हर महिला गर्भवती होने के बाद अच्छी से अच्छी चीजों को अपने डाइट में शामिल करना चाहती है ताकि वे स्वस्थ रहें और उनका शिशु चुस्त और तंदुरुस्त पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण आप आपने अंदर ढेरों बदलाव महसूस करती हैं। इन सभी शारीरिक और भावनात्मक बदलावों के बीच कई बार आप खुद भी परेशान हो सकती हैं की आखिर आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान खान पान और लाइफस्टाइल को लेकर भी लोगों के बीच कई तरह की गलतफहमियां फैली हुई हैं। यह समय आपके लिए ऐसा होता है जब आपके दोस्त और परिवार के सभी लोग आपको गर्भावस्था की बधाइयां देते हैं साथ ही काफी लोग गर्भावस्था से संबंधित कई तरह की भ्रांतियां बताते हैं तो कुछ लोग इससे संबंधित सही जानकारी भी देते हैं। इस सभी स्थितियों में आप कन्फ्यूज हो जाती हैं और कई बार लोगों की कही सुनी बात को सच मानकर आप उन चीजों को अपने खान पान में शामिल कर लेती हैं जो आपके और शिशु के लिए नुकसानदायक होती हैं।
लेकिन अब आपको घबराने या कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रिस्टीन केयर के इस सबसे खास ब्लॉग में हम आपको Pregnancy Diet in Hindi गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं। आगे आप जो भी ब्लॉग में पढेंगी ये सब प्रिस्टीन केयर के स्त्री-रोग विशेषज्ञ और डायटीशिएन के सुझाव के आधार पर लिखा गया है। इसलिए यह पूरी तरह से ऑथेंटिक हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप इस बात को संपूर्ण तरीके से समझ जाएंगी की गर्भावस्था के दौरान आपको (Pregnancy Diet in Hindi) कौन सी चीज का किस मात्रा में और कब सेवन करना चाहिए।
तो आइए इसे पढ़िए और अपने उन सभी दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर भी कीजिए जिन्हे इस ब्लॉग की सबसे ज्यादा जरूरत है या फिर जिन्हे इस ब्लॉग से फायदा हो सकता है।
इन चीजों का सेवन करें:-
हरी पत्तेदार सब्जियां
गर्भावस्था के दौरान आपका सेहतमंद होना ही आपके गर्भ में पल रहे शिशु का स्वस्थ होना भी है। यही कारण है की गर्भावस्था की शुरुआत से लेकर शिशु के जन्म लेने तक डॉक्टर आपको Diet Chart During Pregnancy अपने खान पान पर खास ध्यान देने की हिदायत देते हैं। इस समय आपके शरीर को भारी मात्रा में विटामिन, प्रोटीन और वसा की जरूरत होती है इसलिए आपको अपने Diet For Pregnancy in Hindi खान पान में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, पत्तागोभी और ब्रोकली आदि को शामिल करना चाहिए। पालक में मौजूद आयरन तत्व से गर्भावस्था में खून की कमी दूर होती है। इसके अलावा आपको बीन्स और शलजम को भी खाना चाहिए। इनमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिनकी आपको जरूरत होती है।
डेयरी प्रोडक्ट्स
सभी डेयरी प्रोडक्ट्स जितना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए जरूरी होते हैं उससे कहीं ज्यादा गर्भवती महिला के लिए भी दूध, छाछ, दही और घी आवश्यक होते हैं। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम की जरूरत होती है। इसलिए आपको Diet Chart For Pregnancy in Hindi अपने डाइट में सभी डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करना चाहिए। गर्भावस्था के चौथे या पांचवे महीने में आपको डेयरी प्रोडक्ट्स को खासकर अपने डाइट में शामिल करना चाहिए। क्योंकि ये गर्भावस्था का बहुत ही अहम समय होता है, इस दौरान आपके गर्भ में पल रहा शिशु काफी तेजी से विकास करता है और उसे काफी ज्यादा मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है।
