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बवासीर के लिए योग आसन — Yoga to Cure Piles in Hindi

बवासीर किसे कहते हैं — What is Piles in Hindi बवासीर एक शारीरिक बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज को उठने, बैठने और अपने दैनिक जीवन के कामों को करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स (Piles) या हेमोरोइड्स (Hemorrhoids) कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज को खासकर शौच के दौरान असहनीय दर्द होता है। ऐनस के अंदरूनी तथा बाहरी हिस्सों और मलाशय (रेक्टम) के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन होने की वजह से ऐनस (मल द्वार) के अंदर और बाहर मस्से जाते हैं। इन्हे ही मेडिकल की भाषा में बवासीर कहा जाता है। बवासीर मुख्य रूप से दो तरह की होती है जिन्हे खूनी और बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है।

बवासीर के लिए योग आसन

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बवासीर किसे कहते हैं — What is Piles in Hindi

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बादी बवासीर किसे कहते हैं — Baadi Bavasir Kise Kahte Hain

बादी बवासीर में कब्ज बनी रहती है और अधिकतर समय पेट खराब रहता है। बादी बवासीर में बवासीर का मस्सा अंदर बनने की वजह से मल त्याग करते समय खून आता है / आ सकता है, किसी काम में मन नहीं लगता है, शरीर में खुजली और बेचैनी होती है। इसमें सबसे खतरनाक होता है बवासीर के मस्से का अंदर बनना। मस्सा अन्दर होने की वजह से स्टूल पास करने का रास्ता छोटा पड़ जाता है। जिसकी वजह से ऐनस फट जाता है और वहां घाव बन जाते हैं। इसे मेडिकल की भाषा में फिशर भी कहा जाता है जिससे असहाय जलन और तकलीफ होती है।

बवासीर बहुत पुराना होने पर भगन्दर में बदल जाता है। भगन्दर को अंग्रेजी में फिस्टुला (Fistula in Hindi) कहते हैं। भगन्दर में स्टूल पास करने के रास्ते के बगल में एक छेद बन जाता है जो स्टूल की नली में चला जाता है और फोड़े की शक्ल में फटता, बहता और सूखता रहता है। कुछ दिनों के बाद इसी रास्ते से स्टूल भी आने लगता है। बवासीर का आखिरी स्टेज भगन्दर है, इसके बाद यह कैंसर का रूप ले लेता है। जिसको रेक्टम कैंसर कहते हैं। यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

खूनी बवासीर किसे कहते हैं — What is Bleeding Piles in Hindi

खूनी बवासीर में दर्द नही होता है लेकिन शौच करते समय खून आता है। खून पहले शौच के साथ आना शुरू होता है फिर धीरे धीरे टपकता है और कुछ दिनों के बाद पिचकारी की तरह बाहर निकलना शुरू हो जाता है। खूनी बवासीर में मस्से अंदर और बाहर होते रहते हैं। मस्से कभी अंदर की तरफ तो कभी बाहर की तरफ होते रहते हैं। मस्से के अंदर बाहर आने जाने का क्रम अधिकतर शौच के समय होता है। शौच करते समय यह बाहर आ जाते हैं और शौच के बाद अंदर चले जाते हैं। बवासीर पुराना होने की स्थिति में अगर मस्से बाहर आ गए तो फिर हाथ से दबाकर ही अंदर किया जा सकता है। लेकिन आखिरी स्टेज में ये हाथ से दबाने पर भी अंदर नहीं जाते हैं।

बवासीर का इलाज — Treatment of Piles in Hindi 

बवासीर का इलाज संभव है। यह लाइलाज नही है। बवासीर का इलाज मुख्य रूप से इन तरीकों से किया जा सकता है:

योग करना भारत की प्राचीन परंपरा रही है। इसे प्राचीन काल में ऋषि मुनि किया करते थे जिसकी वजह से वे हमेशा निरोग रहते थे। वर्तमान में बाबा रामदेव, स्वामी अयंगर जी का उदाहरण देख सकते हैं कि कैसे उन्होंने योग की मदद से खुद को कितना स्वस्थ रखा है और देश को लगातार योग का संदेश दे रहे हैं। बवासीर के लिए योग Yoga For Hemorrhoids in Hindi बेहद सस्ता होने के साथ साथ त्वरित परिणाम जनक होता है। आइए जानते हैं कि बवासीर के लिए कौन सा योगासन करना चाहिए और किस विधि (Yoga Pose For Hemorrhoids in Hindi) से करना चाहिए।

योगासन — Yogaasana in Hindi

हमारा देश प्राचीन समय में ऋषि मुनियों का देश कहलाता था। तब ऋषि मुनि योग के जरिए सभी मर्ज का इलाज करते थे और सदा निरोग जीवन व्यतीत किया करते थे। वर्तमान समय भागदौड़ का समय है। आज का समय इतना अधिक व्यस्तता का है कि लोग खुद की सेहत पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन व्यक्ति अगर अपने 24 घंटे में से सिर्फ 60 मिनट यानी 1 घंटे योग करें तो उन्हें कोई बीमारी छू भी नहीं सकती है। यही योग की शक्ति है।

बवासीर दूर करने के लिए योगासन — Yoga To Cure Hemorrhoids in Hindi

बवासीर के लिए योग Yoga For Piles in Hindi एक बेहतरीन इलाज है। बवासीर के लिए योगासन बहुत असरदार होता है जो बवासीर को जड़ से समाप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बवासीर के लिए कई प्रकार के योगासन यानी की योग करने की कई मुद्राएं और उन्हें करने की कई विधियां होती हैं। जिनकी मदद से बवासीर से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

बवासीर और योग — Piles and Yoga in Hindi

योग के दौरान शरीर की तंत्रिकाओं में मूवमेंट होती है जिसकी वजह से विषाक्त पदार्थों (Toxic Substances) का क्षरण होता है यानी वह शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य और सक्रिय बनने में मदद मिलती है। योग पीठ दर्द और बवासीर का इलाज करने में काफी सहायक होता है।

योग तनाव को नियंत्रित करने और शरीर में होने वाली अन्य परेशानियों को दूर करने में भी बहुत सहायता प्रदान करता है। इंसान अपने दैनिक जीवन की व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय योगाभ्यास के लिए निकालकर बीमारी संबंधित सभी समस्याओं को दूर कर सकता है। योग से जुड़ी महत्वपूर्ण बात यह कि योग के दौरान किसी भी व्यक्ति को शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए। बवासीर के इलाज के लिए सर्वांगासन, ताड़ासन, सूर्य नमस्कार और शीर्षासन आदि प्रमुख योगासन हैं।

योग से बवासीर का उपचार  – Yoga To Cure Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग की विभिन्न मुद्राएं:

  • बवासीर के लिए पवनमुक्तासन मुद्रा – Pavanamuktasana For Piles in Hindi
  • बवासीर के लिए प्राणायाम योग– Pranayama Yoga For Piles in Hindi
  • बवासीर के लिए अश्विनी मुद्रा – Ashwini Mudra For Piles in Hindi
  • बवासीर के लिए सर्वांगासन योग – Piles Sarvangasana For Piles in Hindi
  • बवासीर के लिए पादहस्तासन – Padahastasana Yoga For Piles in Hindi

बवासीर के लिए पवनमुक्तासन मुद्रा – Pavanamuktasana Yoga Pose For Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग Yoga For Hemorrhoids in Hindi में पवनमुक्तासन को गैस निकालने वाली मुद्रा भी कहा जाता है। इस योग मुद्रा में गैस तथा कब्ज की समस्या दूर होती है और बवासीर से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ प्राप्त होता है। पवनमुक्तासन योग शरीर से मल के साथ ही बलगम Smoother Bowel Movement निकालने में मददगार होता है। इस आसन के जरिए कमर, पीठ और पेट दर्द में भी बहुत राहत मिलती है।

