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घुटनों में अक्सर चोटें आती रहती हैं। इन चोटों के कारण आपको काफी दर्द और परेशानियां हो सकती हैं। चोट हल्की होने पर डॉक्टर दवा, तेल या क्रीम का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हैं। लेकिन चोट गंभीर होने पर डॉक्टर प्लास्टर या सर्जरी का उपयोग देते हैं।

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घुटनों में कई कारणों से चोटें आती हैं। कभी चलते, दौड़ते या कोई खेल खेलते, ऊंचाई से कूदने या दैनिक जीवन के कामों को करते समय अचानक से चोट लग जाती है। घुटना शरीर का ऐसा हिस्सा है जहां हल्की चोट लगने पर भी दर्द काफी तेज होता है। मिनिस्कस टियर (meniscus tear in hindi) भी घुटने की चोट का ही एक प्रकार है।

मिनिस्कस टियर क्या है?

मिनिस्कस टियर को मेनिस्कस टियर भी लिखा जाता है। यह बहुत ही दर्दनाक और शरीर को कमजोर करने वाली एक समस्या है। यह घुटने की नरम हड्डी यानी उपास्थि (कार्टिलेज – Cartilage) में लगी चोट है। मिनिस्कस घुटने की कार्टिलेज का एक टुकड़ा होता है जो घुटने के ज्वाइंट को स्थिर रखने और घुटने की हड्डियों को घिसने और फटने से बचाने का काम करता है।

मिनिस्कस टियर आमतौर पर क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल खेलने या दूसरी अन्य शारीरिक गतिविधियों के कारण भी हो सकता है। इतना ही नहीं, दौड़ते समय अचानक से दिशा बदलने से भी घुटनों में चोट आ जाती है जो आगे जाकर इस समस्या का रूप ले सकता है।

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मेनिस्कस उम्र बढ़ने पर कमजोर हो जाता है, इसलिए काफी मामलों में यह पुराने एथलीट में देखने को मिलता है। मिनिस्कस टियर होने पर आप अपने घुटने में दर्द, सूजन और कठोरता महसूस कर सकते हैं। इन सभी के कारण आपको दैनिक जीवन की गतिविधियों में अड़चन और साथ ही घुटने को पूरी तरह से मोड़ने में दर्द (muscle tear in hindi) हो महसूस हो सकता है।

मिनिस्कस टियर के क्या कारण हैं?

जैसा कि हमने पहले ही बताया कि उम्र बढ़ने यानी 30 वर्ष के बाद घुटने में मौजूद मिनिस्कस कमजोर हो जाता है, जिसके कारण तीस से अधिक उम्र के लोगों में मिनिस्कस टियर की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप पहले से ही ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं तो आपके घुटने में चोट आने पर मिनिस्कस टियर का खतरा सबसे अधिक होता है।

उम्र बढ़ने पर ऑस्टियोआर्थराइटिस आपकी परेशानियों को बढ़ा सकता है, जिसमें मिनिस्कस टियर होने पर जोड़ों में दर्द और कोठरता का बढ़ना भी शामिल है। मिनिस्कस टियर कई कारणों से होता है।

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घुटने की कुछ गतिविधियां जैसे कि मजबूत मोड़ या रोटेशन से सीधे संपर्क या दबाव के कारण मिनिस्कस टियर हो सकता है।

एथलीटों को सबसे अधिक मिनिस्कस टियर का खतरा होता है। अचानक मुड़ने, गहरी स्क्वाटिंग करने या भारी सामान उठाने से घुटने में मिनिस्कस टियर (knee meniscus tear in hindi) होने का खतरा बढ़ जाता है।

क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल और टेनिस जैसे खेलों के दौरान भी मिनिस्कस टियर हो सकता है। कोई भी ऐसा खेल जिसमें अचानक से रुकने या मुड़ने की आवश्यकता होती है, उन खेलों के दौरान मिनिस्कस टियर होने का खतरा अधिक होता है।

आजकल बच्चों में मिनिस्कस टियर (meniscus tear meaning in hindi) के काफी मामले देखने को मिल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा बड़ा कारण बच्चों का छोटी उम्र में अनेकों खेलों में भाग लेना है और उन खेलों के दौरान घुटने में चोट आना।

मिनिस्कस टियर के क्या लक्षण होते हैं?

