बैलेनाइटिस एक आम समस्या है जो पुरुषों में पाई जाती है। यह किसी भी उम्र के के बच्चे, वयस्क या बूढ़े को प्रभावित कर सकता है। लेकिन ज्यादातर यह 4-5 साल के बच्चों में पाया जाता है। बैलेनाइटिस से पीड़ित पुरुष के लिंग के सिर पर सूजन आ जाती है जिसके कारण दर्द, जलन और बेचैनी होती है। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन समय पर इसका इलाज आवश्यक है क्योंकि आगे जाकर इससे इंफेक्शन और दूसरी गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है।
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जब किसी कारण से लिंग के सिर पर सूजन आ जाती है तथा इसके कारण लिंग में लालीपन आ जाता है तथा जलन और दर्द होता है तो इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में बैलेनाइटिस (Balanitis meaning in Hindi) कहा जाता है। इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंफेक्शन, यौन संचारित इंफ्केशन, बैक्टीरियल इंफ्केशन और दूसरी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसका इलाज करने के कई तरीके मौजूद हैं लेकिन डॉक्टर पहले इसकी गंभीरता तथा इसके पीछे के कारण का पता लगाते हैं। फिर उनके आधार पर इलाज के माध्यम का चयन करते हैं।
• बीमारी का नाम
बैलेनाइटिस
• सर्जरी का नाम
खतना - फोरस्किन हटाने का ऑपरेशन
• अवधि
15 से 30 मिनट
• सर्जन
जनरल सर्जन
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बैलेनाइटिस से पीड़ित पुरुष को फाइमोसिस होने का खतरा भी होता है। क्योंकि लंबे समय तक बैलेनाइटिस होने के कारण लिंग की ऊपरी स्किन, जिसे हम फोरस्किन के नाम से जानते हैं, काफी टाइट हो जाती है जिसके कारण उसे पीछे करने में परेशानी होती है। फोरस्किन के पीछे न जाने के कारण उसमें इंफेक्शन का खतरा रहता है। इंफेक्शन के अलावा, दूसरी भी कई और गंभीर यौन संचारित बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए बैलेनाइटिस से पीड़ित मरीज को समय पर इसका जांच और इलाज कराना चाहिए ताकि जल्द से जल्द इसकी रोकथाम की जा सके।
बैलेनाइटिस के तीन प्रकार होते हैं, जिन्हे हम जुंस बैलेनाइटिस (Zoon’s Balanitis), कुंडलित बैलेनाइटिस (Candidal Balanitis) और श्युडोएपीपेथीलियोनैट्स केराटोटिक और माइकियस बैलेनाइटिस (Pseudoepitheliomatous Keratotic and Micaceous Balanitis (PKMB)) के नाम से जाने जाते हैं।
बूढ़े या माध्यम वर्ग वाले जिन पुरुषों का खतना नहीं हुआ होता है उन्हें जुंस बैलेनाइटिस प्रभावित करता है। कुंडलित बैलेनाइटिस क्रियाशील गठिया के कारण होता है तथा जो लोग श्युडोएपीपेथीलियोनैट्स केराटोटिक और माइकियस बैलेनाइटिस से पीड़ित होते हैं उनके लिंग के सिर पर परतदार मस्से जैसा घाव हो जाता है जिसके कारण सूजन जलन और दर्द होता है। लगभग सभी प्रकार के बैलेनाइटिस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। जब कभी भी आप अपने लिंग के सिर पर इन लक्षणों में से किसी भी देखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच कराएं।
बैलेनाइटिस का ट्रीटमेंट कई तरह से किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर इसके कारणों को जानने के बाद उपचार के विकल्प का चुनाव करते हैं। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर सबसे पहले मरीज को खुद के प्राइवेट पार्ट्स और खासकर लिंग को हल्का गर्म पानी से सफ करने का सुझाव देते हैं। इसके बाद वे केमिकल युक्त या सुगंध वाले साबुन, पाउडर, क्रीम, लोशन, परफ्यूम, स्प्रे या दूसरी उन सभी चीजों का इस्तेमाल करने से मना करते हैं जो लिंग में खुजली, जलन, इंफेक्शन या दर्द का कारण बन सकते हैं।
