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  • पित्त की पथरी क्या है? । Gallbladder Stone in Hindi
    पित्त की पथरी कैसे बनती है?
    पित्त पथरी के प्रकार
    पित्त की पथरी के ग्रेड
    पित्त की थैली में स्टोन का क्या कारण है?
    पित्त की पथरी के लक्षण । Gallbladder Stone Symptoms In Hindi
    पित्त की पथरी का निदान । Medical test for Gallbladder Stone in Hindi
    पित्त की पथरी का इलाज । Gallbladder Stone Treatment In Hindi
    गॉल स्टोन के कारण होने वाली जटिलताएं
    पित्त पथरी को कैसे रोकें?
    पित्त की पथरी के डॉक्टर से कब परामर्श लें?
    महिलाओं में पित्त पथरी की समस्या अधिक सामान्य क्यों होती है?
    भारत में पित्त पथरी सर्जरी की लागत

    पित्त की पथरी क्या है? । Gallbladder Stone in Hindi

    पित्त की पथरी ठोस पदार्थ के टुकड़े होते हैं जो पित्ताशय (Gallbladder in Hindi) में बनते हैं। पित्ताशय यकृत के नीचे एक छोटा अंग होता है। दरअसल पित्ताशय पाचन में मदद करने के लिए यकृत में बनने वाले तरल पदार्थ, पित्त को संग्रहित करता और छोड़ता है। पित्त, कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबीन (लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनने वाला पदार्थ) जैसे अपशिष्ट को भी यकृत से बाहर ले जाता है। जब यह पदार्थ एक जगह पर जमने लगता है तो क्रिस्टल का रूप ले लेता है जिसे पित्त की पथरी के नाम से जाना जाता है। पित्त की पथरी का आकार रेत के कण से लेकर गोल्फ बॉल तक हो सकता है।

    पित्ताशय, पेट के दाहिनी ओर, यकृत के ठीक नीचे एक छोटा नाशपाती के आकार का अंग होता है। पित्ताशय, पित्त को संग्रहित और मुक्त करता है, जो यकृत में बनने वाला एक तरल पदार्थ है। यह तरल पाचन में मदद करता है। पित्त की पथरी पित्त नली को अवरुद्ध कर सकती है जिससे पित्ताशय की सूजन या संक्रमण होता है। इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में कोलेसीस्टाइटिस कहा जाता है। गॉल स्टोन का इलाज कराना आवश्यक होता है। इसे नजरअंदाज करने से गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं।

    पित्त की पथरी कैसे बनती है?

    पित्ताशय में पथरी बनने का मूल कारण पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रोल और बिलिरुबीन जैसे अपशिष्ट पदार्थों की आधिकता है। बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन के टूटने के कारण बनता है। जब पित्ताशय (Gallbladder in Hindi) में इन अपशिष्ट पदार्थों की अधिकता हो जाती है और क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं, तो पित्त की पथरी का निर्माण होता है। दरअसल ये क्रिस्टल पित्त नलिका को अवरुद्ध करके पित्ताशय को ठीक से खाली नहीं होने देते और पेट में अचानक दर्द होने लगता है। 

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    पित्त पथरी के प्रकार

    गॉल स्टोन दो प्रकार का होता है:

    • कोलेस्ट्रॉल की पथरी: कोलेस्ट्रॉल के कारण बनने वाली पथरी आमतौर पर अघुलनशील कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है। ये क्रिस्टल पीले-हरे रंग के होते हैं। इस प्रकार की पथरी में कोलेस्ट्रॉल के अलावा बिलीरुबिन या पित्त लवण भी हो सकते हैं। 
    • वर्णक पथरी: ये भूरे या काले रंग के पत्थर होते हैं जो ज्यादातर बिलीरुबीन से बने होते हैं। बिलीरुबीन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनाने वाला पदार्थ। लिवर रोग या रक्त विकार जैसे सिकल सेल, एनीमिया या ल्यूकेमिया के मरीजों को वर्णक पथरी होने का जोखिम अधिक होता है।

