USFDA-Approved Procedures
Support in Insurance Claim
No-Cost EMI
Same-day discharge
उपचार
लेसिक सर्जरी से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज की आंख का विस्तृत जांच करते हैं और लक्षणों एवं मेडिकल हिस्ट्री से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न पूछते हैं। साथ ही, आई चार्ट टेस्ट की मदद से इस बात की पुष्टि करते हैं कि मरीज किसी वस्तु को कितना स्पष्ट रूप से देख पा रहा है। आंखों में दबाव की जांच करने के लिए डॉक्टर टेनोमेट्री परीक्षण करते हैं। उसके बाद, डॉक्टर ऑप्टिक नर्व की जांच करते हैं और रेटिना को नुकसान पहुंचा है या नहीं इस बात का पता लगाते हैं। जांचों की मदद से डॉक्टर आंखों के धुंधलेपन के सटीक कारणों का पता लगाते हैं, स्थिति के प्रकार और गंभीरता को समझते हैं और फिर उसके बाद लेसिक सर्जरी की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
हमारी क्लिनिक में मॉडर्न और एडवांस लेसिक सर्जरी से आंखों के धुंधलेपन का इलाज किया जाता है। इस सर्जरी को शुरू करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज की आंख में एनेस्थेटिक आई ड्रॉप डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द का खतरा खत्म हो जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद डॉक्टर लिड स्पेकुलम की मदद से आंख को खोलकर रखते हैं। उसके बाद, लेजर बीम की मदद से कॉर्निया को एक नया आकार यानी शेप देते हैं जिसके बाद आंख में जाने वाली रौशनी सीधा रेटिना पर केंद्रित होती है। नतीजतन, मरीज को वस्तुएं साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है। सर्जरी के दौरान मरीज को कट या टांके नहीं आते हैं और सर्जरी के बाद जटिलताओं का खतरा भी लगभग शून्य होता है।
लेसिक सर्जरी खत्म होने के तुरंत बाद ही मरीज को तेज और साफ दृष्टि आ जाती है। इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल में रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है। सर्जरी खत्म होने के कुछ घंटों के बाद डॉक्टर आवश्यक दवाएं निर्धारित करके मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर देते हैं। लेसिक सर्जरी के 1-2 दिनों के बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इस सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग 2-4 सप्ताह तक का समय लगता है।
Delivering Seamless Surgical Experience in India
हमारी क्लीनिक में मरीज की सेहत और सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हमारी सभी क्लिनिक और हॉस्पिटल को नियमित रूप से सैनेटाइज किया जाता है।
हम हर मरीज को एक केयर बड्डी उपलब्ध कराते हैं जो एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज की प्रक्रिया तक हॉस्पिटल से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही, मरीज की जरूरतों का खास ध्यान रखता है।
सर्जरी से पहले होने वाली सभी चिकित्सीय जाँच में रोगी को मेडिकल सहायता दी जाती है। हमारी क्लीनिक में बीमारियों का उपचार के लिए लेजर एवं लेप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का उपयोग होता है, जो USFDA द्वारा प्रमाणित हैं।
सर्जरी के बाद फॉलो-अप मीटिंग की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही, मरीज को डाइट चार्ट और आफ्टरकेयर टिप्स दी जाती है ताकि उनकी रिकवरी जल्दी हो।
नहीं, लेसिक सर्जरी में जरा भी दर्द नहीं होता है। क्योंकि इस सर्जरी को शुरू करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ मरीज की आंख में एनेस्थेटिक आई ड्रॉप डालते हैं जिससे सर्जरी के दौरान दर्द होने का खतरा खत्म हो जाता है। इतना ही नहीं, इस सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग भी नहीं होती है और मरीज की रिकवरी काफी तेजी से होती है।
आमतौर पर हैदराबाद में लेसिक सर्जरी का खर्च लगभग 40000-150000 रुपए तक आता है। लेकिन ध्यान रहे कि यह लेसिक सर्जरी की फाइनल कीमत नहीं है। इसमें बदलाव आ सकते हैं, क्योंकि इस सर्जरी का खर्च काफी चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि:-