बैलेनाइटिस के गंभीर और बार-बार होने वाले मामलों में, सर्जन निम्नलिखित विधियों का उपयोग करके खतने का सुझाव दे सकते हैं- लेजर खतना, स्टेपलर खतना और पारंपरिक खतना। खतना मुंड यानी शिश्न के सिर को ढंकने वाली चमड़ी को हटाना है। यह आमतौर पर जन्म के ठीक बाद कुछ धर्मों में एक अनुष्ठान के हिस्से के रूप में किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर इसे बैलेनाइटिस उपचार, फिमोसिस उपचार, पैराफिमोसिस उपचार, बालनोपोस्टहाइटिस उपचार और अन्य चमड़ी संक्रमण उपचार के लिए भी सुझाते हैं। हालांकि, बैलेनाइटिस सहित कुछ शिश्न विकारों के मामलों में भी यह आवश्यक हो जाता है। बैलेनाइटिस के लिए सर्जन निम्न विधियों का उपयोग करके खतना कर सकता है:
यह पारंपरिक खतना सर्जरी है। इस पद्धति में, रोगी को सामान्य या स्थानीय संज्ञाहरण के साथ बेहोश किया जाता है। सर्जन तब चमड़ी को मुंड से दूर ले जाते हैं, और फिर वापस शाफ्ट पर ले जाते हैं। इससे उन्हें निकाली जाने वाली त्वचा का माप लेने में मदद मिलेगी। वे फिर त्वचा को काटने के लिए एक स्केलपेल का उपयोग करते हैं। अंत में, त्वचा को गलाने योग्य टांके के साथ शाफ्ट पर वापस दाग दिया जाता है या सिला जाता है।
खतने की यह विधि दिन-ब-दिन लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इससे न्यूनतम असुविधा होती है, इसमें टांके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है और इससे खून की कमी नहीं होती है। इस पद्धति में, सर्जन स्थानीय संज्ञाहरण का संचालन करता है और फिर चमड़ी को काटने के लिए एक उच्च-बीम लेजर का उपयोग करता है। प्रक्रिया में केवल 20 मिनट लगते हैं।
इस आधुनिक खतने की विधि में, सर्जन लिंग की चमड़ी को हटाने के लिए एक सर्जिकल स्टेपलर का उपयोग करता है। कटौती एक सिलिकॉन अंगूठी से ढकी हुई है जो रक्तस्राव को रोकती है। यह सामान्य या स्थानीय संज्ञाहरण के तहत किया जाता है और कम से कम दर्द नहीं होता है। इसके अतिरिक्त, चूंकि यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, इसमें कोई घाव और निशान नहीं होते हैं, केवल 10 मिनट लगते हैं, और अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रिस्टिन केयर में हम लेज़र खतना, स्टेपलर खतना और फ्रेनुलोप्लास्टी सर्जरी द्वारा विभिन्न चमड़ी के मुद्दों का इलाज करते हैं
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लेजर सर्जरी द्वारा खतना करने से पहले डॉक्टर मरीज की शारीरिक जांच करते हैं। इसमें वे मरीज से उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछते हैं जैसे की पहले कभी उन्हें लिंग में किसी तरह का चोट लगा था या नहीं, इससे पहले उन्हें ऐसी कोई समस्या हुई है या नहीं आदि, फिर वे लिंग की जांच करते हैं, पेशाब की जांच करते हैं, फोरस्किन की जांच करते हैं, जरूरत पड़ने पर लिंग से स्वैब लेकर लैब में उसकी जांच करते हैं तथा मरीज से उनके लक्षणों के बारे में पूछते हैं, उनके सेक्सुअल लाइफ पर इस बीमारी का अगर कोई असर पड़ रहा है तो वह क्या है, यह समस्या उन्हें कब से है आदि के बारे में पूछ सकते हैं।
ओपन की तुलना में लेजर सर्जरी के साथ ऐसी कोई भी बात नहीं है। लेजर सर्जरी की प्रक्रिया लगभग 10-15 मिनट के अंदर कंप्लीट हो जाती है। लेजर सर्जरी द्वारा खतना की प्रक्रिया शुरू करने से पहले डॉक्टर मरीज को जेनेरल अनेस्थिसिया देते हैं ताकि मरीज को खतना के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न हो और खतना सफलतापूर्वक पूरा हो सके। सर्जरी खत्म होने के बाद मरीज के लिंग की ड्रेसिंग की जाती है तथा कुछ ही घंटों के बाद फिर उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
