Vaginal Fistula in Hindi

महिमा के योनि और गुदा द्वार के बीच एक छोटा होल था जो बहुत बदबूदार था। इस होल के चलते महिमा को हमेशा दर्दनाक परिस्थिति में रहना पड़ता था। इससे परेशान होकर जब उन्होंने अपने लक्षणों को गूगल किया तब उन्हें पता चला कि वे वजाइनल फिस्टुला से पीड़ित हैं। यह जानकर महिमा घबरा गई और वह गुड़गाँव स्थित Pristyn Care की डॉक्टर अनुराधा से मिली। डॉक्टर अनुराधा को उन्होंने अपनी पूरी परेशानी बताई और डॉक्टर से पूछा-

वजाइनल फिस्टुला क्या है? – What is Vaginal Fistula in Hindi?

जब दो अंगों या नसों के बीच कोई जोड़ आ जाता है तब उस परिस्थिति को फिस्टुला नाम से जाना जाता है। यह जोड़ पतली सुरंग की तरह मालूम होता है। अगर यह जोड़ वजाइना यानी योनि और योनि के पास मौजूद अंग [मूत्राशय (bladder), बृहदान्त्र (colon) या मलाशय (rectum) आदि] के जुड़ जाने की वजह से बनता है तो उसे वजाइनल फिस्टुला कहते हैं।

महिलाओं के लिए यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है जिसमें योनि से स्त्राव हो सकता है और बदबू भी आ सकती है। अगर वजाइनल फिस्टुला का इलाज न किया जाए तो कई लक्षण बढ़ सकते हैं। जैसे-

  • योनि द्वार में संक्रमण की स्थिति
  • मूत्र मार्ग में संक्रमण होना
  • योनि साफ करने में असहजता
  • योनि से मल लीक होना
  • वजाइना से गैस बाहर आना
  • योनि के आस-पास के क्षेत्र में जलन होना

पढ़ें- फिस्टुला में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं

वजाइनल फिस्टुला कितने प्रकार का होता है? – What are the types of vaginal fistula in Hindi?

वजाइनल फिस्टुला के कई प्रकार होते हैं जैसे-

वेसिकोवजाइनल फिस्टुला (Vasicovaginal Fistula)

इसे ब्लैडर फिस्टुला के नाम से भी जानते हैं। यह फिस्टुला तब होता है जब महिला की योनि ब्लैडर से जुड़ जाती है। यह वजाइनल फिस्टुला का एक आम प्रकार है जो कई महिलाओं में पाया जाता है।

युरेट्रोवजाइनल फिस्टुला (Uretrovaginal Fistula)

इस तरह का फिस्टुला तब होता है जब योनि और किडनी से ब्लैडर तक मूत्र ले जाने वाली नली के बीच एक असामान्य जोड़ आ जाता है। इस नली को ureters कहते हैं।

युरेथ्रोवजाइनल फिस्टुला ( Urethrovaginal Fistula)

इस प्रकार के फिस्टुला में योनि और युरेथ्रा के बीच एक प्रकार का होल हो जाता है। युरेथ्रा एक प्रकार की नली है जो मूत्र को शरीर से बाहर ले जाती है।

रेक्टोवजाइनल फिस्टुला (Rectovaginal Fistula)

गुदा और योनि के बीच होने वाले फिस्टुला को रेक्टोवजाइनल फिस्टुला कहते हैं। इस प्रकार के फिस्टुला में मल और मूत्र त्याग के दौरान महिला को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।

कोलोवजाइनल फिस्टुला (Colovaginal Fistula)

कोलो वजाइनल फिस्टुला में महिला की योनि और कोलान (colon) के बीच एक असामान्य जोड़ हो जाता है।

एंटरोवजाइनल फिस्टुला (Enterovaginal Fistula)

जब महिला की योनि छोटी आंत के साथ जुड़ जाती है, उस परिस्थिति को एंटरोवजाइनल फिस्टुला कहा जाता है।

पढ़ें – फिशर और फिस्टुला में क्या अंतर है?

वजाइनल फिस्टुला के क्या कारण हैं? – What are the Causes of Vaginal Fistula in Hindi?

