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मोतियाबिंद आंखों से जुड़ी एक सामान्य बीमारी है, जिसमें आँखों में मौजूद लेन्स अपनी पारदर्शिता खोने लगते हैं। इस वजह से मरीज को सबकुछ धुंधला नजर आने लगता है। अगर, शुरुआत में ही इस बीमारी के लक्षणों पर ध्यान दिया जाए तो इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे में चश्मे में बदलाव करके और कुछ दवाइयों के सहारे भी इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन, अगर समस्या ज्यादा बढ़ गई है तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। आज के समय में तकनीति विकास के चलते ‘मोतियाबिंद’ का ऑपरेशन Pristyn Care से करवाना काफी आसान हो गया है।
मोतियाबिंद के रोगी को जो सबसे बड़ा निर्णय लेना होता है, उनमें से एक सही इंट्रोक्युलर लेंस (IOLs) का चयन करना होता है। दो प्राथमिक प्रकार के लेंस होते हैं, अर्थात्, पूर्वकाल कक्ष लेंस और पश्च कक्ष लेंस। पूर्वकाल कक्ष लेंस (ACIOL) को परितारिका के ऊपर रखा जाता है जबकि पश्च कक्ष लेंस (PCIOL) को अवशिष्ट पश्च कैप्सूल के ऊपर रखा जाता है जो लेंस की मूल स्थिति है। ACIOLs की तुलना में, PCIOLs एक बेहतर विकल्प है जब तक कि पश्च कैप्सूल बरकरार रहता है।
सर्जन इन लेंस की गुणवत्ता और प्रभाव के विषय पर चर्चा करेंगे और सर्जरी के लिए सही प्रकार के आईओएल को चुनने में आपकी सहायता करेगें। आपको यह भी पता होना चाहिए कि आईओएल की लागत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के अंतर्गत नहीं आती है। क्योंकि इन सभी लेंसों की कीमत काफी भिन्न होती है जो मोतियाबिंद के इलाज की कुल लागत को और बढ़ा देगी।
मोतियबिंद का ऑपरेशन लेजर तकनीकी से की जाती है| जिसमें लेजर से मोतियाबिंद को तोड़कर और घोलकर पानी बना देते हैं और छोटा सा छेद करके इसको निकाल लेते हैं| उसे छेद से आंख के अंदर एक लेंस डालते हैं जो आंख के अंदर जाकर खुल जाता है| मोतियाबिंद लेजर ऑपरेशन बिना किसी देरी के समय पर करवाना चाहिए क्योंकि पके हुए मोतियाबिंद को तोड़ने के लिए ज्यादा लेजर डालने की जरूरत पड़ती है| जो आगे चलकर आंख के टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है|
मोतियाबिंद का ऑपरेशन अनेक प्रकार से की जाती है। लेकिन मरीज का इलाज किस पद्धति या तकनीक से करना हैं, यह मरीज के आंखों के स्वास्थ्य, तकनीक की उपलब्धता और सर्जन की विशेषज्ञता आदि बातों पर निर्भर करता है।
फेको इमल्सीफिकेशन से मोतियाबिंद का ऑपरेशन बहुत सालों से किया जा रहा है। इस विधि में एक छोटे से चीरा के माध्यम से बीमारी का इलाज किया जाता है। इसमें किसी तरह का टॉका लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है और इसमें रोगी जल्दी ठीक होता है।
माइक्रो-इंसिजन कैटेरेक्ट सर्जरी की तकनीक में मोतियाबिंद का ऑपरेशन में आँखों के लेंस में छोटा चीरा लगाकर किया जाता है। चीरे का आकार लगभभग 1.8 मिमी से 2.2 मिमी हो सकता है। इस चीरे के माध्यम से आंखों के लेंस के आगे की परत को हटाया जाता है। इसमें भी टॉका या इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है। वास्तव में यह एक उन्नत एवं अति विशिष्ट प्रोसीजर है जिससे आंखों की रोशनी सही हो जाती है और रिकवरी का समय कम से कम 4-7 दिनों का होता है।
एडवांस्ड ब्लेड फ्री रोबोटिक-असिस्टैड कैटेरेक्ट सर्जरी में लेजर तकनीक द्वारा मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता है और इसे मोतियाबिंद के ऑपरेशन की सबसे उन्नत तकनीक के रूप में जाना जाता है। इसकी खास विशेषताएं यह हैं कि यह 3डी मैपिंग द्वारा सर्जन को रोगी की आवश्यकता के अनुसार सर्जरी करने की सुविधा देते है। इसमें किसी तरह के ब्लेड और या इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती और यह बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है। अन्य सर्जरी प्रक्रिया की तुलना में इसकी रिकवरी समय बहुत कम होती है।
