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गर्भपात के पहले, दौरान और बाद में मरीज को इलाज की आवश्यकता होती है। इसे ही गर्भपात का इलाज यानी मिसकैरेज ट्रीटमेंट कहते हैं। आमतौर पर दिल्ली में गर्भपात उपचार का खर्च लगभग 2000 रुपए से लेकर 50000 रुपए तक आता है। हालाँकि, यह इसका फाइनल कॉस्ट नहीं है। इसमें बदलाव आ सकता है।

दिल्ली में गर्भपात (मिसकैरेज) के इलाज का खर्च काफी चीजों पर निर्भर करता है जिसमें इलाज का प्रकार, नैदानिक परिक्षण का खर्च, डॉक्टर का अनुभव, क्लिनिक का लोकेशन, इलाज के बाद हॉस्पिटलाइजेशन, दवाएं और फॉलो-अप मीटिंग आदि शामिल हैं।

गर्भपात को प्रेगनेंसी खत्म होना या प्रेगनेंसी लॉस के नाम से भी जाना जाता है। इसे अंग्रेजी में मिसकैरेज कहते हैं। गर्भ में पल रहे भ्रूण के स्वतंत्र रूप से विकसित न होने या मृत होने पर गर्भपात होता है। इस दौरान भ्रूण रक्त के रूप में गर्भाशय यानी यूटेरस से बाहर निकल जाता है। गर्भपात के समय काफी हेवी व्लडिंग होती है। अबॉर्शन के बाद बाद क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए के बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो यह ब्लॉग “अबॉर्शन के बाद की सावधानियां – डॉक्टर से कब बात करें” को पढ़ें।

प्रमुख बिंदु

  • उचित निदान परीक्षणों की मदद से कुछ दिनों पहले ही आपके डॉक्टर को पता चल सकता है कि आपको अगले कुछ दिनों में गर्भपात हो सकता है। इस मामले में, डॉक्टर गर्भपात को जल्दी होने में मदद करने के लिए दवाएं निर्धारित कर सकते हैं या जरूरत पड़ने पर सर्जरी की मदद से भ्रूण और गर्भावस्था के ऊतक को गर्भाशय से बाहर निकाल सकते हैं।
  • गर्भपात पूर्ण या आंशिक हो सकता है। यदि गर्भपात अधूरा होता है तो इसे आंशिक या अपूर्ण गर्भपात (इन्कम्प्लीट मिसकैरेज) कहा जाता है।
  • जिस महिला को पहले गर्भपात हो चूका है वह फिर से गर्भवती हो सकती है और एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।
  • गर्भपात के बाद प्रेगनेंसी से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप इस ब्लॉग “महिलाएं अबॉर्शन के कितने दिन बाद प्रेग्ननेंट हो सकती हैं?” को पढ़ सकती हैं। इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद आप अपनी प्रेगनेंसी की बेहतर प्लानिंग कर सकती हैं।

गर्भपात के इलाज प्रकार

मुख्य रूप से गर्भपात का उपचार तीन तरह से किया जाता है जिनमें एक्सपेक्टेंट मैनेजमेंट, मेडिकल उपचार और सर्जिकल उपचार शामिल हैं।

01. एक्सपेक्टेंट मैनेजमेंट

दिल्ली में गर्भपात के लिए अपेक्षित प्रबंधन का खर्च लगभग 2000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक आता है। एक्सपेक्टेंट मैनेजमेंट को अपेक्षित प्रबंधन कहते हैं। इसके अंतर्गत आप अपने डॉक्टर की निगरानी में जल्द से जल्द गर्भपात होने का इंतजार करती हैं। लगभग 4 में से 1 महिला को डाइलेशन और क्यूरेटेज (Dilation and Curettage – D&C) की जरूरत पड़ती हैं। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके दौरान गर्भाशय से प्रेगनेंसी को पूर्ण रूप से बाहर निकाल दिया जाता है।

02. गर्भपात का मेडिकल उपचार

दिल्ली में गर्भपात के मेडिकल उपचार का खर्च लगभग 2500 रुपए से लेकर 10000 रुपए तक आता है। जब गर्भपात प्रेगनेंसी के 28 सप्ताह के भीतर होता है तो मेडिकल इलाज को इसका सबसे बेहतर उपचार माना जाता है।

इस उपचार में कुछ निर्धारित दवाएं शामिल होती हैं और यह 80-90 प्रतिशत मामलों में सफल होता है। इस दौरान इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं सर्विक्स को खुलने और प्रेगनेंसी को बाहर निकलने में मदद करती हैं।

कुछ मामलों में आपको दवाओं की एक से अधिक खुराक की जरूरत पड़ सकती है। अगर आपकी प्रेगनेंसी की अवधि 12 सप्ताह से कम है तो आपको डॉक्टर के साथ फॉलो-अप्स मीटिंग करने की आवश्यकता होती है। प्रेगनेंसी की अवधि 13 सप्ताह से अधिक होने पर हॉस्पिटल में एडमिशन की आवश्यकता पड़ सकती है।

