हर्निया होने के कई कारण हैं जिनमे से जेनेटिक एक बड़ा कारण है। किसी कारणवश जब भीतरी अंग कमजोर मांसपेशी से बाहर निकलने लगते हैं तो इसे हर्निया कहा जाता है। हर्निया होने पर प्रभावित क्षेत्र में उभार नजर आने लगता है और यह दर्द भी देता है।
वैसे तो हर्निया के कई प्रकार हैं लेकिन सबसे ज्यादा मामले वंक्षण हर्निया (inguinal hernia) के ही देखे जाते हैं। आंत का पेट की कमजोर मांसपेशी के छेद से निकलना ही इनगुइनल हर्निया है। इसका इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है। इनगुइनल हर्निया महिला या पुरुष दोनों में हो सकती है।
हर्निया के इलाज के लिए दो तरह की सर्जरी मौजूद है। ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, दोनों से हर्निया का इलाज किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी मॉडर्न है और इसमें कम समय लगता है। यह ओपन सर्जरी से बेहतर मानी जाती है।
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लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान सर्जन एक पतला ट्यूब शरीर के भीतर डालते हैं, जिसमें कैमरा लगा होता है। इसे लेप्रोस्कोप (laparoscope) कहते हैं। इसी उपकरण के माध्यम से हर्निया की सर्जरी की जाती है।
हर्निया की सर्जरी के दौरान सर्जन उभरे हुए अंग को उसके सही जगह पर लाते हैं और दोबारा से यह समस्या न हो इसके लिए कमजोर मांसपेशी में एक जाल लगा देते हैं। इसके बाद चीरा को टांकों की मदद से बंद कर दिया जाता है।
हर्निया के ऑपरेशन के बाद क्या सावधानी बरतें?
हर्निया की सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया का उपयोग किया जाता है जिसका प्रभाव सर्जरी के बाद भी रहता है। सर्जरी के बाद होश आने पर थकान रहती है और चक्कर आ सकता है। होश आने तक आपको हॉस्पिटल में ही रखा जाता है और होश आने के बाद ये लक्षण नजर आते हैं तो इलाज किया जाता है।
हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाने के बाद आप चल सकते हैं और चक्कर आना भी बंद हो जाता है। आप कुछ भी खा-पी सकते हैं और उल्टी भी नहीं होती है। हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाने बाद जल्द रिकवर होने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। हर्निया के ऑपरेशन के बाद बरतें ये 10 सावधानियां-
1. घाव साफ करें
समय-समय पर घाव की पट्टी बदलते रहें और डॉक्टर के बताए गए तरीके से घाव साफ करें। कुछ दिनों तक घाव में पानी नही डालना चाहिए। घाव खुला रहने पर या घाव में पानी पड़ने पर संक्रमण हो सकता है। घाव में पानी पड़ने से खुजली भी हो सकती है। अगर घाव में खुजली होती है तो डॉक्टर से पूछकर किसी कराम का उपयोग कर सकते हैं।
2. अधिक भोजन न करें
हर्निया की सर्जरी के बाद हरी सब्जी, फाइबर युक्त आहार और ताज़े फलों का सेवन करना चाहिए। कब्ज से बचने का पूरा प्रयास करना चाहिए। तरल पदार्थ और फाइबर का सेवन करने से कब्ज नही होता है। दिन में चार से पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं। हल्के अनाज का सेवन करें। कब्ज की शिकायत होती है तो डॉक्टर से पूछकर रेचक (laxative) का सेवन भी कर सकते हैं। लैक्सेटिव का सेवन करने से स्टूल मुलायम होता है जिससे मल त्याग में आसानी होती है।
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3. बहुत देर तक एक ही जगह न बैठें
