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  • हर्निया रोग क्या है? । Harniya Kya Hota Hai? | Hernia meaning in Hindi
    हर्निया के प्रकार । Types of Hernia in Hindi
    हर्निया रोग के कारण । Causes of Hernia in Hindi
    हर्निया के लक्षण इन हिंदी । Hernia Symptoms in Hindi
    हर्निया रोग से नुकसान । Complications of Hernia in Hindi
    हर्निया रोग का परीक्षण । Diagnosis of Hernia in Hindi
    हर्निया रोग का इलाज । Hernia Treatment in Hindi
    हर्निया सर्जरी के बाद रिकवरी । Recovery time of Hernia Surgery in Hindi
    हर्निया को रोकने के उपाय । Hernia prevention in Hindi
    हर्निया ऑपरेशन के बाद मरीज को किस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं?
    हर्निया का ऑपरेशन कब करना चाहिए?

    हर्निया रोग क्या है? । Harniya Kya Hota Hai? | Hernia meaning in Hindi

    हर्निया की समस्या तब पैदा होती है जब पेट का कोई अंदरूनी अंग यानी कि पेट की मांसपेशी, टिश्यू या छोटी आंत पेट की कमजोर त्वचा में छेद करके बाहर आ जाती हैं। हर्निया आमतौर पर नाभि के हिस्से के चारों तरफ कहीं भी हो सकता है। जांघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में और ग्रोइन क्षेत्रों (पेट और जांघ के बीच का भाग) में भी हो सकता है। हालांकि हर्निया कोई आपात स्थिति नहीं है लेकिन यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से इंसान  मौत भी हो सकती है।

    हर्निया (hernia meaning in hindi) अक्सर पेट के दाहिनी ओर और नाभि क्षेत्र में विकसित होता है। यह जोरदार मेहनत, शरीर पर पड़ने वाला दबाव और गर्भावस्था के कारण हो सकता है। बढ़ती उम्र के मरीजों को हर्निया की शिकायत होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा नवजात शिशुओं को भी हर्निया हो सकता है।

    हर्निया का चित्र

    हर्निया के प्रकार । Types of Hernia in Hindi

    हर्निया के निम्न प्रकार नीचे दिए जा रहे हैं:

    • इनगुइनल हर्निया: यह हर्निया का सबसे आम प्रकार है। हर्निया के कुल मामलों में से 75 प्रतिशत मामले इनगुइनल हर्निया के होते हैं। इनगुइनल हर्निया महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। यह मेल बच्चों में भी हो सकता है। इनगुइनल हर्निया तब आकार लेता है जब आंत का एक हिस्सा इनगुइनल कैनाल, जो, आंतरिक जांघ से होकर गुजरती है, में फैल जाता है।
    • इंसिज़नल हर्निया: इंसिज़नल हर्निया तब होता है जब पेट की दीवार में पूर्व में हुई किसी सर्जरी या ऑपरेशन के चीरे के कारण  टिश्यू बाहर निकलने लगता है और हर्निया का रूप ले लेता है। पूर्व में पेट की सर्जरी करा चुके लोगों को इस प्रकार का हर्निया होने का जोखिम अधिक होता है।
    • फेमोरल हर्निया: फेमोरल हर्निया एक प्रकार का ग्रोइन हर्निया है जो फेमोरल कैनाल में होता है और इनगुइनल कैनाल के नीचे चलता है। जब वसायुक्त ऊतक इनगुइनल कैनाल में प्रवेश कर जाता है तो इस स्थिति को फेमोरल हर्निया के नाम से जानते हैं। फेमोरल हर्निया कमर या जांघ के पास एक उभार के रूप में दिखाई देता है। फेमोरल हर्निया को फेमोरोसील भी कहा जाता है।
    • अम्बिलिकल हर्निया: नाभि संबंधी हर्निया को अम्बिलिकल हर्निया कहते हैं। यह तब होता है जब आंत का एक हिस्सा नाभि के पास पेट की दीवार में एक छेद के माध्यम से होकर गुजरता है। अधिकांश नाभि संबंधी हर्निया जन्म से मौजूद होते हैं।
    • हायटल हर्निया: हायटल हर्निया एक अन्य सामान्य प्रकार का हर्निया है। यह 50 वर्ष अधिक आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिलता है। हायटल हर्निया के कारण मरीज को GERD का सामना करना पड़ता है और पेट की सामग्री आहार नली में रिसने लगती है जिससे पेट में जलन होने लगती है।
    • पेरिनियल हर्निया: पेरिनियल हर्निया तब होता है जब ऊतक पेल्विक फ्लोर में एक छेद के माध्यम से पेट की गुहा में प्रवेश कर जाता है। हालांकि इस प्रकार के हर्निया के मामले अपेक्षाकृत दुर्लभ ही देखने को मिलते हैं।

