नसें आपके शरीर की महत्वपूर्ण अंगों में शामिल हैं। इनका काम खून को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाना है। लेकिन कई कारणों से नसों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। नसों में खून का जमना भी उन्हीं में से एक है। नसों में खून जमने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis In Hindi) कहा जाता है।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस को आम बोलचाल की भाषा में डीवीटी (DVT) के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन अधिकतर मामलों में पैरों में देखने को मिलता है। क्योंकि पैरों पर शरीर का अधिकतर भार होता है। जीवनशैली में बदलाव लाकर इस बीमारी की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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अगर आप खुद में डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षणों को अनुभव करते हैं या इस बीमारी से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक अनुभवी वैस्कलर डॉक्टर से मिलकर इसका उचित जांच और इलाज कराना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर डीवीटी का जांच इसके लक्षणों के आधार पर करते हैं। फिर स्थिति की गंभीरता के आधार पर इलाज के माध्यम का चुनाव करते हैं।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने पर आप नीचे दिए हुए चार खास उपायों का इस्तेमाल करके इस बीमारी को दूर कर सकते हैं।
01. लाइफस्टाइल
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य लक्षणों में इनेक्टिव जीवनशैली और एक जगह लंबे समय तक बैठना शामली हैं। अगर डीवीटी अपनी शुरूआती स्टेज में हैं तो आप जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको रोजाना सुबह हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए।
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साथ ही, अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करना चाहिए। आपको उन सभी खान-पान की चीजों से दूर रहना चाहिए जिससे फैट बढ़ने का खतरा होता है। इसके अलावा, आपको फास्ट फूड्स, कॉल ड्रिंक्स और नशीली चीजें जैसे कि सिगरेट और शराब आदि के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से आपके नसों में खून का प्रवाह बेहतर होता है जो डीप वेन थ्रोम्बोसिस में फायदेमंद साबित हो सकता है।
02. दवाएं
जीवनशैली में सुधार लाने के साथ-साथ आप एक अनुभवी वैस्कुलर डॉक्टर से परामर्श करने के बाद एन्टीकॉग्युलेंट्स या खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर सकते हैं। ये दोनों दवाएं नसों में खून के जमने की प्रक्रिया को कम कर देते हैं या रोक देते हैं जिसके बाद शरीर अपने सामान्य तंत्र से नसों में जमे हुए खून यानी खून के थक्कों को तोड़ देता है।
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एन्टीकॉग्युलेंट्स को टैबलेट या इंजेक्शन के रूप में लिया जा सकता है। आमतौर पर एन्टीकॉग्युलेंट्स दवाओं का 6 महीने तक कोर्स चलाया जाता है। हालांकि, यह हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकता है। आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इन दवाओं का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी नसों में खून का थक्का जमना बंद हो सकता है।
03. कम्प्रेशन स्टॉकिंग
कम्प्रेशन स्टॉकिंग नसों में खून जमने से रोकने में मदद करता है। यह एक खास प्रकार का मोजा है जिसे पैरों में पहनना होता है। डीवीटी का इलाज करने के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद कम्प्रेशन स्टॉकिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कम्प्रेशन स्टॉकिंग को कैसे और दिन कितनी देर तक पहनना है आदि के बारे में डॉक्टर से बार कर सकते हैं।
04. सर्जरी
जब जीवनशैली में बदलाव लाने, दवाओं का सेवन करने और कम्प्रेशन स्टॉकिंग से कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस का इलाज करने के लिए सर्जरी का चयन करते हैं। डीवीटी की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है, लेकिन लेजर सर्जरी को इसका सबसे प्रभावशाली इलाज माना जाता है। अगर आप लेजर सर्जरी से अपनी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो एक अनुभवी वैस्कुलर सर्जन से इस बारे में परामर्श कर सकते हैं।
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नसों में खून जमने का इलाज करने के लिए आप ऊपर दिए गए उपायों की मदद ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आप किसी भी चीज का इस्तेमाल अपने मन मुताबिक न करें। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस का इलाज करने की नियत से अपनी डाइट में बदलाव लाने, एन्टीकॉग्युलेंट्स दवाओं का सेवन करने या सर्जरी का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण
दूसरी बीमारियों की तरह डीप वेन थ्रोम्बोसिस के भी कुछ संभावित लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आप या आपके डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं कि आपको डीवीटी है। डीवीटी के लक्षणों में नम्नलिखित शामिल हैं:-
- चक्कर और पसीना आना
- खांसी के साथ खून आना
- घबराहट और बेचैनी होना
- नींद सोने में तकलीफ होना
- बांह से कलाई तक दर्द होना
- दिल की धड़कन का तेज होना
- सांस लेते समय सीने में दर्द होना
- प्रभावित क्षेत्र की त्वचा का गर्म होना
- प्रभावित क्षेत्र में सूजन, ऐंठन और दर्द होना
- प्रभवित क्षेत्र की त्वचा का पीला, नीला या लाल होना
अगर आप खुद में ऊपर बताए गए लक्षणों को अनुभव करते हैं या डीप वेन थ्रोम्बोसिस से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाले खतरों और जटिलताओं को रोका जा सके।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस से बचाव
डीप वेन थ्रोम्बोसिस की रोकथाम करने के लिए आपको कुछ खास चीजों पर ध्यान देना होगा। अगर आप खुद को डीवीटी से बचाना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए बिंदुओं पर अमल करें।
01. खान-पान पर खास ध्यान दें
खान-पान आपके ओवरऑल हेल्थ में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। बिलकुल सही कहा गया है कि “आप जैसा खाएंगे, बिलकुल वैसा ही बन जाएंगे”। अगर आप खुद को नसों में होने वाली बीमारियां जैसे कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस या वैरिकोज वेन्स से बचाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करें। साथ ही, जंक फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स और तैलीय एवं मसालेदार चीजों से परहेज करें।
02. लंबे समय तक एक जगह बैठने से बचें
लंबे समय तक एक ही जगह बैठना डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए यह आवश्यक है आप एक जगह बैठने से बचें। क्योंकि इससे पैरों में खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। अगर आपके काम में लंबे समय तक एक ही बैठना शामिल है तो हर 1-2 घंटे के अंतराल पर कुछ मिनटों के लिए टहलने या चलने की कोशिश करें ताकि खून के प्रवाह में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।
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03. एक्टिव जीवनशैली अपनाएं
अपने शरीर में खून के प्रवाह को बेहतर रखने का सबसे बेस्ट तरीका है नियमित रूप से रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करना। इससे आपको बहुत फायदा होगा और नसों में खून जमने का खतरा खत्म हो जाएगा। एक एक्टिव जीवनशैली को अपनाने की कोशिश करें।
04. सिगरेट और शराब से दूर रहें
सिगरेट और शराब का सेवन करने से अनेकों बीमारियां होती है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस भी उन्हीं में से एक हो सकता है। अगर आप खुद को इस बीमारी से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले सिगरेट और शराब का सेवन बंद या कम से कम कर दें। इन दोनों के अलावा, दूसरी भी नशीली चीजों से खुद को दूर रखें।
05. समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक कराएं
समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर चेक कराएं। वैसे साल में एक बार ब्लड प्रेशर चेक कराना आवश्यक है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आपके शरीर में किसी तरह की कोई परेशानी है या नहीं। अगर आप किसी प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं तो डॉक्टर द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का अवश्य पालन करें।
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नसों में खून जमने का कारण पता होने पर आप कुछ सावधानियां बरतकर खुद को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आपको डीप वेन थ्रोम्बोसिस है तो आपको बिना देरी किए एक अनुभवी और कुशल वैस्कुलर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपकी जांच करने और स्थिति की गंभीरता को समझने के बाद ऊपर दिए गए इलाज के चार उपायों में से किसी भी का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आप अपने शहर में या उसके आस-पास के टॉप रेटेड क्लिनिक में डीप वेन्स थ्रोम्बोसिस का इलाज लेजर सर्जरी से कराना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। हमारे क्लिनिक में डीवीटी की लेजर सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय वैस्कुलर सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है जिसकी सफलता दर 95-99 प्रतिशत है।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|