क्या डॉक्टर ने निदान करने के बाद आपको हर्निया से पीड़ित बताया है, यह बहुत ही कष्टदायक हो सकता है। इस दौरान आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान रखना होगा। यदि आप अपने आहार में कोई गड़बड़ी करते हैं तो आपके लिए कई परेशानियां जन्म ले सकती हैं। गलत खान-पान के कारण कब्ज हो सकता है और उससे हर्निया की स्थिति और भी बदतर हो सकती है।
हर्निया होने पर आपको अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, आज हम इस लेख में जानेंगे कि हर्निया के समय आपको क्या खाना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए?
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हर्निया रोगी को क्या खाना चाहिए? – Hernia Mein Kya Khaye
मोटापा, गलत आहार और पोषक तत्वों में कमी के कारण हर्निया और भी गंभीर हो सकता है, इस दौरान आपको सही और जरूरी आहार की जरूरत पड़ती है। हर्निया रोगी डॉक्टर की सलाह के बाद निम्न आहार में से किसी का सेवन कर सकता है।
- साबुत अनाज
- एलोवेरा जूस
- गोभी का रस
- गाजर का रस
- दही
- बादाम और चिया बीज
- सोय दूध
- बादाम का दूध
- गाजर और मटर
- मीठे आलू
- हरी सेम
- उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, साबुत अनाज, सेम और फलियां
- सेब, नाशपाती, विभिन्न तरबूज और जामुन जैसे गैर-साइट्रस खाद्य पदार्थ
- हरी चाय
- लीन प्रोटीन
हर्निया रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए? – Hernia Me Kya Nahi Khayen?
प्रोसेस्ड फूड
उच्च स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि सफेद ब्रेड, इंस्टेंट नूडल्स, कम फाइबर वाले पास्ता, और प्रेट्ज़ेल कब्ज का कारण बनते हैं और मल त्याग करते समय अत्यधिक तनाव पैदा करते हैं जो हर्निया के लक्षणों को तीव्र कर सकते हैं।
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नीचे दिए गए प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें-
- क्रैकर्स, कुकीज़
- पास्ता सॉस और पहले से बना मांस
- सभी कार्बोनेटेड ड्रिंक
- फ्लेक्ड / पफेड / श्रेडेड /
- एक्सट्रूडेड ब्रेकफास्ट सीरियल्स
वसायुक्त खाना (Fat food)
यदि आप हर्निया के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो उन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जो फैट से भरपूर हैं। लाल और प्रोसेस्ड मीट, हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद, तले हुए खाद्य पदार्थ और हाइड्रोजनीकृत तेल वाले खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ सूजन और वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं जो हर्निया से प्रभावित अंग को फैला सकते हैं।
अम्लीय खाद्य पदार्थ
हायटल हर्निया के मामले में, जीईआरडी के लक्षण हो सकते हैं जैसे कि एसिड रिफ्लक्स। ऐसी परिस्थितियों में, यह सबसे अच्छा है कि आप अम्लीय खाद्य पदार्थ, जैसे- संतरे का रस, कैफीनयुक्त पेय आदि से बचें।
प्याज, लहसुन, नींबू, संतरे, टमाटर और इससे जुड़े खाद्य पदार्थ, तीखा सेब और चेरी, अनानास, सिरका, अचार, सॉरेकराट, डिब्बाबंद बीट और आर्टिचोक जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकते हैं और हियाटल हर्निया को तीव्र कर सकते हैं।
कृत्रिम मीठा (artificial sweetener)
आर्टिफीसियल स्वीटनर भूख मारते हैं और हर्निया के लिए नुकसानदेय साबित होते हैं।
यदि आपको हर्निया है तो शराब, कैफीन युक्त चाय, पूरे दूध, शीतल पेय, जेली, फ्रॉस्टिंग, जमे हुए डेसर्ट, और बेक्ड केक, कुकीज़, पाई और पेस्ट्री जैसे खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन करें।
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हर्निया के दौरान रखें ये सावधानियां
कुछ सरल टिप्स हर्निया के रोगियों को एसिड रिफ्लक्स से बचने में मदद कर सकती हैं। भोजन तैयार करते समय इस टिप्स का पालन करना चाहिए-
- खाना बनाने के लिए, स्वस्थ तेल जैसे कि जैतून का तेल, अंगूर का तेल और एवोकैडो तेल का उपयोग करें
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं
- डीप फ्राई फूड न खाएं
- प्रोसेस्ड और पैकेज्ड चीजों को खाने से परहेज करें
- नारियल के तेल, एवोकैडो तेल जैसे स्वस्थ तेलों का उपयोग करें
- थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाएं।
- खूब पानी पिएं। प्रतिदिन लगभग आठ गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
- अपने दैनिक आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें। दही, केफिर,कोम्बुचा और अचार इसके अच्छे स्त्रोत हैं।
निष्कर्ष – Conclusion
हर्निया के दौरान किसी भी डाइट को अपनाने से पहले, एक हर्निया विशेषज्ञ से परामर्श करें ताकि हर्निया सर्जरी से पहले कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो। उचित देखभाल की जानी चाहिए और आहार का पालन हर्निया प्रकार के आधार पर किया जाना चाहिए जिससे आप पीड़ित हैं।
खान-पान में सुधार करके हर्निया को बदतर बनने से रोका जा सकता है, लेकिन इसके उपचार के लिए उचित निदान की जरूरत पड़ती है। उचित निदान के बाद डॉक्टर दवाइयों से या जरूरत पड़ने पर सर्जरी के जरिए हर्निया का उपचार करते हैं।
Pristyn Care हर्निया का उचित निदान और सफल उपचार करता है, यदि आप हर्निया का एक अच्छा निदान चाहते हैं और उचित उपचार करवाना चाहते हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। आप हमें फोन कर सकते हैं या अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|