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पुरुष में बांझपन एक बढ़ती हुई समस्या है। इसे एक ऐसी स्थिति के रूप में जाना जाता है, जिसमें एक पुरुष अपनी महिला साथी को स्वाभाविक रूप से गर्भवती नहीं कर पाता है। यह पुरुषों के लिए काफी सामान्य और तनावपूर्ण स्थिति है, जिसके लिए उचित चिकित्सा की आवश्यकता होती है। बांझपन लगभग 7% पुरुषों को प्रभावित करता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे वीर्य की खराब गुणवत्ता, कम शुक्राणु उत्पादन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि।
हालांकि, आपको इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि प्रभावी इलाज अब आसानी से उपलब्ध है। फरीदाबाद में प्रिस्टीन केयर से पुरुष बांझपन विशेषज्ञ से सबसे अच्छा उपचार प्राप्त करें
पुरुष बांझपन के लिए इलाज
पुरुष बांझपन का इलाज समस्या के कारण पर निर्भर करता है। पुरुष बांझपन के इलाज को मोटे तौर पर 3 प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
यदि पुरुष निम्नलिखित में से किसी भी स्थिति से पीड़ित है, तो पुरुष बांझपन के लिए बिना ऑपरेशन के इलाज का सुझाव दिया जाता है।
स्खलन तब होता है जब वीर्य नहीं निकलता है। यह सामान्य स्थिति नहीं है, लेकिन इसके पीछे का कारण नीचे बताया गया है –
इस स्थिति के इलाज के लिए अक्सर दवाएं भी दी जाती है।
प्रतिगामी स्खलन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें वीर्य लिंग से बाहर जाने के बजाय वापस अंदर आ जाता है। इस समस्या के उत्पन्न होने का कारण नीचे बताया गया है –
प्रतिगामी स्खलन का इलाज दवाओं से किया जा सकता है।
निम्नलिखित स्थितियों के कारण पुरुष बांझपन के लिए सर्जिकल उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।
पुरुष बांझपन के अधिकांश मामलों का निदान और उपचार किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थिति ऐसी है, जिनका निदान करना आसान नहीं होता है। उन स्थिति में बांझपन के सटीक कारण का पता लगाना एक मुश्किल कार्य साबित हो सकता है। ऐसे मामलों में जहां कारण स्पष्ट रूप से निर्धारित नहीं होते हैं, या जहां कोई भी इलाज काम नहीं आता है, तो प्रजनन विशेषज्ञ कुछ सहायक प्रजनन तकनीक का सुझाव देते हैं।
सहायक प्रजनन तकनीक
यदि अन्य सभी बांझपन के इलाज प्रभावी परिणाम देने में विफल रहते हैं, तो डॉक्टर कुछ अन्य इलाज का सुझाव दे सकते हैं जैसे –
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ): यह सबसे भरोसेमंद और आम प्रक्रिया है, जिसमें अंडों को गर्भ के बाहर निषेचित किया जाता है। सफल परिणाम के लिए फर्टिलिटी विशेषज्ञ कुछ परीक्षण का सुझाव भी दे सकते हैं।
अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI): आईयीआई या अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान एक प्रजनन इलाज है, जहां शुक्राणु को सीधे गर्भाशय में डाला जाता है। आईयूआई गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाता है, क्योंकि स्वस्थ शुक्राणुओं की एक बड़ी मात्रा को महिला साथी के अंदर अंडे के बहुत करीब इंजेक्ट किया जाता है।
इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई): आईसीएसआई आईवीएफ का एक प्रकार है। आमतौर पर इस इलाज का सुझाव तब दिया जाता है, जब आईवीएफ सफल नहीं हो पाता है। इस प्रक्रिया में शुक्राणु को एक छोटी सी सुई से अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। एक बार अंडों का निषेचन हो जाने के बाद, महिला साथी के गर्भाशय में डाल देते हैं।
एआरटी के लिए स्पर्म रिट्रीवल: यह एक माइक्रोसर्जिकल तरीका है, जिससे वीर्य को रोकने वाले कारक का इलाज होता है। इस इलाज का लक्ष्य सर्वोत्तम गुणवत्ता और कोशिकाओं की संख्या प्राप्त करना है। इस प्रक्रिया को इस प्रकार किया जाता है, जिससे पुरुष के प्रजनन तंत्र को किसी भी प्रकार को नुकसान न हो। नीचे बताए गए तरीकों का इस विधि में प्रयोग होता है।
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हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।
हम हर मरीज को एक केयर बड्डी उपलब्ध कराते हैं जो एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज की प्रक्रिया तक हॉस्पिटल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही, मरीज की जरूरतों का खास ध्यान रखता है।
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
सर्जरी के बाद फॉलो-अप मीटिंग की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, मरीज को डाइट चार्ट और आफ्टरकेयर टिप्स दी जाती है ताकि उनकी रिकवरी जल्दी हो।
प्रारंभिक अवस्था में सही इलाज से पुरुषों में बांझपन की समस्या का काफी हद तक इलाज हो सकता है। लेकिन, बांझपन के प्रभाव एक आदमी से दूसरे आदमी में अलग-अलग हो सकते हैं। इस प्रश्न का उत्तर केवल आपके डॉक्टर ही उचित निदान के बाद दे सकते हैं।
कम शुक्राणुओं की संख्या से स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करना एक कठिन कार्य साबित हो सकता है। हालांकि, कुछ मामले ऐसे भी देखे गए हैं, जहां शुक्राणु कम होने के बाद भी महिलाओं ने गर्भ धारण किया है। उचित देखभाल और स्वस्थ जीवन आपको लाभकारी परिणाम दिला सकते हैं।
एक आदमी द्वारा उत्पादित शुक्राणु कोशिकाओं की मात्रा व्यापक रूप से भिन्न होती है। आमतौर पर, यह कहा जाता है कि पुरुष हर बार या प्रति स्खलन में दो मिली लीटर और पांच मिली लीटर के बीच वीर्य का उत्पादन करते हैं और प्रत्येक मिलीलीटर में 20 मिलियन से 300 मिलियन शुक्राणु कोशिकाएं हो सकती हैं।
शुक्राणुओं की सबसे अच्छी गुणवत्ता वह है, जिनमें 15 मिलियन/मिलीलीटर या उससे अधिक शुक्राणुओं की संख्या होती है और वह एक सीधी रेखा में तेजी से आगे बढ़ते हैं।
हाँ, कुछ सरकारी रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान शुक्राणु की गुणवत्ता को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। यह स्पर्म के डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है।
बांझपन के इलाज के लिए प्रमाणित एंड्रोलॉजिस्ट (मूत्र रोग विशेषज्ञ जिनके पास प्रजनन अंगों का इलाज करने वाले डॉक्टर) पुरुष बांझपन का इलाज कर सकते है।
वीर्य विश्लेषण: जैसा कि नाम से पता चलता है, वीर्य का विश्लेषण आपके शुक्राणुओं की गुणवत्ता, संख्या और गतिशीलता की जांच करने के लिए किया जाने वाला एक प्रयोगशाला परीक्षण है। इसके लिए आपको हस्थमेथुन करना होगा और स्टेराइल कप में अपने वीर्य का सैंपल देना होगा। इस नमूने को मूल्यांकन के लिए भेजा जाएगा और शुक्राणु की एकाग्रता, गति और संरचना के लिए इसकी जांच की जाएगी।
ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड: ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड मलाशय और पास की स्खलन नलिकाओं का एक काल्पनिक परीक्षण है। इससे पुरुष के अंग में किसी भी प्रकार की समस्या का पता लगाया जा सकता है।
हार्मोनल प्रोफाइल: यह परीक्षण आपके हार्मोनल स्तर की जांच करता है और इस प्रकार यह निर्धारित करता है कि आपका अंडकोष कितनी अच्छी तरह शुक्राणु बनाते हैं। परीक्षण रक्त के नमूने के मूल्यांकन के माध्यम से किया जाता है और इससे कूप उत्तेजक हार्मोन (FSH), ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH), टेस्टोस्टेरोन, प्रोलैक्टिन और सेक्स हार्मोन बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (SHBG) के स्तर की जाँच होती है।
वृषण बायोप्सी: यदि आवश्यकता हो, तो वृषण बायोप्सी का सुझाव दिया जा सकता है। परीक्षण में आपके अंडकोष से एक ऊतक के नमूने को निकाला जाएगा और बांझपन के कारण का पता लगाया जाएगा। इस परीक्षण में एनेस्थीसिया का प्रयोग किया जाएगा।