अगर हाइड्रोसील का इलाज समय पर नहीं होता है, तो यह एक विकराल समस्या का रूप धारण कर सकता है या फिर फट भी सकता है। भारत के सबसे अच्छे डॉक्टरों से सुरक्षित एवं कम से कम दर्द के साथ हाइड्रोसील का परमानेंट इलाज प्राप्त करें। हम किफायती कीमत दरों पर हर प्रकार के हाइड्रोसील का इलाज प्रदान करते हैं।
अगर हाइड्रोसील का इलाज समय पर नहीं होता है, तो यह एक विकराल समस्या का रूप धारण कर सकता है या फिर फट ... और पढ़ें
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(Hydrocele meaning in Hindi) हाइड्रोसील को हाइड्रोसेलेक्टॉमी के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में अंडकोष में जमे तरल पदार्थ को निकालकर हाइड्रोसील का इलाज किया जाता है। कुछ मामलों में देखा गया है कि हाइड्रोसील अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन जब स्थिति लंबे समय तक ज्यों का त्यों रहती है तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। सर्जरी को हाइड्रोसील का परमानेंट इलाज माना जाता है।
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हम उन सभी रोगियों को उन्नत hydrocele ka ilaj प्रदान करते हैं, जो इस समस्या से परेशान हैं और हमारी सहायता प्राप्त करना चाहते हैं। प्रिस्टीन केयर ने भारत के शीर्ष स्तरीय अस्पतालों को अपने साथ अपने पैनल में जोड़ा है, जो अपने अत्याधुनिक सुविधाएं और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए जाने जाते हैं। हमारे अपने क्लीनिक भी हैं, जहां हम रोगियों को परामर्श प्रदान करते हैं।
पूरे भारत में हमारे पास हाइड्रोसील के इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम है, जिनके पास लगभग 10 वर्षों का अनुभव है। हमारे डॉक्टर हाइड्रोसील का इलाज करने के लिए अत्यंत कुशल है और उन्होने अपने पूरे जीवन में कई लोगों की इस समस्या से निपटने में सहायता की है। आप उनके साथ एक निःशुल्क परामर्श सत्र बुक कर सकते हैं और उपचार के सभी विकल्पों पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं।
आमतौर पर हाइड्रोसील से किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है और इससे लोगों को कोई खतरा भी नहीं होता है। यदि हाइड्रोसील का लंबे समय तक इलाज नहीं किया जाए, तो इससे कई तरह की जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। चलिए सभी जटिलताओं को एक एक करके समझते हैं।
टेस्टिकुलर एट्रोफी: बड़े लंबे समय से रक्त का बहाव बाधित रहने के कारण टेस्टिकुलर एट्रोफी की संभावना बन जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अंततः बांझपन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
हाइड्रोसील का निदान करने के लिए, डॉक्टर शुरुआत में एक शारीरिक जांच करने का सुझाव देते हैं। यदि आपको भी हाइड्रोसील है, तो आपके अंडकोष में सूजन तो होगी, लेकिन आप किसी भी तरह की असुविधा का अनुभव नहीं करेंगे, जो बहुत विचित्र सी स्थिति बनाता है। डॉक्टर ट्रांसिल्यूमिनेशन नामक एक प्रक्रिया द्वारा अंडकोष की जांच कर सकते हैं। इसके द्वारा वह इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि आपके अंडकोष में तरल पदार्थ का संग्रह हुआ है या नहीं। इसके अलावा, डॉक्टर अन्य कारकों की पुष्टि करने के लिए पेट पर दबाव डालते हैं और आपको खड़े होने, किसी भी प्रकार का जोर लगाने या खांसने के लिए कह सकते हैं। वह ऐसा करने के लिए इसलिए कहते हैं क्योंकि, इनगुइनल हर्निया के मामले में भी समान लक्षण देखने को मिलते हैं। यदि लक्षण हर्निया के हैं तो अंडकोष में हर्निया का ऑपरेशन का सुझाव आपके डॉक्टर आपको दे सकते हैं।
शारीरिक जांच के बाद, डॉक्टर अक्सर कुछ टेस्ट का सुझाव देते हैं, जो हाइड्रोसील के इलाज में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
