प्रेगनेंसी एक खूबसूरत पल है जिसे हर कपल अपने जीवन में कम से कम एक बार जीना चाहते हैं। गर्भधारण करना एक महिला के लिए उसके जीवन के सभी ख़ास पलों में से एक होता है। प्रेगनेंसी में सावधानियां बरतने के लिए एक कपल और खासकर महिला हर संभव कोशिश करती है।
गर्भावस्था नौ महीने की एक प्रक्रिया है। एक महिला के कंसीव करने से पहले भी एक प्रक्रिया होती है। प्रेगनेंसी और सेक्स से संबंधित सही जानकारी नहीं होने के कारण अधिकतर लोगों को यही लगता है कि सेक्स करने के बाद एक महिला गर्भधारण कर लेती है।
हालाँकि, सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। केवल सेक्स करने से एक महिला कंसीव नहीं करती है। एक महिला को अपने पति के साथ संबंध बनाने और कंसीव करने से पहले भी प्रेगनेंसी के कई चरण होते हैं जो गर्भधारण की सफलता और असफलता में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
अगर आप माँ बनना चाहती हैं तो आपके मन में यह प्रश्न अवश्य उठता होगा कि Pregnant Kaise Hote Hain तो अब आपका इंतजार ख़त्म हो जाएगा। आज प्रिस्टीन केयर के इस ख़ास ब्लॉग की मदद से हम आपको प्रेगनेंट कैसे होते हैं और उसकी जानकारी विस्तार से देने वाले हैं। इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप प्रेगनेंसी की पूरी प्रक्रिया को शुरू से लेकर अंत तक अच्छी तरह समझ जाएंगी।
प्रेगनेंट होने के लिए सबसे आवश्यक अंग
प्रेगनेंसी में पुरुष और स्त्री के प्रजनन अंग सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। यही कारण है कि गर्भाधान की प्रक्रिया शुरू होने से पहले स्त्री और पुरुष दोनों के प्रजनन अंगों का स्वस्थ होना अति आवश्यक है।
प्रेगनेंसी के लिए महिला के सबसे महत्वपूर्ण अंग
प्रेगनेंसी की लगभग पूरी प्रक्रिया एक महिला के शरीर में घटित होती है। इसलिए महिला के प्रजनन अंगों का सेहतमंद होना आवश्यक है। महिला के प्रजनन अंगों में ओवरी और फैलोपियन ट्यूब सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं।
01. ओवरी क्या है — What Is Ovary In Hindi
ओवरी को अंडाशय के नाम से भी जाना जाता है। एक महिला को कंसीव करने में ओवरी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ओवरी में ही एग्स या अंडे बनते हैं जो आगे स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होते हैं और फिर प्रेगनेंसी की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन का निर्माण भी ओवरी में ही होता है।
जब एक महिला गर्भधारण करती है तो उस दौरान उसके ओवरी का आकार भी काफी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि छोटे ओवरी में अंडों की संख्या कम होती है। ओवरी से संबंधित कुछ सामान्य तथ्य:-
02. फैलोपियन ट्यूब क्या है — What Is Fallopian Tube In Hindi
फैलोपियन ट्यूब अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाने के लिए एक मार्ग का काम करता है। फैलोपियन ट्यूब के अंदरूनी हिस्से की शारीरिक संरचना अंडो को गर्भाशय की ओर तैरने और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में मदद करता है। लेकिन फैलोपियन ट्यूब में किसी प्रकार की खराबी होने के कारण महिला को कंसीव करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
प्रेगनेंसी के लिए पुरुष के सबसे महत्वपूर्ण अंग
पुरुष के प्रजनन अंगों का काम स्पर्म और सीमेन का उत्पादन करना है। सेक्स के दौरान स्पर्म और सीमेन महिला के प्रजनन अंगों के अंदर जाते हैं। प्रेगनेंसी के लिए आवश्यक पुरुष के प्रजनन अंगों में लिंग और अंडकोष शामिल हैं।
01. लिंग क्या है — What Is Penis In Hindi
लिंग सेक्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाला एक अंग है जिसके तीन भाग होते हैं। पहला भाग जड़ है जो पेट से जुड़ा होता है, दूसरा भाग शरीर यानी शाफ्ट और तीसरा सिर है। लिंग का सिर पतली स्किन से ढका होता है जिसे मेडिकल की भाषा में फोरस्किन कहते हैं।
दुनिया के अनेको शहरों में कुछ बीमारियां जैसे कि फाइमोसिस से पीड़ित होने पर या धार्मिक कारणों से खतना की मदद से फोरस्किन को लिंग से सिर से हटा दिया जाता है।
सेक्स के दौरान जब पुरुष एजाकुलेशन करता है तो उसके लिंग से स्पर्म निकलता है जिसमें सीमेन भी मौजूद होता है। स्पर्म लिंग से बाहर निकलकर योनि की मदद से महिला के शरीर में प्रवेश करता है।
उसके बाद, गर्भाशय ग्रीवा और फैलोपियन ट्यूब में जाता है जहां अंडा स्पर्म के साथ निषेचित होता है और प्रेगनेंसी की प्रक्रिया शुरू होती है।