दी अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑफथेल्मोलॉजी (The American Academy of Ophthalmology) ने चार प्रश्नों की एक लिस्ट तैयार की है, जो इस बात का फैसला लेने में आपकी मदद कर सकते हैं की आपको मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करवाना चाहिए। नीचे दिए गए चार प्रश्न निम्नलिखित हैं:-
मैग्नीफाइंग ग्लेयर की मदद से आप अपने दैनिक जीवन के कामों को बहुत आसानी से कर सकते हैं। अगर मोतियाबिंद आपके दैनिक जीवन के कामों में परेशानियां खड़ी नहीं करता है तो आप अपने ऑपरेशन को कुछ समय के लिए स्थगित कर सकते हैं।
लेकिन अगर मोतियाबिंद के कारण आपको अपने दैनिक जीवन के कामों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो फिर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर ऑपरेशन के बारे में बात करनी चाहिए। आमतौर पर मोतियाबिंद का विकास बहुत धीमी गति से होता है। यही कारण है कि कई बार लोगों को यह समझ में भी नहीं आता है कि वह इस बीमारी से पीड़ित हैं।
जब मोतियाबिंद पूरे लेंस में फैल जाता है या जब आपको कम दिखाई देने लगता है तब डॉक्टर से मिलने के बाद आपको यह बात मालूम होती है की आप मोतियाबिंद से पीड़ित हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि आप समय-समय पर अपने आंखों की जांच कराएं। साथ ही, आंखों में किसी भी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।
नेत्र जांच
मोतियाबिंद का इलाज करने के लिए बाजार में दवा या आई ड्रॉप उपलब्ध नहीं हैं। इस बीमारी का एकमात्र इलाज सर्जरी है। मोतियाबिंद की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है। लेकिन लेजर सर्जरी को इसका सबसे सटीक इलाज माना जाता है।
लेजर सर्जरी एक एडवांस प्रक्रिया है जिसके दौरान नेत्र सर्जन की मानवीय भूमिका कम हो जाती है। इसलिए इस सर्जरी के सफल होने की संभावना 100% और सर्जरी के दौरान या बाद में जटिलताओं का खतरा लगभग शून्य होता है। लेजर सर्जरी से हर प्रकार के मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज किया जा सकता ह
जैसा की हमने आपको पहले ही बताया की लेंस का चुनाव मरीज अपनी लाइफस्टाइल के आधार पर करते हैं। अगर उन्हें आउटडोर रहना तथा यात्रा करना पसंद है तो वे अपनी नजदीकी दृष्टि के साथ समझौता करते हुए दूर दृष्टि वाले लेंस का चुनाव करते हैं। आमतौर पर मोतियाबिंद लेंस की कीमत 1000-25000 तक होती है।
इतना ही नहीं, लेंस की कीमत के अलावा और भी दूसरे खर्च आते हैं जैसे की आप कौन से डॉक्टर द्वारा किस हॉस्पिटल या क्लिनिक में अपने मोतियाबिंद की सर्जरी करवाते हैं तथा सर्जरी के बाद कौन से लेंस का चुनाव करते हैं। हर लेंस की कीमत अलग अलग होती है।
इतना ही नहीं, अगर आप पारंपरिक तरीके से अपने एक आंख के मोतियाबिंद की सर्जरी कराते हैं तो पूरा खर्च लगभग 40,000 रुपए आता है। लेकिन अगर आप किसी अच्छे हॉस्पिटल में अनुभवी और कुशल डॉक्टर से मोतियाबिंद की सर्जरी मॉडर्न तकनीक द्वारा कराते हैं तो आपका पूरा खर्च लगभग 80,000-1.25 लाख तक आता है।
मॉडर्न तरीके से मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान आपको जरा भी दर्द या तकलीफ महसूस नहीं होता है। सर्जरी की यह प्रक्रिया इलाज का सबसे सरल और सफल तरीका है।
जी हाँ, आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत में मोतियाबिंद नेत्र शल्य चिकित्सा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के अंतर्गत आती है। क्योंकि मोतियाबिंद से स्थायी अंधापन हो सकता है, जो एक शारीरिक अक्षमता है, इसलिए इसका उपचार चिकित्सकीय रूप से आवश्यक माना जाता है। इस प्रकार, सभी बीमा प्रदाता मोतियाबिंद के उपचार के लिए एक निर्दिष्ट राशि की कवरेज प्रदान करते हैं जो आपकी पॉलिसी के आधार पर भिन्न हो सकती है।