मिनिस्कस टियर से पीड़ित होने पर आप घुटने के जोड़ के आस-पास एक पॉपिंग ध्वनि यानि ‘चटाक’ की आवाज महसूस कर सकते हैं। घुटमें में चटाक ध्वनि के साथ-साथ नीचे दिए हुए लक्षणों का अनुभव होना मिनिस्कस टियर की ओर इशारा कर सकता है।

  • घुटने में सूजन होना
  • घुटने के आस-पास दर्द होना
  • घुटने को सहारा देने में मुश्किल होना
  • घुटने से किसी भी प्रकार की गतिविधि करने में परेशानी होना

कई बार मेनिस्कस टियर में चटाक की आवाज के साथ-साथ आप घुटने में अवरुद्ध भी महसूस कर सकते हैं। इस दौरान कार्टिलेज का एक टुकड़ा ढीला महसूस होने लगता है। लंबे समय तक इस तरह के लक्षणों का होना घुटने की गंभीर समस्या की तरफ इशारा हो सकता है। ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण को अनुभव करने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए।

मिनिस्कस टियर की जांच कैसे की जाती है?

अगर आपको घुटने में मिनिस्कस टियर के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर मिनिस्कस टियर की जांच करते हैं। मिनिस्कस टियर की जांच करने के लिए डॉक्टर ढेरों तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं।

01. शारीरिक परीक्षण 

शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले आपके घुटने की गतिविधि और मोशन की जांच करते हैं। घुटने में जिस हड्डी के पास मिनिस्कस होता है उसे बारीकी से समझने के साथ-साथ डॉक्टर मैकमरे टेस्ट करने का सुझाव देते हैं। इस टेस्ट के दौरान घुटने को झुका कर उसे फिर से सीधा किया जाता है और घुमा कर भी देखा जाता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर को घुटने में चटाक की आवाज सुनाई देना मिनिस्कस टियर की तरफ इशारा करता है। 

02. इमेजिंग परीक्षण 

मिनिस्कस टियर की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर इमेजिंग परीक्षण का इस्तेमाल भी करते हैं जिसमें निम्नलिखित जांच शामिल हैं। 

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A. एक्स-रे 

मिनिस्कस टियर का पता लगाने के लिए घुटने का एक्स-रे भी किया जा सकता है। एक्स-रे के दौरान मिनिस्कस टियर दिखाई नहीं देता है। घुटने का एक्स-रे इस बात को निर्धारित करता है कि कहीं दर्द का कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस तो नहीं है।

B. एमआरआई

घुटने की तस्वीरों को लेने के लिए एमआरआई के दौरान एक चुंबकीय धेत्र का इस्तेमाल किया जाता है। एमआरआई के दौरान कार्टिलेज और लिगामेंट की फोटो ली जाती है, जिससे इस बात की पुष्टि की जाती है की मिनिस्कस टियर है या नहीं।

C. अल्ट्रासाउंड

अल्ट्रासाउंड के दौरान ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं की घुटने में कोई ढीला कार्टिलेज तो नहीं है।

03. आर्थ्रोस्कोपी

जब ऊपर बताए गए सभी तकनीकों का इस्तेमाल करने के बाद भी घुटने में दर्द के कारणों का पता नहीं चलता है तब डॉक्टर आर्थोस्कोपी का सुझाव देते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर घुटने में दर्द के सटीक कारणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं।

मिनिस्कस टियर का इलाज कैसे होता है (Meniscus Tear Treatment In Hindi)

अगर आप घुटने में मिनिस्कस टियर के लक्षणों को अनुभव करते हैं तो शुरुआत में आराम पाने के लिए आप घुटने की बर्फ से सिकाई कर सकते हैं या पट्टी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, आपको उन सभी गतिविधियों या खेल कूद में हिस्सा लेने से बचना चाहिए जिससे घुटने का दर्द बढ़ सकता है। उसके बाद, तुरंत डॉक्टर मिलकर मिनिस्कस टियर का जांच और इलाज कराना चाहिए।

