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पायलोनिडल साइनस त्वचा के भीतर एक छोटा सा छेद है और उस छेद में मवाद या सूजन आ जाता है। इसमें खून भी जमा हो सकता है। यह छेद पीठ के निचले हिस्से या नितंबों के ऊपर की दरार के बीच रहता है। पायलोनिडल सिस्ट या साइनस में, बाल या गंदगी जमा हो जाती है जिससे गंभीर दर्द, बदबूदार मवाद या खून का रिसाव होने लगता है। इसका खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो दिन भर कुर्सी में बैठकर काम करते हैं। यह महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक होता है। बहुत सारे मामलों में, कोई पुरानी चोट या फोड़ा पायलोनिडल साइनस का कारण बन सकते हैं।
निदान
प्रोक्टोलॉजिस्ट (डॉक्टर) सबसे पहले शारीरिक परीक्षण करके पायलोनिडल साइनस का निदान करेगा। पायलोनिडल सिस्ट नितंबों के ऊपर (दरार) में एक गांठ, सूजन या फोड़ा की तरह दिखता है। कई बार डॉक्टर उचित निदान के लिए ब्लड टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। पायलोनिडल साइनस की समस्या में इमेजिंग टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं है।
सर्जरी
एक संक्रमित पायलोनिडल साइनस रोजमर्रा की गतिविधियों के दौरान दर्द और असुविधा पैदा कर सकता है। सर्जरी आपके दर्द को आसानी से दूर कर सकती है और आपको सर्जरी की वह प्रक्रिया चुननी है जिसका जोखिम सबसे कम हों, जैसे कि लेजर सर्जरी।
पायलोनिडल साइनस की लेजर सर्जरी का सक्सेस रेट बहुत अधिक है और दोबारा होने का कोई चांस नहीं होता है। पायलोनिडल साइनस के रोगी को इस न्यूनतम इनवेसिव लेजर प्रक्रिया का चयन करके, अपना दर्द रहित इलाज करवाना चाहिए।
लेजर सर्जरी पायलोनिडल साइनस का दर्द रहित इलाज है जो कम समय में पूरा हो जाता है और इलाज के बाद ब्लीडिंग भी नहीं होती है। लेजर प्रक्रिया के दौरान इन्फेक्टेड एरिया को अच्छी तरह से साफ किया जाता है जिससे दोबारा से इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।
पायलोनिडल साइनस नितंबों के ऊपर की दरार में एक सिस्ट या छेद है जो दर्दनाक होता है। सिस्ट से बदबूदार पानी का रिसाव होता है और कई बार खून भी निकलता है। कपड़े पहनने या उठने-बैठने में दर्द होता है। कुछ मामलों में पायलोनिडल साइनस खुद से ठीक हो जाता है लेकिन, कई बार विशेष उपचार की आवश्यकता पड़ती है। अगर इलाज में देरी की गयी तो इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता है। पायलोनिडल साइनस का मुख्य कारण एक ही स्थिति में लम्बे समय तक बैठे रहना है।
पायलोनिडल साइनस के लिए आधुनिक लेजर उपचार पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें कोई बड़ा कट या चीरा शामिल नहीं है और मरीज सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होता है। 24-48 घंटों के भीतर रोगी को छुट्टी दे दी जाती है और वह अपनी सामान्य जिन्दगी में लौट आता है।
पायलोनिडल साइनस का उपचार करने के लिए Pristyn Care एक अच्छा विकल्प है। हमारे अनुभवी डॉक्टर एडवांस उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं जिससे सर्जरी सुरक्षित तरीके से संपन्न होती है और इलाज एवं रिकवरी के दौरान दर्द नहीं होता है। इसके अलावा हम अपने मरीजों को बहुत सी सुविधाएं मुफ्त में देते हैं जिससे इलाज के दौरान आपको आसानी होती है।
पायलोनिडल साइनस होने पर यह लक्षण नजर आते हैं-
पायलोनिडल साइनस का निदान प्रभावित क्षेत्र की शारीरिक जांच से किया जा सकता है। अगर डॉक्टर को इसके कारण पर शक है तो कुछ और टेस्ट किए जा सकते हैं, जैसे ब्लड टेस्ट।
आपको खुद से सिस्ट का मवाद को निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। पायलोनिडल साइनस के इलाज के लिए किसी स्पेशलिस्ट के पास ही जाएँ।
पायलोनिडल साइनस से बचाव किया जा सकता है। उस क्षेत्र को साफ रखकर, मोटापा कम करके और घंटो तक कुर्सी में न बैठकर हम इसके विकसित होने की संभावना को कम कर सकते हैं। लेकिन, अगर यह एक बार विकसित हो गया तो इलाज के लिए लेजर सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
यह रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर सर्जरी के बाद 12 से 25 दिनों में रोगी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।