बवासीर क्या है?
बवासीर को अंग्रेजी में पाइल्स कहा जाता है। बवासीर के मरीज को स्टूल पास करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह समस्या पुरानी कब्ज, प्रेगनेंसी, एजिंग, डायरिया, भारी सामान उठाना, अनुवांशिकी, मसालेदार और तीखा खाना खाने तथा अस्वस्थ्य लाइफस्टाइल के कारण होता हैं। बवासीर का इलाज कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन आज हम बात करेंगे कि बवासीर का इलाज के लिए क्षार-सूत्र ज्यादा प्रभावशाली है या फिर लेजर सर्जरी।
क्षार-सूत्र क्या है?
क्षार-सूत्र आयुर्वेदिक बूटियों से निर्मित एक प्रकार का धागा है, जिसे बवासीर और भगंदर जैसी गुदा बीमारी को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
शरीर के बहुत सारे अंग ऐसे हैं जहां कुछ साल पहले तक सर्जरी करना मुश्किल था, लेकिन एनेस्थेसिया की खोज के बाद से शरीर के किसी भी हिस्से की सर्जरी करना बहुत आसान हो गया है। आयुर्वेद में बवासीर का इलाज के लिए सर्जरी उपकरणों की मदद से नहीं, बल्कि धागे से की जाती है। धागे की सबसे खास बात यह है की बिना सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट के भी यह शरीर के किसी अंग को काटने और हटाने की उतना ही क्षमता रखता है जितना की कोई सर्जिकल प्रक्रिया।
क्षार-सूत्र एक आयुर्वेदिक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसकी मदद से बवासीर का इलाज किया जाता है। बवासीर से पीड़ित मरीज को क्षार-सूत्र से इलाज कराने के लिए अपने काम से ज्यादा दिनों की छुट्टी लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि इस इलाज के दौरान बड़ा जख्म नहीं बनता है और ना ही खून निकलता है।
क्षात्र-सूत्र कैसे तैयार किया जाता है?
क्षार-सूत्र को बनाने के लिए कुछ चीजों की जरूरत पड़ती हैं इसमें पक्का धागा, धागा बांधने के लिए एक फ्रेम, कुछ औषधियां और स्पेशलिस्ट वैद्य। क्षार-सूर को निर्मित करने के लिए तीन मुख्य जड़ी बूटियों की आवश्यकता पड़ती है, इसे निम्न जड़ी-बूटियों की मदद से तैयार किया जाता है-
- स्नुही क्षीर (सेंहुड का दूध) – एक धागा में स्नुही क्षीर के 11 लेप लगाए जाते हैं।
- अपामार्ग (चिरचिटा) का क्षार – उसी धागा में चिरचिटा के क्षार के 7 लेप लगाए जाते हैं।
- हरिद्रा (हल्दी) का चूर्ण – हल्दी पाउडर का 3 लेप लगाया जाता है।
इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी को एक मजबूत सर्जिकल धागा में लगाया जाता है, धागा में कुल 21 लेप लगते हैं। एक क्षार सूत्र को तैयार होने में एक महीने तक का समय लगता है।
क्षार-सूत्र (धागे से) द्वारा बवासीर का इलाज
बवासीर से पीड़ित मरीज के एनस में मस्से बन जाते हैं। इलाज के दौरान इन मस्सों को क्षात्र-सूत्र से कस कर बांध दिया जाता है जिसकी वजह से वे कुछ समय के बाद खुद ही सूख कर खत्म हो जाते हैं। इस काम को दो तरह से किया जाता है। अगर मस्से बड़े हैं तो सर्जन एनस के बाहरी बवासीर और आंतरिक बवासीर में क्षात्र-सूत्र को बांध देते हैं। लेकिन अगर मस्से छोटे हैं या फिर अंदर की तरफ हैं तो क्षार-सूत्र को अर्धचन्द्राकार सुई में पिरोकर मस्से के आर पार करके इसके जड़ को चारों तरफ से कस कर बांध दिया जाता है।
इलाज की इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लोकल एनेस्थेसिया का इस्तेमाल किया जाता है। लोकल एनेस्थीसिया के अलावा कभी-कभी स्पाइनल या जनरल एनेस्थीसिया की भी जरूरत पड़ती है। साथ ही इस स्थिति में एनेस्थीसिया के एक्सपर्ट की सहायता ली जाती है ताकि मरीज को बिना तकलीफ हुए क्षार-सूत्र को बांधने की प्रक्रिया पूरी हो सके।
क्षार-सूत्र आसान, सुरक्षित और छोटे पैमाने पर की गयी एक शलयक्रिया है। इलाज की इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ती है और वह अपना डेली रूटीन आराम से शुरू कर सकता है। क्षार-सूत्र के इलाज के दौरान एनस के पास होने वाले उत्तकों और मांसपेशियों को कम नुकसान होने के कारण स्टूल पास करने में असमर्थता और एनल फिस्टुला जैसी समस्याएं होने का खतरा खत्म हो जाता है।
दूसरों की तुलना में इलाज की यह प्रक्रिया बहुत ही सस्ती है जो बवासीर के साथ साथ भगंदर को भी ठीक कर सकता है। इस विधि से इलाज करने के बाद रोग के दोबारा होने का खतरा नहीं होता है। इलाज के दौरान मरीज को हल्का दर्द महसूस होता है। जो मरीज संवेदनशील होते हैं उन्हें दर्द निवारक दवाओं की जरूरत पड़ती है।
लेजर सर्जरी क्या है?