    हर्निया रोग के कारण । Causes of Hernia in Hindi

    हर्निया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

    • कब्ज रहना
    • लगातार खांसी आना
    • आनुवंशिक कारण
    • पेट की आंतरिक चोट या किसी प्रकार की सर्जरी
    • धूम्रपान व शराब का अधिक मात्रा में सेवन
    • बढ़ती उम्र
    • भारी सामान उठाना
    • प्रेगनेंसी
    • समय पहले बच्चे का जन्म या कम समय में जन्म होना

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    हर्निया के लक्षण । Hernia Symptoms in Hindi

    हर्निया के निम्न लक्षण होते हैं:

    • पेट में अचानक तेज दर्द होना
    • जी मिचलाना
    • उल्टी होना
    • पेट में लाल और जामुनी रंग का उभार दिखाई देना
    • पेट में एक प्रकार की सूजन होना
    • लंबे समय खड़े रहने, वजन उठाने या पेट पेट पर दबाव पड़ने से दर्द होना
    • पुरुषों में हर्निया के लक्षण – अंडकोष के चारों तरफ खिंचाव महसूस होना
    • गैस पास करने में परेशानी होना

    हर्निया रोग से नुकसान । Complications of Hernia in Hindi

    यदि हर्निया का समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज को निम्नलिखित गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है:

    • हर्निया बढ़ सकता है और अधिक गंभीर व जटिल लक्षणों को पैदा कर सकता है। इसके अलावा हर्निया का बड़ा हुआ आकार आस-पास के टिश्यू पर बहुत अधिक दबाव डाल सकता है, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है।
    • हर्निया का इलाज न कराने पर आंत का एक हिस्सा पेट की दीवार में फंस सकता है। इसके कारण आंत बाधित हो सकती है और गंभीर दर्द, मतली या कब्ज का कारण बन सकती है।
    • यदि आंतों के फंसे हुए भाग को पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं मिलता है, तो इससे जान का जोखिम हो सकता है। इससे आंत के टिश्यू संक्रमित हो सकते हैं या मर सकते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है।
    • यदि हर्निया का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो मरीज को अधिक दर्द, उल्टी, बुखार और गैस पास करने या मल त्याग करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

    हर्निया रोग का परीक्षण । Diagnosis of Hernia in Hindi

    जांच के दौरान डॉक्टर आपके लक्षणों को पूछेंगे और आपके पुराने स्वास्थ्य के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा निम्न इमेजिंग परीक्षणों का भी उपयोग करेगा:

    • अल्ट्रासाउंड: पेट का अल्ट्रासाउंड शरीर के अंदर की संरचनाओं की छवि बनाने के लिए उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। इसकी मदद से पेट के अंदर मौजूद अतिरिक्त उभार या हर्निया को आसानी से देखा जा सकता है।
    • सीटी स्कैन: हर्निया की पुष्टि के लिए सीटी स्कैन बेहद कारगर जांच प्रक्रिया है। सीटी स्कैन की मदद से पेट की एक छवि बनाने के लिए एक्स-रे को कंप्यूटर तकनीक से जोड़ा जाता है।
    • एमआरआई: एमआरआई स्कैन पेट की आंतरिक छवि को बनाने के लिए चुंबकीय और रेडियो तरंगों के संयोजन का उपयोग करता है। इसकी मदद हर्निया की आकृति को आसानी से देखा जा सकता है। 
    • एक्स-रे: एक्स-रे की मदद से हर्निया पहचान करने के लिए डॉक्टर मरीज को डायट्रीजोएट मेग्लुमिन/डायट्रीजोएट सोडियम (गैस्ट्रोग्राफिन) या तरल बेरियम घोल युक्त तरल पदार्थ पीने को कहता है। इस तरल को पीने के बाद पाचन तंत्र की साथ इमेज एक्स-रे छवियों पर हाइलाइट होती हैं।
    • एंडोस्कोपी: एंडोस्कोपी के दौरान, डॉक्टर मरीज के गले के नीचे, अन्नप्रणाली और पेट में एक ट्यूब से जुड़ा एक छोटा कैमरा डालता है। इससे पेट की एकदम साफ इमेज देखने को मिलती है।