कैसे करें पवनमुक्तासन — How To Do Pavanamuktan in Hindi

  • सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं और आराम की मुद्रा में रहें।
  • धीरे धीरे सांस लें और अपने दोनों पैरो को एक साथ उठाए और घुटनों को मोड़ें।
  • घुटनों को छाती की तरफ से अपने मुंह के पास लाएं और पैरो को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़ें।
  • अब अपनी जांघों को अपने पेट से छूने का प्रयास करें।
  • अब अपने घुटने से अपनी नाक छूएं।
  • 30 सेकेंड तक इसी पोजीशन में बने रहे।
  • अब धीरे- धीरे वापस आराम वाली मुद्रा में आइए।

इस मुद्रा को दिन में कम से कम 10 बार करना चाहिए। यह मुद्रा बवासीर ठीक करने में रामबाण है। गर्भवती महिलाओं को यह योग आसन नहीं करना चाहिए।

बवासीर के लिए प्राणायाम योग — Pranayama Yoga Pose For Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग में प्राणायाम योग अपेक्षाकृत सरल और आसन है। यह कपालभाति के समान ही होता है। इसमें ध्यान की मुद्रा बनाई जाती है। प्राणायाम योग के जरिए फेफड़े को मजबूत करने का अभ्यास किया जाता है। इसमें श्वास अंदर बाहर करने का अभ्यास किया जाता है। प्राणायाम योग से श्वास और पेट से संबंधित सभी तरह के रोगों को दूर करने में मदद मिलती है।

कैसे करें प्राणायाम — How To Do Pranayama in Hindi

  • आंखें बंद करके पद्‍मासन (पालथी) मारकर बैठ जाएं।
  • शांत चित के साथ ढ़ाई सेकेंड तक सांस अंदर ले और ढ़ाई सेकेंड में ही धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • सांस लेते समय यह विचार करें कि आप सकारात्मक ऊर्जा ले रहे हैं। इससे आपको ऊर्जा मिल रही है।

सांस लेने के दौरान आपको यह कल्पना करनी चाहिए कि शरीर से सभी नकारात्मक चीजें खत्म हो रही हैं। यह आसन खून को शुद्ध करने में मदद करता है।

बवासीर के लिए अश्विनी मुद्रा —  Ashwini Mudra Yoga Pose For Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग में अश्विनी मुद्रा को रामबाण योगासन कहा जाता है। इसे ऊर्जा ताला आसन भी कहा जाता है। अश्विनी मुद्रा में आंतों को सिकोड़ना और छोड़ना होता है। अगर कोई भी इंसान इस आसन का उपयोग बवासीर के लिए करता है तो उसे 1 सप्ताह में बेहतरीन परिणाम मिलने लगते हैं।

कैसे करें अश्विनी मुद्रा में योग — How To Do Yogasana in Ashwini Mudra in Hindi

  • सबसे पहले ध्यान की स्थिति में बैठें और गहरी सांस लेनी शुरू करें।
  • अपनी आंखें बंद करें और गुदा क्षेत्र (पिछवाड़ा) पर ध्यान केंद्रित करें।
  • अब अपने गुदा क्षेत्र को बिना किसी दबाव के संकुचित (Contract) करें।
  • अब सामान्य मुद्रा में वापस आएं और बार-बार इस प्रक्रिया को दोहराए।

अश्विनी मुद्रा बवासीर के दर्द से तुरंत राहत देता है। इस मुद्रा में योग करने से बवासीर की सूजन से छुटकारा पाया जा सकता है। अश्विनी आसन का अभ्यास करने से गुदा (पिछवाड़े) क्षेत्र में होने वाली खुजली और जलन दूर हो जाते हैं। इस योग का उपयोग टीवी देखते, चलते या किसी से बात करते समय भी किया जा सकता है। अश्विनी मुद्रा बवासीर और भगंदर रोगियों के लिए रामबाण माना जाता है।

