जब बात सहायक प्रजनन तकनीक से गर्भाधान की होती है तो IVF उपचार सबसे ज्यादा प्रभावी दिखाई पड़ता है. यह भी पूछा जाता है कि IVF कितना सफल होगा? दुर्भाग्य से, यह हमेशा सफल नहीं होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार IVF के असफल होने पर लोग फ्रस्टेशन, गुस्सा और दुःख महसूस करते हैं। कम उम्र की महिलाओं में IVF के सफल होने की संभावना अधिक होती है। 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में सफलता दर 39.6% है। मतलब 35 वर्ष से कम उम्र की लगभग 60% महिलाओं में पहली कोशिस में यह सफल नहीं होता है। उम्र बढ़ने के साथ इसकी सफलता दर भी कम होती जाती है।
पहली कोशिस में IVF सफल होगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है, लेकिन ऐसे कई विकल्प है जिन्हें आजमाने पर पहली बार में ही आईवीएफ के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
पहली बार में IVF को सफल बनाने के टिप्स
स्वस्थ वजन बनाए रखना है जरूरी
आईवीएफ उपचार की सफलता महिला के वजन पर भी निर्भर है। एक सामान्य वजन वाली महिला में IVF के सफल होने की संभावना अधिक होती है।
कम वजन वाली महिलाओं में (जिनका बॉडी मास इंडेक्स 19 से कम है) गर्भाधान का प्रयास समय 4 गुना बढ़ जाता है, वहीँ अधिक वजन वाली महिलाओं में (35< बीएमआई) यह 2 गुना है।
वजन अधिक होने से IVF की प्रक्रिया के दौरान अंडाशय की देखभाल करने में दिक्कत होती है। यह एग रिट्रीवल के दौरान होने वाली जटिलताओं को भी बढ़ा देता है। इसलिए एक स्वस्थ वजन आईवीएफ की प्रक्रिया को सफल बनाने में मददगार साबित हो सकता है।
वजन कम या ज्यादा करने के लिए आहार विशेषज्ञ के अनुसार अपनी डाइट को परिवर्तित करें।
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बेहतरीन चिकित्सक और क्लीनिक का चयन
जब आपके फर्टिलिटी डॉक्टर में यह दो गुण होते हैं तब IVF के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है –
- कई सफल IVF ट्रीटमेंट का अनुभव
- रोगी को भावनात्मक रूप से सपोर्ट करना
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आपको किसी डॉक्टर या क्लीनिक की ऑनलाइन समीक्षाओं पर भरोसा नहीं करना है। ज्यादातर फर्टिलिटी क्लीनिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में केवल अपनी सफलता दर को दिखलाती हैं जो बड़ा लुभावना होता है।
आप इसमें अपने सगे-संबंधियों की मदद ले सकते हैं। किसी फर्टिलिटी सेंटर में अपना उपचार कराने से पहले उसकी पुरानी सफलता और असफलता का आंकलन अवश्य करें।
स्पर्म की गुणवत्ता
भ्रूण की लगभग 90% क्रोमोसोम जटिलताएं अंडा की गुणवत्ता में कमी के कारण होती हैं लेकिन कुछ मामलों में स्पर्म भी इसका जिम्मेदार हो सकता है।
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अगर पुरुष के शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशीलता बेहद कम है, तो IVF की असफलता दर बढ़ जाती है। ऐसे में पहले पुरुष बांझपन का इलाज होना चाहिए। कई तरह की हार्मोनल थेरेपीज और सर्जिकल तकनीक के जरिए पुरुष बांझपन की स्थिति को कम या दूर किया जा सकता है।
स्पर्म को नीडल की सहायता से सीधा पुरुष के अंडकोष से निकाला जा सकता है, जो आमतौर पर अधिक लाभकारी होता है। एक और विकल्प के तौर पर आप स्पर्म डोनर की मदद ले सकते हैं।
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धूम्रपान छोड़ें
सिगरेट की लत लगी है? अगर हाँ, तो IVF की सफलता बढ़ाने के लिए आपको इसके साथ समझौता करना पड़ेगा।
आईवीएफ उपचार के दौरान धूम्रपान अंडा और शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी लाता है। स्मोकिंग छोड़ना होगा, लेकिन यह आसान काम नहीं है। आप किसी डॉक्टर की सलाह पर एंटी-स्मोकिंग ड्रग्स का सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार के ड्रग्स ब्रेन के निकोटिन रिसेप्टर्स को प्रभावित करते हैं जिससे ध्रूम्रपान के दौरान आनंद कम हो जाता है।
सप्लीमेंट्स का सहारा लें
