गंजेपन का लाखों इलाज करने के बाद भी बाल नहीं उगते तो हेयर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र ऐसा जरिया बचता है जिससे बालों को दोबारा उगाने की पूरी गुंजाईश होती है। गैरहाल, हेयर ट्रांसप्लांट करने के दो मेजर तरीके हैं जिनमें से FUE हेयर ट्रांसप्लांट काफी प्रचलन में है। कम लागत, कम साइड-इफेक्ट्स आदि कई ऐसे कारण हैं जो FUE हेयर ट्रांसप्लांट को लोकप्रिय बनाते हैं।
अमन के बाल धीरे-धीरे झड़ना शुरू हो गए और अंत में वह गंजेपन का शिकार हो गया। गंजेपन से परेशान अमन ने अपने किसी मित्र के जरिए Pristyn Care के बारे में सुना और इस सिलसिले में वह मुंबई स्थित Pristyn Care की क्लिनिक में डॉक्टर अनिरुद्ध से मिला और हेयर ट्रांसप्लांट के बारे में जानना चाहा। डॉक्टर अनिरुद्ध ने बताया “हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमें शरीर के दूसरे अंगों के बालों को निकालकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट की मदद से दाढ़ी भी लाइ जा सकती है।
यह जानकार अमन बहुत खुश हुआ और FUE हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े कई प्रश्न डॉक्टर साहब पर दाग दिए। डॉक्टर अनिरुद्ध ने सभी प्रश्नों का जवाब दिया। आइये जानते हैं FUE हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े वो सभी प्रश्न जिन्हें अमन ने डॉक्टर से पूछा।
एक नजर
- फालीक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूइ- FUE) एक प्रकार का हेयर ट्रांसप्लांट है जिसमें आपके जिस्म के ख़ास हिस्से से कुछ बालों को निकाला जाता है और उसे शरीर के उस जगह पर लगाया जाता है जहाँ बाल नहीं हैं।
- FUE हेयर ट्रांसप्लांट FUT हेयर ट्रांसप्लांट से ज्यादा प्रचलति है।
- फॉलिकल्स को निकालने के लिए माइक्रोपंच टूल का इस्तेमाल होता है।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट क्या है? – What is FUE hair transplant in Hindi?
FUE एक किस्म का हेयर ट्रांसप्लांट है जिसमें शरीर के किसी हिस्से से कुछ बालों को निकाला जाता है और गंजेपन वाली जगह पर लगाया जाता है। जबकि FUT हेयर ट्रांसप्लांट में बालों सहित स्किन निकाला जाता है और ट्रांसप्लांट किया जाता है। FUE की प्रक्रिया FUT हेयर ट्रांसप्लांट से बेहतर होती है। इसके बहुत कम साइड इफ़ेक्ट होते हैं और इसका रिकवरी टाइम भी बहुत अच्छा है।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट में कितना खर्च आता है? – How much does a FUE hair transplant cost in Hindi?
FUE हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च कई बातों पर निर्भर होता है, जैसे:-
- कितने बाल निकाले और प्रत्यारोपित किए गए
- हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए आपके एरिया में कितने सर्जन है
- सर्जन का अनुभव
- हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान किस प्रकार के उपकरण का इस्तेमाल हो रहा है
इसके अलावा अगर आप FUE या FUT के जरिए हेयर ट्रांसप्लांट करवाने की सोच रहे हैं तो यह बात जरूर ध्यान में रखें कि हेयर ट्रांसप्लांट के लिए आपको हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पैसे नहीं मिलेंगे। क्योंकि, ज्यादा से ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी कॉस्मेटिक इलाज के लिए पैसे नहीं देती हैं।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट कैसे काम करता है? – How does a FUE hair transplant work in hindi?