बवासीर के लिए सर्वांगासन (कंधा) योग — Sarvangasana Yoga Pose For Piles in Hindi

यह योगासन जरा कठिन प्रतीत होता है। लेकिन सर्वांगासन बवासीर में सबसे उपयोगी आसन होता है। यह बवासीर के दर्द और प्रभाव को कम करने में बेहद असरदार होता है। सर्वांगासन (कंधे) को सभी आसनों (Postures) की जननी माना जाता है। अकेले सर्वांगासन करना आपको अन्य योग आसनों के सभी लाभ दिला सकता है। यह योगासन बवासीर और शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।

सर्वांगासन कैसे करें — How To Do Shoulder Stand in Hindi

  • पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं।
  • दोनों पैरो को एक साथ उठाना शुरु करें जब तक की यह 90 डिग्री की मुद्रा में न आ जाएं।
  • दोनों हाथों से अपनी कमर को सहारा दें और अपने पैरों को ऊपर की तरफ ले जाएं।
  • इस स्थिति में लगभग 1-2 मिनट तक रुकें और फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।

दिल को विपरीत दिशा में रक्त पंप यानी खून का संचार करना पड़ता है। इसलिए इस योगासन को करने के बाद शरीर में खून का संचार अधिक तेजी से होना शुरू हो जाता है। इससे ताजगी का एहसास होता है।

बवासीर के लिए पादहस्तासन — Padahastasana Yoga Pose For Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग में पादहस्तासन एक सामान्य योग की मुद्रा है। इसमें सिर को आगे की तरफ झुककर पैरों से सटाया जाता है। इस योग को करने से शरीर में लचीलापन आता है। योगाभ्यास शुरू करने वालों के लिए यह बेहतरीन अभ्यास है। जिसे करने से पीठ और पेट दर्द से राहत मिलती है जो मल त्याग को आसान बनाते हैं। बवासीर के रोगियों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है।

कैसे करें पादहस्तासन — How To Do Padahastasana in Hindi

  • सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े होकर अपने हाथों को लटकाते हुए पैरों के पंजे तक ले जाएं।
  • अपनी उंगलियों को पंजों के पास ले जाकर उन्हें अपने पैर के पंजों के नीचे दबाने की कोशिश करें।
  • घुटनों को बिना मोड़े अपनी ठुड्डी (चेहरे का भाग) को घुटने से टिकाने की कोशिश करें।
  • शुरुवात में कम से कम 5 सेकेंड से 20 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें।

इस स्थिति में आपको तेज सांस लेने की जरूरत नहीं है। इस मुद्रा को खाली पेट या भोजन करने के 4 से 5 घंटों के बाद करना चाहिए।

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बवासीर के लिए योग करते समय की सावधानियां — Precautions While Doing Yoga To Cure Piles in Hindi

बवासीर के लिए योग करते समय कुछ सावधानियां रखनी चाहिए:

  • ब्लड प्रेशर या अस्थमा के मरीज को कुछ योगासनों से बचना चाहिए। इस बारे में आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
  • हमेशा खाली पेट योग करने की कोशिश करें या फिर खाना खाने के 4-5 घंटों के बाद योग करें।
  • गर्भवती महिलाओं को उन्हीं योगासनों को करना चाहिए जिसमें उन्हें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है। योग प्रशिक्षक (Yoga instructor) से सलाह लेना फायदेमंद साबित होता है।

हम उम्मीद करते हैं की इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आपने बवासीर को ठीक करने वाले योगआसनों के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। अगर आप या आपका कोई भी परिचित बवासीर की समस्या से पीड़ित हैं तो योग करने के साथ साथ जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलकर उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताना चाहिए ताकि वो उस समस्या को स्थायी रूप इलाज कर सकें। बवासीर के डॉक्टर के लिए आपको इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है। क्योंकि प्रिस्टिन केयर के पास बवासीर को जड़ से खत्म करने वाले अनुभवी डॉक्टरों की पूरी टीम उपलब्ध है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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