आम तौर पर, मोतियाबिंद सर्जरी की लागत लगभग 35,000 से 1,00,000 तक होती हैं। इस खर्च में परीक्षण की लागत, डॉक्टर की फीस, ओटी शुल्क, आवश्यक दवाएं, अस्पताल में रहने आदि शामिल हैं।
यदि आपके पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है, तो आप इसका उपयोग इन सभी खर्चों को अधिकतम करने के लिए कर सकते हैं। आम तौर पर मोतियाबिंद के इलाज के लिए बीमा का दावा करने के लिए 2 साल की प्रतीक्षा अवधि होती है। सौभाग्य से, रोग धीमी गति से आगे बढ़ता है, जिसका अर्थ है कि जब तक आप मोतियाबिंद सर्जरी के लिए दावा प्राप्त करने के योग्य नहीं हो जाते, तब तक आप उपचार प्राप्त करने में देरी कर सकते हैं।
सुनिश्चित करें कि आप अपने बीमा प्रदाता से बात करें और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सभी नियमों और शर्तों की ठीक से जांच करें।
मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आंख के लिए सही प्रकार के लेंस का होना आवश्यक है। मोतियाबिंद के लिए प्रमुख प्रकार के लेंस में इंट्राऑकुलर लेंसेस (Intraocular Lenses – IOL) शामिल हैं। ये कृत्रिम लेंस हैं जो प्राकृतिक आंखों के लेंस की जगह उच्च-गुणवत्ता वाले सिंथेटिक्स से बनाए गए हैं।
ये लेंस आपकी आंखों को पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। 1949 में पहली बार इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल किया गया था। लगभग सभी मोतियाबिंद की सर्जरी में इंट्राऑकुलर लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि ये आंख को जल्दी साफ और तेज दृष्टि देने में मदद करते हैं।
इंट्राऑकुलर लेंस में विभिन्न प्रकार के विकल्प हो सकते हैं। आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इनमें से किसी एक को खुद के लिए चुन सकते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ को मेडिकल की भाषा में ऑपथैल्मोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह मोतियाबिंद की सर्जरी करने के लिए सबसे उपयुक्त डॉक्टर हैं। ऑपथैल्मोलॉजिस्ट एक मेडिकल डॉक्टर है, जिसे मोतियाबिंद का निदान करने और दवाओं के साथ साथ सर्जरी द्वारा इस बीमारी का इलाज करने में विशेषज्ञता प्राप्त होती है।
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास उचित ज्ञान और उचित प्रशिक्षण होता है, जिसके आधार पर वह आपके मोतियाबिंद का निदान करने के साथ-साथ यह भी सुझाव देने योग्य है कि आपको मोतियाबिंद की सर्जरी कब करानी चाहिए।
नेत्र रोग विशेषज्ञ जरूरत पड़ने पर सर्जरी करने के लिए उपयुक्त डॉक्टर है और साथ ही प्रीऑपरेटिव और पोस्टऑपरेटिव आंखों की देखभाल करने में भी सक्षम है। अगर आप मोतियाबिंद की सर्जरी कराने की सोच रहे हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें की आपकी सर्जरी एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा ही हो
अगर आप इस बात को लेकर कन्फ्यूज हैं की मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद कौन से लेंस का चुनाव करना चाहिए या किस प्रकार का लेंस आपकी लाइफस्टाइल के लिए सबसे बेस्ट है तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि तकनीकी क्रांति ने आपके सामने इंट्राऑकुलर लेन्सेस के ढेरों विकल्प रखें हैं, जिसमें से आप अपनी जरूरत के मुताबिक लेंस का चुनाव कर सकते हैं।
मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद निम्नलिखित लेंस का चयन किया जा सकता है:-
