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मेडिकल क्षेत्र में लगातार नई खोजें होती रहती हैं, जिनकी मदद से इलाज और बेहतर एवं आसान हो जाता है। आंखों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने के लिए कई मॉडर्न और एडवांस तकनीकें सामने आई हैं, जिनके नतीजे बहुत ही बेहतरीन रहे हैं। रोबोटिक या फेम्टोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी भी इन्ही में से एक है। यह मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज करने का सबसे उत्तम तरीका है। मोतियाबिंद को कैटरैक्ट के नाम भी जाना जाता है। यह आंखों को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है। जब आपको यह बीमारी होती है तो आपकी आंख में मौजूद लेंस में धुंधलापन छा जाता है, जिसके कारण आपके देखने कि क्षमता यानी दृष्टि में कमी आ जाती है। 

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जब आपकी आंख में प्रोटीन्स के गुच्छे बनने लगते हैं तो मोतियाबिंद की समस्या पैदा होती है। प्रोटीन्स के गुच्छे बनने के कारण लेंस किसी भी चित्र को रेटिना तक नहीं ले जा पाता है। आंख में मौजूद रेटिना लेंस से आने वाली रौशनी को सिग्नल में बदलकर आगे ऑप्टिक नर्व को भेजता है। लेकिन मोतियाबिंद के कारण लेंस में धुंधलापन छा जाता है, जिसके कारण वहां से रौशनी पूर्ण रूप से रेटिना या आगे ऑप्टिक नर्व तक नहीं जा पाती है और आपको किसी भी चीज को साफ तरह से देखने में परेशानी होती है। 

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मोतियाबिंद का इलाज दवा या आई ड्रॉप्स से संभव नहीं है। सर्जरी ही इसका एकमात्र इलाज है। दवा या आई ड्रॉप्स कि मदद से मोतियाबिंद की विकास दर को धीमा किया जा सकता है एवं सर्जरी की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। मोतियाबिंद से अधिक परेशानी होने पर डॉक्टर आपको चश्मा या लेंस का इस्तेमाल करने का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि यह मोतियाबिंद का परमानेंट इलाज नहीं हैं। मोतियाबिंद का इलाज करने के लिए सर्जरी के ढेरों तरीके हैं जैसे कि एक्स्ट्राकैप्सुलर कैटरैक्ट एक्सट्रैक्शन या माइक्रो इंसीजन या रेगुलर फैको कैटरैक्ट सर्जरी। लेकिन इन सर्जिकल प्रक्रियाओं के बाद जटिलताएं होने का खतरा अधिक होता है। 

जबकि रोबोटिक या फेम्टोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी में ऐसी कोई भी बात नहीं है। यह मोतियाबिंद के इलाज का सबसे मॉडर्न और एडवांस तरीका है। माइक्रोइंसीजन सर्जरी कि खामियों को दूर करने के लिए फेम्टोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी को विकसित किया गया है। इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर लेजर बीम का इस्तेमाल करते हैं। इस सर्जरी के दौरान ब्लेड कि आवश्यकता नहीं पड़ती है। सर्जरी कि पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर कि देखरेख में लेजर के जरिए कि जाती है। रोबोटिक या फेम्टोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी के दौरान डॉक्टर कि मानवीय भूमिका कम हो जाती है जिससे सर्जरी सफल होने कि संभावना बढ़ जाती है। 

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दूसरी सर्जिकल प्रक्रियाओं कि तुलना में फेमसटोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी अधिक महंगा है और इसे पूरा होने में समय भी थोड़ा अधिक लगता है। लेकिन इसका रिजल्ट सबसे बेहतर होता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान आंख में इंजेक्शन देने या आंख पर पट्टी बांधने कि जरूरत नहीं पड़ती है। सर्जरी के दो दिन के बाद आप अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू कर सकते हैं। इस सर्जरी को पूरा होने में 10-15 मिनट का समय लगता है। फेमसटोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी के ढेरों फायदों के कारण आज हर कोई मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए इस सर्जिकल प्रक्रिया का चुनाव कर रहा है।                   

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मोतियाबिंद कोई बहुत बड़ी या गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन समय पर इसका जांच और इलाज आवश्यक है। रिसर्च से इस बात की पुष्टि हुई है कि मोतियाबिंद पूरी दुनिया में अंधेपन का सबसे मुख्य कारण है। मोतियाबिंद आपके दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन दोनों आंखों को एक समय एक ही तरह से प्रभावित करे ऐसा जरूरी नहीं है। मोतियाबिंद बहुत ही धीमी गति से विकास करता है, इसलिए ज्यादातर मामलों में लोगों को पता भी नहीं चल पाता है कि वे मोतियाबिंद से पीड़ित हैं। 

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आमतौर पर मोतियाबिंद कि समस्या 50 वर्ष कि उम्र के बाद होती है, लेकिन आंखों में चोट लगने के कारण यह समस्या किसी को कभी भी हो सकती है। इस बीमारी के बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं होने के कारण दुनिया के हर कोने में लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। विशेषज्ञ का मानना है कि मोतियाबिंद के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाकर काफी हद तक इस बीमारी कि रोकथाम कि जा सकती है। मोतियाबिंद कई कारणों से होता है जिसमें आंखों का सूरज की रौशनी या अन्य स्रोतों से अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के संपर्क में आना, धूम्रपान करना, उच्च मायोपिया होना, शराब का सेवन करना, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, डायबिटीज से पीड़ित होना, हाइपरटेंशन की शिकायत होना या पहले कभी आंखों की सर्जरी कराना आदि शामिल हैं।   

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मोतियाबिंद के लक्षणों में रात में कम दिखाई देना रौशनी के प्रति संवेदनशीलता होना, रंगों की पहचान करने में दिक्कत आना, चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना, रौशनी के चारों तरफ धुंधला गोलाकार परछाईं दिखाई देना, दृष्टि का धीमा और धुंधला होना, अधिक रौशनी में आंखें चौंधियानादो वस्तुओं में ओवरलैपिंग दिखाई देना यानी डबल विजन होना, रात के समय ड्राइविंग या दूसरे दैनिक जीवन के उन सभी कामों को करने में परेशानी होना जिसमें रौशनी की आवश्यकता होती है। मोतियाबिंद के लक्षण को अनुभव करते ही आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपने आंख कि जांच और आवश्यक इलाज करानी चाहिए।                          

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प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे बेहतरीन आंख के डॉक्टर मौजूद हैं जो फेम्टोसेकेंड कैटरैक्ट सर्जरी से मोतियाबिंद कि समस्या को हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं। इस सर्जरी के दौरान आपको जरा भी दर्द या तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता है। सर्जरी वाले दिन ही आप अपने घर जाने के लिए फिट हो जाते हैं। मोतियाबिंद का बेस्ट और परमानेंट इलाज करने के साथ साथ हम अपने मरीजों को ढेरों फ्री सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। अगर आप मोतियाबिंद से छुटकारा पाना और तेज दृष्टि को अपनाना चाहते हैं तो अभी हमारे सबसे बेहतरीन आंख के डॉक्टर से संपर्क करें। 

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|