03. गर्भपात का सर्जिकल उपचार

दिल्ली में गर्भपात के सर्जिकल इलाज का खर्च लगभग 20000 रुपए से लेकर 40000 रुपए तक आता है। गर्भपात के सर्जिकल उपचार में डाइलेशन और क्यूरेटेज शामिल है। इलाज की इस प्रक्रिया को एनेस्थीसिया के प्रभाव में पूरा किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रेगनेंसी उत्तक को गर्भाशय से पूरी तरह बाहर निकाल देती हैं।

अगर आप अबॉर्शन के एक-एक स्टेप को अच्छे से समझना चाहती हैं तो यह ब्लॉग “अबॉर्शन यानी गर्भपात कैसे होता है?” को अवश्य पढ़ना चाहिए। इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद गर्भपात को लेकर आपके मन में जो गलतफहमियां हैं वो दूर हो जाएंगी। इस ब्लॉग में गर्भपात की पूरी प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक तरीके से बताया गया है।

गर्भपात के इलाज का खर्च कैसे प्रभावित होता है?

गर्भपात के इलाज के अनेकों तरीके उपलब्ध हैं, लेकिन डॉक्टर नैदानिक परीक्षणों के रिजल्ट को ध्यान में रखते हुए सबसे बेहतर उपचार का चयन करते हैं।

निम्नलिखित कारक गर्भपात के खर्च को प्रभावित करते हैं:-

01. इलाज का प्रकार

आपके डॉक्टर किस प्रकार के उपचार विकल्प चुनते हैं, वह गर्भपात के इलाज की कुल लागत को बड़े स्तर पर प्रभावित करता है। गर्भपात का इलाज मुख्यत तीन तरह से किया जाता है जिसमें एक्सपेक्टेंट मैनेजमेंट, मेडिकल और सर्जिकल उपचार शामिल हैं।

अपने इलाज के माध्यमों के बारे में जानकारी होना आपके लिए फायदेमंद होता है। गर्भपात के ये तीनों उपचार सुरक्षित हैं जो आपकी भविष्य की गर्भधारण को प्रभावित नहीं करते हैं। आपके डॉक्टर इन सभी विकल्पों के बारे में आपके साथ विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि सबसे बेहतर इलाज का चयन किया जा सके।

02. इलाज के दौरान किए जाने वाले नैदानिक परीक्षण

आमतौर पर, स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था के प्रकार और अवधि की पुष्टि करने के लिए पैल्विक अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं। गर्भपात से पहले प्रेगनेंसी की अवधि की जानकारी प्राप्त करते हैं और गर्भपात हो जाने पर गभर्पात पूर्ण या आंशिक रूप से हुआ है आदि की पुष्टि करते हैं।

सर्जिकल गर्भपात के दौरान या बाद में जटिलताओं के संभावित जोखिम सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर अन्य चिकित्सीय स्थितियों का पता लगाने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण का भी सुझाव दे सकते हैं। इन परीक्षणों की लागत गर्भपात के उपचार के खर्च को काफी हद तक निर्धारित करते हैं।

03. स्त्री रोग विशेषज्ञ का अनुभव

स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भपात का इलाज करती हैं। डॉक्टर का अनुभव, कुशलता और विशेषज्ञता गर्भपात के इलाज के खर्च को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। आमतौर पर एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ की परामर्श फीस उस डॉक्टर की तुलना में अधिक होती है जिसके पास अनुभव कम या नहीं होता है।

04. क्लिनिक का ट्रैक रिकॉर्ड

आमतौर पर, सर्जिकल गर्भपात में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले पंजीकृत एमटीपी क्लिनिक में सर्जिकल गर्भपात का खर्च सामान्य एमटीपी क्लिनिक की तुलना में बहुत अधिक होती है।

उपरोक्त सभी के अलावा, स्त्री रोग विशेषज्ञ दर्द में मदद करने और संक्रमण के जोखिम को दूर करने के लिए कुछ दवाएं निर्धारित करते हैं। इन दवाओं का खर्च भी आपके गर्भपात के खर्च में जुड़ता है।

साथ ही, इलाज के दौरान आपको अपने डॉक्टर के साथ फॉलो-अप मीटिंग करने की आवश्यकता भी हो सकती है। फॉलो-अप मीटिंग के दौरान आपको एक्स्ट्रा फीस देने पड़ती है जो अंतत आपके इलाज के खर्च में जुड़ता है।

निष्कर्ष 

गर्भपात के इलाज का खर्च इलाज का प्रकार, क्लिनिक की विश्वसनीयता और दूसरे पहलुओं के लिहाज से बदल सकता है। आमतौर पर गर्भपात के बाद ठीक होने में 1-3 सप्ताह तक का समय लगता है। हालाँकि, कुछ ख़ास बातों पर ध्यान देने पर रिकवरी थोड़ी जल्दी हो सकती है।

खासतौर गर्भपात के बाद एक महिला को अपने खान-पान पर ख़ास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। गर्भपात के बाद एक महिला का डाइट कैसा होना चाहिए आदि के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप इस ब्लॉग “गर्भपात के बाद क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – गर्भपात के बाद का डाइट चार्ट” को पढ़ सकती हैं।