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    Dr. Sujatha (KrxYr66CFz)

    Dr. Sujatha

    MBBS, MS
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    18 Years Experience

    location icon Pristyn Care Clinic, Anna Nagar, Chennai
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    Dr. Monika Dubey (L11rBuqCul)

    Dr. Monika Dubey

    MBBS, MS - Obstetrics & Gynaecology
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    Dr. Nidhi Jhawar (wdH2olYCtJ)

    Dr. Nidhi Jhawar

    MBBS, DGO, FRM
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  • मोलर प्रेगनेंसी क्या है
    लक्षण
    प्रकार
    प्रिस्टीन केयर क्यों चुनें
    इंश्योरेंस कवर
    कारण
    इलाज
    रोकथाम
    सर्जरी को बीमा कवरेज

    मोलर प्रेगनेंसी (Molar Pregnancy) क्या होती है?

    मोलर गर्भावस्था वह अवस्था है, जिसमें निषेचन के बाद, भ्रूण असामान्य रूप से विकसित होता है और अंगूर के एक गुच्छे की तरह दिखाई देता है, जिसे हाइडेटिडिफॉर्म मोल कहा जाता है। यह गर्भनाल की विकास संबंधी एक गंभीर बीमारी है, जिसका पता आमतौर पर शुरुआती तिमाही के दौरान चलता है और ज्यादातर मामलों में इसके कारण गर्भ खराब हो जाता है।

    मोलर प्रेगनेंसी के लक्षण

    • वेजाइनल ब्लीडिंग
    • पेल्विक पेन
    • जी घबराना
    • उल्टियां आना
    • हाई ब्लड प्रेशर
    • ओवेरियन सिस्ट

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    मोलर प्रेगनेंसी के प्रकार

    • कंप्लीट मोलर प्रेगनेंसी
    • पार्शियल मोलर प्रेगनेंसी

    प्रिस्टीन केयर क्यों चुनें?

    • सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% छूट
    • गोपनीय परामर्श उपलब्ध
    • डीलक्स रूम की सुविधा
    • सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स
    • 100% इंश्योरेंस क्लेम

    इंश्योरेंस कवर

    • कोई एडवांस पेमेंट नहीं
    • सभी बीमा कवर किए जाते हैं
    • बीमा अधिकारियों के पीछे भागने की जरूरत नहीं
    • प्रिस्टीन टीम अस्पताल से जुड़े सभी पेपरवर्क करती है

    मोलर प्रेगनेंसी के कारण

    • आहार:- शरीर में कैरोटीन या विटामिन ए की कमी।
    • आनुवंशिक विकार:- पहले से मौजूद आनुवंशिक या गुणसूत्र रोगों वाली महिला।
    • स्त्री रोग संबंधी विकार:- पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) का इतिहास।
    • विकिरण जोखिम: छवि या उपचार के लिए विकिरण किए जाने से आनुवंशिक रोग होना काफी आम है|

    मोलर प्रेगनेंसी का इलाज

    निदान – मोलर प्रेगनेंसी

    मोलर प्रेगनेंसी (मोलर गर्भावस्था) भ्रूण को बनने या विकसित होने से रोकती है और इससे गर्भपात होता  है। इसलिए, इसका निदान होना बहुत जरूरी है। नीचे जानिए मोलर प्रेगनेंसी का निदान किस प्रकार किया जा सकता है|

    • अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड के जरिए प्रारंभिक गर्भावस्था में ही इसकी मौजूदगी को जाना जा सकता है।
    • खून की जांच: डॉक्टर खून की जांच के जरिए ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन ( एचसीजी ) हार्मोन के स्तर को जानकर इसका पता लगाने की कोशिश करेगा।
    • ब्लड टेस्ट: इसके अलावा, रक्त गणना (सीबीसी) और रक्त के थक्कों के परीक्षण के साथ-साथ किडनी व लीवर फंक्शन का टेस्ट भी किया जा सकता है।

    मोलर प्रेगनेंसी का सर्जिकल उपचार

    मेडिकल की उन्नत तकनीकी पद्धतियों की मदद से मोलर प्रेगनेंसी (molar pregnancy) का इलाज संभव है। इलाज से पहले सही समय पर मोलर गर्भावस्था के लक्षणों का पता लगाना जरूरी होता है। इसके लक्षणों की जानकारी मिलने पर एवं विभिन्न जांच पद्धतियों से इसकी पुष्टि होने पर डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। क्योंकि मोलर प्रेगनेंसी, सामान्य प्रेगनेंसी जैसी नहीं होती इसीलिए इसमें बढ़ने वाले ऊतकों(Tissues) को हटाया जाना जरूरी होता है। हालांकि, इसके इलाज का सबसे बेहतर तरीका डॉक्टर आपकी शारीरिक स्थिति को देख कर ही बता सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में  सर्जिकल उपचार्फ (Surgery Treatment) की मदद से अविकसित भ्रूण या गर्भनाल की गांठ को निकाल दिया जाता है। सर्जरी की विभिन्न प्रक्रिया नीचे बताई गई हैं –