डॉक्टर अनिरुद्ध कहते हैं- जैसे-जैसे व्यक्ति बड़ा होता जाता है उसके बालों के ग्रोथ साइकिल का फेज कम होता जाता है और बालों के फॉलिकल (follicle) नए बाल नहीं उगाते हैं। बालों के ग्रोथ साइकिल में बदलाव हर किसी के लिए अलग होता है। कुछ लोग बीस साल की उम्र से ही गंजेपन की ओर बढ़ने लगते हैं तो कुछ 40 के बाद भी गंजा नहीं होते।
पढ़ें – गंजेपन का इलाज
FUE हेयर ट्रांसप्लांट में ऐसे हेयर फॉलिकल का चयन किया जाता है जो अभी भी ग्रोथ कर सकते हैं। इन हेयर फॉलिकल को पुराने हेयर फॉलिकल की जगह रिप्लेस कर दिया जाता है।
अब इन हेयर फॉलिकल्स को ब्लड वेसल्स के जरिए पोषण मिलता है और ये बढ़ने लगते हैं।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट की क्या प्रक्रिया है? – What is the Procedure for FUE hair transplant in Hindi?
FUE हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बहुत ही आसान और रिस्क फ्री है। चलिए जानते हैं कि यह प्रक्रिया कैसे काम करती है:
- हेयर फॉलिकल निकालने के लिए बाल शेव किए जाएंगे।
- अब माइक्रोपंच टूल की मदद से फॉलिकल निकाले जाएंगे।
- जहाँ पर फॉलिकल ट्रांसप्लांट करना है वहां शेव करेंगे।
- अब सर्जन ट्रांसप्लांट करने वाली जगह पर सुई या किसी शार्प टूल की मदद से छोटे-छोटे छेद करेंगे
- छेद में निकाले गए हेयर फॉलिकल फिक्स किए जाएंगे।
- सर्जन रिकवरी वाली जगह पर बैंडेज लगाकर आपको छुट्टी दे देगा।
इसे भी पढ़ें- हेयर ट्रांसप्लांट के फायदे और नुकसान
क्या FUE हेयर ट्रांसप्लांट के कोई साइड-इफेक्ट्स हैं? – Are there any risks or side effects of FUE hair transplant in Hindi?
आमतौर पर FUE हेयर ट्रांसप्लांट के कोई साइड-इफेक्ट्स देखने को नहीं मिलते हैं। स्कैल्प पर सफ़ेद रंग के डॉट देखने को मिल सकते हैं जो कुछ दिनों बाद खुद ही गायब हो जाएंगे। लेकिन, कई लोगों को नीचे दिए गए कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसा होने पर आप तुरंत ही डॉक्टर से बात करें:
- इन्फेक्शन के लक्षण
- सर्जरी वाली जगह पर ब्लीडिंग, पानी छोड़ना या पपड़ी बनना
- सर्जरी वाली जगह के आस-पास दर्द और सूजन
- फॉलिकल में सूजन
- सर्जरी वाली जगह में झुनझुनाहट या सुन्न हो जाना
FUE हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? – What Precautions to be taken after FUE Hair Transplant in Hindi?
डॉक्टर अनिरुद्ध अमन को नीचे दी गई सावधानियों से रु-ब-रु करवाते हैं-
- अपने बालों को 3 दिनों तक न धोएं। शुरुआत के 3 से चार दिन आप बेचैनी महसूस कर सकते हैं।
- जब बालों को धोना शुरू करें तो ध्यान दें कि आपका शैम्पू हार्ड न हो और उसमें सेंट आदि कई केमिकल बिलकुल भी न हो। रिकवरी के बाद आप कोई भी शैम्पू यूज कर सकते हैं।
- जल्दी रिकवरी के लिए काम से कुछ दिनों की छुट्टी ले लें।
- ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें जिसे डॉक्टर ने मना किया हो।
- कम से कम 3 सप्ताह तक अपने नए बालों को कंघी या ब्रश न करें।
- जब तक आपका सर्जन नहीं कहता आप टोपी या खोपड़ी में पहनने वाले किसी अन्य वस्त्र का उपयोग न करें।
- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कम से कम एक से दो हफ्ते तक किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि न करें।
- कोई भी ऐसा काम न करें जिसे करने से सर्जन ने मना किया हो।
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ बाल झड़ सकते हैं। यह पूरी तरह से सामान्य बात है। ऐसा होने पर आप घबराएं नहीं। आप चाहे तो डॉक्टर से भी इस बारे में बात कर सकते हैं। इलाज के तीन से चार महीने बाद आपके बाल दोबारा से पुराने बालों की तरह घने हो जाएंगे।
हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले आप सर्जन पर जरूर ध्यान दें। आपको हमेशा एक अनुभवी सर्जन का चयन करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो हो सकता है आपके बालों के ट्रांसप्लांट के दौरान बालों की डिजाईन में कोई गलती हो जाए और इससे आपके नकली मालूम होंगे।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले क्या नहीं करना चाहिए? – What should Not be done Before getting a FUE Hair Transplant in Hindi?