जोखिम और जटिलताएं
अन्य सर्जिकल प्रक्रियाओं की तरह, हाइड्रोसील सर्जरी के दौरान भी कुछ जटिलताएं उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस सर्जरी में भी कुछ जटिलताएं उत्पन्न होंगी, जैसे –
भोजन और जीवनशैली से जुड़े सुझाव
सर्जरी के बाद मुफ्त चैकअप
मुफ्त कैब सुविधा
24*7 सहायता
सर्जरी के खत्म होने के बाद आप थोड़ा विचलित महसूस कर सकते हैं। इसके पश्चात आपको नर्स की निगरानी में तब तक रखा जाता है, जब तक आप एनेस्थिया के प्रभाव में रहते हैं।
जब आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं तो आपको रिकवरी रूम में ले जाया जाता है, जहां समय समय पर नर्स और डॉक्टर आपके सेहत का जायजा लेते हैं। अंडकोष में सूजन को कम करने के लिए रोगी को आइस पैक दिया जाता है। आपके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर, आपको छुट्टी दी जाती है। अधिकतर मामलों में उसी दिन छुट्टी मिल जाती है।
यह हाइड्रोसील का उपचार करने की पारंपरिक प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर अंडकोष में सर्जिकल ब्लेड से चीरा लगाकर उपचार करते हैं। यह एक इनवेसिव प्रक्रिया है। प्रक्रिया के समय रक्तस्राव और रिकवरी के दौरान असहजता हो सकती है। यही वजह है कि अब अंडकोष वृद्धि का उपचार करने के लिए इस सर्जरी का बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, हाइड्रोसील के कुछ ऐसे भी मामले होते हैं जिसके उपचार के लिए ओपन सर्जरी का चयन करना पड़ता है।
प्रक्रिया–
यह हाइड्रोसील की दर्द रहित, रक्त रहित एवं आधुनिक प्रक्रिया है, जिसमें लेजर डिवाइस का इस्तेमाल करके 30 से 40 मिनट में हाइड्रोसील से छुटकारा मिल जाता है। इस सर्जरी के बाद रिकवरी जल्दी होती है और इन्फेक्शन होने की संभावना बहुत कम होती है। यही कारण है कि डॉक्टर अंडकोष वृद्धि का ऑपरेशन के लिए लेजर सर्जरी की सलाह देते हैं।
प्रक्रिया–
हाइड्रोसीलोक्टोमी के बाद पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लग सकता है। सर्जरी के बाद, आप अपने कमर या अंडकोष में चोट या सूजन का अनुभव कर सकते हैं। डॉक्टर आपको कुछ सुझाव देंगे। उन सुझावों का पालन कर आप होने वाली संभावित जटिलताओं को टाल सकते हैं।
उचित देखभाल और स्वस्थ आहार के साथ, आप एक सप्ताह के भीतर अपने दैनिक दिनचर्या पर वापस आ जाएंगे। एक बार रिकवरी पूरी हो जाए तो आप कठोर गतिविधियां जैसे साइकिल चलाना, बाइक चलाना, एवं जिम में व्यायाम कर सकते हैं।
सर्जरी के ठीक बाद आप सफल परिणाम देख पाएंगे। सूजन और चोट लगने के कारण आप असहज महसूस कर सकते हैं। इस बात की संभावना है कि आप थोड़ी परेशानी का सामना करेंगे, लेकिन कुछ दिनों में वह भी ठीक हो जाएगी। आपको सर्जरी के बाद, एक या दो बार डॉक्टर से परामर्श लेने आना होगा। उस परामर्श के दौरान डॉक्टर इस बात का पता लगाएंगे कि आप इस रोग से पूरी तरह से रिकवर हो गए हैं या नहीं। हाइड्रोसील की सर्जरी के बाद इस रोग के दोबारा होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।
एक 34 वर्षीय व्यक्ति ने 14 अक्टूबर को अंडकोष में सूजन के संबंध में प्रिस्टीन केयर से संपर्क किया। स्थिति को पूरी तरह से समझने के बाद, उन्हें अंडकोष में सूजन (24cm × 20cm × 10cm) (huge hemi-scrotal swelling) बताया गया। वह इस स्थिति से काफी लंबे समय से जूझ रहे थे और इस बात की पुष्टि खुद रोगी ने की थी। सूजन हाल ही में काफी बढ़ गई और उसके दिनचर्या में बाधा उत्पन्न करने लगी।
