प्रसव पीड़ा क्या है — What is Labour Pain in Hindi — Labour Pain in Hindi
जब एक गर्भवती महिला अपनी प्रेगनेंसी कि नौ महीने की अवधि को पूरा करने बाद शिशु को जन्मे देती है तब उसे काफी तेज दर्द से गुजरना पड़ता है। इसी दर्द को प्रसव पीड़ा यानी कि लेबर पेन Labour Pain in Hindi कहा जाता है। जो महिलाएं पहली बार मां बनने वाली होती हैं उन्हें यह दर्द अधिक परेशान करता है।
कई बार Labour Pain in Hindi दर्द इतना तेज होता है कि मां के साथ साथ बच्चे कि जान को भी खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा से संबंधित जानकारी नहीं होने कि वजह से वे इसके बारे में इतना अधिक सोचने लगती हैं कि कई वे या तो बीमार पड़ जाती हैं या फिर डिप्रेशन में चली जाती हैं।
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प्रिस्टीन केयर के इस खास ब्लॉग में आज हम आपको प्रसव पीड़ा, इसके लक्षण, उपाय और इससे जुड़ी दूसरी सभी आवश्यक चीजों के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप इस बात को अच्छी तरह से समझ जाएंगी कि प्रसव के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना है और कैसे प्रसव पीड़ा को कम तथा इससे लड़ने के लिए खुद को तैयार करना है।
प्रसव पीड़ा कब शुरू होता है — When Does Labour Pain Start in Hindi — Labour Pain Prasav Pida Kab Shuru Hota Hai
डॉक्टर का मानने है कि गर्भवती महिला को उसकी प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से 40वें सप्ताह के बीच Labour Pain in Hindi कभी भी प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। यह इस बात कि और इशारा करता है कि आपकी डिलीवरी जल्दी होने वाली है। कई मामलों में 37वें सप्ताह कि शुरुआत में या इससे भी पहले शिशु की डिलीवरी हो जाती है। इस डिलीवरी को हम प्रीमैच्योर डिलीवरी के नाम से जानते हैं। लेकिन कई मामलों में 40वें सप्ताह के बाद भी डिलीवरी नहीं होती है। इसलिए ऐसे मामलों में कृत्रिम तरीकों का इस्तेमाल करके शिशु कि डिलीवरी करवाई जाती है।
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प्रसव पीड़ा के लक्षण — Symptoms of Labour Pain in Hindi — Prasav Pida Ke Lakshan
एमनियोटिक द्रव से भरी थैली का फटना — Amniotic Tube Ka Fatna
प्रेगनेंसी के दौरान आपके गर्भ में एमनियोटिक द्रव से भरी एक थैली होती है जो प्रसव पीड़ा शुरू होने से पहले फट जाती है। Labour Pain in Hindi इसलिए इस थैली के फटते ही आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रेगनेंसी के आखिरी समय में कई बार शिशु गर्भ में ही अपना पहला मल त्याग कर देते हैं। इस बारे में आप डॉक्टर से बात कर सकती हैं। शिशु के मल त्याग करने पर थैली के पानी का रंग हरा हो जाता है।
शिशु के आने की तैयारी करना — Shishu Ke Aane Ki Taiyari Karna
डॉक्टर का मानने है कि जैसे ही डिलीवरी का समय नजदीक आता है, गर्भवती महिला अपने शिशु के जन्म लेने से संबंधित छोटी मोटी तैयारियों में जुड़ जाती हैं। Labour Pain in Hindi वे अपने घर को सजाने लगती हैं, शिशु के लिए कपड़ा और खिलौने खरीदने लगती हैं। अगर आप भी अपनी गर्भावस्था के आखिरी समय में ये सब करती हैं तो यह इस बात कि ओर इशारा करता है कि आपका प्रसव पीड़ा जल्द ही शुरू होने वाला है।
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भावनात्मक बदलाव आना — Bhavnatmak Badlaav Aana