लेजर उपचार एक तरह की सर्जरी है, जिसमें लेजर बीम की मदद से टिश्यू को सिकोड़कर बवासीर को ठीक किया जाता है। यह उपचार करने की नई तकनीक है जो एक जनरल सर्जन द्वारा किया जाता है। गुदा से जुड़ी बहुत सी बीमारियों (फिशर, फिस्टुला) को ठीक करने के लिए इस माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है। गुदा रोग के अलावा अन्य कई रोग में भी लेजर सर्जरी की जाती है। लेजर सर्जरी के दौरान मरीज को कोई दर्द और रक्तस्त्राव नहीं होता है। इसमें इंफेक्शन, जख्म या दाग होने का खतरा लगभग ना के बराबर होता है। सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में बहुत कम समय लगता है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
लेजर सर्जरी द्वारा बवासीर का इलाज
बवासीर एक गंभीर बीमारी है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह दूसरी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं तो आपको मात्र 30 मिनट के अंदर इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है। लेजर सर्जरी परफॉर्म करने से पहले सर्जन मरीज के लक्षणों और गुदा क्षेत्र का निदान करते हैं जिसकी मदद से उन्हें बवासीर और उसकी स्थिति को समझने में मदद मिलती है।
डायगनोसिस के दौरान सर्जन खून की जांच और आंतरिक बवासीर का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट द्वारा एग्जामिनेशन करते हैं। बाहरी बवासीर के मस्से गुदा मार्ग से बाहर होते हैं, इसलिए सर्जन को इसे समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। जांच करने के बाद मरीज की सर्जरी की जाती है। ऑपरेशन से तुरंत पहले मरीज को लोकल या जेनेरल एनेस्थीसिया देकर उसके गुदा के आसपास की जगह को सुन्न कर दिया जाता है फिर सर्जन परफॉर्म करते हैं। यह सर्जरी 20 से 30 मिनट की प्रक्रिया है जिसमें मरीज को कट, टांके, जख्म और घाव नहीं आते हैं।
सर्जरी के दौरान या बाद में मरीज को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है और साथ ही दर्द या रक्तश्राव भी नहीं होता है। सर्जरी वाले दिन ही मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। अगले 48 घंटों के भीतर मरीज अपनी डेली रूटीन को फिर से शुरू कर सकता है। सर्जरी के दौरान कट ना लगने, खून ना निकलने और सर्जरी के बाद जख्म न बनने की वजह से मरीज एक से डेढ़ हफ्ते में पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
प्रिस्टीन केयर के सर्जन बवासीर का इलाज बहुत ही आधुनिक चिकित्सा उपकरण के जरिए करते हैं। Pristyn Care में बवासीर की लेजर सर्जरी करने के लिए 10 से अधिक वर्षों वाले अनुभवी सर्जन उपलब्ध हैं, जिससे इलाज में कोई कमी नहीं रहती है और रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।
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लेजर सर्जरी के फायदे
- आधा घंटा की प्रक्रिया है।
- कट और टांके नहीं लगते हैं।
- घाव और दाग नहीं बनते हैं।
- दर्द और सूजन नहीं होता है।
- सुरक्षित और प्रभावशाली इलाज है।
- मरीज उसी दिन डिस्चार्ज हो जाता है।
- 48 घंटे के अंदर अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकता है।
- इंफेक्शन का खतरा नहीं होता है।
- बीमारी दोबारा होने का खतरा खत्म हो जाता है।
- जल्दी रिकवरी होती है।
क्षार-सूत्र और लेजर सर्जरी के बीच का अंतर
क्षार-सूत्र सर्जरी | लेजर सर्जरी |
इलाज की पुरानी विधि | बवासीर के इलाज की नवीनतम सर्जिकल प्रक्रिया |
आहार में परिवर्तन | कब्ज न हो इसलिए, थोड़ा-बहुत परिवर्तन |
रोग की स्थिति के अनुसार 15 दिन में रिकवरी | रोग की स्थिति के अनुसार दो दिन बाद ऑफिस |
रिकवरी में दर्द | रिकवरी में कोई दर्द नहीं |
कई घंटे की प्रक्रिया | आधा घंटा की प्रक्रिया |
आधा घंटा में उपचार | उपचार में लम्बा समय |
सर्जरी के बाद इन्फेक्शन का खतरा अधिक | इन्फेक्शन की संभावना बहुत कम |
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर देखा जाए तो क्षार-सूत्र की तुलना में लेजर सर्जरी बवासीर के इलाज के लिए सबसे बेस्ट माध्यम है। अगर आप अपने बावासीर की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शहर में प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि-
प्रिस्टीन केयर बवासीर का बेस्ट इलाज करने के साथ साथ अपने मरीजों को और भी ढेर सारी सुविधाएं फ्री में देती है। इसमें मरीज के लिए सर्जरी के दिन गाड़ी बुक करना, डॉक्टर के साथ उनका अप्वाइंटमेंट लेना, हॉस्पिटल में उनकी जगह सभी पेपरवर्क पूरा करना, रहने के लिए एक डीलक्स रूम और मरीज की अच्छे से देखभाल करने के लिए एक केयर बड्डी मुहैया कराना आदि शामिल है।
अगर आप भी बवासीर के ग्रेड के अनुसार उसका उचित उपचार करवाना चाहते हैं तो आज ही Pristyn Care में एक अपॉइंटमेंट बुक करें।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|