पुराने समय में मिट्टी के तेल समेत पेट्रोलियम के अन्य कई उत्पाद मेडिकल समस्याओं में कई तरह से उपयोग किये जाते थे। कट या स्क्रैच लग जाने पर मिट्टी का तेल एक एंटीसेप्टिक की तरह इस्तेमाल होता था।
मिट्टी का तेल सिर की जूँ मारने, जानवरों में फटे या संक्रमित खुरों को इन्फेक्शन से बचाने, यहाँ तक कि चुन्ना काटने पर एक फेमस नुस्खे के रूप में इस्तेमाल होता था। वोर्म इन्फेक्शन में इसे बतौर लोशन उपयोग किया जाता था।
लेकिन विज्ञान के विस्तार के साथ नई-नई खोजें हुई हैं और बहुत से प्राचीन नुस्खे जानलेवा साबित हुए हैं। क्या मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज किया जा सकता है? यदि हाँ तो कैसे और यदि नहीं तो क्यों? आज हम इसी प्रश्न का उत्तर जानेंगे।
साथ ही हम कुछ केस रिपोर्ट भी देखेंगे, जिसमें बवासीर रोगियों से मिट्टी के तेल को बवासीर में बतौर इलाज इस्तेमाल किया था।
क्या मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज हो सकता है?
मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज नहीं करना चाहिए। यह शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है और कई बार यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। एकाध रिपोर्ट ऐसी भी आई हैं जिसमें मिट्टी के तेल के उपयोग से रोगी की मौत हो गयी है।
मिट्टी का तेल जहरीले हाइड्रोकार्बन में से एक है, जिसे बहुत से लोग त्वचा में लगाकर, सूंघकर या पीकर, बवासीर का इलाज करना चाहते हैं। विशेषतौर पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग इस नुस्खे का काफी इस्तेमाल करते हैं। इससे शरीर में कई तरह के जोखिम देखे जा सकते हैं।
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लंबे समय तक केरोसिन के संपर्क में रहने के बाद, तंत्रिका तंत्र (respiratory system) पर दुष्प्रभाव, इम्यून सिस्टम के कार्य में कमी, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, अस्थमा, एलर्जी, बांझपन, गर्भपात, और सीखने की अक्षमता, मानसिक मंदता और अधिक एक्टिवनेस, सहित ध्यान संबंधी विकार देखे गए थे।
केस रिपोर्ट
एक 39 वर्षीय पुरुष अपने बाहरी बवासीर का उपचार के लिए पिछले 6 दिनों से केरोसीन का इंजेक्शन यूज कर रहा था। अचानक से उसके अंडकोष की थैली में सूजन, दर्द और पेशाब रुकने में परेशानी हुई तो वह हॉस्पिटल गया।
निदान के दौरान पाया गया कि उसका तलवा का हिस्सा नीचे झुका हुआ था (foot drop) और तलबे को एक पोजीशन में रख पाने में उसे मशक्कत करनी पड़ रही थी। साथ ही उसमें कॉडलेक्विन सिंड्रोम (एक ऐसी बीमारी जिसमें स्पाइनल नर्व में दबाव आ जाता है, तुरंत ही सर्जरी की जरूरत पड़ती है ) के लक्षण दिखाई दिए।
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इलेक्ट्रोमोग्राफी में घुटने के दोनों हिस्सों में मौजूद डीप पेरोनियल नर्व के डिमाइलिनाइजेशन (नर्व को प्रोटेक्ट करने वाली शील्ड नष्ट हो जाना) और डिजनरेशन की स्थिति मिली थी।
वहीं, एक मामले में इंजेक्शन के जरिए मिट्टी के तेल को अपने बवासीर पर डालने के बाद रोगी की मौत हो गयी। डॉक्टर ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन 24 घंटे के भीतर हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गयी
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मिट्टी के तेल से बवासीर का उपचार करने के हो सकते हैं ये नुकसान
- बवासीर के मस्से पर सिरिंज की मदद से मिट्टी का तेल डालने से खून दूषित हो सकता है। ब्लड वेसल्स को नुकसान, नेक्रोसिस (प्रभावित क्षेत्र की टिशू मर जाती हैं), इन्फेक्शन आदि कुछ गंभीर एवं जानलेवा जटिलताएं हो सकती हैं।
- यूरिन रिटेंशन
- फूट ड्राप (तलवे में कोई ताकत नहीं बचना)
- पेरोनियल नर्व पैरालिसिस
- त्वचा में जलन और लालिमा
मैनें बवासीर के मस्से पर मिट्टी के तेल का इंजेक्शन लगा लिया, अब क्या करूं?
यदि आप यह पोस्ट मिट्टी के तेल इस्तेमाल करने के बाद पढ़ रहे हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप निम्न टिप्स आजमाकर रिस्क कम कर सकते हैं:
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ऊपरी त्वचा पर लगाने पर
यदि आपने मिट्टी के तेल को बवासीर के मस्से पर लेप की तरह लगाया है तो उसे तुरंत ही साबुन से साफ़ करें। यदि एक घंटे बाद भी जलन, खुजली और लालिमा से राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर के पास जाएं। आपके पास बवासीर का क्रीम है तो उसे लगाएं।
इंजेक्शन से लगाने पर
बहुत से लोग मिट्टी के तेल को सिरिंज की मदद से मस्सों पर इंजेक्ट कर देते हैं। यह कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति में आपको बिना देरी के डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वे आपको कुछ दवाइयाँ देंगे जो मिट्टी के तेल के प्रभाव को कम करने में मदद करेंगे।
डॉक्टर से मिलने में न करें देरी
ज्यादातर लोग जब घरेलू नुस्खे से बवासीर का उपचार करके थक जाते हैं और उन्हें कोई आराम नहीं मिलता है तब वे डॉक्टर के पास जाते हैं। तब तक बवासीर का ग्रेड सामान्य से अधिक हो चुका होता है।
यदि आप हाल ही में बवासीर से पीड़ित हुए हैं तो डॉक्टर से निदान कराने में देरी न करें। डॉक्टर बवासीर के ग्रेड का मूल्यांकन करके सही उपचार करेंगे। सही समय पर डॉक्टर को दिखा लेने पर आप सर्जरी से बच सकते हैं।
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बवासीर का इलाज के लिए हम भारत के 30 से अधिक शहरों में विख्यात हैं। हमारे अनुभवी गुदा रोग विशेषज्ञ गुदा क्षेत्र का सटीक निदान करते हैं फिर उपचार का सही विकल्प चुनते हैं।
यदि उपचार के लिए दवाइयाँ और रहन-सहन में बदलाव काफी है तो सर्जरी नहीं की जाती है। ठीक विपरीत होने पर अथवा बवासीर का चरण गंभीर होने पर डॉक्टर लेजर सर्जरी का चयन करते हैं। सर्जरी के लिए उपयोग होने वाले सभी उपकरण लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस होते हैं। इन्हें ऑपरेट करने वाले सर्जन को लगभग 15 से अधिक वर्षों का अनुभव होता है जिससे सर्जरी के बाद जटिलता होने की संभावना लगभग शून्य होती है।
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निष्कर्ष
मिट्टी के तेल की मदद से बवासीर का इलाज नहीं किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल करने से व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बवासीर के लक्षण नजर आने पर आपको डॉक्टर से निदान कराना चाहिए और उनकी सलाहानुसार सही उपचार करना चाहिए। यदि आप बवासीर के बेस्ट डॉक्टर से संपर्क करना चाहते हैं तो हमें फोन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|