02. अंडकोष क्या है — What Is Testicle In Hindi
अंडकोष को वृषण और अंग्रेजी में टेस्टिकल कहते हैं। यह पुरुष के प्रजनन प्रणाली का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। एक पुरुष के पास दो अंडकोष होते हैं जो एक पतली थैली में मौजूद होते हैं। इस थैली को मेडिकल की भाषा में स्क्रोटम कहा जाता है।
अंडकोष का मुख्य काम स्पर्म और टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का निर्माण करना है जो प्रेगनेंसी के लिए अति आवश्यक हैं। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का काम सेक्स ड्राइव, प्रजनन क्षमता और मांसपेशियों एवं हड्डियों का विकास करना है।
प्रेगनेंसी के स्टेज — What Are The Stages Of Pregnancy In Hindi
पुरुष और महिला के प्रजनन अंग स्वस्थ होने पर एक महिला के लिए गर्भधारण करना बहुत आसान हो जाता है। आइए प्रेगनेंसी के स्टेज को समझने की कोशिश करते हैं।
प्रेगनेंसी का पहला स्टेज — ओव्यूलेशन — What Is Ovulation In Hindi
ओव्यूलेशन मासिक चक्र का एक हिस्सा है जब ओवरी से परिपक्व अंडा रिलीज होता है तो उस स्थिति को ओव्यूलेशन कहते हैं। यह प्रक्रिया हर महीने रिपीट होती है और इस समय एक महिला के गर्भधारण करने की संभावना सबसे अधिक होती है।
आमतौर पर एक महिला का मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का होता है और ओव्यूलेशन की प्रक्रिया मासिक धर्म के 11 दिन पहले शुरू होती है। इस दौरान महिला की ओवरी से अंडा बाहर निकलकर फैलोपियन ट्यूब में जाता है।
ओव्यूलेशन के दौरान अपने पति के साथ संबंध बनाने पर महिला के प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
प्रेगनेंसी का दूसरा स्टेज — फर्टिलाइजेशन — What Is Fertilization In Hindi
प्रेगनेंसी के लिए अंडा और स्पर्म का मिलना आवश्यक है। फैलोपियन ट्यूब में अंडा और स्पर्म के संयोजन को फर्टिलाइजेशन कहते हैं। फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया एक महिला में ओव्यूलेशन के चक्र के दौरान घटित होती है।
अगर ओव्यूलेशन के दौरान स्पर्म फैलोपियन ट्यूब में मौजूद होता है तो अंडा उसके साथ निषेचित यानी फर्टिलाइज्ड हो जाता है। हर महिला का शरीर अलग-अलग होता है, इसलिए यह जरूरी नहीं कि हर महिला में माहवारी के 10 दिन बाद ही ओव्यूलेशन होगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि महिला का अंडा लगभग 24 घंटे तक और पुरुष का स्पर्म फैलोपियन ट्यूब में लगभग 5-7 दिनों तक जीवित रहता है।
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अगर इस दौरान अंडा फैलोपियन ट्यूब तक पहुँच जाता है तो फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है। फर्टिलाइजेशन के बाद एक महिला गर्भवती हो जाती है। फर्टिलाइजेशन के तुरंत बाद ही शिशु के जिन और लिंग सेट हो जाते हैं।
अगर स्पर्म में एक वाई (Y) क्रोमोजोम होता है तो गर्भ में पल रहा शिशु लड़का होता है और अगर स्पर्म में एक एक्स (X) क्रोमोजोम होता है तो गर्भ में पल रहा शिशु लड़की होती है।
प्रेगनेंसी का तीसरा और आखिरी स्टेज — इम्प्लांटेशन — What Is Implantation In Hindi
फर्टिलाइजेशन यानी निषेचन के बाद अंडा लगभग 3-4 दिनों तक फैलोपियन ट्यूब में रहता है। लेकिन फर्टिलाइजेशन के 24 घंटे के अंदर इसकी कोशिकाएं तेजी से विभाजित होने लगती हैं। विभाजित अंडा धीरे-धीरे फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय यानी यूटेरस में जाने लगता है।
जब अंडा विभाजित होकर यूटेरस वॉल यानी गर्भाशय के अस्तर से जुड़ने लगता है तो इस प्रक्रिया को इम्प्लांटेशन यानि प्रत्यारोपण कहते हैं। यह गर्भाशय के अस्तर से तबतक जुड़ा होता है जबतक कि शिशु जन्म लेने के लिए तैयार नहीं हो जाता।
प्रेगनेंसी से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु — What Are Important Points Related To Pregnancy In Hindi
हर मासिक चक्र के दौरान, पीरियड्स के कुछ समय के बाद 3-30 अंडे अंडाशय में परिपक्व होना शुरू हो जाते हैं। जो अंडे सबसे अधिक परिपक्व होते हैं उन्हें ओवरी से रिलीज कर दिया जाता है, इस प्रक्रिया को मेडिकल की भाषा में ओव्यूलेशन कहते हैं।
ओव्यूलेशन का सटीक समय मासिक चक्र की अवधि पर निर्भर करता है। आमतौर पर ओव्यूलेशन अगला पीरियड आने के 12-14 दिन पहले होता है। अनेको हार्मोन मिलकर मासिक चक्र की अवधि, अंडे की परिपक्वता और ओव्यूलेशन के समय को कंट्रोल करते हैं।
