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खराब जीवनशैली होने तथा तैलीय, मसालेदार, फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, पान, गुटखा और सिगरेट का सेवन करने के कारण आपको ढेरों बीमारियां और परेशानियां होती हैं। बवासीर भी इन्हीं में से एक है। आज बवासीर एक आम समस्या का रूप ले चुका है क्योंकि एक बड़ी आबादी इस बीमारी से ग्रसित है। आगे पढ़ें: पाइल्स लेजर सर्जरी क्यों है बेहतर इलाज? 

बवासीर क्या है 

बवासीर एक गुदा रोग है,जिसमें रोगी के गुदा द्वार की नसों में सूजन आ जाता है और मस्सों का निर्माण हो जाता है स्थिति में मरीज को अपने दैनिक जीवन के कामों को करने और खासकर स्टूल पास करते समय काफी दर्द और तकलीफों का सामना करना पड़ता है। बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स और हेमोरोइड के नाम से जाना जाता है। बवासीर से पीड़ित मरीज के गुदा के अंदर छोटे-छोटे मस्से बन जाते हैं, जो मल त्याग के दौरान दर्द देते हैं और गुदा क्षेत्र में सूजन आ जाता है। सूजन की वजह से दर्द और तकलीफें बढ़ जाती हैं। ऐसे में मरीज का उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है। 

बवासीर के प्रकार 

बवासीर दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें बाद बवासीर और खूनी बवासीर के नाम से जाना जाता है। बादी बवासीर में मरीज के गुदा में तेज दर्द, जलन, सूजन और स्टूल पास करने में काफी परेशानी होती है। बादी बवासीर में मरीज के एनस से खून नहीं आता है। लेकिन खूनी बवासीर में स्टूल पास करते समय खून आता है।

लक्षण

  • गुदा क्षेत्र में खुजली
  • मलत्याग के दौरान रक्तस्त्राव
  • गुदा क्षेत्र में दर्द
  • गुदा क्षेत्र में जलन
  • बैठने में दर्द
  • गुदा क्षेत्र में मस्से

बादी और खूनी बवासीर, दोनों के लक्षण बिलकुल एक जैसे हैं। इनमें बस इतना ही फर्क है कि बादी बवासीर में बस दर्द, जलन और सूजन होता है, जबकि खूनी बवासीर में इन सबके साथ-साथ स्टूल के साथ खून भी आता है।   

बवासीर के कारण 

बवासीर होने के बहुत से कारण हैं। लेकिन इनमें सबसे खास कारण ज्यादा तैलीय, मसालेदार और बाहरी खाना है जिसमें तेल, नमक का सेवन करना, सफाई पर ध्यान नहीं देना, फ़ास्ट फूड्स खाना, कोल्ड ड्रिंक्स और सिगरेट पीना और कम मात्रा में पानी पीना आदि शामिल हैं। इनकी वजह से पेट में हमेशा गैस और कब्ज बना रहता है। कब्ज होने की वजह से खाना हजम नहीं होता है जिसके कारण आपका पेट पूरी खाली नहीं होता है और मल मोटा तथा कठोर बनने लगता है। परिणामस्वरूप एनस की नसों में प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनके अंदर जख्म बन जाते हैं। वही जख्म आगे जाकर बवासीर का रूप ले लेते हैं। 

बवासीर का बचाव

बवासीर से बचने के लिए सबसे जरूरी है की आप एक अच्छी और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। अपने रहन-सहन और खासकर खाने-पीने की चीजों पर ध्यान दें, क्योंकि आप दिन भर में जिन चीजों को भी खाते हैं वो आगे जाकर इस बात का फैसला करते हैं की आप स्वस्थ रहेंगे या बीमार।

स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ खान-पान रखना सबसे जरूरी है। कम तेल और मसाले वाले भोजन का सेवन करें। दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। सुबह थोड़ा-बहुत व्यायाम करें और फाइबर से भरपूर पदार्थों का सेवन करें। इससे गैस और कब्ज नहीं होता है