हर्निया के ऑपरेशन के बाद बहुत देर तक एक ही जगह बैठे रहने के कारण दर्द हो सकता है। रोजाना सुबह वॉक के लिए जाएं। धीरे-धीरे चलते रहने से आप जल्द स्वस्थ हो पाएंगे। एक ही पोजीशन में सोने से भी दर्द हो सकता है। सोते समय तेजी से करवट बदलने से दर्द बढ़ जाता है इसलिए ऐसा न करें।
4. स्नान न करें
सर्जरी के बाद बेचैनी हो सकती है। ऐसा एनेस्थीसिया या दवाइयों के सेवन के कारण होता है। बेचैनी के कारण नहाने का मन करता है लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। सर्जरी के बाद दो दिनों तक घाव में एक भी बूंद पानी नहीं जाना चाहिए। सर्जरी के कितने दिन बाद नहाना शुरू कर सकते हैं यह डॉक्टर से पूछ सकते हैं।
5. समय-समय पर दवा लें
हर्निया के ऑपरेशन के बाद समय-समय पर दवाइयां लेते रहना चाहिए। दवाइयों का सेवन न करने से घाव में संक्रमण फ़ैल सकता है। सर्जरी के बाद कुछ साइड इफ़ेक्ट नजर आते हैं तो डॉक्टर इसके लिए अलग से कोई दवा दे सकते हैं।
6. सिगरेट न पिए
हर्निया की सर्जरी के बाद कुछ दिनों के लिए सिगरेट, शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सिगरेट या शराब का सेवन करने से दवा का सही असर नहीं होता जिससे रिकवर होने में अधिक समय लग सकता है।
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7. कड़े व्यायाम न करें
जल्दी रिकवर होने के लिए पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करना जरूरी होता है। सीढ़ी चढ़ने से बचें और दौड़-भाग न करें। स्ट्रेच वाले व्यायाम न करें। धीमी गति से चल-फिर सकते हैं। सर्जरी के बाद लगभग एक महीने तक जिम न जाएं। डॉक्टर से पूछें कि स्ट्रेच एक्सरसाइज कब से कर सकते हैं।
8. टाइट कपड़े न पहनें
सर्जरी के बाद टाइट कपड़े पहनना दर्द भरा हो सकता है। टाइट कपड़े पहनने से घाव में दबाव बनता है जिससे सूजन हो सकता है। टाइट कपड़े पहनने से घाव से खून निकलने की समस्या भी हो सकती है। ढीले कपड़े पहनने से हवा ठीक से आती-जाती है जो घाव सूखने में मदद करता है।
9. ब्लीडिंग को हलके में न लें
सर्जरी के बाद प्रभावित क्षेत्र से खून निकल रहा है तो इसके बारे में तुरंत डॉक्टर से बताना चाहिए। अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो आपको दोबारा हॉस्पिटल जाने की जरूरत हो सकती है। सर्जरी के बाद घाव में खिंचाव पड़ना ब्लीडिंग का एक मुख्य कारण है।
10. खांसी का इलाज करें
हर्निया की सर्जरी के बाद खांसी आना नुकसानदायक हो सकता है। खांसने या छींकने से घाव में जोर पड़ता है जिससे दर्द या सूजन बढ़ जाता है। इनगुइनल या अम्बिलिकल हर्निया की सर्जरी के बाद खांसी दर्द को तीव्र कर सकती है। खांसी का उचित इलाज करें या खांसते वक्त पेट को कड़ा कर लें।
निष्कर्ष
हर्निया की सर्जरी के बाद ऊपर बताई गई सावधानियां को फॉलो करेंगे तो रिकवर होने में कम समय लगेगा। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से हर्निया का इलाज कराने पर नुकसान कम होते हैं और सावधानियां भी कम बरतनी पड़ती हैं। Pristyn Care में आप हर्निया का दर्द रहित इलाज करा सकते हैं। Pristyn Care में अनुभवी लेप्रोस्कोपिक सर्जन आपका इलाज करते हैं और आपको कई तरह कई फ्री सुविधाएं भी दी जाती हैं। अभी Pristyn Care में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करें और अपनी समस्या हमारे डॉक्टर से साझा करें।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|