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हर्निया की समस्या तब पैदा होती है जब पेट का कोई अंदरूनी अंग यानी कि पेट की मांसपेशी, टिश्यू या छोटी आंत पेट की कमजोर त्वचा में छेद करके बाहर आ जाती हैं। हर्निया आमतौर पर नाभि के हिस्से के चारों तरफ कहीं भी हो सकता है। जांघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में और ग्रोइन क्षेत्रों (पेट और जांघ के बीच का भाग) में भी हो सकता है। हालांकि हर्निया कोई आपात स्थिति नहीं है लेकिन यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से इंसान मौत भी हो सकती है।
हर्निया (hernia meaning in hindi) अक्सर पेट के दाहिनी ओर और नाभि क्षेत्र में विकसित होता है। यह जोरदार मेहनत, शरीर पर पड़ने वाला दबाव और गर्भावस्था के कारण हो सकता है। बढ़ती उम्र के मरीजों को हर्निया की शिकायत होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा नवजात शिशुओं को भी हर्निया हो सकता है।
हर्निया के निम्न प्रकार नीचे दिए जा रहे हैं:
हर्निया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
हर्निया के निम्न लक्षण होते हैं:
यदि हर्निया का समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज को निम्नलिखित गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है:
जांच के दौरान डॉक्टर आपके लक्षणों को पूछेंगे और आपके पुराने स्वास्थ्य के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा निम्न इमेजिंग परीक्षणों का भी उपयोग करेगा:
हर्निया का सफल इलाज दो प्रकार की सर्जिकल प्रक्रियाओं की मदद से किया जा सकता है। ओपन सर्जरी और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी। ओपन सर्जरी में डॉक्टर बड़ा चीरा लगाते हैं और हर्निया का इलाज करते हैं। जबकि, लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया में छोटे कट की मदद से ही इलाज किया जाता है।
इन दोनों प्रक्रियाओं के बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी जा रही है:
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी प्रक्रिया से पहले रोगी के प्रभावित हिस्से को सामान्य या लोकल एनेस्थीसिया की मदद से सुन्न किया जाता है। इसके बाद छोटा कट लगाया जाता है। इस कट के जरिए लेप्रोस्कोप को शरीर के अंदर डाला जाता है। लेप्रोस्कोप एक पतली ट्यूब होती है जिसमें छोटा कैमरा लगा होता है। इस कैमरे की मदद से सर्जन पेट की इमेज को एक स्क्रीन की मदद से देखता है और एक दूसरे चीरा लगाकर अन्य मेडिकल उपकरणों को शरीर के अंदर इंसर्ट कर हर्निया को उसकी मूल स्थिति में धकेल देता है।
ज्यादातर मरीज लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चयन इसलिए करते हैं क्योंकि सर्जरी के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना न के बराबर होती है। इसके अलावा सर्जरी के करीब 48 घंटे के अंदर मरीज अपनी जीवनशैली को एन्जॉय कर सकता है।
हर्निया सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
आमतौर पर हर्निया को होने से नहीं रोका जा सकता है। कभी-कभी हर्निया वंशानुगत स्थिति या पिछली सर्जरी के कारण होता है। लेकिन हर्निया के जोखिमों को कम करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।
निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर हर्निया के जोखिमों को कम किया जा सकता है:
हर्निया का ऑपरेशन एक सामान्य प्रक्रिया है जिसे आमतौर पर इसके उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि, अन्य बीमारियों के उपचार की तरह हर्निया के ऑपरेशन के बाद भी मरीज को निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:
हर्निया का ऑपरेशन करने की आवश्यकता रोगी की स्थिति, हर्निया के प्रकार, और उसके लक्षणों पर निर्भर करती है। यहां कुछ सामान्य स्थितियां हैं जिनमें हर्निया का ऑपरेशन करना चाहिए:
नहीं, हर्निया का इलाज ऑपरेशन के बिना संभव नहीं है। हर्निया के इलाज के लिए कुछ गैर-सर्जिकल उपचार के विकल्प मौजूद हैं जिनमें दवा और जीवनशैली में बदलाव शामिल है। यदि कोई व्यक्ति ऑपरेशन नहीं करवाना चाहता या ऑपरेशन के लिए फिट नहीं है, तो वह एक कोर्सेट, बाइंडर या ट्रस पहनकर हर्निया के कारण होने वाले दर्द को कुछ समय के लिए कम कर सकता है। लेकिन , यह स्थायी समाधान नहीं है।
हर्निया के दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन एकमात्र स्थाई उपचार है। हालांकि जब तक हर्निया दर्द या सूजन जैसे लक्षणों को प्रदर्शित नहीं करता है तब तक डॉक्टर सतर्क रहने और स्वास्थ्य पर ध्यान रखने की सलाह दे सकते हैं।
निम्नलिखित बातों का ध्यान रखकर हर्निया से बचा जा सकता है:
लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के बाद मरीज को कम से कम एक या दो दिन तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है। सर्जरी के एक या दो सप्ताह के बाद ही मरीज दिनचर्या में होने वाली गतिविधियों को आसानी से शुरू कर सकता है। हालांकि जोरदार गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है।
महिलाओं में हर्निया के लक्षण में शामिल हो सकते हैं: दर्द और असहजता हर्निया क्षेत्र में, और बाहरी स्वेलिंग या गोली का उत्पन्न होना।
हर्निया मुख्यत: मांसपेशियों की कमजोरी और बाहरी दबाव की वृद्धि के कारण हो सकता है, जिससे शरीर के किसी भाग का अंश अपनी स्थिति से बाहर निकलता है।
हर्निया का ऑपरेशन सामान्यत: रोगी के शरीर में बनी हर्निया को मजबूती देने और स्थानीय जगह पर पुनर्स्थापित करने के लिए किया जाता है, जो लापरोस्कोपिक या ओपन सर्जरी के रूप में हो सकता है। इसके बाद, रोगी को चिकित्सक की निर्देशनाओं का पालन करना चाहिए।
हर्निया ऑपरेशन के बाद रिकवरी समय व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति, ऑपरेशन के प्रकार, और उनकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। यहां कुछ सामान्य जानकारी है:
हर्निया की पहचान सूजन या उभार, पेट में दर्द, भारीपन, और असहजता से होती है, जो खांसने या भारी सामान उठाने पर बढ़ सकती है।
हर्निया में दर्द आमतौर पर पेट या कमर के निचले हिस्से में होता है, खासकर उस जगह पर जहां उभार होता है।
घर पर हर्निया की जांच करने के लिए आप निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान दे सकते हैं:
अगर ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि घर पर पूर्ण रूप से सही निदान संभव नहीं होता।