अगर आप FUE हेयर ट्रांसप्लांट करवाने की सोच रहे हैं तो आपको अपने जीवनशैली में कुछ ख़ास बदलाव करने पड़ेंगे, जो इस प्रकार से हैं:
- अपनी सर्जरी से कम से कम एक दिन पहले धूम्रपान न करें।
- सर्जरी से 2 सप्ताह पहले से किसी भी विटामिन की खुराक न लें।
- सर्जरी के लगभग 2 सप्ताह पहले से एंटीडिप्रेसेंट लेने से बचने की कोशिश करें।
- अपनी सर्जरी के 3 दिन पहले से शराब न पिएं।
- सर्जरी के 2 सप्ताह पहले से एस्पिरिन या ब्लड थिनर न लें।
- सर्जरी से पहले अपने बाल नहीं कटवाएं।
- अपनी खोपड़ी में रक्त के प्रवाह (blood circulation) को बढ़ाने के लिए कुछ हफ्तों के लिए हर दिन 10 से 30 मिनट तक खोपड़ी की मालिश करें।
- अगर सर्जन ने किसी तरह की दवाई खाने का सुझाव दिया है तो उसे जरूर खाएं।
- सर्जरी से पहले एक इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी){Electrocardiogram (ECG)} और ब्लड टेस्ट करवाएं।
तो ये थी कुछ बातें जिन्हें आपको सर्जरी के पहले बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर अनिरुद्ध से इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के बाद अमन ने FUE के जरिए अपना हेयर ट्रांसप्लांट करवाना उचित समझा और उन्होंने Pristyn Care के जरिए अपना हेयर ट्रांसप्लांट सफल करवाया।
पढ़े- क्या हेयर ट्रांसप्लांट के साइड-इफ़ेक्ट होते हैं?
अगर आप FUE हेयर ट्रांसप्लांट के लिए सोच रहे हैं तो Pristyn Care आपके लिए एक बहुत ही अच्छा आप्शन हो सकता है।
FUE हेयर ट्रांसप्लांट के लिए Pristyn Care ही क्यों?
कुछ ख़ास कारण हैं जो Pristyn Care को हेयर ट्रांसप्लांट के लिए सबसे उत्तम बनाते हैं। जैसे:
अनुभवी सर्जन- हमारे यहाँ सभी सर्जन अनुभवी हैं। इन्हें हेयर ट्रांसप्लांट में वर्षों का अनुभव है जिसके चलते हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान होने वाली गलती की कोई भी गुंजाईश नहीं होती है।
एडवांस उपकरण- FUE हेयर ट्रांसप्लांट के लिए उपयोग होने वाले सभी टूल्स लेटेस्ट होते हैं जो कई तरह की एडवांस खूबियों से भरपूर होते हैं। एडवांस उपकरण के इस्तेमाल की वजह से सक्सेस रेट कई गुना ज्यादा होता है।
फ्री फॉलो अप – Pristyn Care अपने सभी पेशेंट को फ्री फॉलो अप की सुविधा प्रदान करता है।
डायग्नोसिस में छूट – जहाँ अन्य अस्पतालों में FUE की लागत बहुत होती है वहीं, हम अपने मरीजों को डायग्नोसिस टेस्ट में 30 प्रतिशत तक की छूट देते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
गंजेपन के इस दौर में FUE हेयर ट्रांसप्लांट किसी वरदान से कम नहीं है। इसकी मदद से कई लोगों के चेहरे पर दोबारा से मुस्कान लौट आती है। लेकिन, इसे करवाते समय यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप जिस भी सर्जन का चयन करें वह अनुभवी हो और पहले भी कई सर्जरी कर चुका हो।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|