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No-Cost EMI
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वैरीकोसेल का जड़ से इलाज
वैरीकोसेल का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं ताकि वे उसके वैरीकोसेल के ग्रेड और गंभीरता को अच्छी तरह से समझ सकें। सबसे पहले, डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं और वैरीकोसेल के लक्षणों तथा यह समस्या उन्हें कितनों दिनों से है आदि से संबंधित कुछ प्रश्न पूछते हैं। उसके बाद, सर्जन मरीज की शारीरिक जांच करते हैं। अंडकोष की थैली में पानी है या नहीं – इस बात की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट और एक्स-रे करते हैं। साथ ही, अल्ट्रासाउंड की मदद से अंडकोष की थैली के सूजन की जांच करते हैं। शारीरिक परीक्षण के दौरान डॉक्टर कोमलता की जांच करते हैं। वीर्य विश्लेषण (Semen Analysis Test) और हार्मोन परीक्षण (Hormone Test) की मदद से डॉक्टर कूप उत्तेजक हार्मोन (Follicle Stimulating Hormone) और कम टेस्टोस्टेरोन (Low Testosterone) का पता लगाते हैं। साथ ही, वैरीकोसेल के लक्षणों की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड भी करते हैं।
परक्यूटेनियस इम्बोलिजेशन यह एक सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया है जो वैरीकोसेल का इलाज करने के बाद स्पर्म की क्वालिटी और क्वांटिटी को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है। इलाज खत्म होने के बाद मरीज को कुछ घंटों के लिए हॉस्पिटल में रुकने की आवश्यकता पड़ती है। फिर मरीज अपने घर जाने और सर्जरी के दो दिन बाद अपने दैनिक जीवन के कामों को दोबारा शुरू करने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं। परक्यूटेनियस इम्बोलिजेशन की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले रेडियोलॉजिस्ट मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं और फिर उसके बाद उनके पेट के निचले हिस्से में एक बहुत ही छोटा सा कट लगाते हैं। कट लगाने के बाद, रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे की मदद से एक कैथिटर को मरीज के शरीर में डालते हैं और खराब नस से खून के प्रवाह को बंद करके उसे दूसरे स्वस्थ और अप्रभावित नस से जोड़ देते हैं।
लेप्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टॉमी जब परक्यूटेनियस इम्बोलिजेशन या इलाज की दूसरी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करने के बाद भी वैरीकोसेल में किसी प्रकार का सकारात्मक बदलाव नहीं आता है तो विशेषज्ञ डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी यानी लेप्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टॉमी का सुझाव देते हैं। यह वैरीकोसेल का सबसे सटीक, सफल इलाज है। इस सर्जरी के बाद दोबारा वैरीकोसेल होने का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले सर्जन मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं और फिर उसके बाद मरीज के पेट या ऊपरी जांघ में एक बहुत ही छोटा सा कट लगाते हैं। कट लगाने के बाद, सर्जन अल्ट्रासाउंड की मदद से लेप्रोस्कोप नामक उपकरण को मरीज के शरीर में डालते हैं और खराब नस से खून के प्रवाह को बंद करके उसे दूसरे स्वस्थ नस से जोड़ देते हैं। उसके बाद, सर्जन कट वाली जगह पर ड्रेसिंग कर देते हैं। इस पूरी सर्जिकल प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 45 मिनट का समय लगता है।
वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या ब्लीडिंग नहीं होती है। सर्जरी के दौरान या बाद में इंफेक्शन या दूसरे किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स का खतरा लगभग न के बराबर होता है। लेपरसोकोपिक सर्जरी सुरक्षित प्रक्रिया है। इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज अपने घर जाने के लिए पूरी तरह से फिट हो जाते हैं। साथ ही, सर्जरी के 48 घंटों या दो दिन के बाद वे अपने दैनिक जीवन के कामों को बिना किसी परेशानियों का सामना किए दोबारा शुरू भी कर सकते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में काफी कम समय लगता है। यही कारण है कि हर कोई वैरीकोसेल इलाज कराने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चुनाव कर रहा है। लेप्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टॉमी के निम्नलिखित फायदे हैं:-
Delivering Seamless Surgical Experience in India
हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।
A dedicated Care Coordinator assists you throughout the surgery journey from insurance paperwork, to commute from home to hospital & back and admission-discharge process at the hospital.
