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अम्बिलिकल हर्निया एक मांसपेशियों की समस्या है, जिससे शिशु और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। यह समस्या व्यसकों को भी परेशान कर सकती है। यह एक प्रकार की पेट की हर्निया होती है, जहां पेट के नाभि के आस-पास के क्षेत्र में मांसपेशियों में दरार आ जाती है। इसके परिणामस्वरूप, नाभि के पास एक छिद्र बन जाता है, जिससे आंतों का भाग बाहर निकल सकता है, जो सूजन या फिर उभरी हुई ऊतक की तरह महसूस हो सकता है। यह हर्निया आमतौर पर शिशुओं में विकसित होता है, जब शिशु की नाभि पूर्ण रूप से बंद नहीं होती है।
शुरुआती चरण में अम्बिलिकल हर्निया के कारण व्यक्ति को किसी भी प्रकार का दर्द और असहजता का अनुभव नहीं होता है। लेकिन इस बात में भी सत्यता है कि यह स्थिति स्वयं ठीक नहीं होती है। यही कारण है कि इस स्थिति के इलाज के लिए डॉक्टर ऑपरेशन को प्राथमिकता देते हैं।
इस स्थिति को आप अपनी आंखों से नहीं देख सकते हैं, लेकिन कुछ लक्षण है, जिससे आपको इस स्थिति के बारे में पता चल सकता है, जैसे – नाभि के आस-पास की त्वचा में सूजन, दर्द या तनाव, और नाभि के पास छिद्र की विद्यमानता। इस स्थिति के निदान के लिए डॉक्टर कुछ परीक्षण का सुझाव भी दे सकते हैं, जिसके बारे में हम आगे बात करने वाले हैं।
अम्बिलिकल हर्निया की गंभीरता कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे – हर्निया का आकार, व्यक्ति की उम्र और अन्य जटिलताओं की मौजूदगी। सामान्य तौर पर अम्बिलिकल हर्निया को लोग ज्यादा गंभीर रोगों की सूची में नहीं रखते हैं, लेकिन यदि यह स्थिति अनुपचारित रह जाए तो यह कई प्रकार की गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। कई मामले देखे गए हैं जहां पर हर्निया की गंभीरता एक बेहद चिंताजनक स्थिति बन जाती है।
शुरुआती चरण में तो यह गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन जैसे जैसे यह रोग अगले चरण में जाता है, तो यह गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो जाता है। गंभीर मामलों में पेट की आंतों के रक्त संचार में बाधा भी उत्पन्न हो सकती है। यही कारण है कि इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है। इसके कारण आपको हर्निया वाले क्षेत्र में बहुत तेज दर्द, असहजता और सूजन का सामना करना पड़ सकता है।
सामान्यतः अम्बिलिकल हर्निया एक दर्द रहित स्थिति है। कई बार ऐसा होता है कि इस स्थिति का निदान नहीं होता है, जिसके कारण यह स्थिति अनुपचारित रह जाती है। बच्चों में यह स्थिति खांसने या रोते समय असामान्य उभार की तरह दिखती है।
व्यसकों में अम्बिलिकल हर्निया की सूजन पेट के क्षेत्र पर अतिरिक्त जोर डालने के कारण हो सकता है। आपके डॉक्टर इस उभार को आराम से बिना किसी समस्या के देख सकते हैं। इस स्थिति आप स्वयं भी महसूस कर सकते हैं।
सबसे पहले डॉक्टर इस स्थिति के निदान के लिए शारीरिक परीक्षण करते हैं। इसमें डॉक्टर आपको खांसने या थोड़ा अधिक जोर लगाने का सुझाव दे सकते हैं। इसके कारण वह उभार का पता लगाने में सक्षम हो पाएंगे। इसके बाद डॉक्टर कुछ नैदानिक परीक्षण का सुझाव भी दे सकते हैं, जिसके द्वारा वह स्थिति के सटीक स्थिति का पता लगा सकते हैं।
डॉक्टर स्थिति के निदान के लिए कुछ परीक्षण का सुझाव दे सकते हैं। इन परीक्षणों की सहायता से डॉक्टर रोग की गंभीरता के बारे में विचार कर पाते हैं, जिससे वह सर्वश्रेष्ठ इलाज की तलाश कर पाते हैं। डॉक्टर के द्वारा निम्नलिखित परीक्षण का सुझाव दिया जा सकता है –
इन सभी परीक्षण के परिणाम के आधार पर डॉक्टर स्थिति के इलाज की तरफ अग्रसर होते हैं।
सामान्य तौर पर, अम्बिलिकल हर्निया एक ऐसा रोग है, जो किसी भी व्यक्ति को उसके जन्म से ही परेशान कर सकता है। इसमें बच्चे की पेट की मांसपेशियां बचपन से ही कमजोर होती हैं। इस स्थिति में हर्निया का बचाव संभव ही नहीं है। लेकिन यदि इस स्थिति ने आपको बचपन से परेशान नहीं किया है, तो आप कुछ तरीकों को अपनाकर पेट की कमजोर मांसपेशियों को मजबूत करने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे अम्बिलिकल हर्निया से बचाव संभव हो पाता है जैसे –
जैसे ही आप पेट या फिर ग्रोइन क्षेत्र में उभार या सूजन का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। वह आपको समय पर इलाज लेने में बहुत मदद कर सकते हैं। वहीं कई मामलों में यदि रोगी को दर्द न हो, तो यह स्थिति अनुपचारित रह जाती है जो अंततः एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। यदि आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं, तो आपको जल्द से जल्द हर्निया के विशेषज्ञ से सलाह लेने की आवश्यकता हो सकती है।
जैसे ही आप पेट या फिर ग्रोइन क्षेत्र में उभार या सूजन का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत ही अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। वह आपको समय पर इलाज लेने में बहुत मदद कर सकते हैं। वहीं कई मामलों में यदि रोगी को दर्द न हो, तो यह स्थिति अनुपचारित रह जाती है जो अंततः एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। यदि आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं, तो आपको जल्द से जल्द हर्निया के विशेषज्ञ से सलाह लेने की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपका बच्चा इस स्थिति का सामना कर रहा है और उसकी उम्र 4-5 साल से कम है, तो इस स्थिति में डॉक्टर आपको ऑपरेशन का सुझाव नहीं देंगे क्योंकि यह स्थिति अपने आप ठीक हो सकती है। लेकिन किस स्थिति में इलाज की आवश्यकता है और किसमें नहीं, इसके लिए आपको डॉक्टर से परामर्श करना होगा।
अम्बिलिकल हर्निया का नॉन- सर्जिकल इलाज
सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि अम्बिलिकल हर्निया का इलाज बिना ऑपरेशन के संभव ही नहीं है। यदि आपके बच्चे की उम्र 4 या फिर 5 साल से कम है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाए। लेकिन जब अम्बिलिकल हर्निया अपने आप ठीक नहीं होता है, तो डॉक्टर ऑपरेशन का सुझाव दे सकते हैं।
जीवनशैली में परिवर्तन, दवाएं, और सहायक कपडे पहन कर आप दर्द, सूजन और कुछ अन्य लक्षणों से कुछ समय के लिए राहत तो पा सकते हैं, लेकिन इससे समस्या के मूल कारण का निवारण संभव नहीं होता है।
अम्बिलिकल हर्निया का सर्जिकल उपचार
अम्बिलिकल हर्निया का इलाज ऑपरेशन से ही संभव है। ऑपरेशन के द्वारा डॉक्टर उभार उत्पन्न करने वाले ऊतकों या अंग को वापस उसी के स्थान पर रखते हैं और कमजोर मांसपेशियों का इलाज करते हैं। मांसपेशियों के इलाज के लिए दो प्रकार की प्रक्रियाओं का प्रयोग होता है –
दोनों ही प्रक्रिया सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसके द्वारा हर्निया इलाज हो सकता है। हर्निया के ऑपरेशन के दो प्रकार है – ओपन सर्जरी और दूरबीन से सर्जरी।
अम्बिलिकल हर्निया के सर्जरी के प्रकार
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) में एक छोटे से कैमरे और छोटे उपकरण का प्रयोग किया जाता है। इस ऑपरेशन में एक छोटा चीरा लगाया जाता है और उसी चीरे के माध्यम से दूरबीन का प्रवेश शरीर के अंदर कराया जाता है। चीरा छोटा होता है इसलिए रोगी को ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता है।
ओपन सर्जरी – ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद रोगी को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। इस प्रक्रिया का सुझाव गंभीर मामलों में दिया जाता है, जिसमें आपके आंत का कुछ भाग आपके अंडकोष में फंस जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है और इस स्थिति के इलाज के लिए ओपन सर्जरी को सबसे उत्तम विकल्प माना जाता है।
अम्बिलिकल हर्निया के ऑपरेशन से पहले की तैयारी
अम्बिलिकल हर्निया के ऑपरेशन से पहले आपको कुछ सामान्य दिशा-निर्देश का पालन करने की सलाह दी जा सकती है जैसे –
अम्बिलिकल हर्निया के इलाज के दौरान क्या होता है?
जैसे ही सभी कागजी कार्यवाही पूरी हो जाएगी, आपको ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जाएगा और ऑपरेशन वाले क्षेत्र को सुन्न करने के लिए दवा दी जाएगी। किस प्रकार के एनेस्थीसिया का प्रयोग होगा यह आपके डॉक्टर के द्वारा चयनित इलाज प्रक्रिया पर निर्भर करता है। दूरबीन से ऑपरेशन में सुन्न करने वाली दवा का प्रयोग होता है, तो वहीं पर ओपन सर्जरी में बेहोशी की दवा का प्रयोग होता है।
जैसे ही आप बेहोशी की दवा के प्रभाव में आते हैं डॉक्टर फिर आगे की प्रक्रिया को करते हैं –
अम्बिलिकल हर्निया के ऑपरेशन के बाद क्या होता है?
ऑपरेशन के तुरंत बाद आपको थोड़ा थोड़ा असहजता का सामना करना पड़ सकता है। ऑपरेशन वाला क्षेत्र कुछ समय के लिए सुन्न रह सकता है और इसी दौरान आपको दर्द की दवा भी दी जा सकती है।
यदि ऑपरेशन से पहले आपको कोई भी समस्या नहीं थी और आपने स्वयं अपनी मर्जी से इलाज करवाया था, तो आपको उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इस बात की अधिक संभावना है कि इलाज के पश्चात कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसके लिए आपको एक दिन के लिए डॉक्टर की निगरानी में अस्पताल में रहने की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर आपको छुट्टी देने से पहले कुछ सामान्य दिशा-निर्देश देंगे और दवाओं का सुझाव देंगे, जिससे आप बिना किसी समस्या के जल्द जल्द रिकवर हो जाएंगे।
ऑपरेशन से पहले और बाद में
सामान्य तौर पर अम्बिलिकल हर्निया के इलाज का परिणाम ऑपरेशन के कुछ ही दिनों के बाद से दिखना शुरू हो जाता है। ऑपरेशन के कुछ दिनों तक आपको सूजन का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वह धीरे धीरे ठीक हो जाता है।
अम्बिलिकल हर्निया के इलाज का खर्च
इलाज का पूरा खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर अम्बिलिकल हर्निया में 65,000 रुपये से लेकर 2,50,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। कुछ प्रमुख कारक है जो इस इलाज के खर्च को प्रभावित कर सकते हैं जैसे –
जिस भी डॉक्टर से आप अपनी स्थिति का इलाज करवा रहे हैं, वह आपके पूरे इलाज का अनुमानित खर्च बता सकते हैं।
अम्बिलिकल हर्निया एक जटिल स्थिति है और इस रोग को हमेशा से ही गंभीर रोगों में गिना जाता है। यही कारण है कि लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनी इस बीमारी के लिए कवरेज प्रदान करती है। आपके इलाज का पूरा खर्चा बीमा के द्वारा कवर किया जाता है। यदि आप भी इस रोग से परेशान है और आपके पास कोई बीमा पॉलिसी है तो आप हमारे बीमा टीम से संपर्क कर सकते हैं। वह आपकी ज़रूर सहायता करेंगे।
अम्बिलिकल हर्निया के इलाज के बाद पूर्ण रिकवरी होने में 3 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है। हर रोगी के लिए रिकवरी का समय अलग अलग हो सकता है। यदि आपकी ओपन सर्जरी हुई है तो आपको रिकवर होने में ज्यादा समय लगेगा, और वहीं दूरबीन ऑपरेशन के बाद आप जल्द से जल्द दुरुस्त हो जाएंगे।
इसके साथ साथ आपका स्वास्थ्य भी इस स्थिति में एक अहम भूमिका निभाता है। यदि आप स्वस्थ नहीं हैं और दूरबीन से ऑपरेशन हुआ है तो आपको रिकवर होने में 6 सप्ताह से ज्यादा का समय भी लग सकता है।
प्रिस्टीन एक आधुनिक युग का आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है, जो इलाज के उच्च स्तर और आधुनिक सुविधाओं के साथ हर रोग का इलाज प्रदान करता है। यदि आप या फिर आपका बच्चा अम्बिलिकल हर्निया से परेशान है तो प्रिस्टीन केयर से आप आधुनिक इलाज प्राप्त कर सकते हैं। हमारे पास कुछ ऐसे सर्जन है जो हर्निया का इलाज लंबे समय से करते आ रहे हैं और हर इलाज में उनकी सफलता दर लगभग 90 प्रतिशत है, जो कि एक उत्तम दर है। हमारे डॉक्टर आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रकार के इलाज प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।
इसके साथ साथ हम देश के उत्तम अस्पताल के साथ साझेदारी में है, जो उत्तम इलाज प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। इस साझेदारी का प्रयास रोगियों एक उत्तम और विश्वस्तरीय इलाज प्रदान करना है। आप इलाज के लिए सीधा हमारे क्लीनिक में आ सकते हैं या फिर हमारे हर्निया के डॉक्टरों के साथ परामर्श सत्र बुक भी कर सकते हैं।
यदि आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहते हैं, तो नीचे बताए तरीकों का पालन कर अपना परामर्श सत्र बुक कर सकते हैं –
इसके साथ साथ आप ऑनलाइन परामर्श की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं।
जब बच्चा मां के गर्भ में रहता है, तो अम्बिलिकल कॉर्ड मां और बच्चे के बीच का संचार साधन होता है। जन्म के बाद उस कॉर्ड को काट दिया जाता है। जिस कॉर्ड को काटा जाता है, वहां की मांसपेशियां अपने आप समय के साथ बंद हो जाती हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह बंद नहीं हो पाता है और उस बच्चे को अम्बिलिकल हर्निया की समस्या हो जाती है।
सामान्य तौर पर, 2 साल तक के बच्चों में यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाती है। यदि अम्बिलिकल हर्निया की स्थिति 4 से 5 वर्ष तक ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर ऑपरेशन के द्वारा इसे ठीक करने का सुझाव दे सकते हैं।
यदि अम्बिलिकल हर्निया का आकार 3 सेंटीमीटर से बढ़ जाए तो वह एक गंभीर स्थिति के रूप में माना जाता है। इस स्थिति में डॉक्टर ऑपरेशन का सुझाव देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस आकार के हर्निया का इलाज स्वयं या घरेलू उपचार से बिल्कुल भी संभव नहीं है।
एनेस्थीसिया का चुनाव चयनित प्रक्रिया पर निर्भर करता है। इसके साथ साथ यदि रोगी को बेहोशी की दवा से किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो डॉक्टर सुन्न करने की दवा भी दे सकते हैं।
सामान्य तौर पर हर्निया मेश एक व्यक्ति के शरीर में तब तक रह सकता है जब तक व्यक्ति को किसी भी प्रकार की असहजता या समस्या न हो। कुछ मेश अपने आप शरीर में घुल जाता है, तो उसे निकालने की आवश्यकता भी नहीं होती है। कुछ मामलों में इसके कारण रोगियों को समस्या होती है, तो उस स्थिति में एक छोटी सी सर्जरी कर हर्निया मेश को निकाल लिया जाता है।
हर्निया मेश एक प्रकार की सर्जिकल जाली है, जो पेट की कमजोर मांसपेशियों को सहयोग देने के लिए लगाई जाती है। इस जाली को लगाने का निर्णय ऑपरेशन से पहले ही ले लिया जाता है।
ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है जिसके कारण शरीर में निशान रह जाते हैं। वहीं दूरबीन से ऑपरेशन में बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है जिसके कारण निशान नहीं बनते हैं।
अम्बिलिकल हर्निया के इलाज के कुछ दिनों बाद तक आपको अपनी पीठ की तरफ से सोने में भी तकलीफ हो सकती है। इससे बचने के लिए आपको डॉक्टर इस प्रकार सोने की सलाह देते हैं, जिससे आपके शरीर के ऊपरी भाग को पूर्ण रूप से सहयोग मिले। जैसे जैसे आपका घाव ठीक होता है आप वापस अपने उसी अंदाज में सो सकते हैं।