गुदा रोग क्या है
गुदा रोग एनस या रेक्टम में होने वाली बीमारियां हैं जो खासकर एनस या रेक्टम क्षेत्र में टिशूज के अधिक या असामान्य तरीके से बढ़ जाने के कारण होती हैं। जहां एक तरह इन सभी बीमारियों के बारे में बात करना आपके लिए शर्मनाक हो सकता है, वहीं दूसरी तरफ इन बीमारियों से पीड़ित होना आपके लिए बहुत दर्दनाक भी हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है की किसी भी प्रकार के गुदा रोग से पीड़ित होने की स्थिति में आप तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें।
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गुदा रोगों का तुरंत निदान एवं इलाज कर उन्हें हमेशा के लिए जड़ से खत्म किया जा सकता है। इन बीमारियों का समय पर सही इलाज नहीं कराने पर ये गंभीर रूप ले लेती हैं तथा आगे जाकर दूसरी ढेरों गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं। गुदा रोगों से पीड़ित होने की स्थिति में आपको दैनिक जीवन के कामों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको सबसे अधिक परेशानी स्टूल पास करते समय होती है।
गुदा मार्ग में होने वाली बीमारियां
गुदा रोगों में बवासीर, फिशर और फिस्टुला का नाम सबसे सामान्य है। ज्यादातर ये बीमारियां इनेक्टिव लाइफस्टाइल, गलत खान पान, लंबे समय तक एक ही जगह बैठने, सिगरेट का सेवन करने तथा दूसरी और भी कई कारणों से होती हैं। आइए इनके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बवासीर
बवासीर एक शारीरिक बीमारी है जिससे पीड़ित होने की स्थिति में आपको अपने दैनिक जीवन के कामों और खासकर स्टूल पास करते समय काफी दर्द और तकलीफों का सामना करना पड़ता है। बवासीर को अंग्रेजी में हेमोरोइड्स या पाइल्स (Hemorrhoids or Piles) कहा जाता है। बवासीर की स्थिति में आपके एनस के अंदर छोटे छोटे मस्से बन जाते हैं। जब आप स्टूल पास करते हैं तो प्रेशर पड़ने के कारण वे मस्से फट जाते हैं जिसकी वजह से एनस और उसके आस पास की नसों में सूजन आ जाती है। सूजन की वजह से आपकी परेशानियां और बढ़ने लगती हैं।
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बवासीर ढेरों कारणों से होता है। इसमें अधिक तैलीय और मसालेदार चीजों का सेवन करना, फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट, शराब आदि का सेवन करना और दिन भर में कम से कम पानी पीना आदि शामिल हैं। इन सभी चीजों के कारण पेट में हमेशा गैस और कब्ज की शिकायत रहती है। कब्ज बवासीर के सबसे मुख्य कारणों में से एक है। बवासीर के लक्षणों में एनस के आसपास सूजन, खुजली या गांठ महसूस करना, स्टूल पास करते समय दर्द होना, कभी कभी स्टूल के साथ खून और म्यूकस आना, चलने फिरने, उठने बैठने और अपने दैनिक जीवन के कामों को करने में परेशानी होना आदि शामिल हैं।
फिशर
एनस में छोटी सी कट लगने या दरार होने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में फिशर कहा जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी से पीड़ित होने की स्थिति में आपको स्टूल पास करते समय काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्टूल पास करते समय आपको तेज दर्द होता है तथा स्टूल पास करने के बाद या पहले रक्तस्राव भी हो सकता है। फिशर की शुरूआती स्टेज में एनस में हल्का सा कट होता है जिसका समय पर सही इलाज नहीं कराने के कारण आगे जाकर गंभीर रूप ले लेता है।
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फिशर कई कारणों से होता है जैसे की मोटापा, पुरानी कब्ज, पुराना डायरिया, भारी सामान उठाना और स्टूल पास करते समय अधिक तनाव होना आदि। फिशर के लक्षण आपको अपनी बीमारी को समझने में मदद कर सकते हैं। इसके लक्षणों में स्टूल पास करते समय दर्द होना और खून आना, उठने बैठने में परेशानी होना, एनस के आस पास सूजन होना, एनस के अंत में ऐंठन महसूस होना, खुजली, जलन और बेचैनी होना तथा एनस के बाहरी छोर पर दरारें होना आदि शामिल हैं। अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए।
फिस्टुला