सप्लीमेंट्स अंडो की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जिससे IVF की सफलता दर भी बढ़ती है। आप इस बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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किसी अन्य प्रकार की शारीरिक दुर्बलता (जो बांझपन के लिए जिम्मेदार हैं) को दूर करने के लिए मल्टीविटामिन्स टेबलेट्स का सेवन किया जा सकता है। अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (ASRM) के एक शोध के अनुसार मल्टीविटामिन गोलियों के नियमित उपयोग से ओवुलेटरी इनफर्टिलिटी का खतरा कम हो सकता है।
तनाव कम करें
आपने यह कहीं जरूर पढ़ा या सुना होगा कि तनाव महिला के गर्भवती होने की संभावना को कम कर देता है। यह तथ्य IVF उपचार के साथ भी लागू होता है।
प्राकृतिक रूप से गर्भाधान की कोशिश या सहायक प्रजनन तकनीक का सहारा, दोनों ही स्थितियों में स्ट्रेस लेना परिणाम को नकारात्मक बना सकता है।
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तनाव दूर करने के लिए आप एक्यूपंचर तकनीक का सहारा ले सकते हैं। यह तकनीक बहुत प्रभावी है जो गर्भवस्था के परिणाम में सुधार ला सकती है। मनपसंद कार्य में खुद को व्यस्त रखना भी लाभदायक साबित हो सकता है।
विटामिन डी का उचित स्तर
मानव शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा प्रजनन प्रक्रिया को बेहतर बनाती है। यह फर्टिलिटी उपचार के परिणामो को आपके पक्ष में ला सकता है।
कई अध्ययन बताते हैं कि भरपूर मात्रा में विटामिन डी होने से फ्रोजेन एम्ब्रायो को बिना किसी परेशानी के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जा सकता है।
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महिला के शरीर में विटामिन डी की उचित मात्रा IVF की सफलता दर को सुधारती है।
भरपूर नींद
उचित नींद लेकर आप IVF उपचार को सहायता दे सकते हैं। एक बेहतरीन नींद लेना प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
एक अध्ययन में पाया गया है कि जो महिलाएं 7 से 8 घंटे की नींद लेती हैं, उनमें गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। इससे कम या ज्यादा समय तक सोना गर्भावस्था दर को कम करता है।
आईवीएफ को पहली बार में सफल बनाने के लिए आपको सोने के समय और तरीके में बदलाव करना चाहिए। रात के 10 से 11 के बीच आपको सो जाना चाहिए।
आपके कमरे का तापमान लगभग 20ºC होना चाहिए। सोने से लगभगआधा घंटा पहले स्नान करें। पानी ठंडा नहीं होना चाहिए।
सोने के लगभग 3 घंटा पहले भोजन करें, कैफीन का सेवन न करें, और आधा घंटा पहले से डिजिटल स्क्रीन का उपयोग (मोबाइल, लैपटॉप, टीवी) न करें। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान सोने का यह आदर्श तरीका लाभदायक हो सकता है।
दारू है मुसीबत
IVF प्रक्रिया के दौरान अल्कोहल का सेवन महिलाओं में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। IVF चक्र से गुजरते हुए महिला को प्रजनन दवाइयों का सेवन करना पड़ता है, साथ में शराब का सेवन इन दवाओं के प्रभाव को कम कर सकता है। यह आपको इमोशनली कमजोर भी बनाता है।
खासतौर पर, एम्ब्रायो ट्रान्सफर के बाद शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
आईवीएफ और सेक्स
स्पर्म रिट्रीवल की प्रक्रिया के 2-3 दिन पहले से पुरुष को स्खलन नहीं करना चाहिए। हस्तमैथुन या सेक्स, किसी भी प्रक्रिया से बचना चाहिए।
वैसे IVF चक्र में ओवेरियन स्टिमुलेशन के दौरान सेक्स करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन आपको शरीर का कहना भी सुनना चाहिए। इस दौरान महिला के अंडाशय का आकार बढ़ सकता है, जिससे सेक्स के दौरान असहजता हो सकती है। अगर ऐसी समस्या होती है तो सेक्स से बचें।
भ्रूण स्थानांतरण के बाद आपको डॉक्टर की अनुमति के बाद ही सेक्स करना है।
अंत में
ये कुछ टिप्स थे जिन्हें फॉलो करके आप IVF के सफल होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। अगर सभी बातों का ध्यान रखा जाए और उचित ट्रीटमेंट हो तो एक ही बार में आईवीएफ सफल हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|