प्रेगनेंसी बिलकुल एक नायाब तोहफे की तरह है जो आपके जीवन में खुशियों के रंग भर देता है। यह एक ऐसा एहसास है जिसका अनुभव हर महिला अपने जीवन में कम से कम एक बार करना चाहती है। प्रेगनेंसी नौ महीने की एक प्रक्रिया है जिसकी मदद से आप एक नई जान, एक नई जिंदगी को इस दुनिया में लाने का अवसर प्राप्त करती हैं। प्रेगनेंसी एक इंसान नहीं बल्कि दो परिवारों को एक साथ जोड़ता है और सभी के चेहरे पर मुस्कान की वजह बनता है।
बेशक प्रेगनेंसी दुनिया के सभी खूबसूरत अनुभवों में से एक है। इसके दौरान आपको शरीर में कई तरह के हार्मोनल असंतुलन होते है जिससे आपके अंदर मानसिक और शारीरिक तौर पर बदलाव आते हैं। प्रेगनेंसी की इस प्रक्रिया में कई समस्याएं भी पैदा होती हैं जिनके कारण आपके सामने गर्भावस्था से संबंधित कई जटिलताएं आती हैं जिनका समय पर पता लगाना और इलाज कराना बहुत आवश्यक होता है। इन्ही समस्याओं में एक समस्या अस्थायी प्रेगनेंसी की है जिसे आमतौर पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) के नाम से जाना जाता है।
एक्टोपिक प्रेग्नन्सी क्या है — Ectopic Pregnancy in Hindi
जब गर्भ अपने स्थायी जगह यानी की गर्भाशय को छोड़कर कहीं और स्थापित हो जाता है तो इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में Ectopic Pregnancy Hindi Meaning एक्टोपिक प्रेगनेंसी के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति में गर्भ गर्भाशय से बाहर फैलोपियन ट्यूब में स्थापित होता है लेकिन कुछ मामलों में यह भी देखा गया है की अंडा पेट के क्षेत्र में ही निषेचित हो जाता है। इस तरह का गर्भ कुछ समय के भीतर अपने आप ही गर्भपात का शिकार हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं होने पर डॉक्टर की मदद से इसका गर्भपात करवा दिया जाता है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी की शुरूआती स्टेज में यह समस्या सामान्य लगती है लेकिन जब इसका साइज बढ़ता है तो परेशानियां शुरू हो जाती हैं। गर्भ का साइज बढ़ने के कारण फैलोपियन ट्यूब के फटने और शरीर में ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है। जिसके कारण गर्भवती महिला की जान भी जा सकती है। Ectopic Pregnancy Meaning in Hindi इसलिए सही समय पर इसका बारे में पता लगाकर इसका स्थायी रूप से इलाज कराना बहुत जरूरी है। रिसर्च से यह बात सामने आई है की यह समस्या दुनियाभर में लगभग 2% प्रेग्नेंट महिलाओं में पाई जाती है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण — Causes of Ectopic Pregnancy in Hindi
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कई कारण हैं जो इस समस्या के जन्म लेने में इसका साथ देते हैं। नीचे हम आपको इसके कुछ कॉमन कारणों के बारे में बता रहे हैं।
- अगर आप 35 साल या इससे ज्यादा की उम्र में गर्भधारण कर रही हैं तो आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी की समस्या हो सकती है।
- अगर आज से पहले कभी भी आपके पेल्विक क्षेत्र या एब्डोमिनल क्षेत्र की सर्जरी हुई है तो आपको एक्टोपिक प्रेगनन्सी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- अगर आप पेल्विक क्षेत्र में सूजन से पीड़ित हैं तो आप में एक्टोपिक प्रेगनेंसी की संभावना ज्यादा होती है।
- अगर आपका काफी बार गर्भपात हो चुका है तो इस स्थिति में आपको एक्टोपिक परगनेन्सी की संभावना होती है।
- अगर आप धूम्रपान करती हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण — Symptoms of Ectopic Pregnancy in Hindi
हम समस्या की तरह इस बीमारी के भी कुछ कॉमन लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आप शुरूआती स्टेज में ही इसके बारे में पता लगाकर समय पर इसका सही इलाज करवा सकती हैं। Ectopic Pregnancy Hindi Meaning हम नीचे एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षणों के बारे में बात कर रहे हैं जिनकी मदद से आप इस बात को अच्छे से समझ जाएंगी की प्रेगनेंसी के दौरान आपको कौन सी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपने गर्भ की जांच करानी चाहिए।
- जी मिचलाना।
- चक्कर आना।
- कमजोरी होना।
- धड़कन तेज होना।
- स्किन पीली पड़ना।
- पीरियड्स नहीं आना।
- थकान महसूस करना।
- योनि से ब्लीडिंग होना।
- बार बार पिशाब लगना।
- बहुत ज्यादा पसीना आना।
- स्तनों में संवेदनशीलता आना।
- पेल्विक क्षेत्र और पेट में तेज दर्द होना।
इन सबके अलावा भी काफी लक्षण है जिसे आप एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान खुद में महसूस कर सकती हैं। Ectopic Pregnancy Meaning in Hindi – प्रेगनेंसी बहुत ही कोमल स्थिति होती है जिसके दौरान आपको जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। किसी तरह की कोई भी समस्या होने पर तुरंत स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसके बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए।
एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज — Treatment of Ectopic Pregnancy in Hindi
एक्टोपिक प्रेगनेंसी के इलाज के लिए काफी माध्यम उपलब्ध हैं। लेकिन कौन से माध्यम से इसका इलाज होगा यह पूरी तरह से प्रेग्नेंट महिला के स्वास्थ्य, प्रेगनेंसी की अवधि, भ्रूण का आकार और इनसे जुडी दूसरी बातों पर निर्भर करता है। अगर प्रेगनेंसी को ज्यादा समय नहीं हुआ है तो आमतौर पर मैथोट्रक्सेट दिया जाता है। जिसकी मदद से शरीर प्रेगनेंसी टिश्यूज को अब्जॉर्ब करके फैलोपियन ट्यूब को बचाता है।
जब फैलोपियन ट्यूब ज्यादा फैल जाती है या फिर ब्लीडिंग के कारण टूट जाती है तो इस स्थिति में इसे पूरी तरह से या आंशिक रूप से हटाने के लिए इमरजेंसी सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता हैं। ज्यादा गंभीर हालत की स्थिति में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। इस सर्जरी के दौरान सर्जर मरीज को जेनेरल एनेस्थसिया देने के बाद लैप्रोसकोप नामक एक मेडिकल इंस्ट्रुंनेट की मदद से एक्टोपिक प्रेगनेंसी को बाहर निकलते हैं।
इस सर्जरी के दौरान एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण फैलोपियन ट्यूब को हुए नुकसान का इलाज भी किया जाता है। अगर इस स्थिति में लैपोरोस्कोपिक सर्जरी से इसका इलाज असफल होता है तो फिर लैपरोटोमी का सहारा लिया जाता है।
ऐसा माना जाता है की Ectopic Pregnancy in Hindi एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद फिर से नार्मल प्रेगनेंसी की संभावना कम हो जाती है। इसलिए इसके इलाज के बाद आपको डॉक्टर से मिलकर अपनी फर्टिलिटी शक्ति बढ़ाने के लिए ट्रीटमेंट कराना बेहतर है। क्योंकि यह अगली बार प्रेगनेंसी में बहुत सहायक साबित होता है।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|