hemorrhoids ki janch kaise hoti hai

बवासीर में गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन आ जाने के कारण मस्सों का निर्माण हो जाता है। बवासीर के लक्षण नजर आने के बाद एक अच्छे गुदा रोग विशेषज्ञ से इसका जाँच करवाना बहुत जरूरी होता है।

यदि बवासीर का निदान सही समय में हो जाता है तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है और कुछ घरेलू उपचार और दवाइयों की मदद से इसे बिना सर्जरी के ठीक किया जा सकता है। आइये इसके कारण, लक्षण और निदान (जाँच) की प्रक्रिया के बारे में जानते हैं।

कारण

  • लंबे समय तक एक जगह बैठना
  • पुरानी कब्ज
  • ज्यादा तीखा और मसालेदार खाना
  • कम पानी पीना
  • फाइबर की कमी
  • गुदा क्षेत्र में चोट
  • रेक्टल प्रोलेप्स

बवासीर के लक्षण

  • गुदा क्षेत्र में खुजली
  • मलत्याग के दौरान रक्तस्त्राव
  • गुदा क्षेत्र में दर्द
  • गुदा क्षेत्र में जलन
  • बैठने में दर्द
  • गुदा क्षेत्र में सूजन

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बवासीर का निदान कैसे होता है? Bawaseer Ki Jaanch Kaise Hoti Hai

How Hemorrhoids Are Diagnosed In Hindi

फिजिकल एग्जाम (physical exam)

बवासीर की नैदानिक प्रक्रिया फिजिकल एग्जाम से शुरू होती है, इसमें डॉक्टर रोगी से उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछते हैं और कई तरह के सवालात करते हैं। फिजिकल एग्जाम के दौरान डॉक्टर गुदा क्षेत्र के बाहरी हिस्से का मुआयना करते हैं।

डिजिटल रेक्टल एग्जाम (digital rectal exam)

इस टेस्ट के दौरान बहुत से लोग शर्मिंदगी महसूस करते हैं। लेकिन डॉक्टर इस टेस्ट को रूटीन में करते हैं और पूरी कोशिश करते हैं कि इस दौरान रोगी कोई कोई असहजता न हो।

इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर रोगी को कमर के नीचे के कपड़े को उतारने को कहेंगे और उसे गुप्त क्षेत्र में पर्दा करने के लिए, पहनने के लिए हॉस्पिटल गाउन या पेपर ड्रेप शीट दी जाती है।

अब डॉक्टर ग्लव्ड एवं लुब्रिकेटेड उंगली से गुदा क्षेत्र की जांच करते हैं, इस दौरान वे अपने ऊँगली गुदा मार्ग के अंदर प्रवेश करते हैं। ऐसा गुदा मार्ग के अंदर के टिश्यू के असामान्य ग्रोथ और आंतरिक बवासीर का पता लगाने के लिए किया जाता है।

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हालांकि कई बार इससे आंतरिक बवासीर का मुआयना नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसका कोई मतलब नहीं होता है, फिर भी यदि ऊँगली में पस या खून देखने को मिलता है तो निदान करने में मदद मिलती है।

एनोस्कोपी (anoscopy)

एनोस्कोपी में डॉक्टर एनोस्कोप से गुदा के भीतर देखते हैं। एनोस्कोप एक प्रकार की छोटी और पतली ट्यूब है जिसके अंत में एक लाइट लगी होती है, जिसकी मदद से गुदा की दीवार और निचले मलाशय का मुआयना लिया जाता है।

एनोस्कोपी के दौरान रोगी को असहजता हो सकती है लेकिन ज्यादा दर्द नहीं होता है और यह जाँच 1 से 2 मिनट में पूरा हो जाता है। ज्यादातर मरीजों को जाँच के दौरान एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं पड़ती है।

प्रोक्टोस्कोपी (रिजिड प्रोक्टोसिग्मोइडोस्कोपी) (proctoscopy or rigid proctosigmoidoscopy)

प्रोक्टोस्कोपी की प्रक्रिया बिल्कुल एनोस्कोपी की तरह है, लेकिन इसमें मलाशय के अस्तर और बृहदान्त्र की जाँच करने के लिए प्रॉक्टोस्कोप का उपयोग किया जाता है। आपका डॉक्टर निचले पाचन तंत्र की समस्याओं और आंत रोग से जुड़े लक्षणों को देखने के लिए आपके मलाशय के अस्तर और निचले बृहदान्त्र के ऊतकों की सावधानीपूर्वक जांच करेगा।

इस प्रक्रिया में भी ज्यादातर रोगियों को एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं पड़ती है।

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कोलोनोस्कोपी (colonoscopy)

कोलोनोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक डॉक्टर आपके मलाशय और बृहदान्त्र के अंदर देखने के लिए कोलोनोस्कोप (colonoscope) का उपयोग करता है। कोलोनोस्कोप एक लंबी, पतली ट्यूब है जिसके अंत में लाइट और एक छोटा कैमरा लगा होता है। कोलोनोस्कोपी तब की जाती है, जब डॉक्टर को लगता है कि-

  • आपको पाचन संबंधी कोई अन्य बीमारी है।
  • आपको कोलोरेक्टल कैंसर होने का जोखिम है।
  • यदि आप एक मध्य आयुवर्ग वाले व्यक्ति हैं और आपने हाल ही में कोई कोलोनोस्कोपी नहीं कराई है।

इस दौरान रोगी को एनेस्थीसिया की जरूरत पड़ सकती है।

फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी (Flexible Sigmoidoscopy)

यह कोलोनोस्कोपी की जगह किया जाता है और ज्यादातर मरीजों को इसमें एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है।

बवासीर की जाँच करने वाले उपकरण – Piles Ki Janch Karne Wale Instruments

ज्यादातर मामलों में बवासीर का निदान करने के लिए एनोस्कोप, प्रॉक्टोस्कोप काफी है। गंभीर मामलों में या कैंसर की आशंका होने पर डॉक्टर  कोलोनस्कोप और सिग्मोइडोस्कोप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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निदान के बाद

निदान के बाद बवासीर पाए जाने पर डॉक्टर पाइल्स के ग्रेड अनुसार आपको उपचार की सलाह देंगे।

  • ग्रेड-1 की बवासीर को घरेलू नुस्खे, खानपान में बदलाव और कुछ दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है। 
  • ग्रेड-2 और ग्रेड-3 की बवासीर का उपचार करने के लिए लेजर सर्जरी बेस्ट आप्शन है।
  • ग्रेड-4 की बवासीर के लिए स्टेप्लिंग के साथ लेजर सर्जरी की जाती है, कई मामलों में ओपन सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।

ग्रेड-1 के बाद की बवासीर का उपचार करने के लिए कई सर्जिकल प्रक्रियाएं उपलब्ध है, लेकिन उनमें से लेजर सर्जरी सबसे अच्छी प्रक्रिया होती है।

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Pristyn Care से करें संपर्क

यदि आप अपने बवासीर की सटीक जाँच करवाना चाहते हैं और बवासीर के ग्रेड के अनुसार उचित उपचार जानना चाहते हैं तो आप Pristyn Care में फोन कर सकते हैं या अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

Pristyn Care 30 से अधिक शहरों और कई कस्बों में फैला है। हमारे पास अनुभवी सर्जन/डॉक्टर की टीम है जो बवासीर का उचित निदान और सही उपचार करते हैं।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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