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आमतौर पर प्रेगनेंसी का अंदाजा लगाने के लिए पीरियड्स पर ध्यान दिया जाता है। गर्भधारण करने के बाद पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। लेकिन पीरियड्स के अलावा भी दूसरे कई ऐसे शुरुआती लक्षण हैं जो पीरियड्स मिस होने के बाद एक गर्भवती महिला खुद में अनुभव कर सकती है। इन्ही शुरुआती लक्षणों में से एक मॉर्निंग सिकनेस है। मॉर्निंग सिकनेस को उबकाई या मिचली आना भी कहा जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान यह कॉमन बात है। कुछ मामलों में तो महिलाएं मॉनिंग सिकनेस को ही प्रेगनेंसी के पहले लक्षण के रूप में महसूस करती हैं। मॉर्निंग सिकनेस या मतली आमतौर पर गर्भावस्था के छठे सप्ताह के आसपास शुरू होती है, जो मिस्ड पीरियड्स का दूसरा सप्ताह होता है। 

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क्या आपको पहले मॉर्निंग सिकनेस हो सकती है — Can You Get Morning Sickness Earlier In Hindi — Kya Apko Pahle Morning Sickness Ho Sakti Hai

जैसा कि यह गर्भावस्था का एक सामान्य प्रारंभिक लक्षण है और अधिकांश महिलाओं में यह लगभग छठे सप्ताह से शुरू होता है। यह अक्सर कई महिलाओं के लिए उनकी प्रेगनेंसी का पहला संकेत हो सकता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के शुरुआत में ही मितली का अनुभव करना शुरू हो जाता है। जबकि कुछ महिलाएं गर्भाधान के 2 या 3 सप्ताह के बाद बाद मॉर्निंग सिकनेस महसूस करती हैं।

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मितली आने का मतलब यह नहीं हुआ कि आप पूरे दिन ही ऐसा महसूस करेंगी। बल्कि सच्चाई तो यह है कि तीन में से एक महिला बिना बीमार हुए मात्र कुछ समय के लिए ही मितली जैसा महसूस करती है। साथ ही यह जरूरी नहीं है कि आपको मिलती सुबह के वक्त ही आए, यह दूसरे समय भी आ सकता है और वो भी मात्र कुछ समय के लिए न कि पूरे दिन के लिए। ऐसा अवश्य है कि  प्रेगनेंसी के दूसरे सप्ताह कि शुरुआत में एक महिला कुछ अलग तरह कि गंध को महसूस कर सकती है जिसके कारण उसकी तबियत बिगड़ जाए। 

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प्रेगनेंसी के दौरान खान पान की कुछ चीजों को लेकर ललक होना तो कुछ से मन उठ जाना महिलाओं के मन में चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन आपको इससे घबराने कि आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह भी प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है। जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।        

प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस के क्या कारण हैं — What Are The Causes Of Early Morning Sickness During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Me Morning Sickness Kyun Hota Hai

आमतौर पर महिला में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (Human Chorionic Gonadotropin – hCG) का लेवल अधिक होने के कारण मॉर्निंग सिकनेस की समस्या पैदा होती है। मॉर्निंग सिकनेस एक संकेत है कि महिला के शरीर में गर्भावस्था के हार्मोन (Pregnancy Hormones) का स्तर काफी अधिक हो गया है, जो की गर्भावस्था के दौरान ही उस बिंदु पर होना चाहिए। एक तरह से मॉर्निंग सिकनेस प्रेगनेंसी की पुष्टि भी करता है। 

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प्रेगनेंसी के दौरान महिला का शरीर ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन और एस्ट्रोजन निर्माण बहुत अधिक मात्रा में करता है। गर्भवती महिला का शरीर इन दोनों हार्मोन का अधिक मात्रा में तब तक निर्माण करता रहता है जबतक की शिशु का पालन पोषण करने के लिए प्लेसेंटा तैयार नहीं हो जाता है। आपके शरीर में जितनी ज्यादा मात्रा में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन और एस्ट्रोजन का निर्माण होता है उतना ही अधिक आपको मॉर्निंग सिकनेस होने की संभावना बढ़ती है।   

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मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए आपको हर आधे या एक घंटे के अंतराल पर थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए ताकि आप खुद के शरीर को हमेशा हाइड्रेट रख सकें। साथ ही दिन में तीन के बजाय थोड़ी थोड़ी मात्रा में पांच से छह बार खाना खाने से भी मॉर्निंग सिकनेस में राहत मिलती है। इसलिए यह आवश्यक है की आप इस दौरान अपने खान पान पर खास ध्यान दें। अपने डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को शामिल करें और थोड़ा थोड़ा करके हर एक से दो घंटे के अंतराल में खाना खाएं।   

क्या प्रेगनेंसी में गंभीर मॉर्निंग सिकनेस चिंता का विषय है — Is Severe Morning Sickness During Pregnancy Something To Worry About In Hindi — Pregnancy Me Morning Sickness Kitna Serious Hai