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
We offer follow-up consultations and instructions including dietary tips as well as exercises to every patient to ensure they have a smooth recovery to their daily routines.
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी गोरखपुर में वैरीकोसेल का सबसे बेस्ट इलाज है। अगर आपको वैरीकोसेल की समस्या है और आप गोरखपुर में इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो आपको विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करने के बाद लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का चुनाव करना चाहिए।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक सुरक्षित सर्जिकल प्रक्रिया है। इसे गोरखपुर में वैरीकोसेल का सबसे बेस्ट इलाज माना जाता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को लेप्रोस्कोपिक वैरिकोसेलेक्टॉमी के नाम से भी जाना जाता है। यह वैरीकोसेल के इलाज का सबसे मॉडर्न और एडवांस तरीका है। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग 45 मिनट का समय लगता है। सर्जरी खत्म होने के दो दिन बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक छोटी सर्जिकल प्रक्रिया है।
गोरखपुर में वैरीकोसेल के अच्छे डॉक्टर से परामर्श करने के लिए आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। गोरखपुर स्थित प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से वैरीकोसेल का इलाज किया जाता है। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में वैरीकोसेल की सर्जरी को बहुत ही अनुभवी और कुशल सर्जन की देखरेख में पूरा किया जाता है। जिससे सक्सेस रेट भी अधिक होता है|
वैरीकोसेल एक गंभीर बीमारी है जिसका समय पर उचित जांच और इलाज आवश्यक है। विशेषज्ञ का मानना है कि वैरीकोसेल स्पर्म की क्वालिटी, क्वांटिटी और दूसरे उन सभी फंक्शन को बुरी तरह से प्रभावित करता है जो आगे जाकर पुरुष में बांझपन यानि इनफर्टिलिटी का कारण बन सकते हैं। अगर आप वैरीकोसेल से पीड़ित हैं और गोरखपुर में इस इलाज चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर क्लिनिक से संपर्क करना चाहिए। गोरखपुर में स्थित प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से वैरीकोसेल का इलाज किया जाता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी वैरीकोसेल के इलाज का एक मॉडर्न और एडवांस तरीका है। इस सर्जरी से किसी भी ग्रेड के वैरीकोसेल इलाज किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद दोबारा वैरीकोसेल होने का खतरा लगभग खत्म हो जाता है। प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को बहुत ही अनुभवी और कुशल यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में पूरा किया जाता है। वैरीकोसेल की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक संक्षिप्त, सुरक्षित, आसान और सफल प्रक्रिया है।
गोरखपुर में वैरीकोसेल की बेस्ट सर्जरी कराने के लिए आपको प्रिस्टीन केयर से संपर्क करना चाहिए। हमारे पास देश के सबसे अनुभवी और विश्वसनीय यूरोलॉजिस्ट हैं जो अपने सालों के अनुभव और मॉडर्न एवं एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से वैरीकोसेल को मात्र कुछ ही मिनटों में बहुत ही आसानी से हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान मरीज को टांके नहीं आते हैं और ब्लीडिंग तथा दर्द भी नहीं होता है। गोरखपुर में स्थित हमारे प्रिस्टीन केयर में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से वैरीकोसेल का इलाज किया जाता है। यह गोरखपुर में वैरीकोसेल का सबसे बेस्ट सर्जिकल इलाज है। इस सर्जरी के बाद दोबारा वैरीकोसेल होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
गोरखपुर में वैरीकोसेल के क्लिनिक या गोरखपुर में वैरीकोसेल के हॉस्पिटल की कमी नहीं है। गोरखपुर के सैकड़ों क्लिनीक और हॉस्पिटल में वैरीकोसेल का इलाज किया जाता है। लेकिन प्रिस्टीन केयर क्लिनिक में वैरीकोसेल का इलाज मॉडर्न और एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से किया जाता है। गोरखपुर में स्थित हमारे क्लिनीक पूरी तरह से आधुनिक और उन्नत चिकित्सा तकनीकों से सुसज्जित हैं। हमारे क्लिनिक में वैरीकोसेल इलाज किया जाता है। अगर आप गोरखपुर के बेस्ट क्लिनिक या हॉस्पिटल में अपने वैरीकोसेल का इलाज कराना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं।