प्रेगनेंसी एक बहुत ही खास और खूबसूरत पल है। यह पल और इसका एहसास हर महिला के जीवन में बेहद नायाब होता है। यह एहसास उन महिलाओं के लिए एक लाइफ चेंजिंग एक्सपीरियंस होता है जो पहली बार मां बनने वाली हैं। गर्भावस्था नौ महीने की एक प्रक्रिया है जो गर्भवती महिलाओं का कई तरह से इम्तेहान लेती है। प्रेगनेंसी के दौरान हार्मोनल असंतुलन होने के कारण एक महिला के अंदर मानसिक और शारीरिक बदलाव आते हैं। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi इन बदलावों का सिलसिला महिला के गर्भधारण करते ही शुरू हो जाता है और उसके शिशु की डिलीवरी यानी की जन्म तक किसी न किसी रूप में कायम रहता है।
गर्भधारण करने के बाद महिला को आलस और कमजोरी महसूस होती है। उसे मतली और चक्कर आने तथा उलटी होने की शिकायत भी होती है। खान पान में उनकी रुचि में बदलाव और खुराक में कमी आ जाती है। पहले की तुलना में वे अधिक भावुक हो जाती हैं। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है जो आगे मोटापे में भी तब्दील हो जाता है। मोटापे के कारण उन्हें ढेरों परेशानियां होती हैं जैसे कि सांस लेने में दिक्कत होना आदि।
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जैसे जैसे गर्भावस्था कि अवधि आगे बढ़ती है वैसे वैसे उनके पेट, कमर, कंधे, पैर, सिर और स्तनों में भी दर्द शुरू हो जाते हैं। हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिला के स्तनों का आकार बढ़ता है, उसके निप्पल का आकार और रंग बदलता है तथा उनके स्तन में दूध बनने कि प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिसके कारण महिला को Pregnancy Me Breast Pain in Hindi स्तन में भी दर्द कि शिकायत शुरू हो जाती है।
प्रिस्टीन केयर के इस ब्लॉग में आज हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में दर्द होने के कारण, उसके लक्षण और इलाज के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आपको यह बात अच्छे से समझ में आ जाएगी कि प्रेगनेंसी में अपना ख्याल कैसे रखना है तथा Pregnancy Me Breast Pain in Hindi गर्भावस्था के दौरान स्तन में दर्द होने पर आपको क्या कारण चाहिए जिससे आपका दर्द कम एवं दूर हो जाएगा।
प्रेगनेंसी में स्तन दर्द के कारण — Causes of Breast Pain During Pregnancy in Hindi — Garbhavastha Me Stan Dard Ke Karan
प्रेगनेंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में बढ़ोतरी होने के कारण गर्भवती महिला के स्तनों में दर्द होता है। गर्भधारण करने के कुछ सप्ताह के बाद स्तनों में वसा कि परत मोटी हो जाती है, दूध कि ग्रंथियों में नालिकाओं कि संख्या बढ़ जाती है तथा ब्लड फ्लो तेज हो जाता है। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi जैसे जैसे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता है वैसे वैसे एस्ट्रोजन हार्मोन में असंतुलन होता है जिसकी वजह से गर्भवती महिला के स्तन भारी हो जाते हैं और उसमें दर्द होना शुरू हो जाता है।
लगभग दूसरी या तीसरी सप्ताह में महिला के स्तनों में कोलोस्ट्रम नाम के एक तरल पदार्थ का निर्माण शुरू हो जाता है जो हल्का पीला और गाढ़ा होता है। इसे मां का पहला दूध भी कहा जाता है जो शिशु को उसके जन्म के बाद पोषित करता है तथा उसे इंफेक्शन से बचाने में मदद भी करता है। कोलोस्ट्रम भी स्तन में दर्द का कारण होता है। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi जब महिला गर्भवती होती है तो उसके स्तन में दूध का निर्माण होना शुरू हो जाता है। दूध का निर्माण होने के कारण उसके स्तन का आकार बढ़ने लगता है क्योंकि इस समय दूध का निर्माण करने वाली कोशिकाएं शरीर में विकसित होने लगती हैं।
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जिसकी वजह से स्तन का आकार बढ़ने के साथ साथ उसमें दर्द और सूजन कि शिकायत भी होती है। कई बार Pregnancy Me Breast Pain in Hindi फाइब्रोसिस्टिक के कारण भी गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने स्तनों में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि कुछ मामलों में गर्भावस्था के दौरान छोटे सिस्ट यानी कि गांठ बन जाते हैं जिसके कारण सूजन और और दर्द कि समस्या सामने आती है। इसके अलावा भी कई और दूसरे कारण हो सकते हैं। आपको बस इतना ध्यान रखना है कि स्तन में अधिक दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताना चाहिए। ताकि दर्द के कारण को समझने के बाद वे आपको कोई ऐसा दवा दे सकें या उपाय बता सकें जिससे आपको आराम मिलेगा।
प्रेगनेंसी में स्तन दर्द के लक्षण — Symptoms of Breast Pain During Pregnancy in Hindi — Pregnancy Me Breast Pain Ke Lakshan
प्रेगनेंसी में स्तन दर्द के ढेरों लक्षण हैं जिसकी मदद से आप इस बात का अंदाजा लगा सकती हैं कि आपके स्तन में बदलाव शुरू हो चुके हैं।
- स्तनों में सूजन आना
- स्तनों में भारीपन आना
- स्तनों में कोमलता आना
- निप्पल का आकार बढ़ना
- स्तनों के आकार का बढ़ना
- स्तनों में संवेदनशीलता बढ़ना
- स्तनों को छूने पर दर्द महसूस होना
- स्तनों में सनसनाहट महसूस करना
- स्तनों पर उभरी हुई नसें दिखाई देना
- निप्पल के आसपास कि स्किन का रंग बदलना
प्रेगनेंसी में स्तन दर्द का इलाज — Treatment of Breast Pain During Pregnancy in Hindi — Pregnancy Me Breast Pain Ka Ilaj
प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों के आकार में बदलाव आना तथा दर्द होना प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है। आमतौर पर आपको इससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं होता है। इसलिए आपको ज्यादा टेंशन लेने कि जरूरत नहीं है। लेकिन अगर इससे आपकी सेहत पर किसी तरह का कोई बुरा प्रभाव पड़ता है तब आपको इसके बारे में चिता करनी चाहिए। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi स्तनों में दर्द होने पर आपको इस बारे में अपने पति को जानकारी देनी चाहिए ताकि सेक्स के दौरान वे इसका ध्यान रखें। आपको चलते या सोते समय स्तन में दर्द अनुभव हो सकता है। इससे बचने के लिए स्पोर्ट्स या मैटरनिटी ब्रा का इस्तेमाल करें। सही फिटिंग कि ब्रा के लिए आप विशेषज्ञ से बातकर उनकी मदद ले सकती हैं।
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गर्भावस्था के दौरान आपके स्तन का आकार बदलता रहता है। इसलिए आपको इस दौरान ब्रा का साइज बदलते रहना चाहिए। Pregnancy Me Breast Pain in Hindi अंडरवायर या इलास्टिक वाले ब्रा पहनने से बचना चाहिए क्योंकि ये आपके लिए अनकंफर्टेबल हो सकते हैं। जिससे आपके स्तन का दर्द बढ़ भी सकता है। अधिक दर्द होने पर आप डॉक्टर से परामर्श करने के बाद एसिटामिनोफेन और नौनस्टेरॉइड एन्टीइन्फ्लमेटरी दवाएं जैसे कि नेप्रोक्सन और एस्पिरिन का सेवन कर सकती हैं। ये आपके स्तन दर्द को काफी हद तक कम करने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष — Conclusion
प्रेगनेंसी के दौरान स्तन दर्द होना सामान्य बात है। इससे घबराने कि जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ समय के बाद यह अपने आप ही खत्म हो जाता है। लेकिन आपको इसके बारे में अवश्य पता होना चाहिए। ताकि जब आपके स्तन में बदलाव हो तो आप घबराएं नहीं बल्कि इसपर ध्यान दें। अगर आप अपने स्तनों में सामान्य दर्द और स्राव अनुभव करती हैं तो यह नॉर्मल बात है। लेकिन अगर आप तेज दर्द, गांठ में तेजी से बदलाव, कोलोस्ट्रम के साथ खून का आना या चकत्ते देख रही हैं तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से मिलकर इस बारे में विस्तार से बात करनी चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|