आप डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इस बात का पता लगा सकते हैं की टोरिक इंट्राऑकुलर लेंस की मदद से आपके एस्टीग्माटिज्म को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है या नहीं। मोतियाबिंद सर्जरी के लिए इस प्रकार के लेंस मोनोफोकल इंट्राऑकुलर लेंस के समान होते हैं, क्योंकि वे दूर या पास दोनों की दृष्टि प्रदान करते हैं, लेकिन दोनों एक साथ नहीं।
अगर आप मोतियाबिंद की समस्या को मॉडर्न इलाज की मदद से हमेशा के लिए खत्म करना और बेहतर दृष्टि पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। हमारे पास देश के सबसे अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं, जो मोतियाबिंद की समस्या को मात्र कुछ मिनटों में बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं।मोतियाबिंद का समय पर सही इलाज नहीं करने पर यह अंधेपन का कारण बन सकता है। रिसर्च से यह बात सामने आई है की पूरी दुनिया में मोतियाबिंद अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है।
मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज करने के अलावा, मोतियाबिंद की सर्जरी के दिन हम अपने मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं, जो सर्जरी के दिन उन्हें घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए प्रिस्टीन टीम की तरफ से एक केयर बड्डी मौजूद रहता है, जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है।
साथ ही, इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल भी रखता है। अगर आप कम से कम खर्च और समय में अपने शहर के बेस्ट हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज पाना चाहते हैं तो अभी हमसे संपर्क करें।
वैसे तो किसी भी ऑपरेशन के बाद आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। लेकिन मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आपको खासकर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि काफी हद तक ऑपरेशन के बाद किए जाना वाला परहेज इस बात का फैसला करता है की आपकी आंख कब ठीक होगी और आप कितनी जल्दी चीजों को अच्छी तरह से देखना शुरू कर सकते हैं।
कई बार लापरवाही बरतने के कारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के बाद भी आंखों की रौशनी पूरी तरह से नहीं आती है। इसलिए यह आवश्यक है की आप मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कुछ चीजों को लेकर परहेज करें।
मोतियाबिंद एक बीमारी है जिससे पीड़ित होने की स्थिति में आपकी आंख का लेंस धुंधला और खराब हो जाता है। इसके धुंधले एवं खराब होने के कारण आपको चीजों को साफ तरह से देखने और खासकर अपने उन सभी दैनिक जीवन के कामों को करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें तेज और साफ दृष्टि की जरूरत पड़ती है जैसे की पढ़ना, रात में गाड़ी चलाना या टीवी देखना आदि।
मोतियाबिंद की समस्या को दूर करने के लिए आंख का ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन की मदद से खराब लेंस को बाहर निकालकर उसकी जगह पर एक अच्छा कृत्रिम लेंस (Artificial Lens) लगा दिया जाता है। आमतौर पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद आपको कुछ ही घंटों के बाद साफ दिखाई देने लगता है। लेकिन कुछ मामलों में साफ दृष्टि (Sharp Vision) आने में कुछ समय लग सकता है।
मोतियाबिंद सर्जरी की तैयारी डॉक्टर के साथ आपके पहले परामर्श से शुरू होती है। अपॉइंटमेंट के दौरान, नेत्र चिकित्सक आवश्यक परीक्षण करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि सर्जरी के दौरान कौन-सा लेंस इम्प्लांट उपयोग करना सबसे अच्छा होगा।
मोतियाबिंद का स्वयं जांच करने के लिए, आप वेबसाइट पर उपलब्ध विभिन्न स्व-परीक्षणों का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं। इन परीक्षणों में केवल कुछ मिनट लगते हैं और आप यह पुष्टि करने में सक्षम होंगे कि आपको मोतियाबिंद है या नहीं।