    हर्निया रोग का इलाज । Hernia Treatment in Hindi

    हर्निया का सफल इलाज दो प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं की मदद से किया जा सकता है। ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी। ओपन सर्जरी में डॉक्टर बड़ा चीरा लगाते हैं और हर्निया का इलाज करते हैं। जबकि, लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया में छोटे कट की मदद से ही इलाज किया जाता है। 

    इन दोनों प्रक्रियाओं के बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी जा रही है:

    • ओपन सर्जरी: ओपन सर्जरी से पहले मरीज को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। इसके बाद सर्जन त्वचा में एक कट (चीरा) लगाकर हर्निया को वापस उसी जगह पर धकेल देता है। इसके बाद सर्जिकल साइट को चीरे की मदद से बंद कर दिया जाता है। यदि हर्निया का आकार बड़ा है तो सर्जन हर्निया की ओपनिंग को बंद करने के लिए लचीली जाली के एक टुकड़े का इस्तेमाल कर सकता है। यह हर्निया को दोबारा आने से रोकने में मदद करता है। ओपन सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। सर्जरी के बाद पूरी तरह से ठीक होने के लिए डॉक्टर के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
    • लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया: Pristyn Care में हर्निया का लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया से इलाज करते समय 3D मेष का उपयोग किया जाता है। यह एक एडवांस मेष होता है जबकि सामान्य सर्जरी में सिंथेटिक जाली का उपयोग किया जाता है। 3D मेष सर्जरी में पॉलीमर जाल का इस्तेमाल होता है। यह सर्जिकल प्रक्रिया बड़े आकार के हर्निया को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इस सर्जरी के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना बेहद कम होती है।

    लेप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रक्रिया से पहले रोगी के प्रभावित हिस्से को सामान्य या लोकल एनेस्थीसिया की मदद से सुन्न किया जाता है। इसके बाद छोटा कट लगाया जाता है। इस कट के जरिए लेप्रोस्कोप को शरीर के अंदर डाला जाता है। लेप्रोस्कोप एक पतली ट्यूब होती है जिसमें छोटा कैमरा लगा होता है। इस कैमरे की मदद से सर्जन पेट की इमेज को एक स्क्रीन की मदद से देखता है और एक दूसरे चीरा लगाकर अन्य मेडिकल उपकरणों को शरीर के अंदर इंसर्ट कर हर्निया को उसकी मूल स्थिति में धकेल देता है।   

    ज्यादातर मरीज लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चयन इसलिए करते हैं क्योंकि सर्जरी के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना न के बराबर होती है। इसके अलावा सर्जरी के करीब 48 घंटे के अंदर मरीज अपनी जीवनशैली को एन्जॉय कर सकता है।

    हर्निया सर्जरी के बाद रिकवरी । Recovery time of Hernia Surgery in Hindi

    हर्निया सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:

    • सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए डॉक्टर दर्द निवारक दवाएं लिखेगा। इन्हें समय पर लेते रहें।
    • सर्जरी के बाद होने वाले की देखभाल के लिए सर्जन के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। यदि घाव के आसपास किसी प्रकार का संक्रमण का कोई लक्षण जैसे बुखार, लालिमा, स्त्राव, या दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
    • हर्निया सर्जरी के बाद, मरीज को कई हफ्तों तक सामान्य रूप से चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। रिकवरी टाइम में मरीज को किसी भी जोरदार गतिविधि और वजन उठाने से बचना चाहिए।

    हर्निया को रोकने के उपाय । Hernia prevention in Hindi

    आमतौर पर हर्निया को होने से नहीं रोका जा सकता है। कभी-कभी हर्निया वंशानुगत स्थिति या पिछली सर्जरी के कारण होता है। लेकिन हर्निया के जोखिमों को कम करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

    निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर हर्निया के जोखिमों को कम किया जा सकता है:

    • धूम्रपान को छोड़कर हर्निया के जोखिमों से बचा जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें और स्मोकिंग बंद करने के लिए विचार करें।
    • लगातार होने वाली खांसी को नियंत्रित कर हर्निया के जोखिमों से बचा जा सकता है।
    • वजन को नियंत्रित रखें। इससे हर्निया होने के जोखिम कम होते हैं। 
    • मल त्याग करते समय या पेशाब करते समय अधिक जोर न लगाएं।
    • कब्ज, हर्निया के कारणों में से एक है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कर हर्निया के जोखिमों से बचा जा सकता है।
    • पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें। इससे हर्निया के जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
    • भारी वजन उठाने से बचें। यदि आपको कोई भारी वस्तु उठानी है तो घुटनों को मोड़ें, न कि अपनी कमर या पीठ को। 
    • भारी वस्तुएं उठाते समय सांस रोकने से बचें। 

    हर्निया ऑपरेशन के बाद मरीज को किस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं?

    हर्निया का ऑपरेशन एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे आमतौर पर इसके उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि, अन्य बीमारियों के उपचार की तरह हर्निया के ऑपरेशन के बाद भी मरीज को निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:

    • पेशाब करने में दर्द
    • ब्लीडिंग
    • पेट में द्रव जमा होना
    • सांस लेने में कठिनाई
    • सर्जिकल साइट पर संक्रमण
    • पेट और पीठ में दर्द

    हर्निया का ऑपरेशन कब करना चाहिए?

    हर्निया का ऑपरेशन करने की आवश्यकता रोगी की स्थिति, हर्निया के प्रकार, और उसके लक्षणों पर निर्भर करती है। यहां कुछ सामान्य स्थितियां हैं जिनमें हर्निया का ऑपरेशन करना चाहिए:

    1. दर्द और असुविधा: जब हर्निया के क्षेत्र में दर्द या असुविधा होती है और यह रोगी की दिनचर्या को प्रभावित करता है, तो ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है।
    2. हर्निया का बढ़ना: जब हर्निया का आकार बढ़ता है और स्वाभाविक रूप से ठीक नहीं हो सकता है, तो ऑपरेशन का समय आ सकता है।
    3. हर्निया जमना: जब हर्निया जम जाता है, इसका यदि तत्काल इलाज नहीं किया जाता है, तो यह ऑपरेशन की आवश्यकता पैदा कर सकता है।
    4. आस्थाई उपायों की असफलता: यदि आस्थाई उपाय जैसे कि ट्रस्स या मेडिकल मैनेजमेंट से सुरक्षित और सुधारित नहीं हो रहा है, तो ऑपरेशन की विचारणा की जा सकती है।
    5. संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं: अगर हर्निया के साथ किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संबंध है, तो चिकित्सक हर्निया का ऑपरेशन सुझा सकते हैं।
    Dr. Rahul Sharma (TEJFraQUZY)
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    हर्निया के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    क्या ऑपरेशन के बिना हर्निया का इलाज संभव हैं?

    नहीं, हर्निया का इलाज ऑपरेशन के बिना संभव नहीं है। हर्निया के इलाज के लिए कुछ गैर-सर्जिकल उपचार के विकल्प मौजूद हैं जिनमें दवा और जीवनशैली में बदलाव शामिल है। यदि कोई व्यक्ति ऑपरेशन नहीं करवाना चाहता या ऑपरेशन के लिए फिट नहीं है, तो वह एक कोर्सेट, बाइंडर या ट्रस पहनकर हर्निया के कारण होने वाले दर्द को कुछ समय के लिए कम कर सकता है। लेकिन , यह स्थायी समाधान नहीं है। 

    हर्निया का स्थायी उपचार क्या है?

    हर्निया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन एकमात्र स्थाई उपचार है। हालांकि जब तक हर्निया दर्द या सूजन जैसे लक्षणों को प्रदर्शित नहीं करता है तब तक डॉक्टर सतर्क रहने और स्वास्थ्य पर ध्यान रखने की सलाह दे सकते हैं।

    क्या हर्निया बिना ऑपरेशन के ठीक कर सकते हैं?

    नहीं, हर्निया बिना ऑपरेशन के ठीक नहीं हो सकता है।

    हर्निया की लेप्रोस्कोपिक या ओपन सर्जरी, कौन है बेहतर?

