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हाइड्रोसील क्या है और कैसे होता है 

हमारे जीवन का पहिया बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक इंसान कई कामों में फंसा हुआ है जिसकी वजह से वह एक से दूसरी जगह लगातार भागता ही रहता है। इस भागदौड़ के जिंदगी में सबसे ज्यादा पुरुष शामिल हैं। क्योंकि कहीं ना कहीं घर की ज्यादा जिम्मेदारी इनके ही कंधों पर होती है। भागदौड़ की इस रेस में वे इतना व्यस्त हो जाते हैं की खुद के स्वास्थ पर जरा भी ध्यान ही नहीं दे पाते हैं और ऐसा ना करने की वजह से इन्हे कितनी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इन्ही बीमारियों में से एक बीमारी हाइड्रोसील है। 

हाइड्रोसील एक सामान्य बीमारी है जो टेस्टिकल में पानी जमा हो जाने की वजह से होती है। यह समस्या छोटे बच्चों में सामान्य है। डॉक्टर का ऐसा मानना है की बच्चों में यह समस्या एक वक्त के बाद अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन पुरुष को इसका इलाज कराने की जरूरत पड़ती है। पुरुष में हाइड्रोसील की समस्या टेस्टिकल में चोट लगने, नसों में सूजन, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, अधिक शारीरिक संबंध बनाने, भारी वजन उठाने तथा दूसरे अन्य कई कारणों से होती है। 

मुख्य रूप से हाइड्रोसील दो प्रकार का होता है। इन्हे कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील और नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील के नाम से जाना जाता है। कम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील की स्थिति में अंडकोष की थैली पूरी तरह से बंद नहीं होती है। इसमें दर्द और सूजन होते हैं। यह समस्या मुख्य रूप से उस व्यक्ति में पायी जाती है जो हार्निया से पीड़ित होते हैं। जबकि नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील की स्थिति में अंडकोष की थैली बंद होती है और बचे हुए द्रव शरीर में जमा हो जाते है। नॉनकम्युनिकेटिंग हाइड्रोसील की समस्या मुख्य रूप से छोटे  बच्चों में देखने को मिलता है जो अपने आप ही एक साल के अंदर ठीक हो जाता है।   

यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। लेकिन आमतौर पर ऐसा देखा गया है की यह 40 साल से अधिक उम्र वाले लोगों में यह अधिकतर पायी जाती है।  

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Hydrocele Surgery

योगासन द्वारा हाइड्रोसील का इलाज 

हाइड्रोसील की शुरुआत में दर्द और सूजन नहीं होता है। इसलिए पुरुष इसे अनदेखा कर देते हैं। लेकिन जब इसकी स्थिति बिगड़ जाती है तब इसका इलाज कराना जरूरी हो जाता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, इसके लक्षणों को नहीं रोका गया तो आगे जाकर यह दूसरी कई बीमारियों को कारण बन सकता है। हाइड्रोसील के इलाज के बहुत सारी अंग्रेजी, होमियोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाइयां मौजूद है। साथ ही सर्जरी के द्वारा भी इसका इलाज किया जाता है। लेकिन इन सब के अलावा हम घर बैठे योग की मदद से भी हाइड्रोसील का इलाज कर सकते है और हमेशा के लिए इससे छुटकारा पा सकते हैं। 

इलाज के ढेर सारे माध्यम होने के बाद भी योग को काफी महत्त्व दिया जाता है। क्योंकि की यह सबसे आसान और सस्ता इलाज का माध्यम है। योग हाइड्रोसील की समस्या को बहुत ही आसानी के साथ खत्म कर देता है। इन सबके अलावा जो सबसे ख़ास बात है वो यह की इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। 

योग के दौरान मरीज को किसी भी तरह की परेशानी का सामना करने की जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही इसे करने के लिए किसी ख़ास तरह के सामान या उपकरण की भी जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आप योग के मामले में नए हैं तो आपको थोड़ी बहुत मार्गदर्शन की जरुरत पड़ेगी। साथ ही ज्यादातर योग की तकनीकों को कम से कम इंस्ट्रक्शन के साथ भी किया जा सकता है। 