गुदा रोगों में फिस्टुला को सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है। इस बीमारी से पीड़ित होने की स्थिति में आपके एनस में फोड़े बन जाते हैं जिसकी वजह से आपको एनल क्षेत्र में सूजन, जलन और बहुत तेज खुजली होती है। कई बार खुजली इतनी तेज होती है की इसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के दौरान दैनिक जीवन के कामों को पूरा करने में काफी परेशानी होती है। आपको सबसे ज्यादा परेशानी स्टूल पास करते समय होती है। फिस्टुला की स्थिति में एनस में पस बनने के साथ साथ स्टूल के साथ खून भी आना शुरू हो जाता है। अगर समय पर फिस्टुला का सही तरह से इलाज नहीं किया गया तो आगे जाकर यह एनल कैंसर और ट्यूबरक्लोसिस जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है।
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फिस्टुला के कारणों में क्रोहन्स बीमारी से पीड़ित होना, टीबी या एड्स से पीड़ित होना, आंत की परत में सूजन की शिकायत होना, एनस के आस पास सर्जरी कराना, एनस के आस पास चोट लगना, सिगरेट और शराब जैसी दूसरी नशीली चीजों का सेवन करना, एनस में या उसके आस पास रेडिएशन ट्रीटमेंट कराना आदि शामिल हैं। फिस्टुला के लक्षणों में एनस में बार बार फोड़े होना, एनस के आस पास दर्द और सूजन होना, एनस से खून आना, एनस के आस पास एक गहरा या हल्का छेद होना और उससे बदबूदार पस का स्राव होना, एनस में और उसके आस पास जलन होना और पेट में हमेशा कब्ज की शिकायत रहना आदि शामिल हैं।
गुदा रोग विशेषज्ञ
प्रोक्टोलॉजिस्ट को गुदा रोग विशेषज्ञ भी कहा जाता है। यह सर्जन हैं जो मलाशय (Rectum), गुदा और पूरे जठरांत्र संबंधी मार्ग (Anus and Entire Gastrointestinal Tract) की बीमारियों का निदान और इलाज करते हैं। इन बीमारियों में फोड़े, बवासीर, फिशर, फिस्टुला, कोलोन और रेक्टल कैंसर, डायवर्टिकुलाइटिस, इंफ्लेमेटरी बोवेल डिजीज, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, पोलिप्स और रेक्टल प्रोलैप्स आदि शामिल हैं। लेकिन इन सब में बवासीर, फिशर और फिस्टुला की समस्या सबसे आम बात है। अगर आप इन बीमारियों से पीड़ित हैं तो आपको बिना देरी किए गुदा रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
बवासीर और फिशर के शुरूआती स्टेज का इलाज करने के लिए गुदा रोग विशेषज्ञ दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। लेकिन जब ये बीमारियां अडवांस्ड स्टेज में चली जाती हैं तथा गंभीर रूप ले लेती हैं तब सर्जरी ही एकमात्र इलाज बचता है। दवाओं से फिस्टुला का इलाज संभव नहीं है। इसको सर्जरी की मदद से ही ठीक किया जा सकता है। सर्जरी दो प्रकार से की जाती है, एक पारंपरिक सर्जरी और दूसरी लेजर सर्जरी। लेजर सर्जरी इलाज का सबसे मॉडर्न और आधुनिक तरीका है। आमतौर पर डॉक्टर और मरीज लेजर सर्जरी का ही चुनाव करते हैं क्योंकि इसके ढेरों फायदे हैं।
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लेजर सर्जरी की मदद से बवासीर, फिशर और फिस्टुला को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। सर्जरी की यह प्रक्रिया मात्र 30-40 मिनट के अंदर पूरी हो जाती है। लेजर सर्जरी के दौरान आपको जरा भी दर्द और रक्तस्राव नहीं होता है। सर्जरी वाले दिन ही आपको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। सर्जरी के 48 घंटों के बाद आप अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हो जाते हैं। सर्जरी के बाद आप काफी कम समय में पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद जख्म बनने, दाग तथा इंफेक्शन होने की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
अगर आप लेजर सर्जरी की मदद से अपने बवासीर, फिशर, फिस्टुला या दूसरे गुदा रोगों का इलाज कराना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे बेहतरीन गुदा रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं जो गुदा से संबंधित बीमारियों को मात्र कुछ ही मिनटों में हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|