कपूर तेज गंध वाला एक स्वच्छ पदार्थ है जिसका स्वाद तीखा होता है। आमतौर पर इसका उपयोग पूजा के दौरान दीपक जलाने के लिए किया जाता है। यह एक नेचुरल कीटनाशक है जिसके धुएं से कीटाणु मर जाते हैं।
खांसी, कफ, अपच आदि कई बीमारियों में यह चमत्कारी लाभ प्रदान करता है। कपूर की मदद से बवासीर के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
कपूर के बवासीर में फायदे
सूजन कम करता है
कपूर में एंटी इंफ्लामेटरी गुण होता है जो सूजन दूर करता है। इसका ठंडा-गर्म स्वभाव सूजन को जड़ से खत्म करने में कारगर है। बवासीर में गुदा की नसों में सूजन आ जाता है जिसे कम करने में यह मददगार साबित हो सकता है।
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जलन दूर करता है
बवासीर होने पर गुदा में असहनीय जलन होती है। ऐसा लगता है कि किसी ने होंठ पर मिर्च लगा दिया हो। कपूर में ठंडक प्रदान करने वाले गुण होते हैं जो जलन को दूर करने में मदद करते हैं। पुराने जमाने में हकीम बवासीर से पीड़ी रोगियों को कपूर का पेस्ट तैयार करके लेप लगाने को देते थे, इससे रोगी को बहुत आराम मिलता था।
घाव भरता है
कपूर में हीलिंग के गुण मौजूद होते हैं जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को पुनः सामान्य कर सकते हैं। बवासीर से ग्रस्त कोशिकाओं को यह ठंडक प्रदान करता है और उन्हें फिर से स्वस्थ बनाता है।
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खुजली दूर करता है
कपूर में मौजूद एंटी-इचिंग के गुण बवासीर की खुजली को दूर कर सकते हैं। यह खुजली दूर करके स्किन इरिटेशन से भी छुटकारा दिलाता है।
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इस तरह से उपरोक्त तरीकों से बवासीर में कपूर का इस्तेमाल करने से बवासीर के मस्से कम होते हैं और मस्सों के कारण होने वाली असहजता से भी राहत मिलती है।
बवासीर में कपूर कैसे इस्तेमाल करें?
बवासीर होने पर कपूर का उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है:
- कपूर का तेल – कपूर के तेल को बवासीर के मस्सों पर दिन में तीन से चार बार लगाएं।
- कपूर और नारियल का तेल- कपूर और नारियल के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से खुजली, जलन, सूजन दूर होता है और आराम मिलता है।
- कपूर और अरंडी का तेल – अरंडी का तेल सदियों से बवासीर के दर्द और सूजन को कम करने के लिए उपयोग होता आ रहा है। 100 ग्राम अरंडी के तेल में एक कपूर घोलकर एक नया मिश्रण तैयार करें। इस तैयार मिश्रण को बवासीर के मस्सों पर लगाएं और हल्के हाथों से मसाज करें। (जब तक कि मस्से तेल को पूरी तरह से न सोख लें) यह उपाय बवासीर को सुखाने में मदद करेगा।
क्या कपूर से हर तरह का बवासीर ठीक हो जाता है?
बहुत से लोग कपूर अथवा अन्य प्राकृतिक उपचार की मदद से बवासीर के उच्च ग्रेड को ठीक करने की कोशिश करते हैं और अंततः विफल हो जाते हैं।
कपूर सिर्फ शुरुआती स्टेज के बवासीर को ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसलिए बवासीर के लक्षण दिखाई देने पर आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उनसे राय लेना चाहिए।
कपूर के उपयोग के साथ-साथ आपको डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का भी सेवन करना चाहिए। इससे शुरूआती स्टेज के बवासीर को खत्म करना आसान होगा और यदि बवासीर अपने ऊपरी स्तर पर है तो डॉक्टर अन्य उपचार विधियाँ, जैसे- स्केलेरोथेरेपी, लेजर सर्जरी, स्टेपलर सर्जरी और बहुत आवश्यकता पड़ने पर ओपन सर्जरी की सलाह दे सकते हैं।
बवासीर का मेडिकल उपचार करने की विधियों में लेजर सर्जरी को सबसे अच्छी उपचार विधि का दर्जा प्राप्त हैं।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|