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जब डायबिटीज के कारण व्यक्ति के पैरों में छाले या घांव बन जाते हैं तो इन्हीं छाले या घांव को हम डायबिटिक फूट अल्सर के नाम से जानते हैं। शुरुआत में घांव का आकार बहुत बड़ा नहीं होता है, लेकिन अगर रोगी लक्षणों को नजरअंदाज करता है तो इनका आकार बढ़ जाता है। इसलिए, इसके लक्षण नजर आने पर रोगी को तुरंत ही डॉक्टर से जांच करवाकर उचित इलाज करवाना चाहिए।
निदान
डायबिटिक फूड अल्सर की गंभीरता का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ एग्जाम ले सकते हैं। डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास को जानना चाहेंगे और फिजिकल एग्जाम में पैरों के तलवे की जाँच करेंगे और उसमें आए कट्स, छाले आदि का मूल्यांकन करेंगे। पैरों में ब्लड सर्कुलेशन का पता लगाने के लिए आपकी धड़कन को महसूस किया जाएगा। इसके अलावा ब्लड टेस्ट, एक्स रे और एमआरआई भी किया जा सकता है।
सर्जरी
डिब्राइडमेंट्स
डिब्राइडमेंट्स त्वचा में मौजूद घाव का उपचार करने की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में त्वचा के संक्रमित ऊतकों को हटाने के लिए एक तेज धार के उपकरण (स्केल्पल) का उपयोग किया जाता है। प्रक्रिया के बाद, घाव को पट्टी से बाध दिया जाता है। रिकवरी की प्रक्रिया को तेज करने के लिए जख्म वाली जगह पर मलहम भी लगाया जा सकता है।
इन्फेक्शन कंट्रोल इन्फेक्शन को नियंत्रित रखने के लिए कुछ एंटी-बायोटिकदवाइयाँ दी जाएंगी, ये दवाइयाँ डायबिटिक फूट अल्सर को बढ़ने से रोकेंगी।
वैस्कुलर सर्जरी
जैसा कि डायबिटिक फूट अल्सर होने का एक कारण धमनियों का संकरा हो जाने के कारण कम रक्त प्रवाह होना है। इस सर्जरी में डॉक्टर धमनियों को चौड़ा करते हैं।
एथेरक्टोमी बाहरी धमनी की बीमारी के कारण डायबिटिक अल्सर का उपचार करने के लिए एथेरक्टोमी किया जाता है। एथेरक्टोमी में धमनी में जमे हुए प्लाक, कोलेस्ट्रॉल आदि को बाहर निकालकर धमनी को चौड़ा किया जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है। यह प्रक्रिया एनेस्थीसिया के प्रभाव में की जाती है।
कई बार एथेरक्टॉमी के बाद बैलून एंजियोप्लास्टी किया जाता है, इसमें धमनी को सीधा रखने के लिए स्टेंट (एक प्रकार की ट्यूब जो नलिकाओं को सीधा रखने के लिए अस्थाई रूप से नसों के अंदर लगाई जाती है।) का उपयोग होता है।
धमनियों में एडवांस ब्लॉकेज की स्थिति में या गैंग्रीन की गंभीर समस्या में बैलून एंजियोप्लास्टी की जगह लेग बाईपास किया जाता है। लेग बाईपास में एक नए रूट का निर्माण किया जाता है जिससे ब्लड फ्लो बिना किसी रुकावट के हो पाता है।
ज्यादातर मामलों में डायबिटिक फूट अल्सर का इलाज किया जा सकता है। हालांकि, यह जरूरी है कि मेडिकल हेल्प टाइम पर लिया जाए। डायबिटिक फूट अल्सर का उपचार करने के लिए साधारण घरेलू नुस्खे से लेकर सर्जरी तक की प्रक्रिया की जा सकती है। इसलिए, उचित यही होगा कि आप लक्षण नजर आने पर डॉक्टर के पास चले जाएं और उचित उपचार करवाएं।
यदि आप डायबिटिक फूट अल्सर से पीड़ित हैं तो आपको अपने पैरों को पानी में भिगोने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इससे इन्फेक्शन बढ़ जाता है और स्थिति अधिक गंभीर हो जाती है।
यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो आपको अपने पूरे स्वास्थ्य का ख़याल रखना पड़ेगा। डायबिटिक फूट लसर से बचाव करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि आप हमेशा कम्फर्ट फूटवेयर पहने, अपने पैर के नाखूनों को काटते रहें, पैरों को ज्यादा देर तक पानी में डुबोकर न रखें, अपने ब्लड शुगर लेवल की जाँच करें और डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेने में देरी न करें।
डिब्राइडमेंट एक प्रक्रिया है जिसमें घांव के संक्रमित टिश्यू को हटाकर ड्रेसिंग कर दी जाती है। कुछ मामलों में यह प्रक्रिया डायबिटिक फूट अल्सर का उपचार करने के लिए की जाती है।