गर्भाधान यानी कंसेप्शन के लिए ओवरी से रिलीज हुए अंडों को 24 घंटों के अंदर स्पर्म के साथ निषेचित यानी फर्टिलाइज करने की आवश्यकता होती है। अगर इस दौरान अंडा और स्पर्म मिल जाते हैं तो एक नए जीवन के सृजन की शुरुआत होती है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो अंडा गर्भाशय यानी यूटेरस तक जाकर अपनी यात्रा को ख़त्म करके विघटित हो जाता है।
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अगर आपका गर्भधारण नहीं हुआ है तो अंडाशय यानी ओवरी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निर्माण बंद कर देता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन ऐसे हार्मोन हैं जो गर्भावस्था को सुरक्षित और सफल रखने में मदद करते हैं।
लेकिन जब दोनों हार्मोन का स्तर घट जाता है तो गर्भाशय की मोटी परत माहवारी के दौरान बाहर निकल जाती है। उसके साथ-साथ अनिषेचित अंडे के अवशेष यानी बचे हुए हिस्से भी बाहर निकल जाते हैं।
महिलाएं गर्भावस्था के लिए अपने शरीर को कैसे तैयार कर सकती हैं — How Can Women Prepare Their Body For Pregnancy In Hindi
अपने वजन का ख़ास ध्यान रखें, मोटापा के कारण आपको गर्भधारण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने पीरियड साइकिल को चेक करें और पीरियड्स के शुरुआत एवं अंत के बीच के समय को मापें।
अगर किसी प्रकार का टीकाकरण मिस हो गया है तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद टीकाकरण करा लें। प्रेगनेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब दोष को रोकने के लिए अपनी डाइट में फोलिक एसिड से भरपूर खान-पान की चीजों को शामिल करें।
स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करने से शरीर में आवश्यक विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति होती है जिससे गर्भधारण में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी से संबंधित अनेको अफवाह फैली हुई हैं, उनसे बचने की कोशिश करें, प्रेगनेंसी से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले डॉक्टर से उस बारे में विस्तार से बात करें।
नियमित रूप से रोजाना सुबह या शाम में योग और मेडिटेशन करें, क्योंकि इससे आपके शरीर और मन के बीच तालमेल बैठता है जिससे गर्भधारण में बहुत मदद मिलती है।
नियमित रूप से अपनी बॉडी चेकअप करवाते रहें ताकि सही समय पर आंतरिक बीमारियों का जांच और इलाज किया जा सके।
अगर आपके मन में यह प्रश्न हमेशा आता रहता है कि Pregnant Kaise Hota Hai तो नीचे दिए बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें।
नोट
जब महिला की ओवरी से अंडा रिलीज होता है तो पुरुष का स्पर्म पहले से फैलोपियन ट्यूब में मौजूद होना चाहिए।
ओवरी से रिलीज होने के बाद अंडा लगभग 24 घंटे तक जीवित रहता है, इन 24 घंटों के अंदर पुरुष का स्पर्म महिला के फैलोपियन ट्यूब में मौजूद होना चाहिए।
ओवरव्यू
प्रेगनेंसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरुष और महिला दोनों की भागीदारी होती है। लोगों के प्रति यह गलतफहमी फैली हुई है कि महिला में बांझपन या किसी तरह की बीमारी होने पर गर्भावस्था में परेशानी होती है, लेकिन यह आधा सच है।
हाल ही में हुए शोध से यह बात सामने आई है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष में बांझपन का खतरा अधिक होता है।
अगर पुरुष के स्पर्म और महिला के अंडे की कविलिटी और क्वांटिटी बेहतर है तो कंसेप्शन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आती है। लेकिन अगर स्पर्म या अंडे – दोनों में से किसी एक में भी समस्या है तो गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेगनेंसी नौ महीने की एक लंबी प्रक्रिया है जिसके दौरान एक औरत में शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से बदलाव आते हैं।
अगर आप एक महिला हैं और कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण करने में सफल नहीं हो रही हैं तो आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने के बाद खुद के साथ-साथ अपने पति का भी चेकअप कराना चाहिए।
कई बार बांझपन या दूसरे अनेको कारणों से गर्भधारण करने में समस्याएं सामने आती हैं। ऐसे में एक विशेषज्ञ डॉक्टर सटीक कारणों का पता लगाकर उचित इलाज की मदद से गर्भधारण करने में आपकी मदद कर सकता है।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|