    पित्त की पथरी के ग्रेड

    • ग्रेड 1 – लिथोजेनिक चरण

    इस चरण में, पित्ताशय बिना किसी आसंजन के सामान्य रूप से प्रकट होता है। यद्यपि पित्ताशय के अंदर की स्थितियां संभावित पित्त पथरी के निर्माण के पक्ष में हो सकती हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं बना है और आप पित्त पथरी के विकास के संभावित जोखिमों को रोकने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।

    • ग्रेड 2 – स्पर्शोन्मुख पित्त पथरी का निर्माण

    यह वह चरण है जहां पित्ताशय के अंदर मौजूद छोटी पित्त पथरी का आसानी से पता लगाया जा सकता है, लेकिन इससे कोई समस्या नहीं होती है क्योंकि वे पित्त पथ से गुजरने में सक्षम होते हैं और बाहर निकाले जा सकते हैं।

    • ग्रेड 3 – जटिल कोलेसीस्टाइटिस

    यह वह चरण है जिसमें पित्त पथरी आपकी पित्त नली को अवरुद्ध कर सकती है और पेट दर्द का कारण बन सकती है। हालाँकि, दर्द लगातार नहीं रहेगा और विशेष रूप से भोजन करने के बाद महसूस होगा।

    • ग्रेड 4 – जटिल कोलेसीस्टाइटिस

    यह अंतिम चरण है, जहां स्थिति संभावित रूप से जीवन के लिए खतरा बन जाती है क्योंकि पित्त अवरुद्ध हो जाता है और पित्ताशय से बाहर निकलने में असमर्थ हो जाता है। यदि समय पर उचित उपचार नहीं मिलता है, तो यह घातक हो सकता है क्योंकि इस चरण में संभावित पित्ताशय कैंसर विकसित होने की संभावना बहुत अधिक होती है।

    पित्त की थैली में स्टोन का क्या कारण है?

    पित्त की पथरी के निम्न कारण होते हैं:

    • पित्त (Gallbladder in Hindi) में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा से गॉल स्टोन होता है। दरअसल शरीर को पाचन के लिए पित्त की आवश्यकता होती है। यह पित्त आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल को घोलने का काम करता है। लेकिन जब यह ऐसा नहीं कर पाता, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है और क्रिस्टल का रूप ले लेसा है जिसे पथरी कहते हैं।
    • पित्त में मौजूद बिलीरुबिन बहुत अधिक के कारण पित्त की थैली में स्टोन बनने लगता है। लीवर रोग, संक्रमण और रक्त विकार जैसी स्थितियों के कारण लिवर बहुत अधिक मात्रा में बिलीरुबिन बनाने लगता है।
    • पित्ताशय पूरी तरह खाली नहीं होने के कारण पथरी हो सकती है। इससे आपका पित्त अत्यधिक गाढ़ा हो सकता है और क्रिस्टल में बदल सकता है।

    पित्त की पथरी के लक्षण । Gallbladder Stone Symptoms In Hindi

    • बुखार और ठंड लगना
    • पेट खराब होना
    • पसलियों के ठीक नीचे, ऊपरी या पेट के बीच दाहिनी ओर तीव्र दर्द होना
    • उल्टी
    • आंख और त्वचा का पीला पड़ना
    • अपच, सीने में जलन और गैस्ट्रिक समस्याएं
    • दाहिने कंधे या पीठ में दर्द

    पित्त की पथरी का निदान । Medical test for Gallbladder Stone in Hindi

    पित्त की पथरी का इलाज करने से पहले निम्न जांच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है:

    • रक्त परीक्षण: ब्लड टेस्ट की मदद से डॉक्टर संक्रमण या रुकावट के लक्षणों को पता करते हैं। 
    • पेट का अल्ट्रासाउंड: इससे शरीर के अंदर की तस्वीरों का अध्ययन किया जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदद से पित्त नली के बाहर पित्त पथरी या पित्ताशय की सूजन के लक्षण को साफ देखा जा सकता है।
    • सीटी स्कैन: सीटी स्कैन की मदद से डॉक्टर पित्ताशय सहित शरीर के आंतरिक अंगों की स्थिति को देखता है।
    • चुंबकीय अनुनाद कोलेजनोपचारोग्राफी (MRCP): यह परीक्षण लिवर और पित्ताशय सहित शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करता है।
    • कोलेसिंटिग्राफी (हिडा स्कैन): यह परीक्षण यह जांच कर सकता है कि आपका पित्ताशय ठीक से काम कर रहा है या नहीं। जांच प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर एक रेडियोधर्मी पदार्थ को पेशेंट के शरीर के अंदर इंजेक्ट करता है जो पित्ताशय में पहुंचता है। यह परीक्षण कोलेसीस्टाइटिस (पित्ताशय की थैली की सूजन) और पित्त पथरी के बीच अंतर करने में मदद करती है।
    • एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेजनोपैनक्रिएटोग्राफी (ERCP): आपका डॉक्टर आपके मुंह से होते हुए आपकी छोटी आंत तक एंडोस्कोप नामक एक ट्यूब चलाता है। वे एक डाई इंजेक्ट करते हैं ताकि वे एंडोस्कोप में कैमरे पर आपके पित्त नलिकाओं को देख सकें।
    • एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड: यह परीक्षण पित्त की पथरी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड और एंडोस्कोपी को जोड़ता है जो उन स्थानों पर हो सकती है जिन्हें अन्य इमेजिंग परीक्षणों के साथ देखना मुश्किल होता है, जैसे कि सामान्य पित्त नली में क्योंकि यह आपके अग्न्याशय से होकर गुजरती है।

    पित्त की पथरी का इलाज । Gallbladder Stone Treatment In Hindi

    पित्त की पथरी का इलाज निम्न प्रक्रियाओं की मदद से किया जा सकता है:

    • लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी: पित्त की पथरी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली यह सबसे आम सर्जरी है। इस प्रक्रिया में सर्जन एक से दो छोटे कट के माध्यम से पेशेंट के पेट में लैप्रोस्कोप नामक एक संकीर्ण ट्यूब को डाला जाता है। इस ट्यूब में रोशनी के साथ एक कैमरा लगा होता है। यह कैमरा स्क्रीन पर पित्ताशय की आंतरिक संरचना को दिखाता है। इसके बाद सर्जन विशेष उपकरणों का उपयोग करके चीरे के माध्यम से पित्ताशय को बाहर निकाल देता है। 
    • ओपन कोलेसिस्टेक्टोमी: इस प्रक्रिया में सर्जन पित्ताशय को हटाने के लिए पेट में बड़ा चीरा लगाता है और पित्ताशय को हटा देता है। आमतौर पर ओपन सर्जरी के कारण मरीज को कुछ दिनों तक अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है। ओपन सर्जरी का उपयोग रक्तस्राव विकार, पित्ताशय की गंभीर बीमारी, अधिक वजन या गर्भावस्था की आखिरी तिमाही वाले में किया जाता है।

    गॉल स्टोन के कारण होने वाली जटिलताएं

    गॉल स्टोन के कारण मरीज को निम्न प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है:

    • पित्ताशय की सूजन (तीव्र कोलेसिस्टिटिस): ऐसा तब होता है जब पथरी पित्ताशय को अवरुद्ध कर देती है और पित्ताशय (Gallbladder in Hindi) खाली नहीं हो पाता। इसके कारण मरीज को लगातार दर्द और बुखार रहता है। यदि तुरंत उपचार नहीं मिलता तो पित्ताशय की थैली फट सकती है।
    • पित्त और अग्नाशय नलिकाएं अवरुद्ध होना: यदि पथरी का टुकड़ा अग्न्याशय तक जाने वाली नलिका को अवरुद्ध कर देता है, तो उस अंग में सूजन (अग्नाशयशोथ) हो सकती है। इसके कारण मरीज को बुखार, ठंड लगना और त्वचा व आंखों का रंग पीला होने लगता है। यही स्थिति अग्नाशय नलिकाओं के साथ भी निर्मित होती है।
    • पित्त नलिका में समक्रण: गॉल स्टोन के कारण अवरुद्ध वाहिनी में संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। यदि बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में फैल जाते हैं, तो इससे सेप्सिस नामक खतरनाक स्वास्थ्य स्थिति पैदा हो सकती है।
    • पित्ताशय का कैंसर: गॉल स्टोन के कारण होने वाली यह एक बेहद दुर्लभ स्थिति है। पित्त की पथरी से इस प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

    पित्त पथरी को कैसे रोकें?

    अपने आहार में उच्च फाइबर युक्त भोजन को शामिल करने और नियमित व्यायाम कर स्वस्थ वजन को बनाए रखने से पित्त पथरी होने का खतरा कम हो सकता है। डायबिटीज के रोगियों में गॉल स्टोन होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में शुगर कंट्रोल करके पित्त पथरी होने के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा जैतून का तेल, कैनोला तेल और मछली का सेवन करके पित्ताशय को स्वस्थ रखा जा सकता है, और पित्त पथरी के विकास के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

    पित्त की पथरी के डॉक्टर से कब परामर्श लें?

    आमतौर पर पित्ताशय (Gallbladder in Hindi) में छोटी पित्त पथरी शुरूआत में कोई महत्वपूर्ण संकेत या लक्षण प्रदर्शित नहीं करती है। कुछ मामलों में इसके उपचार की भी आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन, यदि गॉल स्टोन के कारण मरीज को लगभग दो घंटे तक गंभीर पेट दर्द, मतली और उल्टी जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़े, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

    महिलाओं में पित्त पथरी की समस्या अधिक सामान्य क्यों होती है?

    आमतौर पर महिलाओं में पित्त की पथरी होने का जोखिम होता अधिक होता है। इसका का कारण महिलाओं के शरीर में होने वाला हर्मोनल बदलाव है। फीमेल प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पित्ताशय की थैली के संकुचन को कम करता है जबकि एस्ट्रोजन हॉर्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। पीरियड्स और प्रेगनेंसी के समय इन दोनों हार्मोन का स्तर सबसे अधिक होता है। मेनोपॉज के समय महिलाओं में एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने लगता है जिसे कंट्रोल करने के लिए महिलाएं अक्सर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HT) का सहारा लेती हैं। 

    इस थेरेपी के कारण, महिलाओं का वजन बढ़ने या घटने की संभावना अधिक होती है। यदि वजन बढ़ता है तो रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो सकती है। चूंकि मोटापा एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के हाई लेवल से जुड़ा है। यही स्थिति वजन घटने के क्रम में भी देखने को मिलती है। दरअसल अधिक मात्रा वजन कम होने पर लिवर, कोलेस्ट्रॉल की सामान्य से अत्यधिक मात्रा को सम्भालता है और संसाधित कर पित्त में भेजता है। इसी अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल के कारण महिलाओं में पित्त पथरी होने की संभावना अत्यधिक होती है।

    दरअसल, जब महिलाओं में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ती है तो उसके कारण कोलेस्ट्रोल लेवल भी बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल का लेवल गॉल ब्लैडर के फंक्शन को प्रभावित करने लगता है और धीरे-धीरे यह कोलेस्ट्रोल क्रिस्टल में तब्दील होकर स्टोन बनना शुरू हो जाता है।

    भारत में पित्त पथरी सर्जरी की लागत

    भारत में पित्त की पथरी की लागत <minCost> रुपए से लेकर <maxCost> रुपए तक हो सकती है। हालांकि यह इसके इलाज की अनुमानित लागत है जो कि मरीज द्वारा इलाज के लिए चुने गए शहर, हॉस्पिटल और डॉक्टर या सर्जन की फीस के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

    Dr. Rahul Sharma (TEJFraQUZY)
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    पित्त की थैली में स्टोन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    क्या महिलाओं को गॉल स्टोन होने का खतरा अधिक होता है?