इन जरूरतों को पूरा करने के लिए आपका शरीर काफी अधिक मात्रा में खून का निर्माण करता है जिससे आप पर बुरा प्रभाव पड़ता है। Pregnancy Diet Chart in Hindi इस समय आप और आपके शिशु के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स बहुत जरूरी और फायदेमंद होते हैं। अगर आपको किसी भी डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी या किसी तरह की कोई दूसरी परेशानी है या फिर होती है तो आपको डॉक्टर से इसके बारे में बात करनी चाहिए। साथ ही किसी भी चीज का सेवन करने से पहले अपने स्त्री-रोग विशेषज्ञ से इसके बारे में जरूर बताना भी चाहिए।
फल और उनका रस
फल एक ऐसी चीज है जो आपको हर तरह से फायदा ही पहुंचाती है। डॉक्टर हमेशा दिन में कम से कम एक सेब, दो केला और दूसरे भी फल का सेवन करने का सुझाव देते हैं। जब एक साधारण इंसान के लिए फल का सेवन इतना फायदेमंद है तो आप इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए की Diet Chart For Pregnancy in Hindi एक गर्भवती महिला के लिए फल का सेवन करना कितना आवश्यक और फायदेमंद होगा। ताजे फल और उनके ज्यूस का सेवन गर्भावस्था के दौरा होने वाली आधे से ज्यादा परेशानियों को खत्म कर देते हैं। सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और इनके रस को भी सेवन में लाया जा सकता है। लेकिन कुछ फल जैसे की पपीता, अनानास और अंगूर से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनका असर बच्चे पर काफी खराब होता है। Pregnancy Diet Chart in Hindi अगर आपको किसी भी फल के सेवन को लेकर कोई कन्फ्यूजन है तो उसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से उनकी राय जरूर लें और फिर उसका सेवन या उससे परहेज करें।
साबुत अनाज
गर्भावस्था के तीसरे महीने से खासकर आपको Diet Chart During Pregnancy अपने डाइट में साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। क्योंकि ये आपके गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। जैसे ही आपके शिशु का विकास शुरू होता है उसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसके लिए आपका शरीर खून को ज्यादा मात्रा में बनाना शुरू कर देता है। ऐसे में आपके शरीर की जरूरतों को पूरा करने और Diet For Pregnancy in Hindi आपको सेहतमंद रखने के लिए साबुत अनाज का सेवन आवश्यक है। इसकी पूर्ति करने के लिए आप अपने डाइट में ओट्स, किंवा, ब्राउन राइस आदि को शामिल कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान गैस और कब्ज की समस्या होना आम बात है लेकिन अगर आप साबुत अनाज को अपने खान पान में शामिल करती हैं तो ये आपके गैस और कब्ज को भी दूर करने में काफी हद तक सहायता करते हैं।
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प्रेगनेंसी में कितनी कैलोरी की जरूरत है
डॉक्टर का मानना है की लगभग 50-55 किलो की एक सामान्य महिला को रोजाना 1900 कैलोरी की जरूरत होती है। लेकिन एक प्रेगनेंट महिला को रोजाना 2200 कैलोरी की जरूरत होती है। प्रेगनेंसी के दौरान आपको कौन से तत्व की किस मात्रा में जरूरत होती है, इस बात को समझने के लिए नीचे दिए हुए चार्ट को देखें।
पोषक तत्व सामान्य महिला प्रेगनेंट महिला
प्रोटीन 50 ग्राम 65 ग्राम
आयरन 30 मिलीग्राम 40 मिलीग्राम
आयोडीन 100 -200 माइक्रोग्राम +25 माइक्रोग्राम
कैल्शियम 400 मिलीग्राम 1000 मिलीग्राम
फोलिक एसिड 100 माइक्रोग्राम 400 माइक्रोग्राम
सुबह का नाश्ता + दोपहर का खाना + इविनिंग स्नैक्स + रात का खाना
ब्लॉग इस सेक्शन में हम आपको आपके डाइट प्लान के संबंध में डिटेल्स में बताने वाले हैं जिनकी मदद से Diet Chart in Hindi For Pregnancy आप अपने पूरे दिन के खान पान को अच्छे से डिजाइन कर सकती हैं। इस दौरान आपके शिशु को ढेरों पौष्टिक तत्वों की जरूरत पड़ती है इसलिए यह आपके लिए जरूरी है की आप अपने डाइट पर ख़ास ध्यान दें। आप इन सभी चीजों की पूर्ति अपनी गर्भावस्था की डाइट में बदलाव लेकर कर सकती हैं।