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मिनिस्कस टियर की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर आपको कुछ दवाएं निर्धारित कर सकते हैं। साथ ही, घुटने के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भौतिक चिकित्सा का सुझाव भी दे सकते हैं। शारीरिक चिकित्सा घुटने के दर्द को कम और उसकी गतिशीलता एवं स्थिरता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

आमतौर पर डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट घुटने के दर्द और सूजन को कम करने लिए घुटने की मालिश करने का सुझाव देते हैं।लेकिन जब दवा या फिजियोथेरेपी से कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी करने की सलाह देते हैं। आर्थ्रोस्कोपी एक मॉडर्न और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है जिससे मिनिस्कस टियर का बेस्ट और परमानेंट इलाज किया जा सकता है। इस सर्जरी का इस्तेमाल शरीर के जोड़ों जैसे कि कलाई, कोहनी, कूल्हे, घुटने या कंधे में आए चोट या दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है।

अर्थरोस्कोपी सर्जरी को एक अनुभवी हड्डी रोग विशेषज्ञ (आर्थोपेडिक सर्जन) के द्वारा पूरा किया जाता है। इस सर्जरी के दौरान आर्थ्रोस्कोप नामक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी एक छोर पर एक कैमरा और लाइट लगा होता है। इस सर्जरी का इस्तेमाल दूसरी भी ढेरों बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है जिसमें कार्पल टनल सिंड्रोम, जोड़ों में दर्द और अकड़न, जोड़ों में अधिक द्रव का जमा होना, कंधे की हड्डी बार-बार अपनी जगह से खिसक जाना और एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट में चोट आना अदि शामिल हैं।

मिनिस्कस टियर की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी एक दिन की प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। इस सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। सर्जरी खत्म होने के बाद डॉक्टर जांच के आधार पर डाइट, एक्सरसाइज और दवाओं से संबंधित सलाह देते हैं।

अपने शहर के टॉप रेटेड क्लिनिक में मिनिस्कस टियर की सर्जरी कराएं

अगर आप नॉन सर्जिकल इलाज के सभी माध्यमों का इस्तेमाल करके थक चुके हैं, लेकिन मिनिस्कस टियर में कोई फायदा नहीं हुआ है तो आपको सर्जिकल इलाज का चुनाव करना चाहिए। यह इस बीमारी का सबसे उचित इलाज माना जाता है। अगर आप अपने शहर के टॉप रेटेड क्लिनिक में मिनिस्कस टियर का सर्जिकल इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं।

हमारे क्लिनिक में मॉडर्न और एडवांस आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी से मिनिस्कस टियर का इलाज किया जाता है। इस सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय आर्थोपेडिक सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है। हमारे सर्जन को जोड़ों के दर्द की गहरी समझ और आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी में सालों का अनुभव प्राप्त है। ये सर्जन अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी की मदद से आपके मिनिस्कस टियर को कम से कम समय में बहुत ही आसानी से दूर कर सकते हैं।

हम अपने क्लिनिक में कॉस्ट इफेक्टिव आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी करने के साथ-साथ मरीजों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। इसमें सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप (सर्जरी से पहले मरीज को घर से क्लिनिक लाना और सर्जरी खत्म होने के बाद क्लिनिक से वापस घर छोड़ना), सभी जांचों पर 30% तक की छूट और सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक डॉक्टर के साथ फ्री फॉलो-अप्स मीटिंग की सुविधा आदि शामिल हैं।

इतना ही नहीं, हमारे क्लिनिक में सभी इंश्योरेंस कवर किए जाते हैं। आप 100% इंश्योरेंस भी क्लेम कर सकते हैं। अगर आप अपने शहर के सबसे विश्वसनीय क्लिनिक में मिनिस्कस टियर का इलाज आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी से कराना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं।

मिनिस्कस टियर की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी कराने के निम्नलिखित फायदे हैं:-

  • चलने-फिरने में दर्द नहीं होता है
  • घुटने की कार्यक्षमता बढ़ जाती है
  • जीवन की क्वालिटी का बेहतर होती है
  • शारीरिक और दूसरी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं
  • दैनिक जीवन के कामों को आराम से पूरा कर सकते हैं

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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Updated on 16th September 2022