ज्यादातर मामलों में वजाइनल फिस्टुला होने का कारण टिश्यू को नुकसान पहुँचना है, आइये कुछ कारण जानते हैं जिससे वजाइनल फिस्टुला हो सकता है:- 

  • कार दुर्घटना आदि में लगी कोई गंभीर चोट
  • पेट की सर्जरी
  • रेडिएशन ट्रीटमेंट (radiation treatment)
  • पेल्विक कैंसर (pelvic cancer)
  • आंतों से संबंधित बीमारी जैसे डायवर्टीकुलिटिस (Diverticulitis)
  • सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer)
  • कोलन कैंसर (colon cancer)
  • प्रसव (childbirth)
  • पेट की सर्जरी (हिस्टेरेक्टॉमी या सिजेरियन सेक्शन)

पढ़ें- फिस्टुला का आयुर्वेदिक इलाज

वजाइनल फिस्टुला के क्या लक्षण हैं? – What are the Causes of Vaginal Fistula in Hindi

वजाइनल फिस्टुला दर्दनाक नहीं होता है लेकिन, इसकी वजह से कई बार महिलाओं के योनि से न चाहते हुए मल या मूत्र निष्कासित हो जाता है और इस बात की भनक तक नहीं लगती है। हालांकि, रेक्टोवजाइनल फिस्टुला में महिला को दर्द हो सकता है। इसके अलावा सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है।

इसके अलावा भी कई लक्षण हैं जो वजाइनल फिस्टुला से पीड़ित महिला में पाए जा सकते हैं।

  • बुखार
  • पेट दर्द
  • दस्त
  • वजन घटना
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • योनि से गैस, मल या मावाद बहना
  • योनि से दुर्गंध आना
  • बार-बार योनि या मूत्र पथ में संक्रमण

वजाइनल फिस्टुला का परीक्षण – Vaginal Fistula Diagnosis in Hindi

पहले डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री जानने की कोशिश करेंगे। इस दौरान आपको सभी प्रश्नों का सही उत्तर देना चाहिए। मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद डॉक्टर कुछ खास प्रकार के टेस्ट कर सकते हैं।

डाई टेस्ट (dye test)

इस टेस्ट में डॉक्टर आपके ब्लैडर में डाई डालेंगे और आपको खांसने को कहेंगे। अगर आपको वजाइनल फिस्टुला होगा तो डाई योनि में लीक होगी।

साइटोस्कोपी (Cystoscopy)

डॉक्टर युरेथ्रा और ब्लैडर के बीच साइटोस्कोप (Cytoscope) नामक एक यंत्र रखेंगे और उसके जरिए यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या आपको फिस्टुला है।

एक्स-रेज:

एक्स-रे की मदद से वजाइनल फिस्टुला का पता लगाने के लिए डॉक्टर दो तरीकों  का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. रेट्रोग्रेड पाइलोग्राम (Retrograde pyelogram) – यह एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है जो विशेष तौर पर ब्लैडर, मूत्र नली और किडनी को देखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस टेस्ट में डॉक्टर मूत्राशय के माध्यम से मूत्रनली में एक प्रकार की डाई डालेंगे। अब एक्स-रे की मदद से यह पता लग जाएगा कि महिला को युरेट्रोवजाइनल फिस्टुला है या नहीं।
  2. फिस्टुलोग्राम (fistulogram) – यह फिस्टुला का एक्स-रे इमेज है। इसकी मदद से डॉक्टर यह पता लगेंगे कि महिला की योनि में कितनी सुरंगे हैं।

फ्लेक्सिबल सिग्मायोडोस्कोपी (Flexible sigmoidoscopy)

इस टेस्ट में डॉक्टर आपके गुदा और मलाशय को सिग्मोइडोस्कोप (sigmoidoscope) की मदद से देखते हैं। सिग्मोइडोस्कोप एक प्रकार की पतली और लचीली ट्यूब है जिसके शुरुआत में एक कैमरा लगा होता है। इस कैमरे की मदद से डॉक्टर फिस्टुला की जांच करते हैं। जांच के दौरान महिला के गुदा और मलाशय की इमेज कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देती है।

सीटी यूरोग्राम (CT Urogram)

इस टेस्ट में सीटी स्कैन की मदद से डॉक्टर आपके फिस्टुला का पता लगाने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर आपके नस (veins) में एक प्रकार की डाई इंजेक्ट कर देते हैं और सीटी स्कैन की मदद से योनि और मूत्रमार्ग की जांच की जाती है। अगर फिस्टुला होता है तो कंप्यूटर स्क्रीन पर दिख जाता है।