    डाइलेशन एंड क्यूरेटेज (dilation and curettage) की प्रक्रिया– डाइलेशन एंड क्यूरेटेज (dilation and curettage) की प्रक्रिया को आम भाषा में डी एंड सी (D&C) भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में महिला के कुल्हे में जनरल एनेस्थीसिया (general anesthetic) दिया जाता है, ताकि प्रक्रिया के दौरान उसके पैर स्थिर रहें और उसे कुछ अनुभव न हो। इससे कमर के नीचे का भाग सुन्न पड़ जाता है।

    इसके बाद एक पतली नली या ट्यूब के ज़रिए गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को विस्तारित किया जाता है और अन्य यंत्रों की मदद से गर्भाशय के अंदर मौजूद ऊतकों को निकाला जाता है।

    इस प्रक्रिया में कम से कम एक घंटे का समय लग सकता है और डी एंड सी के बाद महिला घर जा सकती है।

    हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) प्रक्रिया- यदि मोलर गर्भावस्था के दौरान किसी महिला को जेस्टेशनल ट्रॉफोब्लास्टिक नेपलाशिया (gestational trophoblastic neoplasia or GTN ) हो जाता है तो हिस्टेरेक्टॉमी प्रक्रिया की मदद से उसके गर्भाशय को निकाल दिया जाता है। ऐसा तब किया जाता है जब मोलर प्रेगनेंसी से पीड़ित महिला की दोबारा गर्भाधारण की इच्छा नहीं होती।

    एचसीजी (HCG) की मॉनिटरिंग- मोलर टिश्यू को हटा दिए जाने के बाद डॉक्टर आपके एचसीजी स्तर की जांच को सामान्य होने तक दोहराएगा। अगर आपके रक्त में एचसीजी मौजूद है, तो आपको अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है। अगर इसके बाद भी एचसीजी का स्तर सामान्य नहीं होता और मोलर प्रेगनेंसी नहीं रुकती है, तो इसके बढ़ते हुए प्रभाव को मद्देनजर रखते हुए डॉक्टर आपको कीमियोथैरेपी की सलाह दे सकता है।

    मोलर प्रेगनेंसी की रोकथाम

    • किसी भी जोखिम को रोकने के लिए, उसके बारे में जानकारी होना जरूरी है। ठीक ऐसे ही मोलर गर्भावस्था को रोकने के लिए जरूरी है, इसके बारे में सही जानकारी का होना।
    • गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान अपनी नियमित जांच करवाते रहें।
    • अगर पहले मोलर प्रेगनेंसी हुई है, तो दोबारा गर्भधारण करने के पहले अपने चिकित्सक से परामर्श कर लें।
    •  साथ ही दोबारा गर्भधारण करने के लिए कम से कम 6 महीने का इंतजार करें। इससे दोबारा मोलर प्रेगनेंसी का खतरा बहुत कम हो जाता है।

    क्या मोलर प्रेगनेंसी की सर्जरी को बीमा कवरेज मिलता है?

    जी हाँ, मोलर प्रेगनेंसी की सर्जरी को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है। अधिकांश बीमा कंपनियां बवासीर और अन्य स्त्री रोगों के लिए विशेष कवरेज प्रदान करती हैं। लेकिन आपको कितना बीमा कवरेज मिलेगा, यह आपके द्वारा खरीदी गई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर निर्भर करता है।

    एक बात जो आपको जाननी चाहिए वह यह है कि मोलर प्रेगनेंसी के लिए चिकित्सा उपचार बीमा पॉलिसी में शामिल नहीं होता। केवल सर्जिकल उपचार के खर्च को स्वास्थ्य बीमा में कवर किया जाता है और स्वास्थ्य बीमा का दावा करने के लिए आपको कम-से-कम 24 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। आप कैशलेस भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं या अपने स्वास्थ्य बीमा कंपनी से प्रतिपूर्ति के दावे भी प्राप्त कर सकते हैं।

    यदि आपका बीमा का दावा स्वीकृत हो जाता है, तो आप नैदानिक ​​परीक्षण, दवाएं, अस्पताल में रहने, बिस्तर शुल्क और अन्य उपभोग्य सामग्रियों सहित उपचार की पूरी लागत को कवर करने में सक्षम होंगे। कुछ बेहतरीन और सबसे लोकप्रिय स्वास्थ्य बीमा कंपनी ओरिएंटल, रेलिगेयर हेल्थ, मणिपाल सिग्ना इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, केयर हेल्थ, न्यू इंडिया इंश्योरेंस, स्टार हेल्थ एंड एलाइड, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस हैं|

    Dr. Rahul Sharma (TEJFraQUZY)
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    अधिकांश पूछे जाने वाले प्रश्न

    क्या मोलर प्रेगनेंसी सामान्य हैं?

    नहीं, मोलर प्रेगनेंसी सामान्य नहीं है। गर्भवती महिलाओं में इसकी उपस्थिति बहुत कम पाई जाती है। एक शोध के अनुसार, भारत में करीब 10,000 गर्भवती महिलाओं में मोलर प्रेगनेंसी की दर 19.1 प्रतिशत दर्ज की गई है । फिर भी अगर इसके लक्षण देखने में आते हैं, तो इसका इलाज करना जरूरी है।

    क्या मोलर प्रेगनेंसी में बच्चा बच सकता है?

    मोलर प्रेग्नेंसी तब होती है जब एक निषेचित अंडे में कोई समस्या होती है, जिसका अर्थ है कि गर्भधारण के बाद बच्चे और प्लेसेंटा का विकास उस तरह से नहीं होता जैसा उन्हें करना चाहिए। एक मोलर गर्भावस्था जीवित नहीं रह पाएगी । यह संयोग से होता है और बहुत दुर्लभ है।

    क्या मोलर प्रेगनेंसी का इलाज दवा से किया जा सकता है?

    एक बार मोलर प्रेग्नेंसी का पता चलने के बाद गर्भ से मोलर टिश्यू को हटाना पड़ता है। कुछ महिलाएं जिनकी आंशिक मोलर गर्भावस्था होती है, उनके पास दवा उपचार होता है जो गर्भ को अनुबंधित करता है और असामान्य कोशिकाओं से छुटकारा पाता है । इसे चिकित्सा प्रबंधन या चिकित्सा निकासी कहा जाता है।

    मोलर प्रेगनेंसी के बाद कब तक ब्लीडिंग होती है?

    आपको 6 सप्ताह तक कुछ रक्तस्राव होगा और यह पहली बार में भारी और लाल हो सकता है। अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ नर्स को बताएं कि क्या रक्तस्राव कम नहीं होता है या यदि यह भारी हो जाता है। मोलर प्रेग्नेंसी को हटाने के बाद एचसीजी नामक हार्मोन के स्तर की जांच के लिए आपके नियमित रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण होते हैं।

    मोलर प्रेगनेंसी प्रीक्लेम्पसिया का कारण कैसे बनती है?

    मोलर प्रेग्नेंसी बहुत जल्दी शुरू होने वाले प्रीक्लेम्पसिया से जुड़ी होती है। चूंकि अत्यधिक परिसंचारी एंटी-एंजियोजेनिक कारक प्रीक्लेम्पसिया में एक रोगजनक भूमिका निभा सकते हैं, इसलिए हमने अनुमान लगाया कि मोलर प्लेसेंटा सामान्य प्लेसेंटा की तुलना में अधिक एंटी-एंजियोजेनिक प्रोटीन का उत्पादन करते हैं।

    मोलर प्रेगनेंसी के कितने दिनों बाद दुबारा प्रेगनेंट हो सकती हैं?

    अगर आपको एक बार मोलर प्रेगनेंसी हो जाती है तो आपको दुबारा इस प्रेगनेंसी के रिस्क से बचने के लिए दुबारा प्रेगनेंट होने के लिए कम से कम एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। अगर किसी महिला को मोलर प्रेगनेंसी है तो उसे ठीक किया जा सकता है और उस महिला के भविष्य में बढ़िया प्रेगनेंसी के चांस और अधिक बढ़ जाते हैं।

    वैसे तो मोलर प्रेगनेंसी से बचाव करने का कोई खास तरीका नहीं होता है लेकिन आपको अपनी डॉक्टर द्वारा सुझाई टिप्स का पालन करना होता है ताकि आपकी अगली प्रेगनेंसी ठीक से जा सके। और अगर आपको यह हो जाती है तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं क्योंकि आप इससे पूरी तरह ठीक हो सकती हैं।

    मोलर प्रेगनेंसी होने पर क्या जोखिम हो सकते हैं?

    • मोलर गर्भावस्था होने पर गर्भवती महिला की योनि से अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है।
    • मोलर प्रेगनेंसी होने पर महिलाओं को प्री-एक्लेस्पिया का खतरा हो सकता है।
    • मोलर गर्भावस्था  होने पर कुछ महिलाएं ट्रॉफोब्लास्टिक रोग का शिकार हो जाती हैं। इससे गर्भाशय के अंदर ऊतकों की वृद्धि तेजी से होती है। यह पूर्ण और आंशिक मोलर गर्भावस्था दोनों ही प्रकार में हो सकता है।
    • कई महिलाओं को मोलर प्रेगनेंसी से होने वाले ट्रॉफोब्लास्टिक रोग से कैंसर हो सकता है।
    • कुछ दुर्लभ मामलों में मोलर प्रेगनेंसी शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाती है।
    • मोलार प्रेगनेंसी से महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया/Anemia) हो सकती है।