हाइटल हर्निया, हर्निया का ही एक प्रकार है जिसमें पेट का कोई हिस्सा हाइटस (hiatus) में चला जाता है। हाइटस एक प्रकार का होल है जिसके बीच से फूड पाइप पेट तक पहुँचती है। हाइटल हर्निया होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- जन्म के दौरान हाइटस का आकार बड़ा होना, डायफ्राम में चोट लगना या उम्र के साथ बदलाव होना, मोटापा गर्भावस्था आदि। वहीं, अगर इसके लक्षणों की बाते करें तो ये बहुत कम दिखाई देते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को नीचे दिए गए लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
- छाती में तेज दर्द और जलन
- साँस तेज होना
- पेट में जोरदार पीड़ा
- खट्टी डकार
- एसिड रिफ्लक्स (पेट की एसिड ईसोफेगस तक पहुँच जाती है)
- बदबूदार साँस
- बुरा स्वाद महसूस होना
- उलटी
- पॉटी करते समय और गैस निकालते समय असहजता
अगर आप ये लक्षण महसूस करते हैं तो हाइटल हर्निया की जाँच करवानी चाहिए। कुछ घरेलू उपचार या नुस्खे भी हैं जिनसे हाइटल हर्निया का इलाज किया जा सकता है। आइये उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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1. खुद से मसाज करें
पेट के ऊपरी हिस्से में मसाज करने से आपका दर्द कम होगा। यह हाइटल हर्निया के लक्षण को कम करेगा। वहीं, यह पेट की माँसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करेगा। आप हर्निया से प्रभावित क्षेत्र पर दिन में दो बार मसाज कर सकते हैं। मसाज करने के लिए नीचे दी गए स्टेप्स फॉलो करें।
- आराम से पीठ के बल लेट जाएं और उँगलियों की मदद से स्तनों के हड्डियों के ठीक नीचे रिब केज का पता लगाएं।
- अब रिब केज से नाभि तक धीरे-धीरे लगभग 5 मिनट तक मसाज करें।
2. गरम पानी पिएं
सुबह उठते ही एक गिलास गरम पानी पिए। गरम पानी पीने से पेट की मांसपेशियाँ रिलैक्स होगी और हाइटस या छेद से नीचे चली जाएगी जिससे हर्निया समाप्त हो जाएगा।
पानी पीने के तुरंत बाद आप नीचे बताई गई दो एक्सरसाइज करें-
- पैर की उँगलियों की मदद से उठक-बैठक करें। इससे गरम पानी नीचे की तरफ जाएगा।
- अब अपनी बाहों को ऊपर उठाकर लगभग 15 सेकंड के लिए तेज साँस लें। इससे आपका डायफ्राम टाइट होगा और होल छोटा हो जाएगा।
3. एप्पल साइडर विनेगर
HIATAL HERNIA HOME REMEDIES in Hindi – अम्लीय स्वभाव के कारण एप्पल साइडर विनेगर शरीर में एल्कलाइन प्रभाव पैदा करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हर्निया के कारण होने वाले छाती में दर्द, पेट में सूजन और एसिडिटी को ख़तम करता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर खाना खाने से पहले हर रोज पिए।
4. दालचीनी
दालचीनी का सेवन गैस्ट्रिक सूजन को कम करता है। इसके अलावा यह एसिड रिफ्लक्स से छुटकारा दिलाता है और हाइटल हर्निया के लक्षण को कम करने में मददगार होता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएँ। अच्छे परिणाम के लिए इस मिश्रण को नियमित रूप से दो बार पिएं।
5. योग
हाइटल हर्निया का इलाज करने के लिए योग सबसे सरल और सुरक्षित तरीका है। लेकिन, इस दौरान आप हर तरह का योग नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको स्थिति और भी बेकार हो सकती है। आपको सिर्फ उन योग को करना चाहिए जो पेट की माँसपेशियों और डायफ्राम में खिंचाव पैदा करें। इसके साथ उन योग को नहीं करना चाहिए जो आपके पेट की माँसपेशियों और डायफ्राम में एक्स्ट्रा प्रेशर डालते हैं, जैसे- कोबरा स्ट्रेच, सेतुबंधासन इत्यादि।
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6. कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी से लैस होता है। यह पेट का सूजन कम करता है और एसिड रिफ्लक्स से राहत दिलाता है। कैमोमाइल चाय पीने से एसिडिटी में भी लाभ होता है।
एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच कैमोमाइल चाय डाल दें। पांच मिनट बाद छानकर पी लें।
7. स्लिपरी एल्म चाय पिएं
स्लिपरी एल्म चाय पेट की एसिड को न्यूट्रल करती है और हाइटल हर्निया के दौरान होने वाले छाती के जलन को कम करती है। इसके अलावा यह शरीर को एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से रु-ब-रु करवाता है जो अनेक फायदे प्रदान करता है। एक गिलास पानी में दो चम्मच स्लिपरी एल्म चाय मिलाकर नियमित रूप से दिन में दो बार पिएं।
8. आहार में परिवर्तन करें
हाइटल हर्निया के दौरान गैर-अम्लीय और फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। वहीं, इस दौरान अम्लीय, तैलीय और प्रिजर्वेटिव खाद्य पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इससे छाती में जलन, एसिडिटी, कब्ज और एसिड रिफ्लक्स हो सकता है जो हर्निया के लक्षणों को और अधिक कर देता है।
9. भरपूर पानी पिएं।
हाइटल हर्निया से प्रभावित रोगी को अपने शरीर को हाइड्रेट रखना चाहिए। इसके लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं। लेकिन, खाना-खाने के एक घंटे पहले और बाद में पानी न पिएं। खाना खाने के तुरंत बाद आप हल्की मात्रा में पानी का सेवन कर सकते हैं।
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10. सावधानियाँ बरते
अगर आप हाइटल हर्निया से पीड़ित हैं तो कोई भी भारी सामान उठाने से बचें। ऐसे खेल-कूद से दूरी बनाए रखें जिससे पेट की माँसपेशियों और डायफ्राम में दवाब और एक्स्ट्रा खिंचाव की स्थिति पैदा हो। खान-पान में उन सभी चीजों को बहिष्कृत करें जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं पैदा होने का डर हो। अगर आप मोटापा से पीड़ित हैं तो वजन कम करें।
Pristyn Care की सलाह
ऐसी महिलाएं जिनका वजन ज्यादा होता है और वे गर्भवती होती हैं उनमें हाइटल हर्निया होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं। हाइटल हर्निया को घरेलू उपचार की मदद से पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। दरअसल, ऊपर बताए गए सभी नुस्खे इस दौरान होने वाली परेशानियों और हाइटल हर्निया के लक्षणों को कम करते हैं। अगर इसका जड़ से इलाज करवाना है तो उसके लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक अच्छा आप्शन है।
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Pristyn Care के सलाह के मुताबिक़ आपको इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से आसानी से इलाज कर सकते हैं। इसके लिए वे लैप्रोस्कोप नामक इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से पेट की माँसपेशियों को दोबारा से उनके सही स्थान पर कर दिया जाता है। इसके अलावा इस प्रक्रिया के बाद रोगी को रिकवर होने में बहुत कम समय लगता है और उसके शरीर पर कोई बड़ा कट नहीं होता है। जबकि,ओपन सर्जरी में बहुत बड़ा कट होता है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|