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नाक के भीतर दो मार्ग होते हैं, जिन्हें नेज़ल कैविटी (nasal cavity) कहते हैं। इन दोनों मार्ग के बीच से एक हड्डी गुजरती है जिसे नेज़ल सेप्टम (nasal septum) कहते हैं।
जब सेप्टम अपने जगह से खिसक जाती है तो इस स्थिति को नाक का टेढ़ा या डेविएटेड नेजल सेप्टम (deviated nasal septum) होना कहते हैं। नाक की हड्डी टेढ़ी होने पर नाक की एक नली दूसरी नली से चौड़ी या पतली हो सकती है।
नाक में चोट लगने के कारण नेज़ल सेप्टम टेढ़ा हो सकता है और कुछ लोगों में यह जन्म से ही टेढ़ा रहता है। आपके नाक ही हड्डी टेढ़ी है या नहीं, इसका पता नीचे दी गए’ लक्षणों को देखकर लगा सकते हैं-
- नाक से खून आना
- चेहरे, नाक और आँखों में दर्द रहना
- नाक छूने पर दर्द
- सोते समय साँस लेने के दौरान आवाज़ आना
- नाक कि नली (एक या दोनों) का रुक जाना
- किसी एक तरफ मुड़कर सोने में सहजता महसूस होना
पढ़ें- बिना सर्जरी नाक की टेढ़ी हड्डी का इलाज
नाक की टेढ़ी हड्डी का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है। नेजल स्टेरॉयड स्प्रे (nasal steroid spray), एंटीहिस्टामिन दवाइयाँ (anti-histamine) और डिकंजेस्टेन्ट (Decongestant) आदि तरीकों से टेढ़ी नेज़ल सेप्टम का इलाज संभव है। अगर ये तरीके काम नहीं करते हैं तो फिर नाक की सर्जरी (सेप्टोप्लास्टी) की जाती है।
नाक की टेढ़ी हड्डी के लिए योग
योग के जरिए भी नाक के टेढ़ेपन का इलाज किया जा सकता है। कुछ विशेष प्रकार के योग मौजूद हैं जो नाक के टेढ़ेपन का इलाज करते हैं और इसके लक्षणों को भी दूर करते हैं। योग के माध्यम से इलाज करने का सबसे बड़ा फायदा है कि, हमें किसी भी प्रकार के साइडइफ़ेक्ट नही झेलने पड़ते हैं।
नाक की नली में रुकावट या नाक की टेढ़ी हड्डी को ठीक करने के लिए आप नीचे बताए गए योग कर सकते हैं।
सर्वांगासन
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सर्वांगासन में आपको रीढ़ कि हड्डी सीधी करके उल्टा खड़ा होना पड़ता है। सर्वांगासन से गले के क्षेत्र में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है जो आँख और नाक के लिए फायदेमंद होता है। यह रोग साइनस क्षेत्र को साफ़ करता है जिससे साँस लेने में तकलीफ़ नहीं होती है।
- किसी समतल जगह पर लेट जाएँ और पैरों को एक-दूसरे से सटाकर सीधा रखें।
- अब पैरों को धीरे-धीरे ऊपर ले जाएँ।
- अपने कमर को हाथों से सहारा दे सकते हैं।
- कमर और पैर ऊपर कि ओर सीधी स्थिति में होने चाहिए।
- जमीन और गर्दन के बीच का कोण 90 डिग्री होना चाहिए।
- इस अवस्था में लगातार 30 सेकंड तक रहें। इस दौरान लम्बी साँस लें और 5 सेकंड तक रोक कर रखें। अब साँस धीरे-धीरे छोड़े और पैरों को नीचे लाएं।
सिंहासन
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सिंहासन को लायन पोज (lion’s pose) भी कहा जाता है। यह योगासन कई तरह के फायदे पहुँचाता है। सेप्टम टेढ़ी है तो साँस लेने में तकलीफ़ अवश्य होती है। सिंहासन को हम ब्रीथिंग एक्सरसाइज कह सकते हैं जिसे करने से साँस से जुड़ी समस्याएँ ठीक होती हैं।