    हां, एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण महिलाओं में पित्त की पथरी होने की संभावना अधिक होती है। दरअसल यह हार्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और पित्ताशय की थैली के संकुचन को धीमा कर देता है। पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर उच्च के कारण महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है जो समय के साथ क्रिल्टल का रूप लेने लगता है और पित्त की पथरी की संभावना बढ़ जाती है।

    क्या पित्ताशय के बिना इंसान जिंदा रह सकता है?

    हां, पित्ताशय या गॉलब्लैडर के बिना इंजान जीवित रह सकता है। इससे पाचन तंत्र पर कोई असर नहीं पड़ता है। दरअसल पित्ताशय को हटाने के बाद पित्त सीधे लिवर से छोटी आंत में चला जाता है।

    पित्त की पथरी के कारण दर्द कब होता है?

    जब पित्त की पथरी पेट की ओर जाने वाली नलिका में फंस जाती है, तो वे पित्त को आगे बढ़ने से रोक देती है, जिससे पित्ताशय की थैली में ऐंठन हो जाती है। यह पेट के ऊपरी दाएं हिस्से या केंद्र में रिब पिंजरे के नीचे तेज दर्द का कारण बनता है।

    क्या कब्ज के कारण पित्ताशय में दर्द हो सकता है?

    पित्ताशय का दर्द, कब्ज से जुड़ा हो सकता है, लेकिन यह बताना मुश्किल है कि वास्तव में इसका सही कारण क्या है। दरअसल पित्त प्रवाह में परिवर्तन के कारण मल की वसा सामग्री में परिवर्तन से कब्ज हो सकता है। इसके अलावा पित्ताशय की शिथिलता या पित्त पथरी के कारण पित्ताशय की थैली पर पड़ने वाले असर के कारण दर्द हो सकता है।

    क्या पित्त की पथरी खतरनाक है?

    अधिकांश पित्त की पथरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा नहीं करतीं हैं और न ही इन्हें उपचार की आवश्यकता होती है। लेकिन अगर गॉल स्टोन के कारण अचानक गंभीर दर्द होता है जो घंटों तक रहता है तो आपको तुरंत इलाज की आवश्यकता हो सकती है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि पित्त की पथरी पित्त नली में फंस गई है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकती है।

    Function of Gallbladder in Hindi

    गॉलब्लैडर का कार्य है पाचन तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना। यह पत्थरीय या विषाक्त पदार्थों को तैयार करने और स्टोर करने का कार्य करता है जो प्रमुख रूप से पाचन प्रक्रिया को सहारा प्रदान करता है।

    Gallbladder lumen meaning in Hindi

    यह विशेष रूप से गॉलब्लैडर की आंतरिक स्थिति या अंग को सूचित करता है, जिसे आंतरीय प्रदेश भी कहा जाता है। गॉलब्लैडर ल्यूमेन एक प्रवाही पथ है जो गॉलब्लैडर के अंदर की आंतरिक भाग में स्थित है, जिसमें आयुर्वेदिक भाषा में पित्त का संग्रहण होता है और जिसमें आपके शरीर में पित्त उत्पन्न होता है।

    Multiple Calculi in Gallbladder meaning in Hindi

    गॉलब्लैडर में मल्टीपल कैल्क्यूलाई का हिंदी में अर्थ है कि गॉलब्लैडर में एक से अधिक पथरी (calculi) हो रही हैं। यह एक स्वाभाविक रूप से होने वाली परिस्थिति है जिसमें गॉलब्लैडर में छोटी-छोटी पत्थरें बनती हैं जो आमतौर पर कोलेस्टेरॉल, कैल्सीयम साल्ट्स, और अन्य तत्वों से बन सकती हैं।