सुबह का नाश्ता
सुबह का नाश्ता आपके लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए आप इस बात को निश्चित करें की आप समय पर सुबह हेल्दी नाश्ता करें। प्रेग्नन्सी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस एक लक्षण है जिसका आप अनुभव करती हैं। Diet Chart in Hindi For Pregnancy – लेकिन समय पर सही नाश्ता आपको इससे और दूसरी परेशानियों से राहत दिलाने तथा आपको चुस्त और दुरुस्त रखने में मदद करता है। इस दौरान आपको फल, दूध और ड्राई फ्रूट्स को अपने नाश्ते में शामिल करना चाहिए क्योंकि ये आपके लिए बहुत आवश्यक हैं।
- एक कटोरी सेंवई
- एक कटोरी दलिया
- एक कटोरी सब्जी या उपमा
- 2 ताजे फल और पांच बदाम या एक अखरोट
- विजिटेबल सैंडविच या एक आमलेट या 50 ग्राम पनीर
- सब्जी या दही के साथ दो आलू या गाजर के पराठे
- एक ग्लास दूध/बटर मिल्क या फोर्टिफाइड संतरे का ज्यूस
- हल्का मक्खन के साथ Whole Grain Bread Toast के दो स्लाइस
दोपहर का खाना
आपको दोपहर में संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और इसमें दही, छाछ और सुप को शामिल करना चाहिए।
- दो रोटी के साथ एक कटोरी दाल
- एक कटोरी सलाद और थोड़ा सा रायता
- एक कटोरी दही/पनीर/सब्जी/मिक्स वेज
- एक कटोरी चिकन के साथ रोटी या चावल
- एक कटोरी पालक पनीर के साथ रोटी या चावल
- चावल से बना कोई भी डिश जैसे की जीरा, मटर या लेमन राइस रायता या दही के साथ
इविनिंग स्नैक्स
शाम के स्नैक्स के रूप में आप फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स, ज्यूस, हलवा, चना, ओट्स आदि को शामिल करना चाहिए क्योंकि ये विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और दूसरे उन सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिनकी आपको जरूरत होती है।
- एक कप दूध
- एक कप ग्रीन टी
- एक कटोरी दलिया
- एक कटोरी भुना हुआ चना
- कम मिठास वाला गाजर का हलवा
- ताजे फल या उसके ज्यूस का सेवन
- पांच या दस बादाम, अखरोट या खजूर
- एक उबला अंडा या एक कटोरी स्प्राउट्स
रात का खाना
रात के समय आपको हल्का खाना भोजन करना चाहिए ताकि उसे हजम होने में किसी तरह की कोई दिक्कत या परेशानी न हो। डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं।
- थोड़ा सा सलाद
- एक कटोरी दही
- एक कटोरी सब्जी
- छाछ के साथ सादा पराठा
- एक कटोरी दही के साथ खिचड़ी
- घी के साथ ज्वार या बाजरे की रोटी
- एक कटोरी दाल के साथ 2-3 रोटी
- वेजिटेबल पुलाव या चिकन राइस के साथ एक ग्लास रायता
- बेड टाइम
- एक फल
- एक कप दूध
निष्कर्ष
गर्भावस्था नौ महीने की एक प्रक्रिया है। इन नौ महीनों को आपके शरीर में होने वाले बदलाव और गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के बेसिस पर कई सप्ताहों में बांटा गया है। Diet in Pregnancy in Hindi हर सप्ताह और महीने आपके अंदर बदलाव आते हैं और आपके शिशु का विकास होता है। इसलिए आपके खान पान की चीजें भी हर महीने बदलती रहती हैं, हमने इस ब्लॉग में उन सभी कॉमन चीजों की बात की है जो गर्भावस्था की इस पूरी प्रक्रिया में आप और आपके शिशु के लिए फायदेमंद होती हैं। फिर भी किसी भी चीज को अपने डाइट में शामिल करने से पहले आपको एक बार स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसके बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए और उनकी सलाह के बाद ही अपने डाइट में बदलाव लाना चाहिए। स्त्री-रोग विशेषज्ञ आपकी शारीरिक जांच करने के बाद आपको एक खास डाइट प्लान का सुझाव देती हैं।
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