इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) एक ऐसी तकनीक है जिसमें कृत्रिम रूप से महिलाओं के ओवरी को अंडाणु (eggs) बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और लैब में स्पर्म की मदद से इन अंडों को फर्टिलाइज किया जाता है। आईवीएफ (IVF) की जरुरत उन महिलाओं को पड़ती है जो किसी कारणवश माँ नहीं बन पा रही हैं। यह एक मल्टीस्टेप प्रक्रिया है जिसे कई चरणों में पूरा किया जाता है। ओवरी को अंडे के निर्माण के लिए प्रेरित करने के लिए कई प्रकार की दवाइयां इस्तेमाल में लाई जाती हैं जिन्हें आईवीएफ दवा (IVF medications) कहते हैं।
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आईवीएफ दवाएं कैसे काम करती हैं? – How do IVF medications work in hindi
आईवीएफ की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है और इन चरणों को दवा के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। आईवीएफ की प्रक्रिया गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से शुरू होती है। महिला को कुछ दिनों पहले से ही गर्भ निरोधक गोलियां दी जाती है ताकि ओव्यूलेशन समय से पहले न हो।
गर्भनिरोधक पिल्स के बाद फर्टिलिटी दवाइयां दी जाती हैं। फर्टिलिटी ड्रग ओवरी को अंडो के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं। फर्टिलिटी ड्रग्स इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाते हैं जो अंडे को मैच्योर (mature) बनाने में सहायता करते हैं। यह दवा उन हार्मोन को टारगेट करती हैं जो अंडाणु के निर्माण में सहायता करते हैं।
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जब अंडे का सही से निर्माण हो जाता है तब एग रीट्राइवल (egg retrieval) की प्रक्रिया शुरू होती है। एग रीट्राइवल एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे मैच्योर अंडों को प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया में रोगी को एनेस्थीसिया (anaesthesia) दिया जाता है। एग रीट्राइवल सर्जरी में किसी प्रकार का चीरा या टाँका लगाने की जरुरत नहीं होती है।
आईवीएफ दवा कितने प्रकार की होती हैं ? – Types of IVF medications in Hindi
आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार की दवाइयां रोगी को दी जाती हैं जिनमे से कुछ का सेवन करना होता है और कुछ इंजेक्ट (inject) की जाती हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान कौन सी विशेष दवा दी जाएगी और कितनी मात्रा में दी जाएगी यह कई कारणों पर निर्भर करती है जैसे- महिला की उम्र, ओवरी का परीक्षण इत्यादि।
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आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान यह दवाइयां दी जा सकती हैं-
- गर्भनिरोधक गोलियां (Birth Control Pills)- गर्भनिरोधक गोलियां मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करती हैं और प्रजनन अंगों को आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए प्रेरित करती हैं। यह दवा इलाज के पहले चरण में दी जाती है।
- प्रसवपूर्व विटामिन (prenatal vitamins)- एक स्वस्थ गर्भावस्था को पाने के लिए महिलाओं को कई पोषक तत्व सप्लीमेंट के तौर पर दिए जाते हैं। इनमें फोलिक एसिड, विटामिन सी, विटामिन डी, कैल्शियम आदि शामिल हैं। फोलिक एसिड के सेवन से बच्चे का ब्रेन और मेरुदण्ड (spinal cord) मजबूत होता है।
- लूप्रों (Lupron)- यह दवा उच्च गुणवत्ता वाले अंडाणु के निर्माण में सहायक है। यह ड्रग शरीर को अधिक मात्रा में परिपक्व अंडों (mature eggs) के उत्पादन के लिए सक्षम बनाता है।
- फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH- Follicle stimulating hormone)- ओव्यूलेशन के लिए फॉलिकल का बढ़ना बहुत जरुरी होता है। FSH इंजेक्शन ओवरी में मौजूद फॉलिकल के ग्रोथ को बढ़ाने का कार्य करते हैं।
- एन्टागॉन (Antagon)- गाइनेरेलेक्स (Ganirelix) एक एन्टागॉन है जो प्रीमेच्योर ओवुलेशन को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है।
- डॉक्सीसाइक्लिन (Doxycycline)- यह एक एंटीबायोटिक दवा है जिसका सेवन किया जाता है। इन्फेक्शन से लड़ने में यह मददगार है। यह ड्रग एग रीट्राइवल के दौरान होने वाले संक्रमण के खतरे को कम करता है।
- इस्ट्रेस (Estrace)- यह दवा महिला हार्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) की मात्रा बढ़ाने के लिए दी जाती है। इस ड्रग को मुँह से या योनि के माध्याम से लिया जा सकता है।
- नोवारेल (novarel)- यह एक ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG- human chorionic gonadotropin) इंजेक्शन है जो ओव्यूलेशन कि गति बढ़ाने के लिए दिया जाता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब ओव्यूलेशन को प्रेरित करने कि अन्य दवैया दी जा रही हों।
- प्रोजेस्टेरोन (Progesterone )- यह एक स्टेरॉयड है जो गर्भाशय को भ्रूण के आरोपण के लिए विकसित करता है। यह यूट्रीन लाइनिंग (uterine lining) के विकास के लिए भी जरुरी होता है।
- प्रेडनिसोन (Prednisone)- एंटी स्पर्म एंटीबॉडी की वजह से गर्भवती नहीं हो पा रही हैं या फिर बार-बार प्रेगनेंसी लॉस कि समस्या होती है तो आईवीएफ ट्रीटमेंट के साइकिल में यह दवा दी जा सकती है।
- माइक्रोडोज़ ल्यूप्रोन (Microdose Lupron)- यह दवा शुरू में अंडाशय को उत्तेजित करती है और फिर बाद में शामित (supress) कर देती है।
- वैलियम (valium)- भ्रूण स्थानांतरण (embryo transfer) से पहले मांसपेशी को आराम पहुंचाने के लिए और स्ट्रेस दूर करने के लिए यह दवा दी जाती है।
आईवीएफ दवाइयों का खर्च कितना है? – Costs of IVF medications in hindi
फर्टिलिटी दवाइयां महंगी होती हैं। प्रत्येक फर्टिलिटी ड्रग की कीमत अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा इन दवाइयों की कीमत इनके ब्रांड पर भी निर्भर करती है।
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कई इंश्योरेंस कंपनी आईवीएफ दवाइयों का खर्च उठाती हैं। आपने इंश्योरेंस करा रखा है तो इसके बारे में अपने इंश्योरेंस कंपनी से सवाल करें।
आईवीएफ दवाओं के साइड इफेक्ट्स – Side effects of IVF medications in hindi
आईवीएफ दवाओं के कई नुकसान हैं, जिनमे से ओवेरियन हाइपरस्टीमुलेशन (OHSS- ovarian hyperstimulation) सबसे बड़ा है। यह एक समस्या है जिसमें ओवरी जरुरत से ज्यादा अंडे उत्पन्न करने लगते हैं। फर्टिलिटी ड्रग्स (fertility drugs) अंडाशय को अधिक से अधिक अंडाणु के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने लगते हैं।
IVF की दवाओं का उपयोग गर्भाशय को तैयार करने के लिए किया जाता है। अगर आपके परिवारिक इतिहास में ओवेरियन कैंसर की बीमारी है तो आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद आपको भी ओवेरियन कैंसर हो सकता है। ऐसा आईवीएफ दवाओं के साइड इफ़ेक्ट के कारण होता है।
इनके और भी कई साइड इफ़ेक्ट हैं जो इस प्रकार हैं-
- पेट दर्द
- स्तन में कोमलता आना
- अनिद्रा
- सिर दर्द
- वजन बढ़ना
- अधिक पेशाब लगना
- मासिक धर्म से असामान्यता
- योनि का सूखापन
- मूड स्विंग
- गर्मी लगना
- चक्कर आना
- सब कुछ धुंधला दिखाई देना
निष्कर्ष
आईवीएफ की मदद से बच्चा पैदा करने में दवाइयों का अहम रोल है। इसलिए, इस दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाइयों का समय-समय पर सेवन अवश्य करना चाहिए। कोई भी गलती गर्भपात का कारण बन सकती है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|