हमारे डॉक्टर ने रोगी को संपूर्ण उपचार की प्रक्रिया को आसान भाषा में समझाया। उन्हें हाइड्रोसिलोक्टोमी के बारे में पूर्ण जानकारी दी, और उसे उपचार के लाभ, हानि और परिणाम की अपेक्षाओं के बारे में बताया। 16 अक्टूबर को मरीज का हाइड्रोसिलोक्टोमी किया गया। इस प्रक्रिया में लगभग 35 मिनट लगे और मरीज को 2 घंटे तक निगरानी में रखा गया। बाद में मरीज को उसी दिन छुट्टी दे दी गई।
इसके पश्चात वह रोगी डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए दो बार आए और मात्र 2 सप्ताह में वह इस रोग से पूर्ण रूप से रिकवर हो गया।
हाइड्रोसील का सबसे अच्छा इलाज सर्जिकल रिपेयर है। सर्जरी के द्वारा, अंडकोष को ठीक से निकाला जाता है, और फिर तरल यानी पानी के संचय को रोकने के लिए अंडकोष और पेट के बीच के खुले चैनल को भी बंद कर दिया जाता है।
भारत में हाइड्रोसील ऑपरेशन का खर्च लगभग 30,000 से शुरू हो कर 65,000 रुपये तक हो सकता है। ये खर्च अस्पताल, सर्जन, सर्जरी के बाद की दवाइयों और शहर के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
आमतौर पर बच्चों में हाइड्रोसील 6 से 12 महीने के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसलिए, सर्जिकल रिपेयर की शायद ही कभी ज़रूरत पड़े। अगर 12 महीनों के अंदर स्थिति का समाधान नहीं होता है, तो हाइड्रोसील से संबंधित जटिलताओं को रोकने के लिए सर्जरी की जाएगी।
आमतौर पर डॉक्टर पुरे एक दिन के लिए बेड रेस्ट की सलाह देंगे। दर्द सहने योग्य होने पर अगले दिन से आप चलना, बैठना, सीढ़ियां चढ़ना आदि शुरू कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की आप ज्यादा थकावट महसूस ना करें।
हाइड्रोसील सर्जरी के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं जैसे-
इनमें से ज़्यादातर दुष्प्रभाव सर्जरी के बाद अगले कुछ दिनों में ही ठीक हो जाएंगे। लेकिन, अगर ये प्रभाव एक हफ्ते के अंदर दूर नहीं होते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हां, हाइड्रोसील के ऑपरेशन के खर्च को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया जाता है। अगर कोई समस्यात्मक लक्षण मौजूद नहीं हैं, तो बीमा कंपनियां आपके दावे को अस्वीकार कर सकता है और आपको सर्जरी का खर्च अपनी जेब से भरना पड़ेगा।
हाइड्रोसील के शुरुआती चरणों में किसी भी प्रकार के लक्षण (Hydrocele symptoms in Hindi) नहीं दिखते हैं और यदि दिखते भी हैं तो आपको परेशान नहीं करते। ज्यादातर मामले डॉक्टर के पास तब पहुंचते हैं जब स्थिति अगले चरण पर चली जाती है। इस स्थिति में घरेलू इलाज प्रभावकारी इलाज साबित नहीं होता है। अधिक सहायता के लिए आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता होगी।
Deepak Sahu, 48 Yrs
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Swelling, pain, discomfort from past six months beacuse of hydrocele i was in too much fear until i met Dr vipul parmar he explained me everything about the procedure and the treatment. While treatment everythng goes so seamless nice OT and hospital staff overall experience was so great.
Sukesh Reddy, 35 Yrs
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I am reaching out to express feeling after my wife's recent procedure under Dr. Tushar Goel. While we are very appreciative of Dr. Goel's expertise and dedication.
AKHILESH KUMAR SINGH, 41 Yrs
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He advised some ultrasound test to be performed and have seen the report. He suggested to work on some excercise and to wear scrotal support for the time being.
Rishit
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Overall the doctor was quite good and cooperative and made the patient understand well on the post surgery care.