ये बात सच हैं कोई भी किताब इस बात की पृष्टि नहीं करती है की योग हाइड्रोसील की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर देगा। लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है की इससे आराम जरूर मिलता है और काफी हद हाइड्रोसील के लक्षणों को कम करने में यह मददगार भी साबित हुआ है। इसलिए इसका इस्तेमाल करना चाहिए। 

वज्रासन को सबसे ज्यादा प्रभावशाली आसान माना जाता है। यह हाइड्रोसील के दर्द और सूजन से तुरंत आराम दिलाने में मदद करता है। हाइड्रोसील के अलावा भी इसका इस्तेमाल दूसरी कई बिमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आसन उन लोगों के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है जो ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जिसकी शुरुआत पेल्विक क्षेत्र से होती है। 

व्रजासन के बहुत से प्रकार हैं जिनकी मदद से हाइड्रोसील की समस्या के साथ साथ वृषण क्षेत्र में हो रहे सूजन से भी राहत मिलती है। कुछ दिनों तक लगातार इस आसान को करने के बाद आप इसके असर को देख सकते हैं। वज्रासन वृषण क्षेत्र में हो रही परेशानियों से निजाद दिलाने के साथ साथ पांचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। 

वज्रासन करने के लिए सबसे पहले आप आधे से एक घंटे तक सिट्ज बाथ लीजिए फिर इस आसन को कीजिए। आप चाहें तो सिट्ज बाथ लेते समय बाथटब के अंदर भी वज्रासन की पोजीशन में बैठ सकते हैं। हाइड्रोसील की वजह से आपको अपना पैर मोड़कर (Cross Legged) बैठने में परेशानी हो सकती है। वज्रासन करने से यह दर्द भी धीरे धीरे खत्म हो जाता है और फिर तब बैठने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। इस आसन की मदद से आप अपने रीढ़ और पैरों की मांपेशियों को मजबूत कर सकते हैं। 

हाइड्रोसील के जोखिम 

हाइलड्रोसिल का इलाज अगर समय पर नहीं किया गया तो एक वक्त के बाद यह घातक रूप ले सकता है और इसके कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। समय पर हाइड्रोसील का इलाज न कराने पर इसका दर्द बढ़ सकता है। एक समय के बाद ये दर्द इतना बढ़ सकते है की मरीज को पेन किलर्स लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। हाइड्रोसील का एक लक्षण अंडकोष में सूजन होना भी होता है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं हुआ तो यह स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है जो मरीज के स्वास्थ के लिए सही नही है। 

हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज क्या है?

अगर हाइड्रोसील माइल्ड है तो योगासन से इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसमें काफी लंबा समय लग सकता है और कई बार योगासन जरा भी प्रभावशाली साबित नहीं होता हैं। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर सर्जरी का सुझाव देते हैं। लेजर सर्जरी को हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज माना जाता है। लेजर सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे किसी भी प्रकार के हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज कम से कम समय में बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में पूरा किया जाता है। लेजर सर्जरी को शुरू करने से पहले यूरोलॉजिस्ट मरीज को लोकल या जनरल एनेस्थीसिया देते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद, यूरोलॉजिस्ट मरीज के स्क्रोटम में एक बहुत ही छोटा सा कट लगाकर वहां जमा हुए पानी को बहुत ही आसानी से बाहर निकाल देते हैं।

हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को पूरा होने में मात्र आधे घंटे का समय लगता है। यह एक दिन की सर्जिकल प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल में रुकने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती है। हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है। इस सर्जरी के दौरान मरीज को टांके नहीं आते हैं और ब्लीडिंग तथा दर्द भी नहीं होता है। लेजर सर्जरी के दौरान इंफेक्शन होने या दूसरे साइड इफेक्ट्स का खतरा भी लगभग न के बराबर होता है। हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी एक संक्षिप्त और सुरक्षित प्रक्रिया है।

प्रिस्टीन केयर में हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज कराएं

हाइड्रोसील एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर उचित इलाज आवश्यक है। अगर समय पर इसका सटीक इलाज नहीं हुआ तो इंफेक्शन और यौन संचारित इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप हाइड्रोसील की समस्या से परेशान हैं और कम से कम खर्च में इसका बेस्ट इलाज कराना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। प्रिस्टीन केयर में लेजर सर्जरी से हाइड्रोसील का बेस्ट इलाज किया जाता है। हमारे प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को एक अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में पूरा किया जाता है।