प्रसव का समय पास आते ही आपके अंदर भावनात्मक रूप से बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। आपका मूड लगातार बदलता रहता है। Labour Pain in Hindi एक पल आप खुश रहती हैं तो दूसरी ही पल दुखी हो जाती हैं। आपका छोटी छोटी बात पर खुश होना, गुस्सा आना और मन का चिड़चिड़ा होना सामान्य बात है। यह सब हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। अगर आप भी अपनी गर्भावस्था के आखिरी समय में ऐसा महसूस करती हैं तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका प्रसव पीड़ा काफी नजदीक आ गया है।
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आलस और कमजोरी महसूस करना — Aalas Aur Kamjori Mahsus Karna
प्रसव का समय पास आने पर Labour Pain in Hindi आपको आलस और कमजोरी महसूस हो सकती है। कमजोरी कि वजह से आपको पूरे दिन नींद आती रहती है। लेकिन हार्मोनल बदलाव के कारण आपके शरीर में कुछ दिक्कतें भी होती हैं जिसके कारण आप नींद नहीं सो पाती हैं। अगर आपको अपनी गर्भावस्था के आखिरी सप्ताह में आलस और कमजोरी महसूस होने के साथ साथ नींद भी आती है तो आपको डिलीवरी के लिए तैयार हो जाना चाहिए क्योंकि यह आपके प्रसव पीड़ा के नजदीक होने का संकेत हो सकता है।
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ग्रीवा का पतला होकर फैलना — Griva Ka Patla Hokar Failna
जब आप डिलीवरी के लिए तैयार हो जाती हैं तो आपकी ग्रीवा पतली होकर फैलने लगती है। डॉक्टर का यह मानने है कि Labour Pain in Hindi गर्भावस्था के दौरान आपकी ग्रीवा लगभग 10 सेंटीमीटर खुल जाती है जो प्रसव पीड़ा के खास लक्षणों में एक है।
जैसे ही डिलीवरी का समय पास आता है, गर्भ में पल रहा शिशु पेल्विक क्षेत्र के निचले हिस्से कि तरफ खिसकने लगता है।
डिलीवरी डेट पास आते ही आपको पेट से संबंधित समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इस दौरान आपको कब्ज और पेट खराब होने कि शिकायत हो सकती है। ये प्रसव पीड़ा के लक्षण हैं।
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प्रेगनेंसी के दौरान संकुचन कि गति धीरे धीरे बढ़ती है लेकिन प्रसव पीड़ा शुरू होने से पहले आपके संकुचन कि गति में तेजी जाती है।
प्रसव पीड़ा के लक्षण के रूप में आपको प्रोड्रोमल लेबर कि समस्या भी हो सकती है। आमतौर यह गर्भ में शिशु के गलत स्थिति में होने के कारण होता है।
जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है आपकी जोड़ों और मांपेशियों में खिंचाव शुरू हो जाता है। जिसे प्रसव पीड़ा के शुरू होने का संकेत माना जा सकता है।
जब गर्भाशय ग्रीवा डिलीवरी के लिए तैयार हो जाती है तब म्यूकस प्लग के साथ खून भी बाहर निकलने लगता है। इन सबके अलावा, Labour Pain in Hindi आप प्रसव पीड़ा शुरू होने से पहले अपनी श्रोणि क्षेत्र में दबाव और कमर में दर्द महसूस कर सकती हैं।
प्रसव पीड़ा के उपाय — Treatment For Labour Pain in Hindi — Labour Pain / Prasav Pida Ka Ilaaj
हर महिला को मां बनने की ख्वाहिश होती है। गर्भावस्था नौ महीने की एक खूबसूरत प्रक्रिया है जिसके दौरान Labour Pain in Hindi महिला के अंदर मानसिक और शारीरिक रूप से कई तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान उसे काफी परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है। लेकिन डिलीवरी यानी की प्रसव के समय उसे सबसे अधिक पीड़ा का सहन करना पड़ता है।