- सिंहासन करने के लिए अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखना होता है और शेर के पंजे की भांति उँगलियों को फैलाना होता है।
- आपका जबड़ा खुला रहना चाहिए और जीभ बाहर निकली होनी चाहिए।
- इस स्थिति में आपको गहरी साँस लेना होता है और छोड़ना होता है।
lion pose की मदद से आप गर्दन के दर्द, आँख के दर्द और साइनस कि समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। नाक की हड्डी टेढ़ी है और साँस लेने में दिक्कत होती है तो यह आसनकर सकते हैं।
नीचे कुछ प्राणायाम बताए गए हैं जो साँस लेने से जुडी तकलीफों को दूर करते हैं।
पढ़ें- नाक की टेढ़ी हड्डी कि सर्जरी
अनुलोम-विलोम
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साँस से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए यह एक उत्तम प्राणायाम है। इसे करने के लिए-
- समतल जगह पर पलथी मारकर बैठ जाएं।
- कमर और गर्दन सीधा रखें।
- दाँया हाथ को दाँया घुटना पर और बाँया हाथ को बाँया घुटना पर रखें।
- अब दाँया हाथ उठाएं और अँगूठे कि मदद से दाहिनी नाक को दबाएँ। दाहिने नाक को दबाने के साथ बाएँ नाक से साँस लें।
- अब अनामिका ऊँगली से बाएँ नाक को दबाएँ और दाहिने नाक से साँस छोड़े।
नाक की हड्डी टेढ़ी होने कि वजह से साँस नही ले पा रहे हैं तो यह प्राणायाम अवश्य करें। इसके अलावा सर दर्द, अस्थमा और एलर्जी में भी अनुलोम-विलोम फायदेमंद है।
कपालभाति
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इस प्राणायाम कि विधि बहुत सरल है। इसे करने के लिए-
- पालथी मारकर बैठ जाएं और हाथों को घुटनों पर रखें।
- अब साँस लें और तेजी से छोड़े।
- साँस छोड़ने पर फेफड़े कि सारी हवा बाहर निकल जानी चाहिए और पेट की मांसपेशियाँ सिकुड़ जानी चाहिए।
कपालभाति करते समय हर एक सेकंड में साँस छोड़ना चाहिए। शुरुआत में आप जल्दी थक सकते हैं इसलिए एक मिनट में 40 से 45 बार ही साँस छोड़ें। आप इस प्राणायाम को 5 मिनट तक कर सकते हैं।
कपालभाति करने से साइनस मार्ग के अवरोध को दूर किया जा सकता है। यह शरीर में स्फूर्ति लाता है और बॉडी डिटॉक्स करता है।
भस्त्रिका
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यह प्राणायाम कपालभाति से मिलता-जुलता है। कपालभाति के दौरान आपको पेट सिकोड़ना होता है जबकि, भस्त्रिका में आपको छाती और फेफड़ों पर ज़ोर लगाना होता है। भस्त्रिका करने के दौरान साँस अंदर-बाहर करते समय ज़ोर लगाना होता है।
भस्त्रिका करने के लिए-
- सामान्य रूप से पालथी मारकर बैठ जाएं।
- अब साँस अंदर लें और 5 सेकंड तक अंदर ही रोक कर रखें।
- 5 सेकंड बाद साँस छोड़ दें।
निष्कर्ष
ऊपर बताए गए सभी योग और प्राणायाम नाक की टेढ़ी हड्डी से उत्पन्न हुए लक्षणों को खत्म करते हैं। टेढ़ी हो चुकी हड्डी को सीधा करना है तो सर्जरी ही एक उपाय है। टेढ़ी सेप्टम अपने आप ठीक नहीं हो सकती है। इसका हमेशा के लिए इलाज चाहते हैं तो किसी ENT विशेषज्ञ से मिलें और सेप्टोप्लास्टी के जरिए इलाज करवाएं।
अगर आप चाहे तो Septoplasty के इलाज में Pristyn Care आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए आप हमारे नजदीकी क्लिनिक या हमारे नम्बर पर फोन लगाकर सम्पर्क कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|