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इन सब के अलावा, नशे की चीजों से दूर रहें। बवासीर के कारणों में सिगरेट और गुटखा का सेवन करना भी शामिल है। इसलिए आपके लिए यह आवश्यक है की नशीली चीजों से दूर रहें। समय पर सोएं, समय पर खाना खाएं, समय पर स्टूल पास करें ताकि फिर समय पर आपको भूख लगे और आपका दिन अच्छे से बीते। 

बवासीर में एनोवेट क्रीम का उपयोग

एनोवेट क्रीम का इस्तेमाल पाइल्स को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आंतरिक और बाहरी बवासीर के साथ-साथ फिशर के इलाज में भी बड़ी भूमिका निभाता है। पाइल्स की सर्जरी के बाद एनस और रेक्टम के जलन को दूर करने के लिए भी डॉक्टर इस क्रीम के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। अगर आप भी पाइल्स की समस्या से परेशान हैं तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इस क्रीम का इस्तेमाल कर खुद की परेशानियों को काफी हद तक ठीक कर सकते हैं। 

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एनोवेट क्रीम कैसे लाभ पहुंचाता है?

एनोवेट क्रीम मुख्य रूप से तीन चीजों से बना है। इसमें बेक्लोमेटासोन, फैनीलेफ्रीन और लिडोकेन शामिल हैं। बेक्लोमेटासोनआमतौर पर प्रोस्टैग्लैंडिंस नामक केमिकल मैसेंजर को बनने से रोकता है जो स्किन में लालीपन, खुजली और स्वेलिंग का कारण बनता है। फैनीलेफ्रीन एक डिकंजेस्टेन्ट जो स्किन के प्रभावित क्षेत्र में रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है और सूजन कम करता है। लिडोकेन लोकल अनेस्थिसिया है जो नसों से दिमाग तक दर्द संकेतों को जाने से रोकने का काम करता है जिससे दर्द एवं संवेदना कम हो जाती है।

बवासीर में एनोवेट क्रीम का उपयोग कैसे करें?

एनोवेट क्रीम का कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है यह पूरी तरह से आपकी उम्र, पाइल्स की स्टेज और गंभीरता पर निर्भर करता है। आपको इस क्रीम की क्या खुराक सबसे बेहतर होगी इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पाइल्स को ठीक करने की नियत से इस क्रीम का मनमाना इस्तेमाल आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

क्रीम का उपयोग करने से पहले गुदा क्षेत्र को गुनगुने पानी से अच्छी तरह से साफ़ कर लें और अपने हाथों को गंध रहित साबुन से धो लें। क्रीम लगाने के बाद 3 घंटे तक मलत्याग के लिए न जाएं।

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बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए अंग्रेजी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं, क्रीम, घरेलू नुस्खे , लाइफस्टाइल में परिवर्तन, योग और व्यायाम जैसे उपाय मौजूद हैं। बवासीर के शुरूआती स्टेज में अगर आपने इस पर ध्यान दिया तो यह बीमारी ऊपर बताई हुई तरकीबों का इस्तेमाल करने से खत्म हो जाती है। लेकिन अगर आपका बवासीर पुराना हो गया है और यह इन सभी तरकीबों का इस्तेमाल करने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है या फिर ठीक होने के कुछ दिनों के बाद दोबारा हो जाता है तो आपको लेजर सर्जरी की मदद से इसका इलाज करवाना चाहिए। इस स्थिती में लेजर सर्जरी का इस्तेमाल करना सर्वश्रेष्ठ है।

लेजर सर्जरी है पाइल्स का सबसे बढ़िया इलाज  

ज्यादातर मामलों में दवाओं, क्रीम, और घरेलू उपचारों का इस्तेमाल करने पर आपको बवासीर के दर्द, सूजन और जलन से तो आराम मिल जाता है, लेकिन जैसे ही इनका असर खत्म होता है, आपकी बीमारी और उससे जुड़ी तकलीफें दोबारा से आपके सामने खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में सर्जरी ही आपके इलाज के लिए सबसे उत्तम माध्यम बचता है।