इसके अलावा, आप अपने नेत्र लेंस के अपारदर्शी होने और समय के साथ दृष्टि में गिरावट का अनुभव भी कर सकते हैं। यदि आप मोतियाबिंद के लक्षणों से अवगत हैं, तो इससे यह पहचानने में भी मदद मिलेगी कि मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों में विकसित हो रहा है।
मोतियाबिंद का टेस्ट करने के लिए और सबसे पहले आँख की रोशनी की जाँच करने के लिए Pristyn Care के नेत्र-विशेषज्ञ डॉक्टर (Ophthalmologist) आपकी आँखों की सम्पूर्ण जाँच करते है। इसमें आपकी आंखों के दबाव को मापने के लिए अलग-अलग दूरी और टोनोमेट्री से आपकी आंख की रोशनी की जांच करने के लिए एक चार्ट बनाएगे और फिर चेक करेगें।
सबसे आम टोनोमेट्री परीक्षण आपके कॉर्निया को फ़्लैट करने के लिए दर्द रहित, हवा के पफ का उपयोग करता है और आपके आंखों के दबाव का परीक्षण करता है। डॉक्टर आपके आँख के प्यूपिल को बड़ा करने के लिए आपकी आंखों में दवाई की कुछ बूंद डालते हैं| इससे आपकी आंख के पीछे ऑप्टिक नर्व और रेटिना को जांचना आसान हो जाता है और आराम से देखा जा सकता है की कोई चोट तो नहीं लगी हुई। इसके अलावा मोतियाबिंद की जाँच करने के लिए डॉक्टर आपकी रोशनी के प्रति संवेदनशीलता और रंग पहचानने की शक्ति को जाँचेगा।
सर्जरी के दिन आरामदायक कपड़े पहनें और मेकअप, कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम आदि न पहनें। सुनिश्चित करें कि आप अस्पताल या क्लिनिक में 30 मिनट पहले पहुंचें। सर्जन द्वारा सब कुछ तैयार करने के दौरान सर्जरी से पहले आपके कोई भी प्रश्न या संदेह पूछें। यदि आवश्यक हो, तो सर्जन आपको आराम करने में मदद करने के लिए एक शामक भी देगा, जबकि आप प्रक्रिया के दौरान जागते रहेंगे।
सर्जन आपको ओटी (ऑपरेशन थिएटर) में ले जाएगें और सर्जरी शुरू हो जाएगी। आप सर्जरी के दौरान निम्नलिखित चीजों की अपेक्षा कर सकते हैं:
विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके एक ही प्रक्रिया की जा सकती है। इस तकनीक का निर्णय आंख के गहन निदान और परीक्षण के परिणामों के बाद किया जाता है।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने के बाद आपको हल्का-फुल्का आंखों में दर्द और खुजली की समस्या हो सकती है। आपको तेज रौशनी से भी परेशानी हो सकती है। लेकिन आपको इन सब से घबराने की जरूरत नहीं है। ऑपरेशन के बाद ऐसा होना आम बात है।
खुजली होने पर आंख को खुजलाने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से आपकी आंख में लगे नए लेंस को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही कुछ दिनों के लिए आपको वो स्पेशल चश्मा पहनना चाहिए, जिसे आपके डॉक्टर ने निर्धारित किया है। यह चश्मा आपके आंखों की सुरक्षा करता है। नींद सोते समय भी चश्मा पहने ताकि आपकी आंखों पर प्रेशर न पड़े।
मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद जल्दी ठीक होने के लिए आपको ऊपर दिए हुए सभी बिंदुओं का खास ध्यान रखना चाहिए। मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद परहेज करना बहुत आवश्यक है। साथ ही, जबतक आप आंखें पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती, तब तक अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। ताकि वह इस बात की पुष्टि करते रहें कि आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं है और आप बिल्कुल सही तरह से रिकवर हो रहे हैं।
मोतियाबिंद के प्रभाव को कम करने के लिए घरेलू इलाज काफी असरदार साबित हो सकता है| आँखों में संक्रमण बढ़ने से मोतियाबिंद होने की संभावना अधिक बढ़ जाती हैं इसलिए आँख के संक्रमण में शुरुआत से ही घरेलू उपचार लिया जाए तो मोतियाबिंद के जोखिम को कम किया जा सकता है|
