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प्रेग्नेंट होते ही आपके शरीर में बदलावों का सिलसिला शुरू हो जाता है। आपके अंदर हार्मोनल असंतुलन होते हैं और जैसे जैसे प्रेगनेंसी की अवधि आगे बढ़ती है आपके गर्भ में पल रहे शिशु के आकार और वजन में भी वृद्धि होती है जिसके कारण आपके गर्भ का साइज बढ़ता है। गर्भ का साइज बढ़ने के कारण आपके पेल्विक क्षेत्र और पेट में परेशानियां शुरू होती है। कुल मिलाकर देखा देखा जाए तो प्रेगनेंसी बेशक दुनिया के सबसे खूबसूरत एहसासों और नायाब तोहफों में से एक है। लेकिन इसके दौरान आपको कुछ परेशानियों और तकलीफों का सामना भी करना पड़ता है।

प्रेगनेंसी के दौरान कभी आपके पीठ दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, चक्कर आना, शरीर में सूजन, कंधे में दर्द, जी मिचलाना, उलटी होना, शरीर का वजन बढ़ना तो कभी कमजोरी होने जैसी ढेरों परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है। इन्ही परेशानियों में से एक परेशानी योनि में दर्द होना भी है। प्रेगनेंसी के दौरान Pregnancy Me Yoni Dard योनि में दर्द होना भी प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है जिससे आप लाइफस्टाइल में बदलाव, योग और व्यायाम तथा खान पान में बदलाव लाकर कम कर सकते हैं या छुटकारा पा सकती हैं।           

प्रिस्टीन केयर के आज के इस बेहद ही खास ब्लॉग में हम प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द होने के कारण और इसके इलाज के बारे में विस्तार से बात करेंगे। हम उम्मीद करते हैं की इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप प्रेगनेंसी के दौरान योनि में होने वाले दर्द या दूसरी परेशानियों के नेचर, कारण और उनके उपाय को अच्छे से समझ जाएंगी जो आपको अपनी गर्भावस्था के दौरान इन सबसे छुटकारा दिलाने में मदद करेंगे। 

प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द के कारण:- 

दूसरी किसी भी बीमारी की तरह Pregnancy Me Yoni Dard प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द होने के भी कारण होते हैं। आप इन कारणों के बारे में सही समय पर जान कार इनका सही से इलाज करवा सकती है और ये हमेशा के लिए समाप्त हो जाएंगे। गर्भावस्था एक बहुत ही नाजुक स्थिति होती है जिसके दौरान आपको काफी सावधान रहना चाहिए। छोटी सी भी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। हम आपको नीचे प्रेगनेंसी के दौरान योनि में होने वाले दर्द के कारणों पर बात कर रहे हैं जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है।        

योनि में इंफेक्शन 

प्रेगनेंसी के दौरान साफ सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही गंदगी का कारण बन सकती है और गंदगी की वजह से संक्रमण यानी इंफेक्शन होता है। Pregnancy Me Yoni Dard प्रेगनेंसी के दौरान इंफेक्शन होना आम बात है क्योंकि यह बहुत ही आसानी से एक प्रेग्नेंट महिला को प्रभावित करता है। योनि में इंफेक्शन होने के कारण उसमें और उसके आस पास दर्द महसूस होता है। इंफेक्शन से बचने का सबसे सही तरीका है की आप अपने प्राइवेट पार्ट को समय समय पर साफ करते रहें।

हार्मोन में असंतुलन   

जैसा की हम पहले ही बात कर चुके हैं और अब आपको भी यह बात अच्छे से पता है की प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन होते हैं जिसके कारण आप अपने अंदर तरह तरह के बदलाव को देखती और महसूस करती हैं। हार्मोन में असंतुलन होने के कारण आपकी योनि में सूखापन आ जाता है जिसकी वजह से आपको Pregnancy Me Yoni Dard योनि में दर्द की शिकायत होती है। यह दर्द सेक्स करने के बाद और ज्यादा तेज और गंभीर हो जाता है इसलिए इस दौरान सेक्स करने से बचना चाहिए। योनि के इस सूखेपन को दूर करने के लिए आप स्त्री-रोग विशेषज्ञ से किसी क्रीम, तेल या मरहम का सुझाव लेकर उनका इस्तेमाल कर सकती हैं।

भ्रूण का विकास 

गर्भाशय में भ्रूण का विकास होने के कारण लिगामेंट्स इसको पेल्विक क्षेत्र में समायोजित करने के लिए आस पास की मांसपेशियों पर दबाव बनाना और खिंचाव करना शुरू कर देते हैं जिसके कारण Yoni Dard in Hindi योनि और उसके आस पास की मांसपेशियों में दर्द की समस्या सामने आती है। इससे बचने के लिए आप कुछ योग और व्यायाम की मदद ले सकती हैं क्योंकि ये आपके शरीर में लचीलापन लाते हैं जिससे मांसपेशियों में खिंचाव या प्रेशर होने के कारण कम से कम दर्द होता है।

गर्भाशय का आकार बढ़ना 

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण का आकार और वजन धीरे धीरे बढ़ता है जिसके कारण आपके गर्भाशय में भी फैलाव आता है। Yoni Dard in Hindi गर्भाशय में फैलाव आने के कारण उसके आस पास की मांसपेशियों और योनि पर प्रेशर पड़ता है जिससे आपकी योनि में दर्द है। लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह प्रेगनेंसी के सामान्य लक्षणों में से एक है जिसका अनुभव हर एक गर्भवती महिला करती ही है। 