बीमारी का प्रकार सर्जरी का प्रकार नेत्र सर्जन का अनुभव हॉस्पिटल की विश्वसनीयता सर्जरी के बाद फॉलो-अप्स मीटिंग
अगर आप हैदराबाद में कॉस्ट इफेक्टिव और बेस्ट सर्जरी से अपनी आंखों के धुंधलेपन को हमेशा के लिए दूर करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें। हम कॉस्ट इफेक्टिव लेसिक सर्जरी करने के साथ-साथ मरीजों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
हैदराबाद में लेसिक सर्जरी को आंखों के धुंधलेपन का बेस्ट इलाज माना जाता है। इस सर्जरी के दौरान डॉक्टर लेजर की मदद से कॉर्निया को एक नया शेप यानी आकार देते हैं जिसके बाद आंख में जाने वाली रौशनी सीधा रेटिना पर केंद्रित होती है। लेसिक सर्जरी के दौरान मरीज को दर्द, ब्लीडिंग या जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ता है। इस सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी भी बहुत तेजी से होती है।
हमारी क्लिनिक में लेसिक सर्जरी सुरक्षित प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में मात्र 20 मिनट का समय लगता है। सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को हॉस्पिटल से फ्री कर दिया जाता है। सर्जरी के तुरंत बाद ही मरीज को तेज और साफ दृष्टि आ जाती है। इस सर्जरी के 1-2 दिनों के बाद से मरीज अपने दैनिक जीवन के कामों को शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इस सर्जरी के बाद मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में 2-4 सप्ताह तक का समय लग सकता है।
हमारी क्लिनिक में लेसिक सर्जरी 20 मिनट की प्रक्रिया है, इसलिए सर्जरी के बाद मरीज को हॉस्पिटल से उसी दिन छुट्टी मिल जाती है। सर्जरी खत्म होने के कुछ ही घंटों के बाद नेत्र सर्जन आवश्यक दवाएं और आई ड्रॉप निर्धारित करके मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर देते हैं।
दृष्टि में परिवर्तन, आंखों में सूखापन, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली या आंखों की किसी बीमारी के कारण कॉर्निया में सूजन होने के कारण मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टिग्मेटिज्म जैसी बीमारियां पैदा होती हैं। इन बीमारियों से पीड़ित होने पर आपको सिर में दर्द और पास-दूर या दोनों ही स्थानों की वस्तुओं को साफ-साफ देखने में परेशानी हो सकती है।
अगर आप मायोपिया, हाइपरोपिया या एस्टिग्मेटिज्म से पीड़ित हैं या आपको चीजें धुंधली दिखाई देती हैं तो अब ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मेडिकल साइंस में प्रगति होने के कारण आज हैदराबाद में आंखों के धुंधलेपन का लेसिक सर्जरी से दर्द रहित इलाज संभव है। लेसिक सर्जरी एक मॉडर्न और एडवांस प्रक्रिया है जिससे आंखों के धुंधलेपन को मात्र एक दन में हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है। अगर आप हैदराबाद में आंखों के धुंधलेपन का बेस्ट इलाज कराना चाहते हैं तो एक अनुभवी नेत्र सर्जन से परामर्श करने के बाद लेसिक सर्जरी करा सकते हैं। यह एक संक्षिप्त, सरल, सुरक्षित और सफल प्रक्रिया है।
हमारी क्लिनिक में एडवांस लेसिक सर्जरी से आंखों के धुंधलेपन इलाज किया जाता है। हमारे नेत्र सर्जन को आंखों की गहरी समझ और लेसिक सर्जरी में सालों का अनुभव प्राप्त है। ये सर्जन अब तक अनेकों सफल लेसिक सर्जरी कर चुके हैं। हम हैदराबाद में कॉस्ट इफेक्टिव और बेस्ट लेसिक सर्जरी करने के साथ-साथ मरीजों को अनेकों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं जिसमें सर्जरी वाले दिन फ्री पिकअप और ड्रॉप (सर्जरी से पहले मरीज को घर से हॉस्पिटल लाना और सर्जरी खत्म होने के बाद हॉस्पिटल से वापस घर ले जाना), सभी जांचों पर 30% तक की छूट, जीरो कॉस्ट ईएमआई और सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक फ्री फॉलो-अप्स मीटिंग की सुविधा आदि शामिल हैं। इतना ही नहीं, हमारी क्लिनिक में सभी इंश्योरेंस को कवर किया जाता है। सर्जरी से पहले हमारे कोऑर्डिनेयर इस बात का पता लगाते हैं कि आपकी सर्जरी का खर्च इंश्योरेंस से कवर किया जा सकता है या नहीं।