बवासीर (Piles) गुदा की एक बीमारी है, जिसमें गुदा के अंदर या बाहर सूजन हो जाता है और मस्से बनने लगते हैं। बवासीर होने पर उठने-बैठने या सोते समय तेज दर्द होता है। पाइल्स के रोगी को सबसे ज्यादा परेशानी बैठते समय होती है। बैठने के लिए गुदा को इस्तेमाल में लाया जाता है लेकिन, बवासीर होने पर गुदा चोटिल रहती है। ऐसे में व्यक्ति अगर बैठने की कोशिश करता है तो गुदा में प्रेशर पड़ता है और दर्द उत्पन्न होता है। ऐसे में बवासीर के लिए सबसे अच्छी बैठने की स्थिति क्या हो सकती है?, यह सवाल हर रोगी के मन में आता होगा।
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आज हम बैठने की उन ख़ास स्थितियों को जानेंगे जो पाइल्स के दर्द से राहत दिला सकती हैं।
बवासीर के लिए सबसे बेहतर सिटिंग पोजीशन – bawasir me kaise baithe
डोनट के आकार की तकिया में बैठें (doughnut shape cushion)
डोनट के आकार वाली तकिया में बैठने से आपको दर्द महसूस नहीं होगा। किसी कठोर जगह जैसे-कुर्सी या टेबल में बैठने से गुदा में दबाव उत्पन्न होता है, जिससे दर्द होता है। डोनट के आकार की तकिया एक स्विमिंग ट्यूब की तरह होती है जो बीच मे खाली होती है। इस तरह के तकिए में बैठने से आपका गुदा सतह के सीधे संपर्क में नहीं आएगा। किसी कठोर सतह के ऊपर नार्मल बैठ जाने से दर्द बढ़ेगा साथ ही बीमारी बढ़ने का खतरा भी रहेगा।
नितंब के नीचे फोम वेज (foam wedge) रखें
नितंबो या जांघों के नीचे फोम वेज रख सकते हैं। वेज फोम मुलायम होते हैं जिनका प्रयोग करने से सूजन वाले क्षेत्र में धक्का नहीं लगेगा। आप एक मुलायम टॉवल का रोल बनाकर भी नितंबो के नीचे रख सकते हैं। टॉवल रोल या फोम वेज का प्रयोग करने से पाइल्स से प्रभावित क्षेत्र ऊपर की ओर रह पाएंगे और दर्द कम होगा। आप सोते वक्त भी यही तरीका अपना सकते हैं।
घुटनो के नीचे तकिया रखें
बवासीर मुख्य रूप से दर्द तब देता है जब गुदा मार्ग में दबाव बने। ऐसे में सोते समय आपको विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। अगर गलती से भी गुदा, सतह से सीधा संपर्क में आता है तो तेज दर्द होने लगता है। आमतौर पर हमारे पेट का कुछ वजन पेल्विक फ्लोर पर भी पड़ता है इसलिए, घुटना के नीचे तकिया रखें।ऐसा करने से पेल्विक फ्लोर को एब्डोमिनल क्षेत्र का वजन नहीं सहना पड़ेगा जिससे दर्द नहीं होगा। दिन भर की थकान के बाद पेल्विक माँसपेशियों को आराम पंहुचाने का ये बेहतर तरीका है और बवासीर के रोगियों को यह जरूर अपनाना चाहिए।
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मल त्याग करते वक्त किस स्थिति में बैठें?
बवासीर के रोगी को मल का त्याग करते वक्त तरह-तरह की परेशानियाँ झेलनी पड़ती है। टॉयलेट सीट की सतह कठोर होती है जिससे दर्द अधिक होता है। टॉयलेट सीट में हमेशा स्क्वैट पोजीशन (squat position) में बैठना चाहिए। इस पोजीशन में बैठकर मल त्याग करने से मल आसानी से निकल जाता है। यह बवासीर के खतरे को भी कम करता है। स्क्वैट पोजीशन में बैठने के साथ टॉयलेट के नीचे एक स्टूल रखें और इसी स्टूल में पैरों को रखें। ऐसा करने से स्फिंक्टर मासपेशियों को आराम मिलेगा। स्फिंक्टर मासपेशियों को चोट पहुँचने पर हम शौच पर अपना नियंत्रण खो सकते हैं जो पाइल्स का कारण बन सकता है।
टॉयलेट सीट में ज्यादा देर तक न बैठें
कुछ लोग टॉयलेट सीट पर बेवजह बैठे रहते हैं। पाइल्स के रोगी को ऐसा बिल्कुल नहींं करना चाहिए। अधिक देर तक टॉयलेट सीट में बैठकर मोबाइल चलाना या न्यूज़ पेपर पढ़ना खतरनाक हो सकता है। टॉयलेट सीट की सतह कठोर होती है और इसमें देर तक बैठने से गुदा क्षेत्र की रक्त वाहिकाओं में दबाव पड़ेगा जिससे दर्द बढ़ने की संभावना हो सकती है। पाइल्स होने पर अधिक देर तक टॉयलेट सीट में बैठे रहने से खून भी निकल सकता है।
रबर की ट्यूब (rubber ring cushions) पर न बैठें
बवासीर से पीड़ित हैं तो कुछ लोग आपको रबर ट्यूब पर बैठने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। रबर ट्यूब पर बैठने से प्रेशर बढ़ता है जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकता है। यह गुदा क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को भी प्रभावित करता है।
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खिंचाव पर ध्यान दें
ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए जो गुदा क्षेत्र में खिंचाव की स्थिति पैदा करे। ऐसा करने से बवासीर के मस्सों के पास का रक्त प्रवाह असामान्य हो सकता है। खिंचाव युक्त कार्य जैसे वजन उठाना, टॉयलेट सीट पर घंटो बैठना, एक्सरसाइज करना आदि न करें। इस तरह के कार्य करने से सूजन बढ़ जाता है और रक्त का स्त्राव होने लगता है।
बवासीर के दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो सबसे पहले माँसपेशियों के सूजन को दूर करना होगा। इसके लिए, आप सिट्ज बाथ (sitz bath) कर सकते हैं। इससे दर्द और सूजन कम होगा। बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए और मिर्च मसाले नहीं खाना चाहिए।
अगर ये सभी उपाय काम नहीं आ रहे हैं तो बवासीर का लेजर ट्रीटमेंट करा सकते हैं। एडवांस उपकरणों के उपयोग से Pristyn Care में दर्द रहित लेजर सर्जरी की जाती है। बवासीर की लेजर सर्जरी कराने से आप 3 दिनों के भीतर स्वस्थ हो सकते हैं और आपको अधिक समय तक हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत भी नहीं होती है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|