प्रेगनेंसी के 12-15 सप्ताह के बीच मॉर्निंग सिकनेस की समस्या अपने आप ही खत्म हो जाती है। हालांकि, यह भी सच है की कुछ मामलों में महिलाओं को उनकी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान गंभीर मॉर्निंग सिकनेस रहती है। अगर मॉर्निंग सिकनेस या मितली इतनी गंभीर है कि यह आपको प्रेगनेंसी के किसी भी स्टेज में खाने पीने से रोक रही है, तो आप हाइपरमेसिस ग्रेविडरम (Hyperemesis Gravidarum) से पीड़ित हो सकती हैं। 

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इस दौरान अगर आपकी हालत और ज्यादा बिगड़ जाए तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी परेशानियों और लक्षणों के बारे में विस्तार से बताना चाहिए। इस स्थिति में लापरवाही करना आपके साथ साथ आपकी प्रेगनेंसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।  

क्या प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस वंशानुगत हो सकती है — Can Early Morning Sickness Be Hereditary During Pregnancy In Hindi — Kya Pregnancy Me Morning Sickness Hereditary Ho Sakti Hai

इस बात की थोड़ी बहुत संभावना है की अगर एक लड़की की मां को प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस थी शायद उस लड़की को भी प्रेगनेंसी के दौरान यह समस्या हो। लेकिन आमतौर हर प्रेगनेंसी एक समान भी नहीं होती है। जहां एक तरफ एक महिला को पहली प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस होती है, वहीं दूसरी तरफ दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान शायद उसे जरा भी मॉर्निंग सिकनेस की समस्या न हो। किस महिला को कौन सी प्रेगनेंसी के दौरान कब तक मॉर्निंग सिकनेस होगी और किस महिला को मॉर्निंग सिकनेस नहीं होगी, आप इस बात पर एक निश्चित अनुमान नहीं लगा सकते हैं। यह प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है जिससे लगभग हर एक गर्भवती महिला को गुजरना है। 

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प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस से कैसे बचें — How To Cope With Morning Sickness During Pregnancy In Hindi — Pregnancy Me Morning Sickness Se Kaise Bache 

मॉर्निंग सिकनेस होना स्वास्थ प्रेगनेंसी का एक सामान्य हिस्सा है जिससे आपको जरा भी डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन हमें इस बात से इंकार भी नहीं करना चाहिए की एक वक्त के बाद यह दर्द, परेशानी और बेचैनी का कारण भी बन सकता है। 

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नीचे कुछ नुस्खे और घरेलू उपचार दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप मॉर्निंग सिकनेस से राहत पा सकती हैं:-

  • छोटी मात्रा में हर थोड़े समय के बाद भोजन करें (Eat small and frequent meals)
  • अपने डाइट में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कार्ब्स को शामिल करें (Add plenty of protein and carbs in your diet)
  • भारी और चिकना भोजन से बचें (Avoid heavy, greasy foods)
  • अदरक की चाय, नींबू पानी या पेपरमिंट की चाय पिएं या कुछ शुद्ध पेपरमिंट आवश्यक तेल में मिलाएं (Drink ginger tea ,lemonade or peppermint tea or diffuse some pure peppermint essential oil)
  • एक्यूपंक्चर या एक्यूप्रेशर के लिए डॉक्टर के साथ ऍप्वाइंटमेंट लेने पर विचार करें (Consider an appointment for acupuncture or acupressure)
  • थोड़ी थोड़ी मात्रा में पूरे दिन पानी पीते रहें (Drink plenty of fluid (but in small sips) throughout the day)
  • जब भी संभव हो तेज गंध और भोजन से बचें (Avoid strong smells and food aversions whenever possible)
  • सैंडविच, सलाद या फल के जूस जैसी चीजों का सेवन करें जिन्हे आपको पकाना न पड़े (Eat foods (like a sandwich, salad, or fruit smoothie) that you do not have to cook)
  • ज्यादा थकावट या गरम होने से बचें (Avoid getting over-exhausted or overheated)
  • हल्के व्यायाम जैसे टहलना, स्ट्रेचिंग या प्रसव पूर्व योग आदि करें (Indulge in light exercise such as walking, stretching or prenatal yoga)
  • थकान महसूस होने पर अतिरिक्त आराम करें (Get extra rest when you feel tired)

अगर ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने के बाद भी आपकी मॉर्निंग सिकनेस में किसी तरह का कोई बदलाव न आए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपके डॉक्टर विटामिन B6 सप्लीमेंट या एंटी नॉशिआ ड्रैग के सेवन का सुझाव दे सकते हैं जो की प्रेगनेंसी के दौरान लेना सुरक्षित होता है। अगर आपके मन में दवा या उसकी खुराक से संबंधित किसी तरह का कोई प्रश्न है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में विस्तार से बात करें। 

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प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी समस्या होने पर अपने मन मुताबिक़ किसी भी दवा या दूसरी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे प्रेगनेंसी पर बुरा असर पड़ता है। प्रेगनेंसी बहुत ही नाज़ुक स्थिति होती है इसलिए डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही किसी भी दवा का सेवन करें।       

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|