यदि कोई गंभीर रूप से मोतियाबिंद से ग्रसित है तो ऐसे में मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार का सहारा लेना ठीक नहीं होगा क्योंकि घरेलू उपचार से केवल मोतियाबिंद की रोकधाम की जा सकता है इलाज नहीं| इसलिए आँखों में मोतियाबिंद होने पर घरेलू उचार नहीं बल्कि सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, अगर डॉक्टर मोतियाबिंद की सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं तो बिना देरी के तुरंत मोतियाबिंद की सर्जरी करवानी चाहिए|
प्राचीन काल से आँखों में मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक इलाज किया जाता रहा है और आज भी आँखों के सबसे गंभीर रोग मोतियाबिंद में आयुर्वेदिक इलाज काफी फायदेमंद माना जाता है| क्योंकि मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने के लिए आयुर्वेदिक इलाज के दौरान अनेक प्रकार की जड़ी-जूतियों एवं मोतियाबिंद की आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल किया जाता है जिनसे किसी भी प्रकार का साइडिफ़ेक्ट नहीं होता|
अगर मोतियाबिंद पक चुका हैं यानि मोतियाबिंद पूरी तरह से आँख में फैल चुका हैं तो ऐसी स्थिति में आयुर्वेदिक इलाज करवाना ठीक नहीं क्योंकि मोतियाबिंद के शुरुआती चरण में आयुर्वेदिक इलाज लेना ठीक है लेकिन मोतियाबिंद पकने की स्थिति में ऑपरेशन करवाना ही सबसे बेहतर इलाज होता हैं|
आँखों में मोतियाबिंद के इलाज के लिए प्राकृतिक तत्वों से होम्योपैथिक दवाएं तैयार की जाती हैं। अमूमन होम्योपैथीक उपचार के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। हालांकि, मोतियाबिंद का होम्योपैथिक इलाज अनुभवी होम्योपैथीक चिकित्सक की देख-रेख में ही लेना चाहिए, क्योंकि हर दवा हर प्रकृति वाले व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित नहीं होती है। क्योंकि मोतियाबिंद की होम्योपैथीक दवाओं की अधिक खुराक लेने पर इनके दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
मोतियाबिंद में आंखों की देखने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत आती है। आमतौर पर मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी से किया जाता है। होम्योपैथी दवाओं से आंखों में धुंधलापन और नजर कमजोर करने वाले लक्षणों को कम कर मोतियाबिंद का इलाज किया जाता है। होम्योपैथी दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, क्योंकि इसमें स्थिति के इलाज के लिए प्राकृतिक तत्वों की कम खुराक का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, घर पर अपनी मर्जी से कोई होम्योपैथी दवा लेने की बजाय होम्योपैथी चिकित्सक से इलाज करवाना सुरक्षित और असरकारी रहता है|
मोतियाबिंद के लिए कोई चिकित्सा या गैर-सर्जिकल उपचार उपलब्ध नहीं हैं। मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए लेजर सर्जरी एकमात्र प्रभावी उपचार पद्धति है जिसमें प्राकृतिक लेंस को हटाने और आंख में एक कृत्रिम लेंस को प्रत्यारोपित करना शामिल है।
इसलिए आपको जल्द से जल्द मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने पर विचार करना चाहिए। आम तौर पर, यह आपको तय करना है कि सर्जरी कब करवाना है। ज्यादातर मामलों में, मोतियाबिंद को हटाने की कोई जल्दी नहीं है जब तक कि वे आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करना शुरू न कर दें। हालांकि, अगर आपको मधुमेह, उच्च रक्तचाप या मोटापे जैसी स्थितियां हैं, तो संभावना है कि आपका मोतियाबिंद तेजी से बढ़ेगा।
आपको पता होना चाहिए कि अगर आप मोतियाबिंद के इलाज में देरी करते हैं, तो भी सर्जरी के बाद आपकी दृष्टि में सुधार नहीं होगा। इसलिए, आप प्रक्रिया के लाभों और जोखिमों पर विचार करने के लिए समय ले सकते हैं और मोतियाबिंद कैसे प्रगति कर रहे हैं यह देखने के लिए अक्सर निदान कर सकते हैं। फिर डॉक्टर आपको सलाह देंगे कि आपको कब सर्जरी करवानी चाहिए।
