कैरियर पर ध्यान देना जैसे आदि कई ऐसे निजी कारण हैं जो गर्भनिरोधक दवाइयों का उपयोग करने के लिए महिलाओं को मजबूर बनाते हैं। अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए कानून ने भी गर्भनिरोधक दवाइयों का उपयोग करने की इजाजत दी है।
गर्भनिरोधक दवाइयाँ क्या हैं?
गर्भनिरोधक दवाइयां एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन को मिलाकर तैयार की जाती हैं। ये हार्मोन दिमाग को ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) को रिलीज करने से रोकते हैं और इस तरह से महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। LH और FSH हार्मोन अंडे के निर्माण और गर्भाशय के अस्तर के डेवलपमेंट में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसके अलावा प्रोजेस्टिन एक प्रकार का यूटेराइन म्यूकस बनाता है जो अंडे को चारो तरफ से कवर कर लेते हैं और स्पर्म को उसमें प्रवेश करने से रोकते हैं।
गर्भनिरोधक दवाइयों के प्रकार – Types of Contraceptive Pills in Hindi
गर्भनिरोधक दवाइयों के तीन प्रकार हैं:-
संयोजित गोलियां (Combination Pills)
इन गोलियों को एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह गर्भावस्था से बचाव करने में बहुत सहायक होती हैं। इन्हें तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है।
- मोनोफेसिक गोलियां (Monophasic Pills) – इन गोलियों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन की बराबर मात्रा मिली होती है। इसके कुल 21 खुराक होते हैं। लगातार 1 गोली प्रतिदिन 21 दिनों तक खाई जाती है और अगले 7 दिन तक 7 ऐसी गोली खाई जाती है जिसमें ये दोनों हार्मोन नहीं होते हैं। इसकी खुराक खत्म करने के बाद पीरियड्स आ जाता है।
- मल्टीफेसिक गोलियां (Multi Phasic) – इसमें कई प्रकार की गोलियां होती हैं जो एक महीने के साइकिल में अलग-अलग लेवल का हार्मोन प्रदान करती हैं। उदाहरण के तौर पर बाईफेजिक गोलियों में 21 दिन तक एस्ट्रोजन का लेवल एक जैसा होता है, जबकि 14 दिन बाद प्रोजेस्टिन का लेवल अधिक हो जाता है।
ठीक इसी तरह ट्राई फेसिक में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन दोनों के लेवल अलग-अलग होते हैं।
- एक्सटेंडेड साइकिल गोलियां (Extended Cycle Pills) – ये गोलियां लगातार 13 सप्ताह तक लेनी पड़ती हैं। 12 सप्ताह तक हार्मोनल गोली दी जाती हैं और एक सप्ताह तक सामान्य गोली दी जाती है जिसमें हॉर्मोन नहीं होता है। और महिला को पीरियड्स आ जाते हैं। इससे महिला को साल भर में सिर्फ 3 से 4 बार पीरियड्स होते हैं।
प्रोजेस्टिन गोलियां (Progestin only pills)
प्रोजेस्टिन पिल्स में सिर्फ प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है, और इसकी मदद से ही गर्भधारण होने से रुकता है। यह उन महिलाओं को दी जाती है, जो स्तनपान कराती हैं या उन्हें एस्ट्रोजन से जुड़ी कोई स्वास्थ्य बीमारी है। इसमें महिला को साइकिल के अनुसार हर दिन एक्टिव पिल्स खानी पड़ती है, मतलब हर गोलियों में प्रोजेस्टिन पाया जाता है।
इन्हें मिनी पिल्स भी कहा जाता है।
इमरजेंसी गर्भनिरोधक दवाइयाँ (emergency contraceptive pills)
इनके नाम से ही पता चलता है कि ये आपातकालीन गर्भनिरोधक दवाइयाँ हैं। जिसे हम एबॉर्शन पिल्स भी कहते हैं ये असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कुछ ही घंटे बाद खाई जाती हैं। जितना जल्दी खाएंगे, ये गोलियां उतना ही असर दिखाएंगी।
इमरजेंसी गर्भनिरोधक दवाइयाँ और गर्भनिरोधक दवाइयाँ में क्या अंतर है?
