फाइमोसिस (फिमोसिस) एक शारीरिक बीमारी है जो पुरुषों में पाई जाती है। इससे पीड़ित होने कि स्थिति में लिंग कि ऊपरी स्किन यानि कि फोरस्किन काफी टाइट हो जाती है जिसके कारण उसे पीछे करने में काफी परेशानी होती है। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi ज्यादातर फाइमोसीस कि समस्या बच्चों में देखने को मिलती है जो कुछ समय के बाद अपने आप ही या किसी तेल या क्रीम कि मदद से दूर चली जाती है। लेकिन जब यह समस्या वयस्कों को प्रभावित करती है तब इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस स्थिति में इसका जांच और इलाज आवश्यक हो जाता है।
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वयस्कों में फाइमोसिस को नजरअंदाज करना या समय पर इसका सही इलाज नहीं करवाना दूसरी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। अधिकांश लोग इस बीमारी से अनजान होते हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है। अगर आप फाइमोसिस से पीड़ित हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi क्योंकि यह आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है।
फाइमोसीस के क्या कारण हैं — What Are The Causes Of Phimosis In Hindi
किसी भी बीमारी की रोकथाम करने के लिए उसके कारणों के बारे में पता होना आवश्यक है। फाइमोसिस के साथ भी यही नियम लागू होता है। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi अगर आप फाइमोसिस के कारणों के बारे में पहले ही जान जाएं तो कुछ सावधानियां बरतने के बाद इस बीमारी कि रोकथाम कर सकते हैं। इसके कारणों में बार बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होना, यौनिक संक्रमण होना, लाइकेन प्लेनुस कि शिकायत होना, एक्जिमा से पीड़ित होना, स्किन में इंफेक्शन होना आदि शामिल हैं।
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फाइमोसिस के क्या लक्षण हैं — What Are The Symptoms Of Phimosis In Hindi
फाइमोसीस से पीड़ित होने कि स्थिति में आप खुद के अंदर ढेरों लक्षण महसूस करते हैं। इनके आधार पर आपको यह मालूम होता है कि आप फाइमोसिस से पीड़ित हैं। इसके लक्षणों में पेशाब करते समय दर्द होना, लिंग में सूजन होना, लिंग में दर्द होना, लिंग पर लाल धब्बे बनना, पेशाब से बदबू आना आदि शामिल हैं। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करते हैं तो डॉक्टर से मिलकर इसके पीछे के सटीक कारणों का पता कर उनके आधार पर इलाज करवाना चाहिए।
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फाइमोसीस की पतंजलि दवा — Phimosis Treatment With Patanjali Medicines In Hindi — Treatment of Phimosis With Patanjali Medicines in Hindi
फाइमोसीस का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। इसमें एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक और पतंजलि कि दवाएं और क्रीम, घरेलू नुस्खे तथा सर्जरी शामिल हैं। लेजर सर्जरी द्वारा खतना को फाइमोसिस का सबसे बेहतरीन इलाज समझा जाता है क्योंकि यह इसका परमानेंट इलाज है। खतना करने के बाद दोबारा फाइमोसिस होने कि संभावना खत्म हो जाती है। खतना दो तरह से किया जाता है, एक ओपन सर्जरी और दूसरा लेजर सर्जरी द्वारा। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi ओपन सर्जरी में बड़ा सा कट लगता है जिसके कारण काफी दर्द और ब्लीडिंग होती है। खतना के बाद टांके लगते हैं जिसकी वजह से इंफेक्शन होने तथा जख्म बनने का खतरा भी होता है। ओपन सर्जरी से खतना करवाने के बाद रिकवरी में भी काफी लंबा समय लगता है।
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लेकिन ओपन सर्जरी कि तुलना में लेजर सर्जरी से खतना करवाना बिलकुल अलग है। लेजर सर्जरी से खतना करते समय दर्द और ब्लीडिंग कम से कम होती है। इसके बाद इंफेक्शन, जख्म या दाग बनने कि संभावना लगभग न के बराबर होती है। लेजर सर्जरी के जरिए खतना की पूरी प्रक्रिया मात्र 10-15 मिनट में कम्प्लीट हो जाती है। मरीज दो दिन के अंदर फिट हो जाते हैं। जब आपके फाइमोसिस कि गंभीरता बढ़ जाती है तो डॉक्टर सर्जरी कि सलाह देते हैं। Patanjali Medicine For Phimosis in Hindi अगर यह अपनी शुरूआती स्टेज में है तो इसका इलाज पतंजलि कि दवा से भी किया जा सकता है। पतंजलि की ढेरों ऐसी दवाएं और क्रीम मौजूद हैं जिनकी मदद से फाइमोसिस कि समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
आपको एक बात का खास ध्यान रखना है और वो यह कि बिना डॉक्टर कि सलाह के किसी भी पतंजलि दवा का उपयोग नहीं करना है। अपने मन से दवा का इस्तेमाल करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप फाइमोसिस को ठीक करने कि नियत से पतंजलि कि दवा का इस्तेमाल डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करें। (आगे पढ़ें: खतना की सर्जरी कैसे की जाती है?)
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|