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बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स या हेमोरोइड्स कहा जाता है। यह एक शारीरिक बीमारी है जिसकी स्थिति में मरीज को बैठने में बहुत परेशानी होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सबसे ज्यादा परेशानी और दर्द शौच करते समय होती है। कई बार दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है की मरीज के लिए सहन करना मुश्किल हो जाता है। एनस के अंदर या बाहरी तथा रेक्टम के निचले हिस्से की शिराओं में सूजन होने की वजह से एनस के अंदर और बाहर के क्षेत्र में मस्से बन जाते हैं। इन्ही मस्सों को मेडिकल की भाषा में बवासीर कहा जाता है। 

बवासीर से जुड़े बहुत सारे मिथक हमारे बीच मौजूद हैं जो जिनकी सच्चाई आपको पता होनी चाहिए। तो आइये कुछ मिथक और उसकी सच्चाई के बारे में जानते हैं।  

मिथक: बवासीर होने का खतरा ढलती उम्र के साथ बढ़ जाता है। 

सच्चाई: हमेशा ऐसा नहीं होता है। स्टूल पास करते समय एनस पर प्रेशर होने की वजह से बवासीर की समस्या होती है। यह प्रेशर कई कारणों से हो सकता है। इसमें डायरिया, कब्ज और प्रेगनेंसी संबंधित चीजे हो सकती हैं। 

मिथक: गर्म और तीखी चीजें जैसे की हरी मिर्च खाने से बवासीर और इसके लक्षण के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।

सच्चाई: एनस में तनाव होने की वजह से बवासीर की समस्या होती है और इससे भी बड़ा कारण होता है एनस के आस पास के ब्लड वेसेल में तनाव होना। इस तनाव का कारण हाई ब्लड प्रेशर होता है जो पाचन/आहार विशेषता की की वजह से होता है।

मिथक: बवासीर का आपके डाइट से कोई लेना देना नहीं है। (और पढ़े:  बवासीर के इलाज के बारे में जानकारी)

सच्चाई: बवासीर में आपके डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है। बवासीर के बहुत से कारक हैं जो किसी भी वयक्ति में इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं और कब्ज इनमें से एक है। इसलिए आपके डाइट में वो चीजें होनी चाहिए जो कब्ज की समस्या को दूर रखती हैं। ऐसा करने से बवासीर की समस्या दूर रहती है या फिर इसके होने का खतरा कम हो जाता है। कोशिश करें की आपके डाइट में ज्यादा फाइबर और कम कैलरी/फैट हो। (और पढ़े: बवासीर में क्या खाएं और क्या नहीं?)

मिथक: अगर एक बार मुझे बवासीर हो गया तो यह बार बार होता रहेगा।

सच्चाई: ऐसा हमेशा नहीं होता है और खासकर उनके साथ जिन्हे अस्थायी कारणों से बवासीर की समस्या होती है जैसे की प्रेगनेंसी, प्रसव या फिर बोवेल मूवमेंट के दौरान तनाव। बवासीर का सबसे प्रभावशाली इलाज लेजर सरजी को माना जाता है। इलाज के साथ साथ आपको अपनी जीवनशैली का भी ध्यान रखना जरूरी होता है।

मिथक: बवासीर की सर्जरी दर्दनाक और लंबी होती है।

सच्चाई: बवासीर का इलाज अब लेजर सर्जरी के जरिए किया जाता है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी ज्यादा प्रभावशाली और सुरक्षित है। बवासीर की सर्जरी से पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है साथ ही यह सर्जरी बहुत ही अनुभवी और कुशल सर्जन के द्वारा की जाती है। यह लेजर सर्जरी लगभग 30 मिनट में पूरी हो जाती है। सर्जरी के दौरान मरीज को कट, टांके और रक्स्राव नहीं होता है। सर्जरी के बाद जख्म और दाग भी नहीं बनते हैं। सर्जरी वाले दिन ही मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है और अगले 48 घंटों के बाद वह अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू करने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं।  

बवासीर की समस्या होने पर किसी दूसरे की बातों पर भरोस करने से पहले खुद डॉक्टर से मिलना ज्यादा जरूरी और सुरक्षित होता है। कई बार आप दूसरों की कही सुनी बातों को सच मन लेते हैं और उसके आधार पर अपनी बीमारी का इलाज शुरू कर देते हैं। ऐसे में आपकी बीमारी ठीक होने के बजाय और गंभीर रूप ले लेती है। बवासीर की समस्या होने पर इसके मिथकों पर भरोसा करने के बजाय अपने आसपास के डॉक्टर से मिलें और अपनी बीमारी का सही इलाज कराएं। 

और पढ़े: जाने क्यों प्रिस्टीन केयर है बवासीर के इलाज के लिए सबसे बेहतर विकल्प

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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Updated on 8th December 2022

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