कभी कभी यह प्रसव पीड़ा इतनी ज्यादा होती है की मां के साथ साथ शिशु की जान का खतरा भी रहता है। यही कारण है की प्रसव के दौरान महिला को कुछ बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। कुछ उपाय हैं जिसकी मदद से प्रसव पीड़ा को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अंजीर का सेवन — Fig For Labour Pain in Hindi
अंजीर पोषक तत्वों से भरपूर एक औषधि है जिसका इस्तेमाल ढेरों बीमारियों, परेशानियों और समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। Labour Pain in Hindi ऐसा कहा जाता है की डिलीवरी से लगभग एक सप्ताह पहले गर्भवती महिला को अंजीर का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इससे प्रसव पीड़ा काफी हद तक कम हो जाती है।
लौकी और शहद का सेवन — Labour Pain Ko Kam Karne Ke Liye Lauki Aur Honey Ka Sevan
एक छोटी सी लौकी को उबालने के बाद उसका रस निकालें और और फिर उस रस के हिसाब से उसमें शहद मिलाने के बाद गर्भवती महिला को सेवन करने के लिए दें। Labour Pain in Hindi इससे डिलीवरी आसानी से हो जाएगी और महिला को काफी कम प्रसव पीड़ा होगा।
लयबद्ध तरीके से सांस लेना — Lawbadh Tarike Se Sans Lene Se Prasav Pida Kam Hota Hai
प्रसव के दौरान लयबद्ध तरीके से सांस लेने से ऊर्जा संरक्षण में मदद मिलती है जिससे आपको प्रसव के दौरान राहत मिलती है। ऐसा करने से आपके शिशु को भी काफी मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है जिसकी वजह से उसे जन्म के दौरान परेशानी नहीं होती है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना — Drinking Enough Water Reduces Labour Pain in Hindi
प्रसव के दौरान अक्सर आपको तेज प्यास लगती है जो की स्वाभाविक भी संभव है। अगर यह आपका पहला शिशु है तो आपका प्रसव लंबा भी चल सकता है। इसलिए इस दौरान उन सभी चीजों का सेवन करें जो आपको लंबे समय तक ऊर्जा देने का काम करते हैं। साथ ही पानी पीती रहें।
अपने साथ किसी खास व्यक्ति को रखना — Delivery Ke Samay Apne Saath Kisi Khas Insan Ko Rakhna
प्रसव के दौरान आपको अपने साथ उस व्यक्ति को रखना चाहिए। जिसपर आपको ज्यादा लगाव है। ये आपके पति, मां, सास, बहन या दोस्त हो सकते हैं। इससे आपको हिम्मत और मदद मिलती है। अगर आपको किसी तरह की कोई समस्या हुई तो ये आपको तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं।
प्रसव के समय सही पोजीशन में होना — Prasav Ke Samay Sahi Position Me Hone Se Labour Pain Kam Hota Hai
प्रसव के दौरान आपको सही मुद्रा यानी की पोजीशन में होना चाहिए। इससे आपके प्रसव और प्रसव दर्द पर काफी फर्क पड़ता है। Labour Pain in Hindi इसलिए अपनी पोजीशन का ध्यान रखें। ऐसा मानना है कि सीधा खड़े होने से प्रसव जल्दी हो जाता है जबकि पीठ के बल लेटने पर ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है जिससे डिलीवरी में काफी परेशानी होती है।
हल्का फूलका टहलना — Halka Fulka Tahalnse Se Prasav Pida Kam Hota Hai
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डॉक्टर संकुचन के दौरान चलने फिरने की सलाह देते हैं Labour Pain in Hindi क्योंकि ऐसा करने से आपके शिशु की डिलीवरी बहुत जल्दी हो जाती है। ध्यान रहे की आप चलते समय अपने साथ किसी को रखें ताकि संकुचन के समय आपको सहारा मिल सके।
गाजर का काढ़ा पीना — Gajar Ka Kadha Pine Se Labour Pain Me Rahat Milti Hai
गाजर के बीज और इसके पत्तों का काढ़ा पीने से डिलीवरी में काफी फायदा होता है। यह प्रसव को दर्दरहित और आसान बनाता है। अगर आप प्रसव पीड़ा से घबराई हुई हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इस काढ़ा का सेवन कर सकती हैं।
