को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है। 

क्योंकि दवाओं का इस्तेमाल करने पर आपको थोड़े समय के लिए पाइल्स से आराम मिल जाता है लेकिन जैसे ही इनका असर कम होता है आपकी बीमारी और उससे जुड़ी परेशानीयां फिर से आपके सामने खड़ी होती हैं। लेकिन लेजर सर्जरी के साथ ऐसी कोई बात नहीं है। यह बवासीर का परमानेंट इलाज है। इसके बाद फिर से दोबारा बवासीर होने की संभावना लगभग न के बराबर होती है। इसलिए आपको डॉक्टर से मिलकर अपने पाइल्स का इलाज लेजर सर्जरी से कराना चाहिए।

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पाइल्स का लेजर सर्जरी से इलाज — Laser Treatment Of Piles in Hindi — Piles Ka Laser Surgery Se Ilaj 

लेजर सर्जरी 30 मिनट की एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसकी मदद से बवासीर की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। सर्जरी करने से पहले डॉक्टर आपकी शारीरिक जांच करते हैं ताकि वे बीमारी और उसकी स्थिति को अच्छे से समझ सकें। जांच करने के बाद आपको अनेस्थिसिया दिया जाता है और फिर सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी बहुत ही अनुभवी और कुशल सर्जन के द्वारा की जाती है। सर्जरी के दौरान आपको कट, टांके और रक्स्राव नहीं होता है। 

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सर्जरी के बाद जख्म, दाग या इंफेक्शन होने का खतरा भी लगभग शून्य के बराबर होता है। सर्जरी के दिन ही आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। सर्जरी के दो दिन के बाद आप अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में यह सर्जरी पूर्ण रूप से प्रभावशाली और सुरक्षित है। प्रिस्टीन केयर बवासीर का इलाज लेजर सर्जरी से करते हैं। अपने बवासीर से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए आप प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। 

पाइल्स में ध्यान देने वाली बातें — Things To Keep In Mind During Piles In Hindi — Piles Me Dhyan Dene Wali Bate

ऊपर बताई गयी बातों के अलावा भी कुछ चीजें है जो बवासीर का कारण बन सकती हैं। अगर आप खुद को बवासीर की समस्या से दूर रखना चाहते हैं तो कुछ चीजों को ध्यान में रखना जरूरी है। साथ ही अपनी दैनिक जीवन में इनका पालन करना भी आवश्यक है। जैसे की ज्यादा मिर्च, मसाला और तेल वाली चीजों को खाने से बचें। क्योंकि इनकी वजह से आपको खाना हजम करने में परेशानी हो सकती है। साथ ही साथ गैस और कब्ज की समस्या भी हो सकती है। कब्ज होने से खान पान का रूटीन बदल जाता है जिसकी वजह से आपके हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। समय पर खाना हजम नहीं होने की वजह से स्टूल पास करने के बाद पेट पूरी तरह से खाली नहीं होता है। 

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पेट पूरी तरह से खाली नहीं होने की वजह से आपको ठीक तरह से भूख नहीं लगती है। भूख नहीं लगने की वजह से आपकी कब्ज की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। ज्यादा कब्ज होने की वजह से स्टूल सख्त यानि की टाइट और मोटा हो जाता है फिर जब आप इसे पास करते हैं तब आपके एनस पर प्रेशर पड़ता है। प्रेशर पड़ने की वजह से एनस की स्किन छील जाती है जिसकी वजह से बवासीर होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इन सबके अलावा, बाहर का खाना तथा फास्ट फूड से भी बचने की कोशिश करें। क्योंकि बाहर के खानों में सफाई, तेल, मिर्च और मसाला का ध्यान नहीं रखा जाता है।   

ज्यादातर समय आप अपने ऑफिस या घर में बैठे ही रहते हैं। लेकिन शायद आपको यह पता नहीं है की ज्यादा देर तक एक ही जगह बैठने की वजह से आपको बवसीर की समस्या हो सकती है। लंबे समय तक बैठने या खड़े होने की वजह से एनस के आसपास की नसों में प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनमे सूजन आ जाती है। इसके अलावा, सौच के समय भी लंबे समय तक बैठने तथा प्रेशर या तनाव के कारण ये नसें सूज जाती है। अगर आपको पहले से ही बवासीर है तो फिर लंबे समय तक बैठने या खड़े होने की वजह से ये नसें और बढ़ जाती हैं और इनके साथ साथ आपका दर्द भी बढ़ जाता है। कोशिश करें की आप लंबे समय तक ऑफिस, घर या शौचालय में न बैठें। भारी समान उठाने से एनस की नसों पर प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनमें सूजन आ जाती है। इसलिए  ज्यादा भारी समान न उठाएं।

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प्रेगनेंसी के समय स्टूल पास करते समय भी एनस की नसों पर प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान आप उन चीजों का ज्यादा सेवन करें जो बहुत आसानी से हजम हो जाती हैं साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी भी पीएं। नशीली चीजों से दूर रहें। नशा किसी भी बीमारी को बदतर बनाने का काम करता है। अगर आप सिगरेट, शराब या दूसरी किसी भी नशीली चीज का सेवन करते हैं तो इसे तुरंत रोक दें क्योंकि ये बवासीर की स्थिति और उसके लक्षण और बढ़ाते हैं। नशीली चीजों से दूरी समस्या को ठीक करने के साथ साथ आपको सेहतमंद भी बनाता है। साथ ही दूसरी खतरनाक बीमारियां होने खतरा भी खत्म हो जाता है 

निष्कर्ष — Conclusion

आज पाइल्स एक सामान्य बीमारी का रूप ले चुका है जिससे हर कोई परेशान है। पर्सनल लाइफ के साथ साथ प्रोफेशनल लाइफ पर भी इस बीमारी का बुरा असर पड़ता है। यह कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं हैं लेकिन समय पर इसका उचित इलाज आवश्यक हैं। क्योंकि एक समय के बाद यह रेक्टल कैंसर का कारण बन सकता है जो की एक गंभीर और दर्दनाक बीमारी है। अगर आप पाइल्स के शुरूआती स्टेज से पीड़ित हैं तो घरेलू उपचार, एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवाओं या एक्यूप्रेशर पॉइंट की मदद से अपनी बीमारी को बहुत ही कम समय में आसानी से ठीक कर सकते हैं।

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लेकिन अगर इन सबके बावजूद भी आपकी बीमारी में कोई पॉजिटिव बदलाव नहीं आता है तो इस स्थिति में आपके लिए सबसे बेस्ट ट्रीटमेंट लेजर सर्जरी ही बचता है। क्योंकि यह हर तरह के बवासीर का बेस्ट और परमानेंट इलाज है। आमतौर पर लेजर सर्जरी से बवासीर का इलाज करने के बाद बवासीर दोबारा नहीं होता है। बवासीर की लेजर सर्जरी के बाद आप हमेशा के लिए बवासीर और इससे जुड़ी परेशानियों से आजाद हो जाते हैं। प्रिस्टीन केयर बवासीर का इलाज लेजर सर्जरी से करते हैं। अगर आप बवासीर को हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प हो सकता है। 

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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