योनि में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ना 

प्रेगनेंसी के दौरान आपकी योनि में ब्लड सर्कुलेशन नार्मल से तीन गुना बढ़ जाता है जिसके कारण गर्भाशय पर प्रभाव पड़ता है और Yoni Dard in Hindi योनि में तेज दर्द और उसके पास सूजन आ जाती है। इस दौरान आपको बहुत ही सावधान रहने की जरूरत होती है। कोई भी गंभीर समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर उनसे अपनी समस्या के बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए। 

पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स 

यह प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली एक स्थिति है जब आपके पेल्विक क्षेत्र का कोई भी हिस्सा आपकी योनि या मलाशय में चला जाता है जिसके कारण आपको Yoni Dard in Hindi योनि में और उसके आस पास काफी तेज होता है। यह स्थिति थोड़ी सीरियस हो सकती है इसलिए अगर आप योनि में तेज दर्द या अंदर की तरफ दबाव महसूस करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इसकी करानी चाहिए।   

एक्टोपिक प्रेगनेंसी 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान आप गर्भाशय के बदले फैलोपियन ट्यूब या पेट के दूसरे हिस्से में गर्भ धारण कर लेती हैं। शुरूआती स्टेज में इस समस्या के बारे में पता लगाना मुश्किल होता है लेकिन बाद में जब इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं तब इसका पता लगाना संभव हो जाता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण भी आपके प्रेगनेंसी दौरान योनि में दर्द और उससे ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। इसका समय पर सही से जांच और इलाज कराना चाहिए क्योंकि आगे जाकर यह गंभीर रूप सकता है। 

प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द का इलाज:- 

प्रेगनेंसी के दौरान योनि में दर्द होना प्रेगनेंसी के सामान्य लक्षणों में से एक है लेकिन फिर भी इसको नजरअंदाज करना सही नहीं है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। अपने मन मुताबिक किसी भी तरह की दवा का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान ऐसा करने से दवा का आप और आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ सकता है। यह आवश्यक है की आप कोई भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से उनकी राय लें। 

व्यायाम और योग करें

प्रेगनेंसी के दौरान हो रहे योनि दर्द को दूर करने के लिए व्यायाम और योग को बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि ये बहुत आसानी से इस परेशानी को दूर कर देते हैं। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप प्रेगनेंसी के दौरान हल्का फूलका व्यायाम और योग कर सकती हैं। ये आपकी मांसपेशियों को मजबूत और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं जो योनि में हो रहे दर्द को कम करने में बहुत सहायक होते हैं। साथ ही साथ ये आपको हमेशा एक्टिव और फ्रेश रखते हैं जिससे प्रेगनेंसी से संबंधित आपकी आधी से ज्यादा परेशानी खत्म हो जाती है। 

हल्का गर्म पानी से स्नान करें 

हल्का गर्म पानी के ढेरों फायदे हैं और इन्ही फायदों में एक है योनि दर्द को दूर करना। प्रेगनेंसी के दौरान आपको अक्सर योनि में दर्द की शिकायत आती है लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप घर बैठे बैठे इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस हलके गर्म पानी से स्नान करना है क्योंकि इससे योनि और उसके आस पास का संक्रमण और दर्द खत्म हो जाते हैं। 

बायीं तरफ करवट लेकर सोएं 

प्रेगनेंसी के दौरान आप जब भी बेड पर लेटे तो बायीं तरफ करवट लेकर सोना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन संतुलित हो जाता है साथ ही साथ इस पोजीशन में सोने से आपकी योनि पर किसी तरह का कोई प्रेशर भी नहीं पड़ता है और आपको योनि के दर्द से राहत मिलती है। डॉक्टर खासकर प्रेगनेंसी के दौरान बायीं तरफ करवट लेकर सोने की सलाह देते हैं। 

पैरों पर बैठें

प्रेगनेंसी के दौरान पैरों या एड़ियों पर बैठने से योनि में हो रहे दर्द से छुटकारा मिलता है। आप जब कभी कोई भी कोई ऐसा काम कर रही हों जिसमें बैठने की जरूरत है तो आप अपने पैरों या एड़ियों पर बैठकर काम करने की कोशिश करें। ऐसा करने से योनि पर कोई भी दबाव या खिंचाव नहीं पड़ता है और जिससे आपको योनि दर्द से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। 

पेल्विक क्षेत्र का मसाज करें 

प्रेगनेंसी के दौरान पेल्विक क्षेत्र का मसाज करने से उसके आस पास की मांसपेशिया हल्की ढीली और मुलायम हो जाती हैं। ऐसा करने से आपकी योनि का दबाव एवं खिंचाव भी कम होता है जिसके कारण आपके योनि का दर्द खत्म हो जाता है। यह तकनीक काफी कारगर है और यही कारण है की डॉक्टर भी इसका सुझाव देते हैं। 

निष्कर्ष

इन सब के अलावा, आपको अपनी लाइफस्टाइल और खासकर खान पान पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा हेल्दी चीजों का सेवन और नुकसानदायक चीजों से परहेज करना चाहिए। साथ ही किसी भी तरह की कोई परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर उसके बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए। 

अगर आपके पास प्रेगनेंसी से संबंधित कोई भी प्रश्न या परेशानी है तो आप प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। इनके पास बेस्ट स्त्री-रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं जिनके पास सालों का अनुभव और प्रेग्नन्सी की बहुत ही गहन समझ है। इनके पास आपके हर प्रश्न सटीक जवाब और और हर परेशानी का बेहतरीन और परमानेंट इलाज है।       

 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|