लाल घुंघची और गुड़ का सेवन — Lal Ghunghchi Aur Gud Ka Sevan Prasav Pida Kam Karta Hai
तीन दाने लाल घुंघची को महीन पीसने के बाद इसमें हल्का सा गुड़ मिलाएं और इसे अच्छी तरह से मिला लें। फिर डिलीवरी के दौरान महिला को खिलाएं। ऐसा करने से बिना दर्द के शिशु का जन्म काफी कम समय में हो जाता है।
मकोय की जड़ का इस्तेमाल — Makoy Ke Jad Ka Istemal Labour Pain Kam Karta Hai
कुछ लोगों का यह भी मानने है की मकोय की जड़ को पीसकर नाभि के नीचे लगाने से डिलीवरी बहुत आराम और आसानी से हो जाती है। साथ ही महिला को कम से कम प्रसव पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
तुलसी के रस का सेवन — Tulsi Prasav Pida Ko Me Madad Karta Hai
तुलसी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो प्रसव पीड़ा को कम करने का काम करते हैं। इसलिए गर्भवती महिला को Labour Pain in Hindi तुलसी के पत्तों का रस थोड़ी देर के अंतराल में एक एक चम्मच पीना चाहिए। इससे लेबर पेन में काफी आराम मिलता है।
अरंडी के तेल का इस्तेमाल — Caster Oil Helps in Reducing Labour Pain
प्रसव पीड़ा से बचने के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। Labour Pain in Hindi गर्भवती महिला के नाभि पर इस तेल को लगाने से तुरंत डिलीवरी हो जाती है। इसके दौरान प्रसव पीड़ा भी कम से कम होती है।
यह भी कहा जाता है की प्रसव के दौरान मालिश करने से शरीर में अच्छा महसूस करने वाले हार्मोन का निर्माण होता है जिससे प्रसव पीड़ा से राहत मिलती है। काफी महिलाओं को प्रसव के दौरान मालिश करना पसंद नहीं होता है।
चुम्बक को रेशम के कपडे में बाँधने के बाद उसे प्रेगनेंट महिला के हाथ में पकड़ा देने से शिशु का जन्म आसानी से हो जाता है। Labour Pain in Hindi ऐसा करने से प्रसव पीड़ा भी कम हो जाती है। ऐसा माना जाता है की अपामार्ग की जड़ को धागे में पिरोने के बाद गर्भवती महिला की कमर पर बांधने से भी लेबर पेन में आराम मिलता है। आप चाहें तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रसव के दौरान आपको आराम करने में परेशानी जरूर होती है लेकिन यह आवश्यक भी है। आराम करने से आपकी ऊर्जा का संरक्षण होता है जो प्रसव के दौरान दर्द से निपटने में आपकी मदद करता है।
इन सबके अलावा, आपको प्रसव के बारे में पढ़ना और समझना चाहिए। इससे आपका तनाव दूर होता है जो प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है। Labour Pain in Hindi साथ ही अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए की आपको कौन से दर्द निवारक विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए।
निष्कर्ष
प्रसव पीड़ा होना स्वाभाविक है। इससे हर एक मां को गुजरना पड़ता है। लेकिन कुछ उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपनी प्रसव पीड़ा को काफी हद तक कम कर सकती हैं। हमने इस ब्लॉग में उन्ही उपायों के बारे में विस्तार से बताया है। प्रेगनेंसी और प्रसव दोनों ही बहुत कोमल समय होता है। इस दौरान किसी भी तरह कि कोई परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही ऊपर बताए गई किसी भी चीज का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से एक बार अवश्य परामर्श करें। डॉक्टर आपके गर्भावस्था कि अवधि और आपकी सेहत को ध्यान में रखते हुए सुझाव देते हैं। अपने मन मुताबिक किसी भी वस्तु का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|