हमारे डॉक्टर को हाइड्रोसील की गहरी समझ और लेजर सर्जरी में महारत हासिल है। ये डॉक्टर अब तक हाइड्रोसील की हजारों सफल लेजर सर्जरी कर चुके हैं। दूसरे क्लिनिक या हॉस्पिटल की तुलना में हमारे क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी को काफी कम खर्च में किया जाता है। हम कम से कम खर्च में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी करने के साथ-साथ अपने मरीज़ों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं जिसमें सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप, सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट और सर्जरी खत्म होने के बाद फ्री फॉलोअप्स आदि शामिल हैं। इतना ही नहीं, हमारे क्लिनिक में हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी कराने के ढेरों फायदे हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं।

  • दर्द नहीं होता है
  • टांके नहीं आते हैं
  • ब्लीडिंग नहीं होती है
  • सुरक्षित लेजर इलाज है
  • 30 मिनट की प्रक्रिया है
  • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
  • बहुत ही प्रभावशाली इलाज है
  • 100% इंश्योरेंस कर सकते हैं
  • कोई एडवांस पेमेंट नहीं होता है
  • बहुत ही छोटा सा कट लगता है
  • डीलक्स रूम की सुविधा उपलब्ध है
  • गोपनीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध है
  • 48 घंटे के अंदर मरीज फिट हो जाते हैं
  • दोबारा बीमारी होने का कोई खतरा नहीं होता है
  • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं है
  • प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करती है

अगर आपको हाइड्रोसील की समस्या है और आप कम से कम खर्च में इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। हमारे विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी बीमारी को कम से कम समय में बहुत ही आसानी से ठीक कर सकते हैं। हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी के दौरान बहुत छोटा कट लगने और टांके नहीं आने के कारण सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी बहुत ही तेजी से होती है। लेजर सर्जरी के मात्र दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू भी कर सकते हैं। हाइड्रोसील की लेजर सर्जरी एक संक्षिप्त, सुरक्षित, बहुत ही आसान और सफल प्रक्रिया है।

हाइड्रोसील की रोकथाम 

आमतौर पर हाइड्रोसील की समस्या जन्म से पहले ही हो जाती है। इसी कारण ज़्यादातर लोगों को यह लगता है की इससे बचा नही जा सकता। हालांकि ऐसा सोंचना बिलकुल गलत है क्योंकि किसी भी दूसरी बीमारी की तरह हाइड्रोसील की भी रोकथाम की जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति हाइड्रोसील से पीड़ित है तो वह नीचे दिए गए निम्नलिखित बातों को फॉलो कर हाइड्रोसील को बढ़ने से रोक सकता है।

हाइड्रोसील से पीड़ित व्यक्ति को भारी चीज़ों को नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से उसके अंडकोष पर बुरा असर पड़ सकता है। हाइड्रोसील से पीड़ित व्यक्ति को हलके फुल्के व्यायाम करने चाहिए। ये उसकी सेहत के लिए सही होते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रहे की भारी सामान न उठाएं और ज़्यादा देर तक व्यायाम न करें।  

हाइड्रोसील के आकार को बढ़ने से रोकने के लिए अंडकोष को बाँधकर रखें। उन्हें लटकने न दें और कूदते-फांदते समय उसे ढीला ना छोड़ें। दो रत्ती फुला हुआ सुहागा चार पांच दिनों तक रोज रात में लेने से अंडकोष के सूजन में आराम मिलता है। हल्दी को पानी में पीस कर अंडकोष पर लेप लगाने से सूजन कम और ख़त्म हो जाती है।  

इन सबसे जरूरी, हाइड्रोसील की समस्या होने पर किसी भी इलाज का चुनाव और इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एकबार जरूर मिलें। उनसे बात करें और अपनी समस्या के बारे में बताएं। साथ ही अगर आप किसी योग आसन का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं तो  पहले उसके बारे में डॉक्टर को बताएं। 

 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|