कैटरैक्ट को हिन्दी में मोतियाबिंद या मोतिया के नाम से जाना जाता है जो आँखों से सम्बंधित बहुत ही आम समस्या है। मोतियाबिंद में आँखों के लेंसों पर एक प्रकार का धुंधलापन-सा छा जाता है। मोतियाबिंद तब होता है जब आपकी आंखों में प्रोटीन के क्लम्प बनने लगते हैं और जो आँखों के लेंस को कोई भी इमेज रेटिना तक पहुंचने या भेजने से रोकते हैं। हमारा रेटिना लेंसों से आने वाली रौशनी को सिग्नल्स में बदलता है और यह ऑप्टिक नर्व को सिग्नल भेजता है जो उन्हें हमारे मस्तिष्क में ले जाता है और जिससे हम आसानी से किसी भी वस्तु की पहचान कर पाते हैं।
फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी को मोतियाबिंद का बेस्ट इलाज माना जाता है, क्योंकि यह मोतियाबिंद का सबसे मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल इलाज है। इस सर्जरी से किसी भी प्रकार के मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज कम से कम समय में बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। अगर आप मोतियाबिंद से पीड़ित हैं और इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो आपको नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद फेम्टोसेकेंड लेजर-असिस्टेड सर्जरी का चुनाव करना चाहिए। इस सर्जरी के दौरान मरीज को टांके नहीं आते हैं और ब्लीडंग तथा दर्द भी नहीं होता है।
हां, फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज संभव है। दवाओं या ड्रॉप से मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज संभव नहीं है। दवाओं या ड्रॉप की मदद से मोतियाबिंद के विकास दर को धीमा और सर्जरी की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। लेजर सर्जरी से ही मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज संभव है। मोतियाबिंद की फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। इस सर्जरी के दौरान आंख के सर्जन खराब लेंस को बाहर निकालकर उसकी जगह एक कृत्रिम लेंस लगा देते हैं।
एक आंख के मोतियाबिंद ऑपरेशन का खर्च लगभग 25000 रुपए से लकर 1 लाख रुपए तक आता है। लेकिन यह इस सर्जरी का फाइनल कॉस्ट नहीं है। क्योंकि मोतियाबिंद की सर्जरी का कॉस्ट काफी चीजों पर निर्भर करता है और इसमें बदलाव आ सकते हैं।
इन सबके अलावा, मोतियाबिंद ऑपरेशन का खर्च निम्नलिखित चीजों पर भी निर्भर करता है:-
अगर आप मोतियाबिंद की सर्जरी के खर्च से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो अभी हमसे संपर्क कर सकते हैं।ds
मोतियाबिंद की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है, लेकिन फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी इसका सबसे बेस्ट इलाज है। यह मोतियाबिंद का मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल इलाज है जिससे किसी भी प्रकार के मोतियाबिंद को बहुत ही आसानी से हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है। मोतियाबिंद की फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी को पूरा होने में मात्र 10-20 मिनट का समय लगता है। सर्जरी ख़त्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज अपने घर जाने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं।
मोतियाबिंद ऑपरेशन के मात्र 1 सप्ताह के बाद मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इस सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 3-4 सप्ताह का समय लगता है।
