आज बच्चे, वयस्क और बूढ़े सभी घंटों कंप्यूटर, मोबाईल या टीवी स्क्रीन के सामने अपना समय बिता रहे हैं जिसके कारण उन्हें दृष्टि से संबंधित ढेरों बीमारियां होती हैं। एस्टिग्मेटिज्म भी इन्ही में से एक है। एस्टिग्मेटिज्म की समस्या कॉर्निया के आकार में अनियमितता होने के कारण होती है। कॉर्निया में अनियमितता होने के कारण आंखों में जा रही रोशनी रेटिना पर समान रूप से केंद्रित नहीं होती है जिसके कारण इस बीमारी से पीड़ित मरीज को चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। अगर आप एस्टिग्मेटिज्म के कारण, लक्षण, निदान और इसके बेहतरीन इलाज के बारे में जानना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह ब्लॉग खास आपके लिए है।
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एस्टिग्मेटिज्म क्या है — Astigmatism In Hindi — What Is Astigmatism In Hindi — Astigmatism Kya Hai
एस्टिग्मेटिज्म आंखों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर बीमारी है। आंखों में मौजूद लेंस और कॉर्निया गोल होते हैं। लेकिन जब यह दोनों किसी कारण अपने रूप से कम या ज्यादा गोल हो जाते हैं तो आंखों में जाने वाली रोशनी रेटिना पर पूर्ण रूप से केंद्रित नहीं हो पाती है जिसके कारण मरीज को नज़दीक या दूर की चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। आमतौर पर एस्टिग्मेटिज्म की समस्या मायोपिया (दूर की चीजें धुंधली दिखाई देना) या हाइपरोपिया (पास की चीजें धुंधली दिखाई देना) के साथ होती है। दृष्टि से संबंधित इन तीनों बीमारियों को मेडिकल की भाषा में रिफ्रैक्टिव एरर के नाम से जाना जाता है। विशेषज्ञ का मानना है कि अधिकतर मामलों में एस्टिग्मेटिज्म बच्चों में पाया जाता है। हालांकि, यह वयस्कों में भी धीरे-धीरे विकास कर सकता है। आमतौर पर एस्टिग्मेटिज्म का इलाज करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं।
एस्टिग्मेटिज्म के कारण — Causes Of Astigmatism In Hindi — What Are The Causes Of Astigmatism In Hindi — Astigmatism Kyun Hota Hai
एस्टिग्मेटिज्म के ढेरों कारण हैं जिनके बारे में अगर आपको पहले ही मालूम हो जाए तो आप कुछ सावधानियां बरतने के बाद खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं। एस्टिग्मेटिज्म के निम्लिखित कारण हैं।
- अनुवांशिक
- आंख की सर्जरी
- आंख में चोट लगना
- कम लाइट में पढ़ना
- आंख से संबंधित कोई बीमारी से पीड़ित होना
- कुछ मामलों में केरेटोकोनस नामक बीमारी भी इसका कारण बन सकती है
- लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने समय बिताना और आवश्यक दूरी का ध्यान नहीं देना
एस्टिग्मेटिज्म के लक्षण — Symptoms Of Astigmatism In Hindi — What Are The Symptoms Of Astigmatism in Hindi — Astigmatism Ke Kya Lakshan Hai
दूसरी बीमारियों की तरह एस्टिग्मेटिज्म के भी काफी लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आपको इस बात का अंदाजा लग सकता है कि आप एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित हैं। डॉक्टर भी एस्टिग्मेटिज्म का निदान इसके लक्षणों के आधार पर ही करते हैं। एस्टिग्मेटिज्म के निम्नलिखित लक्षण हैं।
- चक्कर आना
- सिर में दर्द होना
- दृष्टि का धुंधला होना
- आंखों में दबाव महसूस करना
- किसी भी वस्तु को देखने में परेशानी होना
- चीजों को देखने के लिए आंखो को सिकुड़ना
- वस्तुओं के आकार को पहचानने में दिक्कत आना
अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं या एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित हैं तो आपको जल्द से जल्द किसी अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलकर अपने आंखों का उचित जांच और इलाज कराना चाहिए।
एस्टिग्मेटिज्म का निदान — Diagnosis Of Astigmatism In Hindi — Astigmatism Ka Nidan Kaise Kiya Jata Hai
एस्टिग्मेटिज्म का इलाज करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज के आंखों की विस्तृत जांच करते हैं ताकि एस्टिग्मेटिज्म के कारण, प्रकार और गंभीरता को अच्छी तरह समझ सकें। जांच के दौरान, डॉक्टर आपकी निकट दृष्टि दोष या दूर दृष्टि दोष का पता लगाने के लिए ढेरों उपकरण का इस्तेमाल करते हैं। डॉक्टर आपको धीमी या तेज रोशनी में तथा कई प्रकार के लेंसों से देखने के लिए बोल सकते हैं। इन सभी परीक्षण की मदद से डॉक्टर को दृष्टि से संबंधित समस्याओं और उनके सटीक इलाज के बारे फैसला लेने में मदद मिलती है। जांच की प्रक्रिया खत्म होने के बाद, डॉक्टर एस्टिग्मेटिज्म के इलाज के माध्यम का चुनाव करते हैं।
एस्टिग्मेटिज्म का इलाज — Treatment Of Astigmatism In Hindi — Astigmatism Ka Ilaj Kaise Kiya Jata Hai
आमतौर पर एस्टिग्मेटिज्म का इलाज करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल का सुझाव देते हैं। चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस से एस्टिग्मेटिज्म का इलाज किया जा सकता है, लेकिन इन्हे एस्टिग्मेटिज्म का बेस्ट इलाज नहीं माना जाता है। साथ ही, काफी लोगों को हमेशा चश्मा पहनना या कॉन्टेक्ट लेंस लगाना पसंद नहीं है। ऐसे में लेसिक सर्जरी एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आता है। लेसिक सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे दृष्टि से संबंधित बीमारियां जैसे कि मायोपिया (दूर की चीजें धुंधली दिखाई देना), हाइपरोपिया (पास की चीजें धुंधली दिखाई देना) और एस्टिग्मेटिज्म का बेस्ट इलाज किया जा सकता है।
एस्टिग्मेटिज्म की लेसिक सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल नेत्र सर्जन की देखरेख में पूरा किया जाता है। इस सर्जरी को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज की आंखों में एनेस्थेटिक ड्रॉप डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का खतरा खत्म हो जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद, सर्जन लेजर बीम की मदद से कॉर्निया को एक नया शेप दे देते हैं जिसके बाद एस्टिग्मेटिज्म की समस्या खत्म हो जाती है। एस्टिग्मेटिज्म की लेसिक सर्जरी को पूरा होने में मात्र 30 मिनट का समय लगता है। इस सर्जरी के दौरान मरीज को कट या टांके नहीं आते हैं और ब्लीडिंग तथा दर्द का सामना भी नहीं करना पड़ता है।
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एस्टिग्मेटिज्म की लेसिक सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है। इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। लेसिक सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इस सर्जरी के दौरान मरीज को कट, टांके या ब्लीडिंग नहीं होने के कारण रिकवरी बहुत तेजी से होती है। एस्टिग्मेटिज्म की लेसिक सर्जरी के मात्र दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू भी कर सकते हैं। अगर आपको एस्टिग्मेटिज्म है और आप कम से कम समय में इसका बेस्ट इलाज कराना चाहते हैं तो आपको एक विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद लेसिक सर्जरी का चुनाव करना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|