इनके बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि गर्भ निरोधक दवाइयों गर्भधारण करने में बचाव करती हैं, मतलब यदि आपने सेक्स करने के बाद इनका इस्तेमाल करना शुरू किया है तो इनसे गर्भपात नहीं किया जा सकता है।
जबकि इमरजेंसी पिल्स सेक्स के बाद 72 घंटे के भीतर खाई जा सकती है और यह गर्भधारण को रोकने में मदद करेगी।
गर्भनिरोधक दवाइयों के नाम और उपयोग करने का तरीका – Name Of The Birth Control Pills
इमरजेंसी गर्भनिरोधक दवाइयाँ
असुरक्षित सम्भोग करने के उपरान्त यदि कुछ ही घंटों के भीतर एक इमरजेंसी पिल्स का सेवन कर लिया जाए तो गर्भ ठहरने की कोई संभावना नहीं होती है। कुछ इमरजेंसी पिल्स नीचे दी गई हैं, जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह लेकर उपयोग कर सकती हैं-
- अनवांटेड 72
ये एक प्रकार की आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली है जो असुरक्षित सेक्स करने के बाद ७२ घंटे के भीतर खाई जाती है। इसमें लेवोनोर्गेस्ट्रेल होता है जो रक्त में जाकर ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH) को बनने से रोककर ओवुलेशन को रोक देता है। यदि ओवरी से अंडा रिलीज हो गया है तो यह गोली इसका स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन को रोककर काम करती है। यदि फर्टिलाइजेशन भी हो गया है तो यह दवा अंडे को गर्भाशय में इम्प्लांट होने से रोककर अपना काम पूरा करती है|
यह एक सिंगल डोज टेबलेट है जो भारत में गर्भपात के लिए प्रसिद्ध है और इसे कोई भी महिला घर में खा सकती है।
हालांकि, यदि गोली खाने के बाद महिला को किसी भी तरह के साइड-इफ़ेक्ट दिखाई देते हैं तो बिना देरी किए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- आई पिल
यह भी एक प्रकार की आपातकालीन गर्भनिरोधक दवा है जो बिल्कुल अनवांटेड 72 की तरह काम करती है। आई-पिल्स का भी मेन कॉम्पोनेन्ट लेवोनोर्गेस्ट्रेल है।
इसके अलावा भी कई तरह की ब्रांड हैं जो आपातकालीन गर्भनिरोधक दवाइयों का निर्माण करती हैं। ऊपर बताई गई दोनों दवाइयाँ या अन्य इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग करने से पहले किसी डॉक्टर से बात जरूर करें। यदि आप चाहें तो हमें भी फोन कर सकते हैं।
कॉम्बिनेशन पिल्स
- माला-एन (Mala-N)
ये एक प्रकार की मोनोफेसिक गोली है, जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन की बराबर मात्रा से मिलकर बनी होती है। ये अंडे को रिलीज होने से रोककर गर्भधारण से बचाव करती है। इसके अलावा यदि अंडा रिलीज हो गया और फर्टिलाइज हो चुका है तो यह गर्भाशय के अस्तर को कुछ ऐसा बना देती है जिससे अंडा इम्प्लांट नहीं हो पाता है। माला-एन की कुल 28 खुराक होती हैं। जिसमें दो प्रकार की गोलियां होती हैं। एक हार्मोनल पिल्स और दूसरी इनएक्टिव पिल्स।
21 दिन तक हार्मोनल पिल्स का सेवन करना पड़ता है और 7 दिन तक इनएक्टिव पिल्स का। डोज ख़त्म होने के बाद महिला के पीरियड्स आ जाते हैं।
माला-एन के अतिरिक्त भी कई हार्मोनल पिल्स हैं जो गर्भनिरोधक के रूप में उपयोग की जाती हैं। माला-एन समेत अन्य अन्य हार्मोनल पिल्स का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
प्रोजेस्टिन ऑनली पिल्स (Progestin Only Pills)
- सेराज़ेट टैबलेट (Cerazette Tablet)
यह एक गर्भनिरोधक दवा है जो Desogestrel से बना होता है, Desogestrel एक प्रकार सिंथेटिक प्रोजेस्टिन है। यह गर्भवती महिलाओं द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है। यह अंडाशय से अंडे को निकलने से रोकता है या फिर अंडे को स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होने से रोकता है। इसके अलावा यदि दोनों ही प्रकियाएं फेल हो जाती हैं तो ये दवा गर्भाशय के अस्तर में परिवर्तन कर देती है जिससे अंडा इम्प्लांट नहीं हो पाता है।
इसके अलावा भी बहुत सी प्रोजेस्टिन ऑनली पिल्स उपलब्ध हैं, सेराजेट या अन्य पिल्स में किसी का भी सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
गर्भनिरोधक दवाइयों के दुष्प्रभाव – Side Effects Of Birth Control Pills
हालांकि, गर्भनिरोधक दवाइयों से दुष्प्रभाव नहीं होता है, लेकिन कई दुर्लभ मामले में महिला को निम्न दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
- ये दवाइयाँ गर्भधारण में बचाव करती हैं न कि गर्भपात करती हैं।
- गर्भधारण से बचाव के लिए आपको रोज नियमित रूप से एक गोली का सेवन करना पड़ेगा। यदि आप नहीं चाहते हैं कि आपको रोज इसे खाना पड़े तो आईयूडी का उपयोग करें।
- मितली हो सकती है।
- स्तन कोमल पड़ सकते हैं।
- सिर दर्द और माइग्रेन जैसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
- वजन बढ़ जाना
- मूड स्विंग
- सेक्स की इच्छा में कमी
- योनि से बदबूदार स्राव होना
- आँखों के कोरोना का मोटा हो जाना
यदि ये दुष्प्रभाव नजर आते हैं तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
गर्भनिरोधक दवा और बीमारी
यदि आप पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं या कोई दवा का सेवन कर रही हैं तो आपको गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में एक बार बात कर लेना चाहिए। अन्यथा कोई जटिलता हो सकती है।
Pristyn Care से करें संपर्क
यदि आप गर्भवती हो चुकी हैं तो ये दवाइयाँ काम नहीं आएंगी, ये दवाइयाँ सिर्फ गर्भधारण होने से रोकती हैं न कि गर्भपात करती हैं।
गर्भपात को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी भी कहते हैं। यह खुद से नहीं की जानी चाहिए बल्कि डॉक्टर के देख-रेख में की जानी चाहिए।
यदि आप किसी निजी कारणवश गर्भवती हो गई हैं और बच्चा नहीं चाहती हैं तो हमें फोन कर सकती हैं या अपॉइंटमेंट बुक कर सकती हैं, हमारे अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भपात की प्रक्रिया को पूरी सुरक्षा के साथ करते हैं और महिला के स्वास्थ्य का पूरा ख़याल रखा जाता है।
शर्माएं नहीं! आज ही फोन करें या अपॉइंटमेंट बुक करें, दोनों ही बिल्कुल मुफ्त है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|