मोतियाबिंद सर्जरी का उद्देश्य बादल वाले लेंस को हटाना और व्यक्ति को बाद में स्पष्ट रूप से देखने की अनुमति देना है। हालांकि, मोतियाबिंद सर्जरी के बाद अधिकांश लोगों को स्पष्ट रूप से (कुछ दूरी पर) देखने के लिए चश्मे की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत से लोग प्रतिस्थापन के लिए एक मोनोफोकल लेंस चुनते हैं जो केवल एक ही दूरी पर दृष्टि को ठीक कर सकता है, या तो निकट या दूर।
जिन लोगों की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है, उन्हें द्वितीयक मोतियाबिंद हो सकता है, जिसे पोस्टीरियर कैप्सूल ओपसीफिकेशन (पीसीओ) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब मोतियाबिंद पूरी तरह से नहीं हटाया जाता है और बादल वाले लेंस का एक छोटा सा हिस्सा पीछे रह जाता है। नतीजतन, नया लेंस इम्प्लांट भी बादल बन जाता है।
अच्छी खबर यह है कि पीसीओ का इलाज तकनीक से किया जा सकता है याग (यट्रियम-एल्यूमीनियम-गार्नेट) एक दर्द रहित 5 मिनट की प्रक्रिया है जो कैप्सूल पर मौजूद बादलों को सटीकता के साथ साफ कर सकती है। इस प्रकार, आपको मोतियाबिंद सर्जरी के परिणामों से समझौता करने के बारे में अधिक जोर देने की आवश्यकता नहीं है।
अधिकतर लोग सर्जरी के नाम से डरते हैं। यदि आप भी मोतियाबिंद से ग्रसित हैं और सर्जरी के नाम से बीमारी का इलाज कराने से पीछे हट रहे हैं तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आप मोतियाबिंद की सर्जरी करवाने से डर रहे हैं और सर्जरी के बिना मोतियाबिंद का इलाज के बारे में सोच रहें हैं तो इससे आप अपनी आंखों की रोशनी को हमेशा के लिए खो सकते हैं| आपको बता दें कि मोतियाबिंद हटाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान होती है। यह भारत में की जाने वाली सबसे आम सर्जरी बन चुकी है जो पूरी तरह से सुरक्षित है। वर्तमान में ‘प्रिस्टीन केयर’ की तकनीकों के विकसित होने के कारण आंखों के लेंस को बदलने की प्रक्रिया में बहुत कम समय लगता है और बिना दर्द के बड़ी आसानी से मोतियाबिंद की सर्जरी की जाती हैं।
कुछ हफ्तों के बाद, जब दृष्टि स्थिर हो जाती है, तो डॉक्टर फिर से आपकी आंख की जांच करेंगे कि आपको चश्मे की जरूरत है या नहीं। रोगी के शरीर क्रिया विज्ञान और उपचार क्षमताओं के आधार पर ठीक होने में लगभग चार से छह हफ्ते लग सकते हैं, बशर्ते कि आप सर्जरी के बाद देखभाल के सभी निर्देशों का पालन करें और डॉक्टर द्वारा दी जाने वाले दवाइयों को समय पर लेते रहें|
पहले सप्ताह के दौरान, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप गलती से आंख को रगड़ें या न करें, आंख को चश्मे या आईशील्ड से ढक कर रखा जाता है। यहां तक कि बाहरी दबाव की थोड़ी सी मात्रा भी चीरे को फिर से खोल सकती है जिससे जटिलताएं हो सकती हैं। इस प्रकार, रोगी को इससे परहेज करने की सलाह दी जाती है- जैसे:-
मोतियाबिंद की सर्जरी कराने से पहले, आपकी दृष्टि धुंधली, धुंधली और धुंधली होगी। लेकिन मोतियाबिंद हटा दिए जाने और नए कृत्रिम लेंस को आंख में प्रत्यारोपित करने के बाद, आपकी दृष्टि साफ हो जाएगी। आप अपनी दृष्टि में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखेंगे।
अगर आप मोतियाबिंद के सर्जन से अपना इलाज कराना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर भारत के सभी अनुभवी और विश्वसनीय नेत्र रोग विशेषज्ञ से जुड़ा हुआ है। प्रिस्टीन केयर के नेत्र रोग विशेषज्ञ को मोतियाबिंद की गहरी समझ और लेजर सर्जरी में महारत हासिल है। ये सर्जन अब तक हजारों मोतियाबिंद की सफल सर्जरी कर चुके हैं। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक पूरी तरह से आधुनिक और उन्नत चिकित्सा तकनीकों से भरपूर हैं। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में मॉडर्न और एडवांस फेम्टोसेकेंड लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज किया जाता है।