टॉन्सिल्स में संक्रमण आ जाने के कारण हर साल लाखों लोग टॉन्सिल्लेक्टोमी करवाते हैं, जिसमें दोनों टॉन्सिल्स को मानव गले से अलग कर दिया जाता है। ज्यादातर लोगों को इन्हें हटाने के फायदे तो पता होते हैं लेकिन, नुकसान नहीं। अगर आप भी इन्हें पूरी तरह से अलग करने की सोच रहे हैं तो निर्णय से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में जरूर जान लें।
टॉन्सिल हटाने के 5 फायदे – 5 Advantages of Removing Tonsils in Hindi
1. इन्फेक्शन का कम खतरा
टॉन्सिलाइटिस होने पर गले में सूजन के साथ और भी कई लक्षण प्रकट होते हैं। ये सभी लक्षण इन्फेक्शन के प्रतिबिंब होते हैं। अगर दोनों टॉन्सिल्स को पूरी तरह से हटा दिया जाता है तो इन्फेक्शन फैलने का खतरा बहुत कम हो जाता है। हालांकि, लक्षण के तौर पर रोगी को कुछ दिनों तक सर्दी और फ्लू हो सकता है लेकिन, क्रोनिक इन्फेक्शन की कोई संभावना नहीं होती है और सर्दी स्वयं ही ठीक हो जाती है।
2. दवाइयों पर कम निर्भरता
टॉन्सिल्स का इन्फेक्शन कम करने के लिए कई तरह की दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। हालांकि, एंटीबायोटिक के सेवन से इन्फेक्शन खत्म हो जाता है लेकिन, कुछ समय बाद इन्फेक्शन दोबारा हो सकता है। वहीं, यह गंदे बैक्टीरिया के साथ अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देता। एंटीबायोटिक का बार-बार सेवन शरीर में थकान, मितली, उल्टी आदि का कारण बन सकता है वहीं, धीरे-धीरे शरीर में इसके प्रति प्रितिरोध तैयार हो जाता है और यह संक्रमण दूर करने में असमर्थ हो जाता है।
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इसलिए, अगर आपके टॉन्सिल्स में बार-बार इन्फेक्शन होता है तो सर्जरी के बाद दवाइयों पर निर्भरता और समस्या दोनों का नाश हो जाता है।
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3. अच्छी नींद
कई बार टॉन्सिल्स का आकार सामान्य से बहुत बड़ा हो जाता है और साँस लेने में तकलीफ होती है। तो कई बार बढ़े हुए टॉन्सिल्स खर्राटे के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं और खाना-खाने में भी अड़चन होती है। ऐसी स्थिति में इन्हें हटा देना ही उचित है।
4. कहीं जाने में कोई अड़चन नहीं
टॉन्सिलाइटिस से पीड़ित होने पर स्कूल, कालेज, और काम पे जाना दुश्वार हो जाता है। कारण यह है कि- टॉन्सिलाइटिस संक्रामक होता है जिससे स्वस्थ व्यक्ति में लक्षणों का प्रदान हो जाता है। इसके अलावा इस दौरान के मुंह से दुर्गन्ध, बुखार, थकान, गले में सूजन और दर्द से रोगी को असहजता महसूस होती है और उसका काम में मन नहीं लगता है, इसलिए लोग किसी भी पब्लिक प्लेस में जाने से कतराते हैं। टॉन्सिल्लेक्टोमी के बाद यह समस्या भी खत्म हो जाती है और व्यक्ति एक से दो हफ्ते बाद कहीं भी आ-जा सकता है।
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5. परहेज से छुटकारा
टॉन्सिलाइटिस एक दर्दनाक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपने जीवनशैली के साथ समझौता करना पड़ जाता है। इस दौरान होने वाला भयंकर दर्द और इन्फेक्शन व्यक्ति के स्वाद में लगाम लगा देता है और आदमी कुछ भी खाने पीने से कतराता है। एक बार टॉन्सिल्स हटवाने के बाद जब रोगी पूर्ण स्वस्थ हो जाता है तब वह कुछ भी खा-पी सकता है।
टॉन्सिल हटाने के नुकसान- Disadvantages of Removing Tonsils in Hindi
कमजोर इम्यूनिटी
बच्चों की इम्यूनिटी में टॉन्सिल्स का बहुत बड़ा योगदान होता है। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि टॉन्सिल्लेक्टोमी के बाद बच्चों की इम्यूनिटी पहले के मुताबिक़ कम हो जाती है।
दरअसल, बच्चों में इम्यूनिटी का निर्माण प्रगति पर होता है। टॉन्सिल्स खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया को रोककर बच्चों को श्वास संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं। लेकिन, जब इन्हें निकाल दिया जाता है तब बैक्टीरिया और वायरस का अटैक ज्यादा हो जाता है। क्योंकि, बच्चों की इमूनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है इसलिए, उन्हें सर्दी-जुकाम आदि कई श्वास से संबंधित समस्याएं होती रहती है।
हालांकि, इन रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि टॉन्सिल्लेक्टोमी के बाद संक्रमण की वजह से रुकी हुई इम्यूनिटी भी बढ़ने लगती है।
इसके साथ रोगी को खाने या पीने में समस्या होती है। यह कोई नुकसान नहीं है बल्कि, एक प्रकार का साइड-इफ़ेक्ट है जो टॉन्सिल्स हटाने के तुरंत बाद से लेकर एक या दो हफ्ते तक रहता है। दर्द होने के कारण रोगी को खाना निगलने में परेशानी होती है।
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सामान्य साइड-इफेक्ट
इसके अलावा टॉन्सिल्स हटाने के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव दिखाई देते हैं जो हफ्ते, दो हफ्ते बाद स्वयं ही दूर हो जाते हैं।
- गले में खराश
- मितली
- उल्टी
- हल्का बुखार
- सुस्ती और थकान महसूस करना
- निगलने में कठिनाई
- कान का दर्द
- थकान
क्या टॉन्सिल्स हटाना चाहिए
टॉन्सिल्स हटाना या न हटाना यह डॉक्टर का निर्णय है। अगर संक्रमण अधिक है और इससे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव हो सकता है तो डॉक्टर के कहने पर टॉन्सिल्स को हटाने में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए। वहीं, अगर डॉक्टर इसे सामान्य बताते हैं और दवाइयों की मदद से ही इसे ठीक कर सकते हैं तो अच्छी बात है।
निष्कर्ष
टॉन्सिल्स हटाने के कुछ साइड-इफेक्ट्स जरूर होते हैं जो कुछ समय बाद चले जाते हैं लेकिन, इन्हें नहीं हटाने पर अगर संक्रमण अधिक हो गया तो श्वास संबंधी रोगों को पनपने में तनिक भी देरी नहीं होगी।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|