यदि बवासीर तीसरे या चौथे स्तर पर है तो उसे ठीक करने के लिए कोई घरेलू नुस्खे या दवाइयाँ काम में नहीं आती हैं, ऐसे में सर्जरी ही एक अंतिम विकल्प बचता है। बवासीर को नष्ट करने के लिए ओपन सर्जरी भी की जाती है, लेकिन यह बवासीर के मुकाबले बहुत दर्दनाक और जटिलता से भरी होती है, यदि आप ओपन सर्जरी और लेजर सर्जरी के बीच का फर्क जानना चाहते हैं तो पढ़ें- पाइल्स के लिए लेजर सर्जरी या ओपन सर्जरी

लेजर सर्जरी बवासीर के इलाज का सबसे बेहतरीन तरीका है। यह सर्जरी मात्र आधा घंटा के अंदर पूरी हो जाती है। सर्जरी के दौरान आपको टांके नहीं लगते हैं तथा रक्तस्राव और दर्द नहीं होता है। सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। बवासीर की लजर सर्जरी के दो दिन के बाद आप अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। अपने दैनिक जीवन के किसी भी काम को करने या फिर स्टूल पास करते समय हो रहे दर्द, जलन और रक्स्राव से हमेशा के लिए आजाद हो जाते हैं।    

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लेजर सर्जरी के दौरान या बाद में इंफेक्शन या जख्म होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है। लेजर सर्जरी अनुभवी और कुशल सर्जन के द्वारा की जाती है। पारंपरिक सर्जरी (ओपन सर्जरी) की तुलना में लेजर सर्जरी सर्वश्रेष्ठ है और यही कारण है की हर कोई अपने बवासीर का इलाज कराने के लिए इसका चयन करता है। अगर आप बवासीर से परेशान हैं और इससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको लेजर सर्जरी का चुनाव करना चाहिए। लेजर सर्जरी का चुनाव करने के साथ-साथ आपको एक अच्छे हॉस्पिटल का चुनाव करना भी जरूरी है।

लेजर सर्जरी के फायदे

  • संक्षिप्त लेजर सर्जरी।
  • तेज रिकवरी होती है।
  • आधे घंटे की प्रक्रिया है।
  • कट और टांके नहीं लगते हैं। 
  • घाव और दाग नहीं बनते हैं।  
  • सूजन और दर्द नहीं होता है।
  • इंफेक्शन का खतरा नहीं होता है।
  • सुरक्षित और प्रभावशाली इलाज है।
  • मरीज उसी दिन डिस्चार्ज हो जाता है।
  • बीमारी दोबारा होने का खतरा खत्म हो जाता है। 
  • 48 घंटे के अंदर अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकता है।

Pristyn Care से कराएं बवासीर का उपचार

अगर आप अपने बावासीर की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। प्रिस्टीन केयर बवासीर का लेजर सर्जरी से इलाज करने के साथ-साथ अपने मरीजों को ढेरों फ्री सुविधाएं भी देता है। इसमें डॉक्टर के साथ मरीज के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना, सर्जरी के दिन उनके लिए गाड़ी बुक करना, हॉस्पिटल में उनकी जगह सभी पेपरवर्क पूरा करना, उनके रहने के लिए एक डीलक्स रूम और मरीज की अच्छे से देखभाल करने के लिए एक केयर बड्डी मुहैया कराना आदि शामिल है।

बवासीर का उपचार के लिए Pristyn Care एक अच्छा हेल्थकेयर प्रोवाइडर है, क्योंकि-

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको किस ग्रेड का बवासीर है और उसके उपचार के लिए कौन सी क्रीम अच्छी होगी और क्या सर्जरी की जरूरत पड़ेगी, तो आप हमें कॉल कर सकते हैं या फिर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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Updated on 24th August 2022

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