पेल्विक एमआरआई (Pelvic MRI)

पेल्विक एमआरआई में मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स की मदद से मलाशय और योनि की छवि (image) निकाली जाती है। यह टेस्ट रेक्टोवजाइनल फिस्टुला का पता लगाने के लिए किया जाता है।

वजाइनल फिस्टुला का क्या इलाज है? – What are the treatment of Vaginal Fistula in Hindi

वजाइनल फिस्टुला के कुछ प्रकार खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन, डॉक्टर को दिखाना जरूरी रहता है। जैसे वेसिकोवजाइनल फिस्टुला को ठीक करने के लिए डॉक्टर ब्लैडर में एक कैथेटर ट्यूब लगा देते हैं। इससे ‘मूत्र’ ट्यूब के माध्यम से बाहर निकलता है और फिस्टुला खुद ही ठीक हो जाता है।

इसके अलावा फिस्टुला को भरने के लिए डॉक्टर एक किस्म के प्रोटीन से निर्मित ग्लू और प्लग का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ अगर फिस्टुला की वजह से कोई इन्फेक्शन हुआ है तो डॉक्टर एंटी-बायोटिक खाने की सलाह दे सकते हैं। 

कुछ फिस्टुला ऐसे होते हैं जिसे सिर्फ सर्जरी की मदद से ही ठीक किया जा सकता है। ऐसे में डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जरी में लैप्रोस्कोप नामक एक यंत्र का इस्तेमाल होता है जिसमें एक छोटा कैमरा लगा होता है। इस सर्जरी में डॉक्टर स्किन पर एक छोटा कट लगाते हैं और लैप्रोस्कोप एवं अन्य कई यंत्र के साथ सर्जरी करते हैं।

रेक्टोवजाइनल फिस्टुला होने पर डॉक्टर कुछ ख़ास किस्म के उपचार की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार से हैं:

  • फिस्टुला वाली जगह पर एक ख़ास किस्म का पैच लगाकर टांका लगा देते हैं।
  • फिस्टुला को भरने के लिए शरीर के दूसरे हिस्से से टिश्यू को निकालकर लगा दिया जाता है।
  • अगर फिस्टुला के अगल-बगल हेल्दी टिश्यू उपलब्ध हैं तो डॉक्टर उन्हीं को मोड़कर फिस्टुला को भर देते हैं।
  • गुदा की क्षतिग्रस्त मांसपेशियों को ठीक कर सकते हैं।

वजाइनल फिस्टुला का इलाज न करवाने से क्या हो सकता है? – What can happen if vaginal fistula is not treated?

अगर वजाइनल फिस्टुला के दौरान किसी भी तरह का बदबूदार लीक होता है तो इससे आप शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई जटिलताएं देखने को मिल सकती हैं, जैसे-

  • योनि संक्रमण
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
  • स्वच्छता सम्बन्धी समस्याएँ
  • योनि से मल या मूत्र निकलना
  • मावाद बनना

इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि आप वजाइनल फिस्टुला का इलाज शीघ्र ही करवाएं।

इतना सब जानने के बाद महिमा ने डॉक्टर अनुराधा को धन्यवाद दिया और Pristyn Care के जरिए इलाज करवाने का निर्णय लिया।

वजाइनल फिस्टुला का इलाज के लिए Pristyn Care ही क्यों?

कई कारण हैं जो वजाइनल फिस्टुला का इलाज करने के लिए Pristyn Care को नम्बर 1 बनाते हैं।

  • अनुभवी सर्जन
  • एडवांस उपकरण
  • डायग्नोसिस में 30 प्रतिशत तक की भारी छूट
  • इंश्योरेंस का पूर्ण लाभ
  • फ्री फॉलो-अप
  • गुप्त परामर्श

निष्कर्ष – Conclusion

भले ही वजाइनल फिस्टुला दर्दनाक नहीं है लेकिन, इसका इलाज न करवाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ वजाइनल फिस्टुला के कुछ प्रकार दर्द भी होते हैं। इसलिए, लक्षण नजर आने पर तुरंत ही जांच करवाएं और जरूरत होने पर डॉक्टर की परामर्श से सही इलाज का चयन करें।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|