    हर्निया के सटीक इलाज के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सबसे बेहतर है। ओपन सर्जरी के मुकाबले इस प्रक्रिया में छोटा कट लगाया जाता है जिससे कम ब्लीडिंग होती है। इसके अलावा ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज तेजी से रिकवरी करता है।

    हर्निया से बचाव कैसे करें?

    निम्नलिखित बातों का ध्यान रखकर हर्निया से बचा जा सकता है:

    • धूम्रपान न करें
    • लगातार खांसी होने या बीमार होने पर अपने डॉक्टर को तुरंत दिखाएं
    • एक स्वस्थ शरीर के लिए अपने वजन को सही रखें
    • बोवेल मूवमेंट या पेशाब के दौरान जोर न लगाएं
    • भारी वस्तुओं को उठाने के लिए घुटनों को मोड़ें
    • बहुत भारी वजन उठाने से बचें

    ऑपरेशन के बाद रिकवर होने में कितना समय लगता है?

    लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के बाद मरीज को कम से कम एक या दो दिन तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। सर्जरी के एक या दो सप्ताह के बाद ही मरीज दिनचर्या में होने वाली गतिविधियों को आसानी से शुरू कर सकता है। हालांकि जोरदार गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है। 

    हर्निया सर्जरी के बाद क्या परहेज करें?

    जब तक डॉक्टर न कहे वजन न उठाएं और सेक्स न करें। जंक फूड और मैदा से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। कब्ज न होने दें और नशा से दूरी बनाए रखें।

    महिलाओं में हर्निया के लक्षण?

    महिलाओं में हर्निया के लक्षण में शामिल हो सकते हैं: दर्द और असहजता हर्निया क्षेत्र में, और बाहरी स्वेलिंग या गोली का उत्पन्न होना।

    हर्निया क्यों होता है?

    हर्निया मुख्यत: मांसपेशियों की कमजोरी और बाहरी दबाव की वृद्धि के कारण हो सकता है, जिससे शरीर के किसी भाग का अंश अपनी स्थिति से बाहर निकलता है।

    हर्निया का ऑपरेशन कैसा होता है?

    हर्निया का ऑपरेशन सामान्यत: रोगी के शरीर में बनी हर्निया को मजबूती देने और स्थानीय जगह पर पुनर्स्थापित करने के लिए किया जाता है, जो लापरोस्कोपिक या ओपन सर्जरी के रूप में हो सकता है। इसके बाद, रोगी को चिकित्सक की निर्देशनाओं का पालन करना चाहिए।

    हर्निया ऑपरेशन रिकवरी टाइम in hindi

    हर्निया ऑपरेशन के बाद रिकवरी समय व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति, ऑपरेशन के प्रकार, और उनकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। यहां कुछ सामान्य जानकारी है:

    1. लापरोस्कोपिक ऑपरेशन: यदि हर्निया ऑपरेशन लापरोस्कोपिक तकनीक से किया गया है, तो रिकवरी समय आमतौर पर सामान्यत: 1 से 2 सप्ताह के आस-पास हो सकता है।
    2. ओपन ऑपरेशन: यदि हर्निया ऑपरेशन ओपन सर्जरी के द्वारा किया गया है, तो रिकवरी का समय थोड़ा अधिक हो सकता है, और यह 2 से 4 सप्ताह तक का समय ले सकता है।

    हर्निया की पहचान कैसे होती है?

    हर्निया की पहचान सूजन या उभार, पेट में दर्द, भारीपन, और असहजता से होती है, जो खांसने या भारी सामान उठाने पर बढ़ सकती है।

    हर्निया में दर्द कहाँ होता है?

    हर्निया में दर्द आमतौर पर पेट या कमर के निचले हिस्से में होता है, खासकर उस जगह पर जहां उभार होता है।

    घर पर हर्निया की जांच कैसे करें?

    घर पर हर्निया की जांच करने के लिए आप निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान दे सकते हैं:

    1. उभार या सूजन: पेट, कमर, या जांघ के आसपास उभार महसूस करना, जो बैठने या खांसने पर बढ़ जाता है।
    2. दर्द या असुविधा: खासकर वजन उठाने, खांसने, या जोर लगाने पर दर्द महसूस होना।
    3. थकान या भारीपन: प्रभावित हिस्से में भारीपन या थकान महसूस होना।

    अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि घर पर पूर्ण रूप से सही निदान संभव नहीं होता।