लेजर सर्जरी के बाद जख्म, इंफेक्शन या दाग होने का खतरा लगभग न के बराबर होता है। इस प्रक्रिया के बाद मरीज बहुत ही कम समय में पूरी तरह से ठीक हो जाता है। खतना के लगभग 48 घंटे के बाद मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से करने के लिए फिट हो जाता है लेकिन पूरी तरह से स्वस्थ होने में लगभग एक से दो सप्ताह का समय लगता है। लेजर द्वारा खतना करने के बाद फोरस्किन में किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशनो होने का कोई भी डर नहीं होता है।
यह पुरुष की प्रजनन क्षमता को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है तथा खतना के बाद सेसक्सुएल लाइफ में भी किसी तरह कि कोई समस्या नहीं होती है। यह पूरी तरह से सफल और सुरक्षित प्रक्रिया है। खतना करने के बाद यौन संचारित बीमारियां, महिला मित्र में पेनाइल कैंसर या सर्वाइकल कैंसर तथा यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन्स होने का खतरा खत्म हो जाता है। अगर आप भी बैलेनाइटिस की समस्या से परेशान हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद लेजर सर्जरी से खतना करवाकर अपनी समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
अधिकांश पुरुषों को बैलेनाइटिस के कारण अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और वे अपनी सामान्य दिनचर्या आसानी से कर लेते हैं। हालाँकि, बाकी लोगों को कुछ असुविधा का अनुभव हो सकता है जो दैनिक गतिविधियों को करने की उनकी क्षमता को बाधित कर सकता है।
इसके अतिरिक्त, कुछ व्यक्ति डॉक्टर के साथ इस स्थिति पर चर्चा करने में संकोच करते हैं और इसे बढ़ने देते हैं। इससे स्थिति और खराब हो सकती है और गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
प्रिस्टीन केयर के पास भारत के बेस्ट सर्जन हैं, जिन्हे खतना की समझ और लेजर सर्जरी की गहरी जानकारी है। ये डॉक्टर बैलेनाइटिस की जांच करने के बाद खतना के जरिए आपकी परेशानी को जड़ से खत्म कर देंगे।
प्रिस्टीन केयर अपने मरीजों को कई तरह की फ्री सुविधाएं भी प्रदान करता है जिसमें मरीज के लिए डॉक्टर के साथ अप्वाइंटमनट लेना, सर्जरी के दिन मरीज को गाड़ी में उनके घर से हॉस्पिटल लाना और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर छोड़ना, हॉस्पिटल में मरीज की जगह खुद सभी पेपरवर्क करना, सर्जरी के बाद उन्हें एक डीलक्स रूम देना, हॉस्पिटल में एक केयर बड्डी मुहैया कराना जो मरीज की देखरेख करता है आदि शामिल हैं।
अगर आप सबसे बेहतरीन और सुरक्षित तरीके से खतना करवाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प हो सकता है।
बैलेनाइटिस सर्जरी आमतौर पर बहुत दर्दनाक नहीं होती है, क्योंकि यह एनेस्थीसिया के तहत की जाती है। सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को दर्द निवारक दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
नहीं, डॉक्टर रोग की सीमा की जांच करने के लिए कुछ नैदानिक परीक्षण करेंगे। यदि स्थिति इतनी गंभीर है कि दवाओं से इलाज नहीं किया जा सकता है, तो डॉक्टर सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं।
बालिंटिस को कुछ एहतियाती उपाय करके रोका जा सकता है जैसे कि उचित स्वच्छता बनाए रखना जैसे कि लिंग को छूने से पहले अपने हाथों को ठीक से धोना, धोने के बाद लिंग को धीरे से सुखाना।
ज्यादातर मामलों में बैलेनाइटिस अपने आप ठीक हो जाता है और इससे कोई समस्या नहीं होती है। हालांकि, अगर यह गंभीर लक्षण दिखाता है, तो चिकित्सा हस्तक्षेप आवश्यक हो जाता है।
Bhanu
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Kenneth
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Anadi Chaurasiya
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